"चर्चा मंच" अंक-18
प्राथमिक विद्यालय, बिहार का विकास , सच या झूठ (ग्राम प्रवास -३ )जैसा कि पिछली पोस्टों में भी कह चुका हूं कि इस बार ग्राम प्रवास के दौरान जिस बात की सबसे अधिक जिज्ञासा थी वो बात थी बिहार में बह रही विकास की बयार को महसूस करना । क्योंकि इधर कुछ समय से बिहार के प्रगति पथ पर लौटने की कई सारी बातें सुनता आ रहा था ।
पान की दुकान पर एक नाटक जो लिखा नहीं गया ! "शठ को कोटि प्रणाम्!" का मंचन हुआ आप भी देखे, कोई टिकिट नहीं लगी है. सब कुछ फ्री में है."आज पान की दुकान पर संजीव तिवारी जी का ड्यूटी था लेकिन वह अपने उकिली काम से कहीं फँस गए तो क्या करें हम पान की दुकान पर बैठ के चुना लगा रहे थे. तभी महेंद्र मिश्रा जी आ गए!हमने कहा......."पाय लगी मिसिर जी, आज कैसे विलम्ब हो गया? हम तो आपका पान लगा करगुजरे साल में मिले कई ब्लागर मित्र और आपको भी उनसे मिलवा रहे हैं राजतन्त्र पर राजकुमार ग्वालानी जी, हमारे लिए गुजारा साल कई मायने में महत्वपूर्ण रहा। एक तो हमने इसी साल ब्लाग जगत में कदम रखा और इस पहले ही साल में हमारी मुलाकात कई ब्लागर मित्रों से हुई। जिन मित्रों से मुलाकात हुई उनमें जहां कई दिग्गज ब्लागर शामिल हैं, वहीं फोन पर ब्लाग बिरादरी के बिग-बी समीरलाल जी से भी चर्चा हुई। फोन पर और भी कुछ मित्रों से रूबरू होने का मौका मिला।
"जन्म दिन का केक बिटिया ने काटा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")मेरी पुत्र-वधु श्रीमती कविता का जन्म दिन था लेकिन मेरी 6 वर्षीया पौत्री कु0 प्राची मिष्ठान केक काटने की जिद करने लगी। और मम्मी का केक बिटिया ने काटा। वो आसमान से मौत बनके बरसेगी। -सलीम खान - लोककथाओं में ही नहीं अनेक किवदंतियों में भी आसमान से ईश्वर का क़हर बरसने के किस्से प्राचीन काल से चले आ रहे हैं। हालाँकि इन कथाओं को हमेशा शक की निगाह से देख... ताऊ पहेली -55 - प्रिय बहणों और भाईयों, भतिजो और भतीजियों सबको शनिवार सबेरे की घणी राम राम. ताऊ पहेली *अंक 55 *में मैं ताऊ रामपुरिया, सह आयोजक सु. अल्पना वर्मा के साथ आपका ... “लुटेरे ओढ़ पीताम्बर लगे खाने-कमाने में” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”) - *मुखौटे राम के पहने हुए रावण जमाने में। * *लुटेरे ओढ़ पीताम्बर लगे खाने-कमाने में।।* *दया के द्वार पर, बैठे हुए हैं लोभ के पहरे, * *मिटी सम्वेदना सारी, मनु... . ... ... हार्दिक शुभकामनाएँ!नए साल का सुहाना मौसम चल रहा है! शुभकामनाएँ देने का सिलसिला जारी है -………………………………… सभी के पास समय की कमी है! समझ में तो ये सभी ढंग आ रहे हैं, पर समय हो, तो आइए तलाश करें - इनमें से कौन-कौन से सही हैं और कितने? |
