"चर्चा मंच" अंक-20 चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" आइए कार्टून के साथ आज का "चर्चा मंच" सजाते हैं- IRFAN KHANकपडे तो उतर गए ,अब मैडल भी छिनेगा!! |
DOOBEYJIएक कार्टून ............. |
कौन बताएगा पहली लाईन का अर्थ .......समर शेष है!कौन बताएगा पहली लाईन का अर्थ ....... समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध कितनी अच्छी बात है दिनकर समग्र की चर्चा हो रही है दिनकर विशेषज्ञों द्वारा ब्लागजगत में ...मैंने तो कहीं दिनकर की उक्त बहुउद्धृत पंक्ति ही फिर से उद्धृत कर दी थी -कई बार कह चुका हूँ ,फिर दुहराता हूँ कि साहित्य की मेरी समझ अधकचरी है और ज्ञान पल्लवग्राही -मैं साहित्य के अलिफ़ बे का भी विद्यार्थी नहीं हो पाया और यह दुःख मुझे जीवन भर सालता रहेगा.बस विद्वानों की सोहबत का दुर्व्यसन न जाने से कहाँ से छूत सा लग गया मुझे ...बहरहाल .... |
खुल्ला खेल फ़र्रुखाबादी (161) : आयोजक उडनतश्तरी - बहनों और भाईयों, मैं उडनतश्तरी इस फ़र्रुखाबादी खेल में आप सबका हार्दिक स्वागत करता हूं. जैसा कि आप जानते हैं कि आज मैं ये 30 वां अंक आयोजक के बतौर पेश कर ...
ताऊ पहेली - 55 : विजेता सुश्री सीमा गुप्ता
ताऊ रामपुरिया
प्रिय भाईयो और बहणों, भतीजों और भतीजियों आप सबको घणी रामराम ! हम आपकी सेवा में हाजिर हैं ताऊ पहेली 55 का जवाब लेकर. कल की ताऊ पहेली का सही उत्तर है मुगल गार्डन, राष्ट्रपति भवन, दिल्ली…..
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नए ब्लोग्वानी के दर्शन कर लीजियेजी हा विवादों की भेट चढ़ी ब्लॉग वाणी टीम ने जब ब्लोग्वानी को दुबारा सुरु करने के फैसला लिया था तो उन्होंने कहा था की हम इक नयी ब्लॉग वाणी बना रहे है जो इक दो माह पूरा हो जायेगा, aur blogvani ne ब्लॉगजगत को इक नया तोहफा नए साल में नए ब्लोग्वानी के रूप में दिया है ब्लॉग वाणी के इस पेज पर आप जाकर खुद देख सकते है जिसमे नए आप्शन जोड़े गए है इसमें कुछ नए आप्शन भी जोड़े गए है जो काफी मजेदार है blogvani ki sadsyata grahan karna bhi bahut hi aasan hai yaha klik karen aur form bharne ke baad bhejen पर क्लिक करें दोस्तों ब्लोग्वानी ने नया कुछ कर के हमें नए साल के तोहफा दिया है इस पोस्ट के माध्यम पर हम उनका आभार ब्यक्त करते है ब्लोग्वानी अपने डोमेन पर @ब्लोग्वानी डोट कॉम पर हमें इ-मेल सुविधा भी उपलब्ध कराये तो हम हिंदी ब्लॉगर को ख़ुशी होगी ,उम्मीद है ब्लोग्वानी और भी अछ्छा करगी, बदले हुवे कलेवर में ब्लोग्वानी चिठ्ठाजगत पर भी अछ्छा लग रहा है। ------------------------------------गत हिंदी-दिवस पर "सरस पायस" के माध्यम से दी गई विशेष जानकारीप्रिय मित्रो, जैसा कि विदित है - मेरे ब्लॉग "सरस पायस" पर प्रकाशित सभी पोस्टें गत नवंबर में किसी अज्ञात कारणवश मिट गई थीं! प्रस्तुत महत्वपूर्ण पोस्ट भी उन्हीं में से एक है! हिंदी-दिवस पर विशेष जानकारी ------------------------------------------- ------------------------------------------- जी हाँ, आप इस संयुक्ताक्षर को बिल्कुल सही पहचान रहे हैं, जो कि अंतरजाल पर मुश्किल से ही दिखाई देता है। क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट द्वारा उपलब्ध मंगल फॉण्ट से इसे टाइप करना असंभव है। अत: इसके लिए प्रयास करना व्यर्थ है। हिंदी चिट्ठाकारी (ब्लॉगिंग) से जुड़े सभी साथियों को इसके विकल्प के रूप में उपलब्ध शुद्ध संयुक्ताक्षर "शृ" का प्रयोग करना चाहिए।...... |
