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बुधवार, सितंबर 14, 2011

"मनु वादी असांजे और प्यारी बहन सैंडिल क्वीन" (चर्चा मंच-637)

नमस्कार मित्रॊं, बुधवासरीय चर्चा में फ़िर से एक बार आप सभी का स्वागत है। शुरू घोटालों की लंबी श्रंखला में एक और नयी कड़ी  एयर इंडिया घोटाले पर फ़ुल्फ़ुल पटेल जी से चर्चा    करने पर उनके तर्क सुन हमारी तो रूह फ़नां हो गयी। इस पर धनंजय जी ने याद दिलाई कहां पड़े हो मियाँ यह तो कुछ भी नही   सैंडिल क्वीन ?  मायावती के बारे में नही सुना क्या।  आनंद प्रधान जी का कहना था कि बात एक दल की नहीं है रेड्डी बंधुओं के अवैध खनन का सर्वदलीय साम्राज्य  देखो।  इस पर हमने कहा वोट कौन देता है ऐसे लोगों को,  तो स्वराज्य करूण जी ने उफ़ ! ये भयंकर भक्ति भावना !  में मामले को विस्तार दिया। यह सब देख विद्या जी ने कहा उड़ गई है नींद आँखों की   इस पर रेखा जी बोलीं जय बोलो बईमान की  । दिगम्बर नासवा जी ने दोष अखबारों को दिया कि  ख़बरों को अखबार नहीं कर पाता हूँ ..           संजय शर्मा हबीब जी बोले तब से अब तक...   क्या हो गया हम कहाँ से कहाँ आ गये अब कॊई नेता नजर नही आता हमने तुरंत मोदी जी का नाम सुझाया तो प्रमोद जोशी जी बोले मोदी परअब भी तलवार   लटक रही है   गुजरात दंगो की। अब जवाब तो देश को ही खोजना है कि विकल्प क्या हो सकता है। खैर अब अराजनैतिक रचनाओं पर नजर डालें सबसे पहले हिन्‍दी    राहुल सिंह जी की बेहतरीन रचना और उसके बाद उतनी ही खूबसूरत संजय महापात्र जी की नयन वाणी  और इसी क्रम में कुँवर कुशुमेश जी की रचनाएँ   आती हैं। और  ललित शर्मा  जी का रेडियो का जादू -   भी पठनीय है। अनिल पुसदकर जी व्यवस्था पर सवाल उठा पितर मे नया खरीदने पर आपत्ति क्यों    कर रहे हैं। सबसे अंत में डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक  जी के सुपुत्र नितिन जी को जन्म दिवस पर आशीष-शुभ 

13 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर तरीके से सजाई गई बेहतरीन चर्चा | अच्छे लिंक्स उपलब्ध कराने के लिए आभार |

    मेरे ब्लॉग में भी आयें-
    मेरी कविता

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  2. सुन्दर चर्चा है जमी, सारे सारोकार |
    सुधी-जनों पर कर रहे, बहुत बड़ा उपकार ||

    जवाब देंहटाएं
  3. आपने चर्चा मंच में आज लिखा कि "इसी क्रम में कुँवर कुशुमेश जी की रचनाएँ आती हैं".
    जब वहां क्लिक करता हूँ तो भड़ास ब्लॉग खुलता है ,मेरा ब्लॉग नहीं खुलता है.
    शायद कुछ गड़बड़ी हो गई है,देखिएगा.
    कुँवर कुसुमेश

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  4. सैंडिल,हवाई जहाज ,खदान,दंगा ,गुजरात, पितृ पक्ष, वोट गणित,कविताएँ साथ में हैप्पी बड्डे ! सब कुछ समाहित, आनंददायी विमर्श के लिए साधुवाद.

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  5. बहुत ही शानदार चर्चा....
    बहुत ही अच्छे लिंक्स...
    सादर...
    मेरी कविता को यहाँ स्थान देने के लिए आभार |

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  6. भाई अरुणेश सी दवे जी
    आज की चर्चा में बहुत अच्छे लिंक दिए हैं आपने!
    --
    कुँवर कुसुमेश जी का लिंक मैंने ठीक से लगा दिया है!
    अब उनकी पोस्ट इस लिंक से खुल रही है!

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  7. लिंक ठीक करने के लिए धन्यवाद,शास्त्री जी.

    जवाब देंहटाएं

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