"चर्चा मंच" अंक-16 चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"आइए नव-वर्ष के पहले दिन नव-उत्साह के साथ "चर्चा मंच" सजाते हैं- |
“स्वागतयोग्य कदम!” कहीं खुशी कहीं गम!! ब्लागवाणी ने ब्लॉगवाणी-पसन्द पर चटका लगाने के लिए अब मर्यादा लगा दी है! अब आपको पसन्द पर वोट करने के लिए अपना ई-मेल और पासवर्ड भरना होगा email: password |
गिरीश पंकज का व्यंग्यात्मक नववर्षाभिनंदन : तीन सौ पैंसठ का चेक…(रचनाकार)नए साल का पहला दिन और किसी ने चेक भेज दिया...? वाह..? |
नव वर्ष की नई सुबह .....राज कुमार ग्वालानी
नव वर्ष की नई सुबह ऐसी लाए खुशहाली खुशियों ने घर-आंगन महके रहे न कोई झोली खाली……… |
नव वर्ष मुबारक हो, नए साल पर वापसी (नीतीश राज)29 सितंबर के बाद से कुछ यूं व्यस्त हुआ कि ब्लॉग पर तब से वापसी संभव ही नहीं हो सकी। काफी दिन से सोच रहा था कि कुछ लिखूं पर लिख नहीं पा रहा था, ना जाने क्यों?सोचता था कि काफी बातें हैं जहन में जिनका वक्ता आ चुका है बिखर कर छप जाने का। तो, चलो वापसी की जाए और फिर से ये संवाद शुरू किया जाए। आज के दिन से बेहतर और कोई दिन वापसी के लिए लगा नहीं या यूं कहूं कि हो नहीं सका। तो, नए साल के अवसर पर ब्लॉगजगत में वापसी कर रहा हूं….. |
हैप्पी - हैप्पी के हर्षातिरेक में उभ-चुभ कर रहा है सारा संसार(डॉ.सिद्धेश्वर)आज नए साल का पहला दिन है। सभी को नया साल मुबारक! हैप्पी न्यू ईयर ! नए वर्ष की मंगलकामनायें ! परसों एक नया कैलेण्डर खरीदकर लाया था और कल एक नई कविता लिखी गई जो शाम को जाते हुए साल की विदाई और नए साल की अगवानी में आयोजित में आयोजित एक कवि गोष्ठी में सुनाई गई। आज ,अभी , इस वक्त जब नए कैलेन्डर ने पुराने की जगह ले ली है तब वह कविता ( जो दरअसल एक कविता के तीन टुकड़े हैं या फिर तीन अलग - अलग कविताओं की एक कविता है ) सबके साथ साझा करने का मन है। सो , आइए इसे देखें , पढ़ें और नए साल में खुद के लिए तथा देश - दुनिया के लिए कुछ नया गढ़ें :
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स्वागत है नव वर्ष - [कवितायें] - शशि पाधा/ आचार्य संजीव वर्मा "सलिल" / अम्बरीष श्रीवास्तव/ डॉ. वेद व्यथितनव वर्ष अभिनन्दन में - शशि पाधा दीप जलते रहें, जगमगाते रहें |
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ओम पराया माल गटक जा भैरु..गटक गटक भैरु..ताऊ रामपुरिया प्रिय बहनों और भाईयो, नये साल मे आपका हार्दिक स्वागत है. पिछला साल कल ही तो बीता है. हर साल बीतते बीतते हम कुछ बुरी बातें छोडने का संकल्प लेते हैं. कुछ अच्छी बातें अपनाने का संकल्प करते हैं. पर अगर मैं आपको इमानदारी से कहुं तो मानविय मन ऐसा है कि कहीं टिक नही पाता. यानि जिसका जैसा स्वभाव पड गया वो उसी के अनूरुप व्यवहार करता है. यानि ले देके वही रामदयाल और वो ही गधेडी. हमने भी सकंल्प किया था कि नये साल मे खूब तबियत से हिंदी की सेवा करेंगे और शुद्ध रुप से उबाऊ और लंबी लंबी पोस्ट लिखेंगे ..भले ही इधर उधर से मारकर ही लिखें पर हिंदी माता की सेवा अवश्य करेंगे. और चवन्नी छाप ताऊ की बजाये साहित्यकार कहलायेंगे... और हां पहेली इस साल में बिल्कुल नही पूछेंगे...