"चर्चा मंच" अंक - 158 |
चर्चाकारः डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक” |
सबसे पहले बधाई देता हूँ आदरणीय ललित शर्मा जी को- जिन्होंने यह खुशखबरी दी है कि ब्लॉगजगत के इकलौते पॉडकास्टर पुनः हमारे बीच में वापिस आ गये है! बहुत आदर और सम्मान के साथ स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ! इनके सम्मान में सबसे पहली चर्चा का |
ब्रेकिंग न्युज----सुरेश चिपलुनकर जी मत शिरोधार्य कर लौटे --गिरीश बिल्लौरे - गिरीश दादा जी लौट आए हैं, हमारी मिन्नतें काम आई, सुबह ब्रेकिंग न्युज से पता चला था कि वे अमरकंटक में देखे गये थे, वहां भक्तों की भीड़ लगने के कारण अचानक अन... |
ज्योतिष की सार्थकता मीनस्थ बृ्हस्पति(गुरू) का आपकी राशि पर पडने वाला शुभाशुभ प्रभाव - पूर्व आलेख में आपने वैदिक ज्योतिष और बृ्हस्पति ग्रह के विषय में पढा और जाना कि दिनाँक 2 मई को गुरू यानि बृ्हस्पति ग्रह का मीन राशि में आगमन हो चुका है. नवम... |
यशस्वी ऐवरेस्ट में चढ़ने वाला पहला पर्वतारोही - George Mallory जॉर्ज मैलेरी एक मात्र पर्वतारोही था जिसने ब्रिटिश सरकार के ऐवरेस्ट में पर्वतारोहण करने के के सन् 1921, 1922 और 1924 के अभियानों में हिस्सा ... |
मानवीय सरोकार तरक़्क़ी हमारी......................... - मुक्तक डॉ० डंडा लखनवी किसी की तरक़्क़ी विरासत से होती॥ किसी की तरक़्क़ी सियासत से होती।मगर उनका कहना हमारी तरक़्क़ी- पुलिस महकमे में हिरासत से होती॥ ////... |
Albelakhatri.com इन्हीं कुँवारों के दम पर पलते हैं सारे नीम-हकीम, नियमपूर्वक सुबह -शाम जो इकसठ बासठ करते हैं - महिलाओं से नैन मटक्का लोग फटाफट करते हैं नहीं चाहिए ऐसा करना, जानते हैं, बट करते हैं हम पर आँख उठाने वाले याद रखें इस जुमले को जो हमको ऊँगली करता है, ह... |
मयंक बाबा नागार्जुन की दिनचर्चा! (डा. रूपचन्द्र शास्त्री ‘‘मयंक’’) - “बाबा नागार्जुन की संस्मरण शृंखला-6” *बाबा नागार्जुन जुलाई 1989 के प्रथम सप्ताह में 5 जुलाई से 8 जुलाई तक मेरे घर में रहे। मेरे दोनो पुत्रों नितिन और विनीत... |
ताऊजी डॉट कॉम वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में : सुश्री निर्मला कपिला - प्रिय ब्लागर मित्रगणों, आज वैशाखनंदन सम्मान प्रतियोगिता में सुश्री निर्मला कपिला की रचना पढिये. लेखिका परिचय : निर्मला कपिला पंजाब सरकार के सेहत कल्यान विभा... |
काव्य मंजूषा हर्फों की तल्ख़ तासीर से, इंसा बदल जाएगा ..... - सोचा न था के तू, अब इतना बदल जाएगा अबके जो गया है तो फिर, लौटकर न आएगा परवाज़ आ गए हैं, पर इनका क्या भरोसा कब तक ये अब रुकेंगे, ये मौसम बताएगा मेरे घर... |
Science Bloggers' Association मेरे शहर का दुःख या सारे देश का ..... - मेरे शहर का दुःख या सारे देश का .....बढती आबादी के मद्देनजर शहरों में ठोस कचरा बढा है परन्तु मेरे शहर के सफाई कर्मचारिओं ने एक अजीब पर्यावरण नाशी तरीका ढूंढा... |
मुझे शिकायत हे. Mujhe Sikayaat Hay. मैंने उससे कहा कि जहाज़ में बैठ गया हूं और बस 15 मिनट में जहाज़ उड़ने वाला है - 'जहाज़ तो उड़ेगा ही' मौलाना नूरुल हुदा मौलाना नूरुल हुदा एमिरेट्स एयरलाइंस से लंदन जा रहे थे उत्तर प्रदेश के ... | देशनामा टिंडे ले लो, टिंडे...खुशदीप - आपको एक पोस्ट में बंदर और अपने बालसखा *आलोक* का किस्सा सुनाया था...आज एक और बालसखा की बारी है...उस दोस्त का असली नाम तो नहीं बता रहा, लेकिन वो नाम बता देता... |
