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शुक्रवार, अक्टूबर 07, 2011

वीरांगना दुर्गा भाभी - चर्चा मंच-660


 1)

श्रीराम जन्म- ऋता की कविता में

मैं श्रीराम कथा को कविता के रूप में प्रस्तुत करने जा रही हूँ| 
इस श्रृंखला की प्रथम कविता आपके सामने प्रस्तुत है| 
आपकी छोटी सी प्रतिक्रिया भी मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है|

श्रीराम जन्म
प्रतीक्षा हुई खत्म, बस आने को है वह मधुर वेला|
पधारेंगे परम नारायण विष्णु बन  के  राम लला||

2)

मौन हैं : लता. सचिन और अमिताभ

ईश्वर जब भी  चाहता है कुछ अनोखा करना
भेजना चाहता है कोई अद्भुत सन्देश
छेड़ना चाहता है सुर लहरी
खेलना  चाहता है बच्चों जैसे खेल
संबारना चाहता है धरती का आँचल
दमन करना चाहता है अनीति का
मिटाना चाहता है पापियों  को समूल

3)

स्टीव जाब्स : तकनीक का जादूगर

अभी थोड़ी देर पहले खबर आई कि दुनिया को अपने  अद्भुत उत्पाद से चमत्कृत करने वाले स्टीव जॉब्स नहीं रहे.हिंदुस्तान के लोग उनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते पर 'एप्पल' की वज़ह से जितना जानते हैं उससे ज्यादा की शायद ज़रुरत भी नहीं है.

'एप्पल' के मैकबुक,आइपाड,आई-पैड और आई फ़ोन'  की पहुँच से आम भारतीय भले बाहर रहा हो लेकिन इन सभी के प्रति दीवानगी सबमें रही है.'एप्पल' के स्टोर अब भारत में भी कई जगह  हैं और इन्हें न ले पाने वाले भी इसके चमत्कारी और जादुई अनुभव के गवाह हैं.इन उत्पादों में लगातार बाज़ार के दबाव के चलते समय-समय पर ज़रूरी बदलाव हुए  हैं ,कीमतें भी कुछ कम हुई हैं !

मन में रह-रह कर ख़्याल आता है कि अगर किसी एक सबसे बड़े खलनायक का नाम लेने को कहा जाए तो सबसे पहले किसका नाम आएगा? आज विजयदशमी है, इसलिए उत्तर भी हठात्‌ ही सूझ गया – “रावण”। कहते हैं इसके एक-दो नहीं बल्कि पूरे दस सिर थे! और जब वह किसी सुर पर विजय प्राप्त करने की ख़ुशी में अट्टहास लेता था तो आकाश से लेकर पाताल तक पूरा ब्रह्मांड डोलने लगता था।

बुढाकेदार से पैदल यात्रा के लिये दूरी आज आपको PANWALI KANTHA पवाँली कांठानाम के शानदार बुग्याल के बारे में बता रहा हूँ। इस दिलकश जगह पर मैं दो बार गया हूँ। यहाँ जाने के लिये दिल्ली के मुख्य बस अडडे से उतरा..

6)

श्रद्धेय वीरांगना दुर्गा भाभी के जन्मदिन पर

एक शताब्दी से थोडा पहले जब 7 अक्टूबर 1907 को इलाहाबाद में पण्डित बांके बिहारी नागर के घर एक सुकुमार कन्या का जन्म हुआ तब किसी ने शायद ही सोचा होगा कि वह बडी होकर भारत में ब्रिटिश राज की ईंट से ईंट बजाने का साहस करेगी। बच्ची का नाम दुर्गावती रखा गया। दस महीने में ही उनकी माँ की असमय मृत्यु हो जाने के बाद वैराग्य से घिरे पिता ने उन्हें आगरा में उनके चाचा-चाची को सौंपकर सन्न्यास की राह ली।


चाहती थी प्रीत बंजारन के पांव में बिछुए पहनाना मोहब्बत के नगों से जड़कर बनाना चाहती थी एक नयी इबारत एक नयी उम्मीद एक नया अहसास मोहब्बत के लिबास का पर मोहब्बत ने कब लिबास पहना है कब नग बन किसी अहसास

8)

किंकर्त्तव्यविमूढ़ता

किया था वादा मैंने माँ से
करूँगा पूरी अंतिम इच्छा.
हो गयी खुश माँ स्नेह से बोली,
ले चल अब गंगाघाट मुझे,
वहीँ लूँगी मै राहत की श्वांस.

