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Thursday, October 13, 2011

चुप हो गई मखमली आवाज (चर्चा मंच - 666)

     आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है 
                             
सबसे पहले श्रद्धांजली उस मखमली आवाज़ को जिसने गजल को आम लोगों तक पहुंचाया. गजल जगजीत सिंह के बिना एक तरह से अनाथ हो गई है.और फ़ैल गई है एक ख़ामोशी  चारो और. ग़ज़ल में एक युग का अवसान है उनका चले जाना.
      अब चलते है चर्चा की ओर 
गद्य रचनाएं 
पद्य रचनाएं 
अंत में सुनिए जगजीत सिंह की गाई एक ग़ज़ल ब्लॉग यादें...पर.
                आज की चर्चा में बस इतना ही 
                                       धन्यवाद 
                                    दिलबाग विर्क       
                          * * * * *        

25 comments:

  1. बेहतर लिंक्स का चयन किया है आपने ...हमारी पोस्ट को चर्चा में शामिल करने के लिए आपका आभार

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  2. सुंदर चर्चा...अच्छे लिंक दिये हैं आपने
    ...........धन्यवाद दिलबाग जी

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  3. ऐसी आवाज़े कहाँ गुम होती हैं? बड़े ही सुन्दर सूत्र।

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  4. सुन्दर लिंक्स से सजी सुन्दर चर्चा।

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  5. bahut sundar links hai sir.bahut bahut aabhar

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  6. वाह ...बहुत ही अच्‍छी चर्चा और बेहतरीन लिंक्‍स ।

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  7. सार्थक चर्चा के लिए अनेकानेक धन्यवाद...

    नीरज

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  8. सार्थक चर्चा... आभार...

    जग जीत चले जाने वाले, दृग सजल खोज में तेरे हैं
    सच मीत ह्रदय में बस तेरे, तेरे ही सुर के फेरे हैं.

    सुर सम्राट जगजीत को विनम्र श्रद्धांजली...

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  9. खूबसूरत चर्चा..आभार स्पंदन को शामिल करने के लिए.

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  10. सुंदर चर्चा...
    धन्यवाद दिलबाग जी

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  11. धन्यवाद दिलबाग जी !!

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  12. सुंदर चर्चा।
    बेहतर लिंक के लिए आभार....

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  13. बहुत सुन्दर सजा है चर्चा मंच भाई विर्क जी बधाई और शुभकामनाएं

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  14. बहुत सुन्दर सजा है चर्चा मंच भाई विर्क जी बधाई और शुभकामनाएं

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  15. एक कलाकार को समर्पित चर्चा मंच....
    आपका दिल से शुक्रिया कि एक बार फिर मुझे मौका दिया चर्चा मंच पर....!!
    साथ ही ढेर सारे अच्छे लिनक्स देने के लिए भी शुक्रिया.....!!
    और आपके इस अथक प्रयास के लिए धन्यवाद....!!

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  16. देर से पहुचने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ.
    सुन्दर लिंक्स ...हमारी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए आपका आभार

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  17. shukriya...post shamil karne ke liye :)

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