अशोक चक्रधर, अलबेला खत्री और सटासट रेज़र.......... - पता नहीं क्यों आज अशोक चक्रधर की याद बहुत आ रही है । वैसे याद इसलिए भी आ रही है कि तीन महीने पहले अहमदाबाद के मेरे मित्र राजकुमार भक्कड़ ने मुझे दो दर्जन... लीजिये हाज़िर है अलबेला खत्री और अभिजीत सावंत की जुगलबन्दी में laughter ke phatke का हंगामा- |
लो क सं घ र्ष !: फास्ट ट्रैक कोर्ट पर विचरण का एक दृश्यफास्ट ट्रैक कोर्ट पर अपराधिक वादों का विचारण सम्पूर्ण विधि व्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य है प्रतिमाह माननीय न्यायधीश महोदय को 14 वादों का निर्णय करने के ठेकेके साथ नियुक्त मिली है या यूँ समझो कि ऍफ़.टी.सी न्यायधीश को 14 वाद कानिस्तारण प्रति माह करना आवश्यक है। जिसके कारण विचारण में पेशकार गवाह कीगवाही लिख रहे होते हैं उसी समय अहलमद भी गवाही लिख रहे होते हैं , न्यायधीशमहोदय भी गवाही लिख रहे होते हैं । जबकि नियम यह है एक समय में एक ही वाद काविचारण हो सकता है इसके विपरीत एक समय में एक ही न्यायलय में 6-6 मुकदमोका विचारण हो रहा होता है . स्टेनो गवाही के उपरांत होने वाले जजमेंट को टाइप कररहे होते हैं न्यायलयों में होने वाले जजमेंट भी स्टेनो टाइप कर डालते हैं। बचाव पक्ष केअधिवक्ता के समक्ष सजा के पक्ष को सुनकर सजा लिखी जाती है। इस तरह पूरी प्रक्रियाविधि के अनुरूप न होकर व अपराधिक वादों को निर्णीत करने का काम जारी है जिससेगुण दोष के आधार पर वादों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। एक माह में 14 वादों कानिस्तारण किसी भी कीमत पर नहीं हो सकता है प्रतिदिन एक वाद का निस्तारणआवश्यक है छुटियाँ आदि छोड़ कर 22-23 दिन से ज्यादा न्यायालयों की कारवाई नहींहोती है . इस प्रक्रिया के चलते माननीय उच्च न्यायलयों में अपीलों का ढेर लग गया हैजेलें ठसा-ठस भरी हुई हैं बहुत सारी चीजें लिखी नहीं जा सकती हैं ………. |
डागर बन्धुओं के स्वर में राग जयजयवन्ती |
बीमारियों को आमंत्रण देती सैक्स दवाये - सैक्स: यह शब्द सुनते ही युवा हो या बुजुर्ग, एकबारगी तो सबके कान खड़े हो ही जाते हैं। मुद्दा यह नहीं कि ऐसा क्यों होता है, जबकि यह बात अवश्य विचारणीय है कि ………… | विश्व का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर कौन सा है? - क्या आप कंप्यूटर (Computer) प्रयोग करते हैं? अरे, ये भी कैसा मजाक है? अगर आप कम्प्यूटर प्रयोग न करते, तो ब्लॉगर कैसे बनते? दरअसल इस कड़कड़ाती ठंड में हाथ के ... |
