सादर अभिवादन
मंगलवार की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
शीर्षक और भुमिका आदरणीया जिज्ञासा जी की रचना से
उम्र को जाना है
वो तो जा रही है,
याद का मधुरिम
तराना गा रहे हम ॥
वक्त गुजर रहा है और उम्र भी
खैर, चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर....
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दोहे "एक पाँच दो का टका, है कितना मजबूर" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
दस्सी-पंजी-चवन्नी, हुई चलन से दूर।
एक पाँच दो का टका, है कितना मजबूर।।
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जब से आया चलन में, दो हजार का नोट।
बढ़ती महँगाई रही, तब से हृदय कचोट।।
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खट्टी-मीठी-शर्बती
नमकीन जो थी,
उसके अफ़साने में
डूबे जा रहे हम ॥
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बढ़े हाथ को थामा जिसने
पग-पग में जो सम्बल भरता,
वही परम हो लक्ष्य हमारा
अर्थवान जीवन को करता !
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धीर धरे धरणी अब हारी,लावा उफने सीने में।
अंबर आहत आए आफत, मुश्किल होती जीने में।
मूढ़ मति मानव करे शोषण,घोल रहा विष जीवन में।
दूषित होता ये जग सारा,रोग लगे बस तन-मन में।
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एक सितारे के टूटने से फ़लक वीरां नहीं होता,
अमावस हो, या चाँद रात वो परेशां नहीं होता,
चाहतों की भीड़ में है इक मुश्त सुकूं की खोज,
हर एक घर अंदर से, राहते आशियां नहीं होता,-----------------------
नींबू को साल भर के लिए कैसे स्टोर करें?
मिलावटी संसार और हम लोग -सतीश सक्सेना
----------------------------आज का सफर यहीं तकआपका दिन मंगलमय होकामिनी सिन्हा
बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
अति सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंखट्टी-मीठी-शर्बती
नमकीन जो थी,
उसके अफ़साने में,
डूबे जा रहे हम ॥
अनन्त शुभकामनाएं ......
सालगिरह की आकाश भर शुभकामनाएं आपको ।
हटाएंबहुत सुंदर सराहनीय और पठनीय सूत्रों से सजी प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को भूमिका में सजाने के लिए हार्दिक आभार और अभिनंदन प्रिय कामिनी जी।सभी रचनाकारों को बधाई ।
मंत्रमुग्ध करता हुआ अंक, सभी रचनाएँ अपने आप में असाधारण हैं, मुझे स्थान देने हेतु असंख्य आभार ।
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात ! चर्चा मंच को पुराने कलेवर में देखकर आनंद हो रहा है, इस सुंदर अंक के लिए बधाई कामिनी जी व बहुत बहुत आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को चयनित करने के लिए सहृदय आभार सखी सादर
जवाब देंहटाएंसभी को शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन व समालोचना की सार्थक पहल पर बहुत बहुत शुभकामनाऐ !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा संकलन
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा. आभार.
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