9)

छजल (छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल)

सभी सम्माननीय मित्रों को सादर नमन. नवरात्रे की तिथियाँ बिदा ले रही हैं... आज दुर्गा नवमी को जगतजननी माँ अंबे के चरणों में यह  "छत्तीसगढ़ी ग़ज़ल" ब्लॉगर भाई ललित शर्मा  के अनुसार नया नामकरण  'छजल' सादर समर्पित है...

तोर अंचरा के छईंया म मैया रहँव                   
में ह जिनगी भर तोरे जस ल गावँव

 10)

हर उठती आवाज को दबाने पर आमादा है कांग्रेस

 बीते कुछ महीनों में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पूरी तरह से अपनी इज्जत गंवा चुकी कांग्रेस अब पूरी तरह से अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज को दबाने पर आमादा हो गई लगती है। अन्ना हजारे को दबाने की पूरी तैयारी कर ली थी कांग्रेस नेे, वो तो अपार जनसमर्थन को देखकर पीछे हट गई। बाबा रामदेव के साथ कांग्रेस ने कैसा व्यवहार किया, ये हर कोई जानता है। यहां तक कि अन्ना हजारे से भले ही कांग्रेस डर गई हो, लेकिन उनके सहयोगियों- अरविंद केजरीवाल, शांति भूषण और किरण बेदी- के खिलाफ तो उसने हरसंभव षड़यंत्र रचे, किसी के खिलाफ मुकद्मा दर्ज कराया, तो किसी को कानूनी दांव-पेंच में फंसाया।


 दिनेशराय द्विवेदी  अनवरत   पर --
मनुष्य जीवन का आरंभ समूह में ही हुआ था। उस के बिना उस का जीवन संभव नहीं था। लेकिन एक प्रश्न हमारे सामने आता है कि पशु अवस्था से मानव अवस्था में संक्रमण के समय इस समूह का संस्थागत रूप क्या रहा होगा...


12)

ग़ज़ल : अच्छे बच्चे सब खाते हैं

अच्छे बच्चे सब खाते हैं
कहकर जूठन पकड़ाते हैं

कर्मों से दिल छलनी कर वो
बातों से फिर बहलाते हैं

खत्म बुराई कैसे होगी
अच्छे जल्दी मर जाते हैं

13)

अमरीका, पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान - एक त्रिकोणीय़ पहेली


यह तीन नाम आजकल अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छाये हुये हैं। भारत में इस विषय पर कुछ खास चर्चा नही हो रही और जाहिर है सरकार भी अन्ना और बाबाओं के हाथों अपनी फ़जीहत से बचने में इतनी व्यस्त है कि इस मामले को गंभीरता से संभालेगी इस बात में शक ही नजर आता है।  अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई साहब के हालिया  भारत  दौरे के मद्देनजर इस पूरे मामले को समझना इंतिहाई जरूरी और भारत के हितो के लिये महत्वपूर्ण भी है।

"दशहरा" एक विजय उत्सव अच्छाई पे बुराई का | या एक शर्मसार दिन संदेश जिसका पति से बेवफ़ाई का || नहीं पता मुझको शायद तुमको भी नहीं | ये दिन याद दिलाता हैं मुझे मिले जो "दर्द" और बस दर्द सीता को

  ,माँ वैष्णोदेवी कुल्लू हिमाचल गुफा के अन्दर का दृश्य अँधेरा …घुटुरुवन जाओ और माँ के बच्चे सा निकल पडो … माँ व्यास नदी के किनारे विराजमान अपने भक्तों की प्...

16)

गोया लुटने की तैयारी ...

मिट्टी का घर मेघ से यारी
गोया लुटने की तैयारी

जी भर के जी लो जीवन को
ना जाने कल किसकी बारी

दशानन ---------- लंकाधिपति रावण के, दस सर थे ,पर, पेट एक ही था झुग्गीवाली गरीबी के रावण के भी, दस सर होते हैं, मगर पेट भी दस होते है इसीलिये, एक राज करता था, दूसरे रोते है मदन मोहन बाहेती'घोटू'

18)

स्वप्न, परी और प्रेम.


नादान आँखें.


बडीं मनचली हैं 
तुम्हारी ये नादान आँखें 
जरा मूँदी नहीं कि 
झट कोई नया सपना देख लेंगी. 
इनका तो कुछ नहीं जाता 
हमें जुट जाना पड़ता है 
उनकी तामील में

19)

दशहरा

दश- हारा 
मनाते रहे विजयोत्सव ,
जलाते रहे  पुतले ,,
न जल सका रावण,
न जल सकी  उसकी  स्वर्ण  लंका ,
उत्तरोत्तर प्रगति की ओर,
 वन में रही ,
अब महलों में भी, नहीं
 सुरक्षित सीता !
भाई भी , लक्षमण 
कहाँ  रहा ?
भरत , ताक  में ,
कहीं लौट न आयें  राम /

  20)

दर्पण


दर्पण जो आज देखा वो मुंह चिढ़ा रहा था
चेहरे की झुर्रियों से बीती उम्र बता रहा था।
कब कैसे कैसे वक्त सारा निकल गया था
कुछ याद कर रहा था मैं कुछ वो दिला रहा था।

21)

मैं तो चला राधे राधे करने ...