दिनेश राय दिवेदी जी पहुँच गए हैं चांदनी चौक से इंडिया गेट पराठा गली में प्रवेश के पहले हम चांदनी चौक की मुख्य सड़क से गुजरे तो वह ट्रेफिक विहीन थी, और अधिकांश दुकानें बंद थीं। वह सोमवार का दिन था, दुकानें खुली हुई होनी चाहिए थीं। गौर किया तो पता लगा कि जितनी भी ज्वेलरी और सोने-चांदी के व्यवसाय से संबद्ध दुकानें
राज भाटिया जी लाये हैं राज !! अगले जन्म का?? भाग ३ नमस्कार, आप सभी का स्वागत है हमारे इस अति सुंदर स्टुडियो मै, मै बेकार कुमार, ओर मेरे साथी डा, झटका जी आप सभी को हाथ जोड कर अभिनंदन करते है.....आज हमारे स्टुडियो मै हमारे मेहमान है..... सेठ कुडा मल जी, यह शहर के बहुत बडी जान मानी हस्ती है,यह गर्म मसालो,
अदा जी कह रही हैं मेरे घर की उखड़ी साँस उजड़ा छप्पर टूटी बाँस मेरे घर की उखड़ी साँसयादें सूखीं पपड़ी भयींकहीं फँसी है दर्द की फाँसलोग कहाँ हैं बस्ती सूनी घर में उग आई है काँसमौत कभी कुंडा खडकाए मुश्किल हो जाए लेना साँसचलो,अब चलती है जी 'अदा' दो गज कपड़ा लाओ बाँस
स्वधर्म-पालन 'इन देवदारु वृक्षों की रक्षा के लिए मै यहाँ स्वयं भगवान् पशुपतिनाथ द्वारा नियुक्त हूँ | आज सात दिनों की प्रबल भूख के पश्चात् मुझे यह गाय स्वयं प्राप्त-भजन के रूप में मिली है | तुम्हारे लिए गाय कुछ भी हो किन्तु मेरे लिए तो मेरा केवल भोज्य पदार्थ ही है |
चलते-चलते
ब्लोगर सम्मान 2009 अब तीन लोगों को मिलेगा, वोटिंग के लिए स्वयं को तुरन्त रजिस्टर कीजिये... अलबेला खत्री जी कर रहे हैं ब्लागरों का सम्मान. आप भी वोट कीजिए श्रीमान .
चिटठा चर्चा" अर्थात वैयक्तिक कुंठाओं की वमन थैली का मुँह बन्द क्यों है भाई ? खोलो तो हम भी थोड़ा सा थूक लें. ये क्या हो रहा है भाई.........................
अनुप शुक्ला फुरसतिया, कितने अजीब हो तुम। कह रहे हैं.स्वार्थी जी अपनी कलम से - आप भी देखिये कलम की धार
बस चर्चा को यही देते हैं विराम- आप सभी को रविवार की राम-राम
ललित शर्मा
अरे वाह!...इहाँ तो हमरे ब्लॉग का लिंक भी दिख गया...
जवाब देंहटाएंबढिया चिट्ठा चर्चा
अहा. सुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन चर्चा
जवाब देंहटाएंsundar charcha . abhar.
जवाब देंहटाएंबहुत ही मस्त चर्चा है. शुभकामनएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
सुंदर चर्चा के लिए चर्चाकार को बधाई!
जवाब देंहटाएंनया वर्ष हो सबको शुभ!
जाओ बीते वर्ष
नए वर्ष की नई सुबह में
महके हृदय तुम्हारा!
बने सुघ्घर चरचा करे हस महराज!
जवाब देंहटाएंहूँ..हमारे ब्लाग का लिंक तो है ही नहीं(:
जवाब देंहटाएंलेकिन फिर भी चर्चा बढिया रही :)
बच्चा ललित, कल्याण हो ! आज लंगोटा नंद को मात्र एक लाइन की चर्चा में निपटा डाला.. चलो कोई बात नहीं, तुम हमारे परम शिष्य हो,
जवाब देंहटाएंबहुमूल्य समय निकालकर तुम्हारे ब्लॉग पर आ गए !
ललित जी, बहुत उम्दा और बेहतरीन चर्चा !
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