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शनिवार, अक्तूबर 22, 2011

"तुम्हारी लीला तुम ही जानो-साहब आए और गये " (चर्चा मंच-675)

मित्रों!
प्रस्तुत है शनिवार की चर्चा!

क्या नाम दूँ........


अपनी इस पोस्ट को क्या नाम दूँ समझ में नहीं आ रहा है। सभी के जीवन में एक शब्द होता है उम्मीद, वो उम्मीद जो अकसर हम चाहे अनचाहे दूसरों से लगा बैठते हैं। कई बार यूँ भी होता है कि हम जानबूझ कर किसी से कोई उम्मीद लगाते है और उस उम्मीद के पूरा होने की आशा भी करते हैं। जैसे अगर मैं एक उदाहरण के तौर पर कहूँ कि पढ़ाई को लेकर माता-पिता की उम्मीद बच्चों से होती है। सभी यही चाहते हैं कि उनका बच्चा अपनी कक्षा में अव्वल दर्जे पर आये। पूरी कक्षा में उनके ही बच्चे के सबसे अच्छे अंक हो वगैरा-वगैरा। आखिर कौन नहीं चाहता कि उनका बच्चा तरक़्क़ी करे फिर भले ही उसका क्षेत्र कोई भी क्यूँ न हो, कोई भी क्षेत्र से यहाँ मेरा तात्पर्य है, जीवन में आगे बढ़ने का कोई भी सही रास्ता, ना कि कोई गलत तरीके से किसी गलत रास्ते को अपना लेना। इस प्रकार सभी के जीवन में अलग-अलग मुक़ाम पर अलग-अलग उम्मीदें जुड़ती चली जाती है।....
अमरप्रेम का दीपक

कैनवास

कितने चेहरे आये मेरी जिंदगी के कैनवास में

पर तेरे वज़ूद के सिवा किसी और में
भर ही नहीं पाई अपनी मोहब्बत के रंग ..... मैं
औरत नहीं कठपुतली
अनगिन हाथों में डोरी
रंगमंच पर घूमती फिरकी
सब चाहते उसमें अपना किरदार...
और अन्त में यह कार्टून!

27 टिप्‍पणियां:

  1. खूबसूरत चर्चा के बीच मेरी रचना को जगह देने के लिए शुक्रिया,शास्त्री जी.

    जवाब देंहटाएं
  2. aaj ki khoobsurat charcha me bahut achche link mile.meri ghazal ko shamil karne ke liye haardik aabhar.

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत उम्दा चर्चा ,
    शुक्रिया .

    जवाब देंहटाएं
  4. मेरे कार्टून को शामिल करने के लिए
    धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  5. खूबसूरत चर्चा के बीच मेरी रचना को जगह देने के लिए धन्यवाद|

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर लिंक्स संकलन...मेरी रचना को स्थान देने के लिये आभार..

    जवाब देंहटाएं
  7. अच्छा चयन, मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  8. Kuch alag sa laga Charcha Manch main aana..... ise padhna.... bahaut hi badhiya rachnayain.....
    Cartoons ke kya kahane
    choti si meri rachna...yahan jagah pa gayi.... bahaut abhaut dhanyavad
    Aage bhi yun hi badhiya rachnayain padhne ko milengi.. aasha karti hun
    Sadhuvad

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुन्दर लिंक संयोजन्………अच्छी चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  10. कार्टून का ज़वाब नहीं ...सुन्दर लिंक्स

    जवाब देंहटाएं
  11. चर्चा मंच कि प्रस्तुति बहुत हि अच्छी रही|
    धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  12. वटवृक्ष पर प्रकाशित मेरी रचना को यहाँ लिंक करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर!

    सादर

    जवाब देंहटाएं
  13. चर्चा में लिख तो हैं, कुछ और परिचय देते तो पाठकों को सुविधा होती।

    जवाब देंहटाएं
  14. बेहतरीन लिंक्स का बेहतर संकलन... मजेदार... कोशिश करुंगा सबों को एक एक कर पढ़ने की... एक बाऱ फिर बेहतरीन लिंक्स की चर्चा सजाने के लिए बधाई...

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत अच्‍छी चर्चा .. लिंकों के लिए आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  16. विस्तृत चर्चा ...
    चर्चा में शामिल किये जाने का आभार!

    जवाब देंहटाएं
  17. सुन्दर सार्थक चर्चा.बहुत आभार आपका.

    जवाब देंहटाएं

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