क्योंकि पहेली की वजह से कुछ लोगों को अलसेट हो जाती है और पहेली पूछने को आजकल गुणीजनों द्वारा हिंदी का अपमान करना भी माना जाने लगा है. जिस तर्ज में हरयाणवी भोजपुरी भाषाओं के लिये फ़तवा आया था……. डाँ. हीरामन "त्रिकालदर्शी" भविष्यफ़ल बांचते हुये! ओम ओम ओम..लटक भैरु..झटक भैरु..भैरु ही भैरु...पटक भैरु...खटक भैरु..भैरु ही भैरु...अब सटक भैरु ओम सटक भैरु नमै:... हम मजाक मजाक मे ही बिना कुछ किये ही नये साल २०१० में पहुंच गये....पता ही नही चला..रात को सोये थे २००९ में और सुबह उठे तो सीधे २०१० में...वाह ये भी क्या कमाल होगया? खैर अब मैं आपको आपका और ब्लाग का भविष्य फ़ल बताता हूं… ….. |
दो शेर - नववर्ष की शुभ इच्छाओं के साथनीति निभे न निभे |
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काव्य मंजूषागुलाबी मौसम... |
- HAPPY NEW YEAR 2010 स्वागत है नववर्ष .... नयी दिशा और नयी क्रांति के साथ तुम्हारा अभिनन्दन.....!! हो भारत की शान विश्व में .... मानवता की नयी किरण के ... तू ब्लॉगर क्यों हुआ ! (पी.सी.गोदियाल)एक बार पुन: सभी को नववर्ष की मंगलमय कामनाये ! चलो नए साल की शुरुआत की जाये इस भोंडी सी गजल के साथ; ठण्ड पूछती है कुर्ते से, तू पुलओवर क्यों हुआ, अरुणोदय को निहारना इतना, सोबर क्यों हुआ !...... |
नववर्ष-1 / बारिश में स्वयंवर और बैल - काल गणना का एक प्रसिद्ध मानक या इकाई है वर्ष जिसका अर्थ है बारह महीनों का समूह। शब्द का जन्म संस्कृत के वर्ष: या वर्षम् से हुआ। इन दोनों शब्दो का अर्थ है बरसात, बौछार या मेघवृष्टि। एक अन्य अर्थ है बादल जो बरसात से ही जुड़ता है। दरअसल प्राचीन समय में कालगणना में ऋतुओं ने ही मानव की मदद की । एक वर्षा के बाद दूसरी वर्षा का समय आने पर मनीषियों ने इस मध्यावधि को वर्ष के रूप में जाना-समझा और इसका उल्लेख किया। वर्षा से ही बने हैं बरखा, बरसात, वर्षात और बारिश जैसे रूप। वर्षम् या वर्षः शब्द के मूल में वृष् या वृ धातु है जिसमें शक्ति, ऊपर उठना, तर करना, अनुदान देना, बौछार करना आदि |
मेरे नव वर्ष का श्रीगणेश ऐसे............... - सभी को सपरिवार नव वर्ष अभिनन्दन ! आज से अपने शरीर पर ज़ुल्म ढाना बन्द ज़िन्दगी के नूर को छल्लों में उड़ाना बन्द अपने और अपने स्वजनों के स्... मित्रों आज चौपाल का दिन है! किन्तु नव वर्ष के स्वागत में चौपाल का ये सर्व सम्मत निर्णय है कि हम सब मिल कर नव वर्ष के अभिनन्दन में दिल खोल दें ! तो आज से हम शुरू कर रहे हैं नव-वर्ष 2010 की अगवानी जो चलेगी आगामी कुछ दिनों तक ! लीजिये नए साल की पहली सलामी !!! -- मनोज कुमार आ गया है साल नूतन, ख़ुशियों की सौगात लेकर, करें इसका मिलके स्वागत जोश और ज़ज़्बात लेकर। याद मन में अपने कर लें, मुस्कुराते बीते कल को उम्र-भर रोना नहीं, बिगड़े हुये हालात लेकर। आओ नज्मों में मिला लें, सबसे मीठी प्रेम-भाषा, हो ग़ज़ल कामिल हर शै, क़लम और दावात लेकर।.... |
कथा-कविता-katha-kavitaकोयल सी चहकेकोयल सी चहके |
नववर्ष का आगाज - जश्न ए शराब व् शबाब - 31 दिसंबर की रात्रि के 8 बज चुके है. इस समय युवा तो युवा लगभग सभी उम्र के लोग नववर्ष को अपने-अपने तरीके से मना रहे है. आज ग्रहण है तो कोई ...