सुरा यानी शराब समुन्द्र मंथन से उत्पन्न और दानवो द्वारा प्रदत्त है . सेवन के बाद दानवी प्रवत्ति हावी हो सकती है -शायद सतयुग में समुन्द्र मंथन हुआ . देव और दानवो ने पर्वत को मथनी और शेषनाग को रस्सी बना कर बहुत मेहनत से समुन्द्र को मथा . बहुत से रत्न समुन्द्र में से निकले सामर्थ्य के अनुसार उन रत्नों पर देवो ने औए दानवो ने कब्जा कर लिया . धन्वन्तरी निकले , कामधेनु आदि आदि . लक्ष्मी जी निकली तो विष्णु ले गए . विष निकला जो शिवजी को पिला दिया , एरावत इंद्र ले गए ,अमृत देवता पी गए और सुरा दानवो को पिला दी छल करके …… |
ब्लॉग,ब्लॉगर, ब्लॉगरी.... ?????- अंग्रेजो की हम हिन्दुस्तानियों पर यही तो थी सबसे बड़ी और अमिट छाप, जिसे हम अपने ऊपर से विम्बार और निरमा से रगड़-रगड़ कर धोने के बावजूद भी नहीं मिटा सके ! जब... | कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se ** एहसास (कुछ यूँ ही ) - सर्दी का ... घना कोहरा.. उसमें.. डूबा हुआ मन.. एक अनदेखी सी चादर में लिपटा हुआ और तेरी याद उस में आहिस्ता से ,धीरे से उस कोहरे को चीरती यूँ मन पर छा रही है... |
बड़ी हवेली ढहने लगी है अब !! - *आज ढाई पंक्ति की ही कविता कहने का दिल है. ढाई पंक्ति में ही पूरी बात कहने की कोशिश करता हूँ. आपका आशीर्वाद चाहूँगा.* *(१) .* *बड़ी हवेली * *ढहने लगी ह... |
पंकज बिष्ट का पत्र वागर्थ के सम्पादक के नाम - *(यह शायद कुछ मित्रों को गढ़े मुर्दे उखाड़ना लगे लेकिन जब कोई भ्रष्ट वक़ील जबरन हत्या को आत्म्हत्या साबित करने पर लगा हो तो कोई और चारा भी तो नहीं होता!)* **... |
पाबला जी तुस्सी ग्रेट हो .....
कल पाबला जी ने अपने कंप्यूटर से अपने डेस्क पर बैठ कर ना जाने कितने हज़ार किलोमीटर दूर, मुझे मेरे घर में मेरे कंप्यूटर पर मेरे ही घर की तस्वीर भेज दी.....यहाँ तक कि मेरी खिड़की से भी झाँकने की नाकाम कोशिश कि थी उन्होंने...हाहा हा....पर्दों पर जो मैंने पैसे खर्च किये थे आज लगा वसूली हुई है.....
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ये चिट्ठी चर्चा नहीं सिर्फ़ पोस्टों के लिंक भर हैं (पोस्टों के लिंक ) - अभी कुछ दिन पहले एक टीप आई कि ,,,क्या आप जो करते हैं वो चिट्ठा चर्चा है , मैंने कहा नहीं , ये चिट्ठा चर्चानहीं है ये चिट्ठी चर्चा है , जैसा कि मैं पहले स.. | प्रतियोगिता नंबर ६- पिछले सप्ताह पूछे गए प्रश्नों के उत्तर यह हैं | १) मंगल ग्रह को पृथ्वी का पुत्र कहा जाता हैं | २) चन्द्रमा सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह हैं | हमारे इस सप्त... |
हमें अपने देश के परंपरागत ज्ञान को सुरक्षित रखने का प्रयास करना होगा !!आज विज्ञान का जितने व्यापक अर्थ में प्रयोग किया जाता है , उतना व्यापक अर्थ लेते हुए तो कम से कम इस शब्द को नहीं रचा गया था। 'विज्ञान' शब्द 'वि + ज्ञान' से बना था , जिसका अर्थ विशेष ज्ञान होता है। पूरी दुनिया के एक एक कण का भिन्न भिन्न स्वभाव है और सबका एक दूसरे से किसी न किसी प्रकार का संबंध है। यही कारण है कि प्रकृति में रहस्य ही रहस्य भरे पडे हैं। जिस क्षेत्र से भी व्यक्तियों का समूह जुडा ,चाहे वो पशुपालन हो या कृषि कार्य , घर मकान का निर्माण हो या जलाशय का , यातायात हो या संचार , रसोई का क्षेत्र हो या चिकित्सा का , किसी भी क्षेत्र में प्रकृति के नियमों की मदद लेने की उसे आवश्यकता अवश्य पडी। प्रकृति के विशेषताओं की चर्चा करनेवाला खास नियमों का समूह ही विज्ञान कहलाया और इस विज्ञान की हर शाखा के विशेषज्ञ हमारे समाज में ….. |