विगत सप्ताह सागर से भोपाल जैसे तैसे पहुँचने के बाद कुछ अच्छा महसूस नहीं हो रहा था तो तत्काल वापिस अपने घर जबलपुर पहुँच गया . नवरात्र पर्व में जबलपुर में जोरदार धूम मची हुई थी . कहीं गरबा कहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हो रहे थे . कल पंजाबी दशहरा समारोह आयोजित किया गया और रावण के पुतले का दहन का दिया गया .

22)

नही बता पाउंगी की साँसे लेती हूँ कैसे...........!

                                        तुम्हारे संग रहती हूँ ऐसे,                                           
दिया संग बाती हो जैसे....

तुमसे प्यार करती हूँ ऐसे,
सागर में बूंद रहती हैं जैसे....

तुम्हारा इंतज़ार करती हूँ ऐसे,
पिया के इंतज़ार में बरसो से
पपीहा पुकारती हो जैसे.....

तुम्हारे हर सफ़र पर साथ चलती हूँ ऐसे,
तुम संग परछाई रहती हो जैसे......

तुम्हे खुद में महसूस करती हूँ ऐसे,
दिल में धड़कने धड़कती है जैसे.....

तुम्हे कैसे बताऊ,
कि प्यार करती हूँ तुम्हे,
कितना और कैसे?
नही बता पाउंगी की साँसे लेती हूँ कैसे...........!

23)

शुभकामना

"आज राम ने जीती लंका ,
और बजाया विजय का डंका ।
हुई पराजित आज बुराई ,
फिर से जीत गयी अच्छाई ।
काश ! देश में ऐसा होवे ,
अच्छाई का मान न खोवे ।
हारें सारे गलत इरादे ,
पूरे हों जन - जन से वादे ।
शासकगण हों उत्तरदायी ,
बने माहौल जन -सुखदायी ।
हो साकार बस ऐसा सपना ,
यही दशहरा पर शुभकामना ।"

23 टिप्‍पणियां:

  1. सभी लिंक्स अच्छे लगे|मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार|

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  2. वाह जी वाह, आज की चर्चा के क्‍या कहने1

    विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
    ------
    एक यादगार सम्‍मेलन...
    ...तीन साल में चार गुनी वृद्धि।

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  3. बहुत सुन्दर चर्चा की है आपने आज!
    मैं तो अभी किसी प्रयोजन विशेष में उलझा हुआ हूँ!
    शायद कल तक फ्री हो जाऊँ!
    अन्यथा रविकर जी का प्रकाश तो चर्चा को आलोकित कर ही देगा रविवार को।

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  4. बहुत ही अच्छे लिकंस लाये है आप... बहुत बहुत शुक्रिया की इन लिनक्स मेरी रचना को स्थान दिया आपने.... आपका आभार....

    जवाब देंहटाएं
  5. अच्छी चर्चा के लिए बधाई और दशहरे कि हार्दिक शुभकामनाएं |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  6. मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार|

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुन्दर लिंक संकलन्…………शानदार चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत मेहनत से संकलित किए गए लिंक हैं। इस श्रम को नमन, शानदार चर्चा। मुझे स्थान देने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  9. सुन्दर रंग विरंगी चर्चा.आभार मेरे ब्लॉग को शामिल करने का.

    जवाब देंहटाएं
  10. अच्छी चर्चा...अच्छे लिंक्स...
    सादर आभार....

    सादर निवेदन: लिंक्स के लिए एक अलग विंडो खुले तो भ्रमण ज्यादा सुगम होगा...
    विजयादशमी की सादर बधाइयां...

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  11. बहुत बढ़िया प्रस्तुति ......

    जवाब देंहटाएं
  12. विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
    अच्छी चर्चा , बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  13. सुन्दर चर्चा, विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  14. चर्चा की रंगमयी प्रस्तुति ने मन मोह लिया। अच्छे लिंक्स भी मिले।

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  15. अच्छे लिंक्स .
    विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  16. Bahut si naye aur achchhe links ke sath prastut yah charcha bhi achchhi lagi..hardki abhar aur shubhkamnayen...
    Poonam

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