हास्यफुहार वचन - वचन विवाह के वक्त दुल्हन के वचन सुन लो आकाश, हवा, पानी और जमीं आज से मेरे बिना ये नहीं इनके बिना मैं नहीं दस साल बाद उसी दुल्हन के वचन रूक ..... जा... | Gyanvani ईस्ट इंडिया कंपनी जी , आओ नी सा ....पधारो म्हारा और म्हारा पड़ोसिया का देस - परदेसी थारी ओल्यु घणी आव , पागल मन न कुण समझाव ईस्ट इंडिया कंपनी जी , आओ नी सा ....पधारो म्हारा और म्हारा पाड़ोसिया का देस क्यूंकि म्हाका माजना अस्या... |
आरंभ Aarambha बारूद की गंध से, नक्सली आतंक से पेड़ों की आपस में बातचीत बंद है - कल बस्तर में हुए बारूदी विष्फोट में क्षत-विक्षत 50 मानव लाशो से टीवी के द्वारा आपका भी सामना हुआ होगा। दिन प्रतिदिन घट रही ऐसी दर्दनाक घटनाओं, करूणा और ... | शब्द-शिखर नारी न भाये - कन्या पूजन करते हैं सब पर कन्या ही न भाये जन्में कन्या कहीं किसी के तो सब शोक मनायें । कन्या हुई तो दहेज की चिंता पहले दिन से ही डराये हो गई शादी अगर तो दह... |
उच्चारण “न्याय करेगा कौन?” - ** *वानर बैठा है कुर्सी पर, * *हुई बिल्लियाँ मौन! * *अन्धा है कानून हमारा, * *न्याय करेगा कौन? * * * *लुटी लाज है मिटी शर्म है, * *अनाचार में लिप्त कर्म... |
MERE SAPNE MERE APNE “वो पुरानी खिड़की” - ‘वो’ खिड़की, मेरी खिड़की, जो कुछ पुराने जमाने की थी, वहां से सड़क दूर तक दिखती। कोई भी दूर से आता आसानी से खिड़की की सलाखों के बीच से पहचाना जाता। पूरी स... | कबीरा खडा़ बाज़ार में लो क सं घ र्ष !: ब्लॉग उत्सव 2010 - सम्मानीय चिट्ठाकार बन्धुओं, सादर प्रणाम, * आज दिनांक 14.05.2010 को परिकल्पना ब्लोगोत्सव-२०१० के अंतर्गत पन्द्रहवें दिन प्रकाशित पोस्ट का लिंक-* ** विश्... |
अपना वजन घटकर स्लिम दिखें, फोटो में ही सहीं | Author: नवीन प्रकाश | Source: Hindi Tech Blog अगर आप चाहते है की आप फले की तरह दुबले दिखें वो भी बिना मेहनत किये तो ये शायद न हो पाए पर आपकी फोटो जरुर स्लिम और फिट दिख सकती है ।… | दुश्मने-जां से भी मिलिए मुस्कुरा करके | Author: Gargi Gupta | Source: अभिव्यक्ति दुश्मने-जां से भी मिलिए मुस्कुरा करके देखिये सारे शिकवे-गिले को भुला करके दुश्मने-जां से भी मिलिए मुस्कुरा करके…. |
कसाब को सजा दिलाने वाले विशेष सरकारी वकील, उज्जवल निकम अपने ड्राईवर के कारण विवाद में उलझे | Author: लोकेश Lokesh | Source: अदालत मुंबई हमले के जिंदा आतंकी अजमल कसाब को सजा दिलाने वाले, विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम, एक विवाद में उलझ गए हैं। 6 मई को जब कसाब को अदालत ने सजा-ए-मौत का फैसला सुनाया, उस दिन निकम का 12 साल पुराना ड्राइवर सूट-बूट में उन्हें लेकर अदालत आया था। इसके बाद उसका स्थानंतरण कर दिया गया है। यही विवाद की जड़ है। [read more] |
बिना दूल्हे की बारात...इच्छाधारी नाग ..? Author: राजीव कुमार कुलश्रेष्ठ | Source: सतगुरु कबीर साहेब त्रिया चरित न जाने कोय , खसम मार के सती होय . ये कहावत आपने प्रायः सुनी होगी और आज के समय में तो इसके कई ज्वलंत उदाहरण भी मौजूद हैं और प्रायः हमारे आसपास अक्सर देखने को मिल जाते हैं ..मुझे हैरत तो तब होती है जब ये कहावत में स्वयं औरतों के मुख से सुनता हूँ जिसे वे दूसरी औरतों के लिये इस्तेमाल करती है..अब क्योंकि ये प्राचीनकाल से प्रसिद्ध कहावत है इसलिये इस कहावत की कोई न कोई ठोस वजह अवश्य रही होगी..ये कहावत कब और क्यों चलन में आयी इसकी जानकारी मुझे अभी तक नहीं हुयी है..पर इस बात पर मैं ... |