प्रतियोगिता नंबर ६- पिछले सप्ताह पूछे गए प्रश्नों के उत्तर यह हैं | १) मंगल ग्रह को पृथ्वी का पुत्र कहा जाता हैं | २) चन्द्रमा सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह हैं | हमारे इस सप्त... | जाने कैसा होगा – मेरा गाँव ~~ -*जाने कैसा होगा *मेरा गाँव* *जिसमें था * *माँ के आंचल का* *घना छाँव;* *अलसायी सुबह* *कौओं की काँव-काँव* *पिताजी के मूछों का तेवर*.. |
मुझे शिकायत हे. Mujhe Sikayaat Hay. सुचना - कल दिन के ठीक बारहा बजे आंताक्षरी पेश की जायेगी जिस मै आप सब अपनी अपनी रचनाये, यानि कविता, गीत, गजल, शेर ओर फ़िल्मी गीत, भजन,आदी आदी ले कर हिस्सा ले सकते है... | पंच-परमेश्वर और पंचायती-माल -"पंच् का समष्टिमूलक अर्थ पंच-परमेश्वर में भी सिद्ध होता है। समूची सृष्टि में ईश्वर को ही सर्वोच्च माना गया है। इस मंडली को *पंच-परमेश्वर* की संज्ञा देने .. | ये चिट्ठी चर्चा नहीं सिर्फ़ पोस्टों के लिंक भर हैं (पोस्टों के लिंक ) - अभी कुछ दिन पहले एक टीप आई कि ,,,क्या आप जो करते हैं वो चिट्ठा चर्चा है , मैंने कहा नहीं , ये चिट्ठा चर्चानहीं है ये चिट्ठी चर्चा है , जैसा कि मैं पहले स.. |
क्षमा चाहूँगा, रचना… |
ग़मों से दोस्ती मेरी ....... सजायी जिंदगी मैंने टपकते आंसुओं से | इच्छाइच्छा है कुछ प्राप्ति की, |
आज के लिए केवल इतना ही………….! |
चर्चा का विस्तार लुभाता है । आभार !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा ...!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन चर्चा
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंरामराम.
अच्छी चर्चा।
जवाब देंहटाएंbahut badhiya charcha.
जवाब देंहटाएंसुंदर विस्तृत चर्चा-आभार
जवाब देंहटाएंचर्चा बहुत अच्छी लगी धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंइस महत्त्वपूर्ण जानकारी को
जवाब देंहटाएंचर्चा-मंच के माध्यम से
प्रचारित करने हेतु आभार -
"शुद्ध संयुक्ताक्षर "शृ" का प्रयोग करना चाहिए!"
ओंठों पर मधु-मुस्कान खिलाती शुभकामनाएँ!
नए वर्ष की नई सुबह में, महके हृदय तुम्हारा!
संयुक्ताक्षर "श्रृ" सही है या "शृ", FONT लिखने के 24 ढंग!
संपादक : "सरस पायस"
बहुत ही सुंदर विस्तृत चर्चा!!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया बेहतरीन रही यह चर्चा भी
जवाब देंहटाएंहम्म्म....अच्छा तो हमहूँ हैं हियाँ...
जवाब देंहटाएंबहुत विस्तार से हुई है चर्चा और हर किसिम के पोस्ट की हुई है....
बहुत अच्छी रही...
अरे भाई थान्कू कहे भूल गए...सारी !!
जवाब देंहटाएंअदा जी!
जवाब देंहटाएंटिप्पणी देना ही "थैंक्यू" होता है!
बहुत ही बढिया रही चर्चा....
जवाब देंहटाएंआभार!
तरह तरह के ब्लाग की समग्र चर्चा. आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत नई बातें मालूम हुई। अभी भी हम हिंदी को लेकर बहस कर रहे हैं.... आश्चर्य है:)
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