नुक्कड़शुभकामनायें स्वीकार करें पर टिप्पणी देने में न समय खराब करें (अविनाश वाचस्पति)
बटोर लें
पूर्णिमा और कई ग्रहों की अनुकूलता नववर्ष के कार्यक्रमों को आनंददायक बनाएगी !! - दिसंबर 2012 में माया पंचांग के समाप्त होने के कारण विश्व में प्रलय आने की संभावना को काटती हुई मेरे आलेखों की श्रृंखला अभी पूरी भी नहीं हुई और कल से ही मेर... |
सुस्वागतम वर्ष 2010“नववर्ष के नव प्रभात में याद सभी की आई |
फाटक बाबा-5 - * * *फाटक बाबा-5*** *आप सब का नया साल मंगलमय हो ... **2010 हंसी और हंसी-ख़ुशी से भरा रहे **!!!! *** फाटक बाबा को शेखी बघाड़ने की खूब आदत है। एक दिन ... |
नये साल पर दो करोड़ के ठुमके का चोंचला...खुशदीप
लो जनाब आ गया 2010 भी...आधी रात को माहौल देखना था...ऐसे जैसे घड़ी की सुइयां बारह पर पहुंचेंगी तो न जाने क्या कुछ अनोखा हो जाएगा...देवदूत आसमां से नीचे उतर आएंगे...देवदूत तो क्या उतरते हां गले से गैलन के गैलन सोमरस ज़रूर उतर रहा था..चलिए आपको नए साल के तीन अक्स दिखाता हूं...आप सोचिएगा कौन से अक्स के करीब हैं या कौन से अक्स का दर्द करीब से जानना चाहते हैं... महानगर का पांचसितारा होटल...रंगीन जलती बुझती रौशनियों से नहाया समां...चारों ओर फिज़ा में फैली हुई एक से बढ़कर एक विदेशी परफ्यूम की खुशबू...तरह की तरह खुशबू मिलकर नथुनों को चीरती हुई बेहोश कर देने की हद तक पहुंच रही थी...वैसे भी यहां होश में कौन था...रात 11 बजकर 30 मिनट...डीजे का शोर कान फाड़ने वाले डेसीबल्स तक पहुंच गया था..
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वरिष्ठ साहित्यकार श्री राजेन्द्र अवस्थी जी नहीं रहेमध्य प्रदेश के गढ़ा जबलपुर मे २५ जनवरी १९३० को जन्में श्री राजेन्द्र अवस्थी वर्तमान मे` ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ’ के जनरल सेक्रेटरी थे । नवभारत,सारिका ,नंदन,साप्ताहिक हिन्दुस्तान और कादम्बिनी के आप संपादक भी रहे हैं। आपकी चर्चित कृतियों में `सूरज किरण की छाँव,जंगल के फूल,जाने कितनी आँखें,बीमार शहर,अकेली आवाज,मछली बाजार(उपन्यास)मकड़ी के जाले,दो जोड़ी आँखें,मेरी प्रिय कहानियाँ (कहानी संग्रह) उतरते ज्वार की सीपियाँ,एक औरत से इन्टरव्यु और दोस्तों की दुनिया उनके काव्य संग्रह हैं। `जंगल से शहर तक’ उनके द्वारा लिखा गया यात्रा वृतान……. |
""मंगलमय नव-वर्ष 2010" " (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
इस नये वर्ष में आप हर्षित रहें, ख्याति-यश में सदा आप चर्चित रहें। मन के उपवन में महकें सुगन्धित सुमन, राष्ट्र के यज्ञ में आप अर्पित रहें।। |
नमस्कार! आज के लिए इतना ही………! |
बहुत सुन्दर चर्चा शास्त्री जी, और आपके समस्त परिवार को मेरी तरफ से
जवाब देंहटाएंनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !
बहुत सुंदर चर्चा शास्त्री जी .. आपके और आपके परिवार के लिए भी नववर्ष मंगलमय हो !!
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआप तथा आपके परिजनों के लिये नववर्ष मंगलमय हो!
सुन्दर चर्चा.
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये.
सुख आये जन के जीवन मे यत्न विधायक हो
सब के हित मे बन्धु! वर्ष यह मंगलदयक हो.
(अजीत जोगी की कविता के अंश)
BAHUT HI SUNDAR AUR SARTHAK CHARCHA.
जवाब देंहटाएंHAPPY NEW YEAR.
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंनया वर्ष हो सबको शुभ!
जवाब देंहटाएंजाओ बीते वर्ष
नए वर्ष की नई सुबह में
महके हृदय तुम्हारा!
hameshaa ki tarah sarthak charcha.....badhi nayesaal ki..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा, नये साल की रामराम.
जवाब देंहटाएंरामराम.
नए वर्ष में 'चर्चा मंच' की दिव्यता प्रकट हो रही है और आपकी मेहनत रंग ला रही है।
जवाब देंहटाएंचर्चा में निखार आ रहा है ।
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाऍं ।
नये वर्ष की शुभकामनाओं सहित
जवाब देंहटाएंआपसे अपेक्षा है कि आप हिन्दी के प्रति अपना मोह नहीं त्यागेंगे और ब्लाग संसार में नित सार्थक लेखन के प्रति सचेत रहेंगे।
अपने ब्लाग लेखन को विस्तार देने के साथ-साथ नये लोगों को भी ब्लाग लेखन के प्रति जागरूक कर हिन्दी सेवा में अपना योगदान दें।
आपका लेखन हम सभी को और सार्थकता प्रदान करे, इसी आशा के साथ
डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर
जय-जय बुन्देलखण्ड
Titanic Jahaj
जवाब देंहटाएंCIBIL Score in Hindi
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