"चर्चा मंच" अंक - 106 |
मूर्ख-दिवस के महामूर्ख |
आइए आज का "चर्चा मंच" सजाते हैं- |
मूर्ख दिवस पर देखिए सबसे छोटी चर्चा- आज शाम को ताऊ रामपुरिया, महफूज और उड़न तश्तरी खटीमा में भी देखे गये थे! अरे भइया! मैंने तो उन्हें शाम का लंच भी करवाया था! होटल का नाम था- "ब्लॉगिंग रेस्टोरेण्ट" इसके बाद उन्हें खटीमा एयरपोर्ट तक छोड़ने भी गया था! |
और सब कुछ ठीक है ? ' हया ' लता 'हया' | महफूज जी और उड़न तश्तरी अचानक जबलपुर शहर में... समयचक्र महेन्द्र मिश्र |
हँसी ठिठोली...बड़ा मज़ा आया... साझा-संसार जेन्नी शबनम | अप्रैल फूल :आज से हर बच्चे को होगा शिक्षा का अधिकारबकवास रिपोर्ट... vinod kumar mishra |
मूर्ख बनने से बचने के १०१ तरीके अनौपचारिक अर्कजेश | 1 अप्रैल 2010 को समय 0000 आवर्स से महँगाई खत्म //व्यंग्य-प्रमोद ताम्बट// 31 मार्च 2010 समय 2400 आवर्स, कमाल ही हो गया। सरकार ने महँगाई बढ़ाने वाले तमाम बदमाशों को बुलाकर सीधे-सीधे कह दिया कि देखो अगर तुमने फौरन से पेश्तर हमारा हुक्म मानते हुए महँगाई खत्म नहीं की तो हर एक को चुन-चुनकर जेल में डाल दिया व्यंग्य |
अप्रिल फूल एक सामाजिक बुराई हमारी अन्जुमन safat alam taimi | अप्रैल फूल के दिन मूर्ख बनने के बचने का नायाब तरीका (अविनाश वाचस्पति) मूर्ख दिवस कहीं जाता नहीं है वो तो यहीं बसा रहता है सबके दिमाग में। बस सिर्फ होता यह है कि एक अप्रैल को वह उकसाए जाने पर अपनी पूर्णता में सिर उठाता है और अपने वजूद का ऐलान कर देता है और देखिए सब उसके प्रभाव में बह जाते हैं या मोहग्रसित हो जाते हैं।अब नुक्कड़ अविनाश |
फिर तुझे क्या पड़ी थी बेवकूफ !? samwaadghar sanjaygrover | खुशखबरी.... हिन्दी ब्लॉगर्स के लिए खुशखबरी .......कमाई की शुरूआत हुई..... meraashiyana shashisinghal |
क्या आज आप कोई चिट्ठी नही पढेंगें? अन्तर सोहिल = Inner Beautiful अन्तर सोहिल | हिंदी टेक ब्लॉग बंद Hindi Tech Blog नवीन प्रकाश |
किसे मूर्ख बना रहे हैं आप? ... हम तो पहले से ही मूर्ख हैं धान के देश में! जी.के. | लिव- इन रिश्ता बोले तो . . . अप्रैल fool !!! इस दौर में जब हर शख्स एक दूसरे को टोपी पहनाकर अपना ·काम निकालना चाहता है मूर्ख दिवस की बात ·करना ·कोई मायने नहीं रखता। हर रोज कोई न ·कोई , कहीं न कहीं छला जा रहा है। छलने से याद आया लिव-इन-रिलेशनशिप यानी बिना शादी के साथ-साथ रहना। सामाजिक विश्लेषको का likhdala varsha |
अप्रैल फूल यानि मूर्ख दिवस-हास्य कविता (april fool-hindi hasya kavita)दीपक भारतदीप का हिन्दी-पत्रिका दीपक भारतदीप | बाल (ब्लॉग ) ना बाँका कर सके जो जग बैरी होय पास पड़ोस शरद कोकास |
तकरार-ए-अप्रैल फूल ! अंधड़ ! पी.सी.गोदियाल | इस पोस्ट का 1 अप्रेल से कोई संबंध नही है ----एक धांसु व्यंग्य ललित शर्मा |
