"चर्चा मंच" अंक-41
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आप सबको गणतन्त्र-दिवस की बधाई देते हुए-
आज के "चर्चा मंच" को सजाते हैं- नया वर्ष स्वागत करता है , पहन नया परिधान । सारे जग से न्यारा अपना , है गणतंत्र महान ॥…….
गणतंत्र दिवस पर विशेष गीत:
सारा का सारा हिंदी है
आचार्य संजीव 'सलिल'
जो कुछ भी इस देश में है, सारा का सारा हिंदी है.
हर हिंदी भारत माँ के माथे की उज्जवल बिंदी है....
मणिपुरी, कथकली, भरतनाट्यम, कुचपुडी, गरबा अपना है.
लेजिम, भंगड़ा, राई, डांडिया हर नूपुर का सपना है.
गंगा, यमुना, कावेरी, नर्मदा, चनाब, सोन, चम्बल,
ब्रम्हपुत्र, झेलम, रावी अठखेली करती हैं प्रति पल.
लहर-लहर जयगान गुंजाये, हिंद में है और हिंदी है.
हर हिंदी भारत माँ के माथे की उज्जवल बिंदी है.... |
नई भौर में, नए छोर से, साध कर नए लक्ष्य कई नवल यतन कर, नवयौवन संग, पलको में, नव स्वप्न लिए…
- Rani Vishal
- Jericho, NY, United States
| भारत अपने गंणतंत्र दिवस की 60वीं वर्षगांठ मना रहा है। यह दिन वास्तव में किसी भी लोकतंत्र के लिए पर्व होता है। हमारे लिए आज के दिन यह समीक्षा करना आवश्यक है कि क्या 60 वर्ष पूर्व हम जिस लक्ष्य को लेकर निकले थे उसे पाने में हम कितने सफल हुए? पिछले 6 दशकों में हमने क्या खोया और क्या पाया? इसकी समीक्षा आवश्यक है। इसी के आधार पर भावी भारत का निर्माण संभव है। पिछले दशकों में भारत ने काफी विकास किया है। सूचना तकनीकी, कम्प्यूटर, मैनुफैक्चरिंग, शिक्षा, विज्ञान, स्टॉक बाजार में भी हमने बेहतर प्रदर्शन किया है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों में भारतीयों ने अपना झंडा बुलंद किया है। मध्यम वर्ग ने भी अपने जीवन स्तर में सुधार किया है। ग्रामीण शिक्षा एवं रोजगार देश के लिए एक अच्छी शुरूआत है।……
- Kanhaiya
- Kanhaiya Jha Student of Master of Mass Communication. Guru Jambeshwar University of Science and Technology contact: yeskanhaiya@rediffmail.com +919958806745
| मुबारक हो तुम को गणतंत्र तुम्हारा हम बदक़िस्मत, गरीब, बेघर, बेसहारा, जकड़ें हैं हवालात में, अकड़े है गनतंत्र तीन करोड़ मुक़द्दमे, बाक़ी फ़ैसला हमारा …. | जन गण का मन से अभिनंदन। लोक तंत्र के हर गण को गणतंत्र दिवस की कोटि-कोटि बधाई। |
केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि सरकार अगले चार सालों में विभिन्न कानूनों को लैंगिक असमानता से मुक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। 24 जनवरी को बेंगलूरू में भारतीय गणतंत्र के 60 साल विषयक तीन दिवसीय सिविल सोसायटी शिखर बैठक का……. | Rhythm of words... ख़ामोशी !! - तुम न आये मगर ख़ामोशी आकर चली गयी लफ्ज़ छिपते फिरे पर वो सब सुनाकर चली गयी ! सुना भी क्या इस दिल ने एक अदना सा फ़साना जिसमें सिर्फ तन्हाई थी मुश्किल था तुम्ह.. | यशस्वी मेरे गांव की कुछ तस्वीरें - 2 - मैंने पिछली एक पोस्ट में अपने गांव की कुछ तस्वीरें लगायी थी। इस पोस्ट में एक बार फिर अपने गांव की कुछ और तस्वीरें लगा रही हूं। *मेरे गांव का पुल * *म.. | चर्चा पान की दुकान पर खेल खिलाड़ी का - ***राजीव तनेजा*** ज्योतिषी बनने के चक्कर में जेल की हवा खाने पडी…कोई खास नहीं…बस यही कोई तीन महीने की हुई…बोरियत का तो सवाल ही नहीं पैदा होता क्योंकि अपन.. | नीरज फूल पर तितलियां - दर्द दिल में मगर लब पे मुस्कान है आशिकों की यही आन है बान है लाख कोशिश करो आके जाती नहीं याद इक बिन बुलाई सी महमान है खिलखिलाता है जो आज के दौर में इक अज.. | मनोरमा अभिसार जिन्दगी है - संधर्ष न किया तो धिक्कार जिन्दगी है काँटों का सेज कहकर स्वीकार जिन्दगी है मिलता सुकूँ हवा से जो तन पे हो पसीना भूखे की जैसे रोटी अभिसार जिन्दगी है इन्सानिय.. | Gyan Darpan ज्ञान दर्पण स्वर्ग में स्वागत -1 - चित्रपट चल रहा था दृश्य बदलते जा रहे थे उन्ही दृश्यों में ....... आज स्वर्ग में बड़ी हलचल थी . इतर का छिडकाव हो रहा था , मंडपों को अलंकृत किया जा रहा था ,गन... | हास्यफुहार हिंदी में अनुवाद करें ! - *Cricket : गोल गुत्तम लकड़ बत्तम दे दनादन भाग-दौड़ धर-पकर प्रतियोगिता ! * *Tea : सुष्म दुग्ध-जल मिश्रित शर्करा युक्त पर्वतीय बूटी !* *All Rout Pass : यत्र... | उड़न तश्तरी .... विकलांगता - लँगड़ी है दादा जी की छड़ी दीवार का सहारा लिए खड़ी है गूँगा है माँ का सितार तहखाने के कोने में उदास पड़ा है अँधी है बाबू जी की ऐनक धूल ख... | Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून | एक बूँद नमक रोटी - "जसुमति नंदन रोटी खावे, भीम रे जैसो बड्को होवे" "क्या माँ...तू रोज़ एक ही बात कहे है.." मुझे नी खानी सूखी रोटी- अचार...... तीखा लगे है अचार, तू दही क्यूँ ना...
आज की चर्चा में - बस इतना ही….! कल फिर "चर्चा मंच" पर कुछ और मजेदार चिट्ठों की चर्चा लेकर ब्लॉगिस्तान में हाजिर हो जाऊँगा! | |
शास्त्री जी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी
जवाब देंहटाएंतथा हिन्दी ब्लॉग जगत के सभी साथियों को
२६ जनवरी की शुभकामनाएं और आपका
बहुत बहुत आभार !
- लावण्या
पुनः विस्तृत और व्यवस्थित चर्चा के लिए आभार शास्त्री सर... याद रखने के लिए भी..
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की शुभकामनायें....
जय हिंद... जय बुंदेलखंड...
ये चर्चा बड़ी है मस्त-मस्त
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा के साथ गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा. गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
चिट्ठाचर्चा परेड ने मन मोह लियो एक से बढ़कर एक झांकी। इन पर सर्वोत्तम झांकी पुरस्कार की व्यवस्था की जाये।
जवाब देंहटाएंगणतंत्र-दिवस की मंगलमय शुभकामना...
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा
बहुत बढिया रही चर्चा......
जवाब देंहटाएंगणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.....!!
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएं