सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
शीर्षक आदरणीया किरण जी की रचना से
चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर
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"आधुनिक भारत के निर्माता चाचा नेहरू"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
भारतीय अनुभूति का प्राणतत्त्व -- प्राणवायु
मैंने पिघलने दिया ज़िंदगी को
आइसक्रीम की तरह,
पर मैं भूल गया
कि आइसक्रीम नहीं है ज़िन्दगी.
दुबारा जम सकती है
पिघली हुई आइसक्रीम,
पर ऐसा कोई फ़्रीज़र नहीं,
जिसमें फिर से जम जाय
पिघली हुई ज़िन्दगी.
मेघों की उदंडता अपने चरम पर है
धरा से लेकर धरा पर ही उलीचते रहते हैं पानी..,
अब इन्हें कौन समझाए लेन-देन की सीमाएँ ॥
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इतिहास गवाह रहा है इस बात का कि
भाईचारे में नेह कम द्वेष अधिक पलता है ..,
औपचारिकता के बीच ही पलता है सौहार्द ॥
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पकड़ नहीं पाएगा
तुमको कहीं कोई ।
जो भी होगी बतला
देना बात सोई ॥
झूठ सही बतलाना
बिलकुल टेढ़ी खीर
पकड़ गए तो आँखों
से गिर ही जाओगे ॥
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बाल दिवस विशेष - बच्चों के प्रति लापरवाही गलत
सभी जानते हैं कि हादसे एक दम जन्म नहीं लेते, एक लम्बे समय से परिस्थितियों के प्रति बरती गई लापरवाही हादसों की पैदाइश का मुख्य कारण होती है. भले ही अवैध रूप से चलाई जा रही पटाखा फैक्ट्री के हादसे हों या सड़कों में बनते जा रहे गड्ढों के कारण इ-रिक्शा पलटने के हादसे, बन्दरों के हमलों के कारण घरों में छोटी मोटी चोट लगने के हादसे, सब चलते रहते हैं और आम जनता से लेकर प्रशासन तक सभी इन्हें " बीती ताहि बिसार दे, आगे की सुध ले" कहकर टालते रहते हैं, क़दम उठाए जाते हैं तब जब पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के कारण दो - तीन गरीब महिला या कामगार बच्चे के शरीर के चीथड़े उड़ जाते हैं, जब इ-रिक्शा पलटने से स्कूल जाती हुई बच्ची की लाश उसके घर पहुंचाई जाती है, जब बन्दरों के हमले के कारण मन्दिर से घर आई सुषमा चौहान को असमय काल का ग्रास बनना पड़ता है.
----------------------------------एक बूंद ओस - -
भीड़ भरे राहों में, ख़ुद को तन्हा न कीजिए,
मिलने की चाह हो, कोई तक़ाज़ा न कीजिए,
दहलीज़ के पार, बेहद ख़ूबसूरत लगे दुनिया,
घर के अंदर रहने वालों को, रुस्वा न कीजिए,
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बढ़ी उम्र में , कुछ समझना तो होगा, तुम्हें जानेमन अब बदलना तो होगा -सतीश
स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही, बढ़ी उम्र में पछताने का मौक़ा भी नहीं देती ! हमें अपनी गलतियां मनन करते हुए समझना होगा कि पार्क में भीड़ के संग हाथ उठाकर हो हो कर हंसने को कोशिश से , निर्मल और मस्त हँसी का लाभ कभी नहीं मिलेगा ! बेहतरीन स्वास्थ्य के कुछ मूल बिंदुओं पर संकेत कर रहा हूँ , मित्रों से निवेदन है हर बिंदु को मनन करते हुए ही उसे पढ़ने का प्रयत्न करें !---------------------------------आज का सफर यही तक आपका दिन मंगलमय हो कामिनी सिन्हा
सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
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आपका आभार @चर्चाकार -कामिनी सिन्हा' जी।
सुन्दर चर्चा. आभार.
जवाब देंहटाएंसामयिक और सारगर्भित रचनाओं का सुंदर अंक । मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार प्रिय सखी ।
जवाब देंहटाएंविविधताओं से परिपूर्ण सारगर्भित रचनाओं का सुन्दर संकलन । मेरे सृजन को संकलन में सम्मिलित करने के लिए हार्दिक कामिनी जी ।
जवाब देंहटाएंरचना पसंद करने के लिए आभार आपका !
जवाब देंहटाएंसार्थक लिंक्स , शानदार प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई।
सुन्दर प्रस्तुति, मेरी ब्लॉग पोस्ट "बाल दिवस विशेष - बच्चों के प्रति लापरवाही गलत" को स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद 🙏🙏
जवाब देंहटाएंप्रिय कामिनी, सार्थक पठनीय लिंक देने हेतु सप्रेम धन्यवाद। सुंदर धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंआप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत चर्चा संकलन
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