मीठी-मीठी भू जहाँ | Author: amritwani.com | Source: भारतीय वास्तु शास्त्र मीठी-मीठी भू जहाँ , गंध सुहानी देय। सब सुख सुलभ होय वहाँ, कृपा-सिंधु सब देय।। …. | ईस्ट इंडिया कंपनी जी , आओ नी सा ....पधारो म्हारा और म्हारा पड़ोसिया का देस | Author: वाणी गीत | Source: ज्ञानवाणी |
बहुमुखी प्रतिभा की नन्हीं धनी : पूजा यादव | Author: Ram Shiv Murti Yadav | Source: यदुकुल प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। उसे बस अनुकूल परिवेश चाहिए. यदुवंश में तमाम ऐसी नन्हीं प्रतिभाएं हैं, जिनके जौहर आप विभिन्न ब्लॉग पर देख सकते हैं. ऐसी नन्हीं प्रतिभाओं को हमें यदुकुल पर स्थान देकर प्रसन्नता हो रही है, आखिर यही कल के भविष्य हैं. इस कड़ी में हमने आपको सबसे पहले नन्हीं प्रतिभा अक्षिता (पाखी) से मिलाया था. आज मिलिए पूजा यादव से, जो इतनी कम उम्र में ही ढेर सारी उपलब्धियां सहेजे हुए हैं. बाल उद्यान में हमें इनकी चित्रकारी के अद्भुत रंग देखने को मिले. चलिए हम भी पूजा यादव से परिचि ... |
चिठियाना टिपिआना वाद-विवाद .... आंखों देखा हाल .... लाईव फ़्रॉम ब्लॉगियाना मंच -- कमेंटेटर -- छदामी लाल और निर्धन दास Author: मनोज कुमार Source: मनोज नमस्कार दोस्तों! मैं छदामी लाल आपका वेलकम करता हूँ। ब्लॉगियाना मंच पर आपका स्वागत है। अद्भुत, अनोखा और अभूतपूर्व खेल यहां खेला जाने वाला है। हम सब उस ऐतिहासिक घड़ी का गवाह बनेंगे। सामने मंच पर अभी हरा पर्दा पड़ा हुआ है जो कुछ ही क्षणों में उठेगा और आज की कार्रवाई शुरु हो जाएगी।... |
अन्त में देख लीजिए यह कार्टून- |
कार्टून : खिड़कियों वाले बिल गेट्सबामुलाहिजा >> Cartoon by Kirtish Bhatt |
nice
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जी
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभार...
जवाब देंहटाएंगिरीश जी के लिए,
जाइए आप कहां जाएंगे,
ये नज़र लौट के आएगी...
जय हिंद...
शुक्रिया !
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंUmda charcha
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा. गिरीश जी का लौटना सुन कर अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंसुंदर ही नहीं आज तो बहुत सारे ब्लाग की जानकारी मिली. धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा. गिरीश जी का लौटना सुन कर अच्छा लगा..........!!!!
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा हमेशा की तरह....बधाई
जवाब देंहटाएंअति उतम चर्चा शास्त्री जी!
जवाब देंहटाएंसाधुवाद!
बढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा | गिरीश भाई जी का लौटना सुन कर अच्छा लगा,वैसे जो एक बार यहाँ आ जाता है वह जा नहीं पता इतनी आसानी से !! कभी कभी हमारे मन भी आता है यह ख्याल पर अब ब्लॉग्गिंग के बिना काम नहीं चलता !!
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह बढिया चर्चा।
जवाब देंहटाएंगिरीश जी के लौटने की खबर से सबको अच्छा लगा है। नाइस वाले बाबा को भी अच्छा लगा है, देखिए नाइस लिखकर गए हैं।
जवाब देंहटाएंहंसते है तो हा हा हा हा लिखते हैं न।