Hurry! खुली प्रतियोगिता बन्द होने वाली है ---- प्रतियोगिता में भाग लें और जीते नकद यूरेका M VERMA | कुछ इधर की, कुछ उधर की चिट्ठाद्योग सेवा संस्थान में भर्ती हेतु आज माननीय चिट्ठाकारों का साक्षात्कार चालू आहे!!! - चिट्ठाद्योग सेवा संस्थान उन सभी आवेदनकर्ताओं का दिल से धन्यवाद करता है, जिन्होने इस संस्थान के साथ जुडकर हिन्दी चिट्ठाकारिता को समृ्द्धि प्रदान करने में अप... |
क्या आप इंटेलिजेंट समझते हैं अपने ...तो डरते क्यों हैं मूर्ख बनने से ? ज़रा हिम्मत तो दिखाइए ! प्राइमरी का मास्टर प्रवीण त्रिवेदी ╬ PRAVEEN TRIVEDI | खुशदीप के टी.वी.शो "नाच छमकछल्लो नाच" में रामप्यारी ताऊ डॉट इन ताऊ रामपुरिया |
वैशाख्नंदन सम्मान प्रतियोगिता मे : श्री विनोद कुमार पांडेय ताऊजी डाट काम ताऊ | भाड में जाए ब्लोग्गिंग मैं छोड रहा हूं इसे ........अजय कुमार झा .... bihari babu kahin अजय कुमार झा |
गत्यात्मक ज्योतिष एक महीने में एक भी भविष्यवाणी सही नहीं हुई .. आज से ज्योतिष का अध्ययन बंद !! - पूरे पच्चीस वर्षों का अध्ययन व्यर्थ होने से मेरा सारा जीवन बर्वाद हो गया , न जाने कितने दिनों से कितने लोगों ने मुझे ज्योतिष का अध्ययन करने से मना कि... | घुघूतीबासूती जरा माचिस तो देना!.............................घुघूती बासूती - एक नया गैस सिलिन्डर जब लगाया तो ठीक से बैठ नहीं रहा था। पति व ड्राइवर दोनों ने कोशिश कर ली। फिर गैस एजेन्सी से उनके वर्दीधारी मैकेनिक को बुलाया, उसने जबरदस... |
काव्य मंजूषा ![]() अल्लाह इस नामुराद को जन्नत बक्शे..... - तुम कितनी खूबसूरत हो ये कोई उनके दिल से पूछे सबके दिलों में बसने वाली सबकी धडकनों में रहने वाली हर दिल में तुम्हारी ही चाहत करवटें ले रही है सभी दीव... | देशनामा ![]() महफूज़ के ब्लास्ट को अमेरिकी सैल्यूट...खुशदीप - सबसे पहली बात...जो मैं कहने जा रहा हूं उसे अप्रैल फूल की पोस्ट समझ कर कतई न लें...*ये बिल्कुल सेंट परसेंट पुख्ता ब्लॉगर्स के दिलों को बाग बाग कर देने वाली ... |
रवि मन ![]() तुमसे बिछुड़कर : रावेंद्रकुमार रवि - तुमसे बिछुड़कर कहते हैं – विश्व की समस्त ऊर्जा संरक्षित है! लेकिन तुमसे बिछुड़कर मुझे ऐसा लगा - जैसे वो मेरी बोझ... | naturica ![]() सारे गुलाब:ग़ज़ल - हसरतों में खिल रहे थे , मिलन के सारे गुलाब। और तुमको ढूंढ़ते थे , चमन के सारे गुलाब॥ मेरे जवान होने का , हुआ 'डैड' को अहसास। कि एक एक कर ग़ुम हुए,चमन के सा... |
अमीर धरती गरीब लोग क्या मिनी स्कर्ट या टांगो की नुमाईश ही नौकरी की फ़ुल गारंटी है? - बड़ा सवाल उठाती हुई एक छोटी सी पोस्ट लिख रहा हूं।क्या नौकरी की फ़ुल गारंटी मिनी स्कर्ट या टांगो की नुमाईश से ही मिलती है?ये सवाल मुझे कचोट रहा है।क्या लड़कियो... | मुझे शिकायत हे. Mujhe Sikayaat Hay. इसे सबसे बाद में पढना जी खाली वक्त होने पर - मैनें आपको बताया था कि इसे सबसे बाद में पढना फिर भी आप सबसे पहले इसे ही पढने लग गये। मैं ये कह रहा था कि आज आपको कोई भी पोस्ट नही पढनी चाहिये आज आपको ज्यादा... |
ह्रदय पुष्प हथियार - खट-पट रहती हम दोंनों में शायद ही पटती थी। मैं कहता पूरब की तो वह पश्चिम को चलती थीं।। हुआ अचम्भा मुझे एक दिन बैठीं मेरे पास। प्यार से बोलीं सुनो पिया जी मेर... | मिसफिट:सीधीबात ![]() शुक्रिया "नईदुनिया"जबलपुर |
कुछ कार्टून -कैसे कैसे नेता ![]() ![]() ![]() Posted by sudhakar soni,cartoonist | एक कार्टून ![]() ek प्रस्तुतकर्ता Doobe ji आदमजात हुए क्यों बौने ? डॉ. चन्द्रकुमार जैन Dr. Chandra Kumar Jain |
“मूर्ख-दिवस पर अवकाश घोषित!”(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)गुरुवार, १ अप्रैल २०१०“महत्वपूर्ण घोषणा”कृपया आज चर्चा मंच पर न जायें! क्योंकि आज यहाँ फर्स्ट-अप्रैल के उपलक्ष्य में सबसे छोटी चर्चा लगी है! |
सबसे छोटी चर्चा पर सबसे लंबी टिप्पणी लीजिए...
जवाब देंहटाएंवाह...
जय हिंद...
आपके आदेशानुसार न यहां आयी .. और न सबसे छोटी चर्चा को देखा .. टिप्पणी भी नहीं कर रही हूं .. पूरी सावधानी बरत रही हूं .. मूर्ख दिवस पर बिल्कुल मूर्ख नहीं बनना मुझे !!
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा तो बहुत ज़बरदस्त है!
जवाब देंहटाएंआप भी कहाँ-कहाँ से ढूँढकर ले आते हैं...
हा... हा... ही... ही... हू...
यह आपके किसी भी ब्लॉग पर
जवाब देंहटाएंमेरी अंतिम टिप्पणी है!
ये लो हम कोई मूर्ख हैं जो टिपण्णी करेंगे...
जवाब देंहटाएंहाँ नहीं तो ..!!
आज मूर्ख दिवस मनाने में इतना व्यस्त रहा कि कहीं किसी ब्लॉग पर जाना हुआ नहीं यद्यपि यहाँ चला आया हूँ. अच्छे लिंक्स मिल गये हैं, सुबह सुबह विचरुँगा. आपका आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति। सादर अभिवादन।
जवाब देंहटाएंमैं अपनी मूर्खता को तहेदिल से स्वीकार करता हूं।
जवाब देंहटाएंआज दो अप्रेल को अप्रेल फूल बना तो ऐसा लगा ...
जवाब देंहटाएंकारवां गुज़र गया गुबार देखते रहे..
इतने समर्थ लोग एक साथ देखकर मन ब्लाग ब्लाग हो गया ...एक शरीफ ऊंट की तरह कलेजे में भर लिया है सारा पानी , बुरे वक्त में घूंट घूंट पियेंगे।
बहुत सुन्दर चर्चा सर . मूर्ख दिवस पर सभी लिंकों को समेट लिया ... बढ़िया प्रयास अच्छी चर्चा के लिए ..आभार.
जवाब देंहटाएंरावेन्द्र रवि जी ...ऐसा न करें . आज दो अप्रेल है बस आज से कमेंट्स शुरू कर दीजिये . ..हाहाह
जवाब देंहटाएंare ittee chhotee charchaa shastri ji vah vah
जवाब देंहटाएंlink dene kaa aabhaar ji
जवाब देंहटाएंmatlabye ki moorkh bankar khush hain sab.
जवाब देंहटाएंबस मूर्खों की चौपाल पर हम भी हाजिरी भरने चले आए :-)
जवाब देंहटाएंये मैं कहां आगया हूं? कोई मुझे बतायेगा?
जवाब देंहटाएंरामराम