दोस्तों! मैं चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ आप सब के प्रेमपाश में आबद्ध होने और लेखकीय वृत्ति का लोभ संवरण न कर पाने के कारण फिर हाज़िर हूँ सोमवासरीय चर्चामंच पर बहुरंगी चर्चा लेकर। हाँ! प्रेम की ही ऊर्जा से ही ऊर्जान्वित हुआ, वर्ना तो मेरा धैर्य जवाब ही दे चुका था। दरअसल मेरा ही नहीं सम्पूर्ण चेतना का सतत् प्रवाह ऊर्जा पर ही निर्भर करता है और आज के दौर में बिजली ही ऊर्जा का पर्याय बन गयी है। वास्तव में हमारे पूरे कस्बे से बिजली देवी इस समय रूठ सी गयी हैं। रूठने का कारण भी है- यह कि देवी-देवता भी बिना मान-मनौवल तथा चढ़ावे के अपनी कृपा की बारिश करने से रहे। यदि वो अपना सहज धर्म समझकर राज़ी भी होने की सोचें तो बिचौलिए पण्डा और दलाल भला कहाँ उन्हें राज़ी होने दें। अब तो देवी-देवताओं से ज़्यादा पण्डा और दलालों की मान-मनौवल और चढ़ावे को ग्रहण करने की आदत पड़ गयी है। सो तनिक व्यतिरेक होने पर उनके गुस्से का शिकार होना लाज़िमी है। कहते हैं न! कि एक बार शेर के मुँह आदमी का ख़ून लग जाय तो वह आदमख़ोर हो जाता है। कारण तो पता नहीं पर यह भी अनुभूत सत्य है कि जो भक्त जितना भारी चढ़ावा चढ़ाता है दलालों के चलते माँ की कृपा भी उसपर उतनी ही होती है। जो कृपा सहज प्राप्त होनी चाहिए वह भ्रष्ट दलालों के मार्फ़त कितनी असहज और औपचारिक हो गयी है। यूँ समझिए कि आजकल ख़ानापूर्ति ही हम लोगों के हिस्से में है।
विडम्बना यह कि हमें है उनसे (सरकार से) वफ़ा (भ्रष्टाचार निवारण) की उम्मीद, जो नहीं जानते वफ़ा क्या है? अतः हम आह्वान करते हैं अपने प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों का कि वे मानव-स्वास्थ्य के लिए हानिकर तमाम जीवाणुओं और विषाणुओं की प्रतिरोधक वैक्सीनों की खोज़-प्रक्रिया कुछ समय तक स्थगित करके समाज-स्वास्थ्य के मद्देनज़र भ्रष्टाचार के विषाणुओं की प्रतिरोधी वैक्सीन ख़ोजने की ज़ेहमत उठायें तो उनका यह अवदान निश्चित ही सम्पूर्ण मानवता के लिए ईश का सर्वोत्कृष्ट और रहस्यमयी वरदान साबित होगा।
हमारे यहाँ हुआ यह कि अबकी नवरात्रि में कस्बे के व्यापारी बन्धु शक्ति की देवी माँ दुर्गा की पूजा में इतने निमग्न हो गये कि साक्षात् शक्ति बिजली मइया और उनके दलालों के मान-मनौवल तथा चढ़ावे में क़ोताही कर दी गयी। तब से भुगत रहे हैं हम सभी मइया और उनके दलालों के क्रोध का दंश। इस समय बिजली मइया के दर्शन महज़ औपचारिकतावश केवल चार घण्टे के लिए ही हो पाते हैं वह भी तब जब गहन निद्रा में सोने का वक्त होता है, रात्रि 12 से सुबह 4 बजे तक। अब कोई कर्मठ, वीर माई का लाल ही इस बेला में जागकर बिजली मइया की उपस्थिति और दर्शन का लाभ प्राप्त कर सकता है। आज की यह प्रस्तुति निश्चित रूप से हमारे वीर, कर्मठ और सुयोग्य माई का लाल होने की सनद है।
मैं उम्मीद करता हूँ कि इधर कुछ दिनों से चर्चामंच पर या यूँ कहें तो अन्तर्जाल पर ही मेरी अनुपस्थिति को उपरोक्त कारण का प्रतिफलन समझकर आप सभी अन्यथा नहीं लेंगे और आभार व्यक्त करता हूँ चर्चामंच के अपने सहयोगियों ख़ासकर भाई दिनेश गुप्त जी ‘रविकर’ का जिन्होंने मेरी मज़बूरी को समझते हुए मेरे लिए निर्धारित दिवस पर भी चर्चा लगायी। आप सभी को धनतेरस और प्रकाश-पर्व दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामना। यक़ीनन हमारी रामकहानी से अब तक आप सब ऊब चुके होंगे सो आनन्द लें लिंकों का-
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नं. 1-
प्रथमतः दीवाली के अवसर पर आप सब आनन्द लें भाई देवेन्द्र पाण्डेय जी की प्रस्तुति 'उफ्फर पड़े ई दशमी दीवारी' का
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2-
डॉ.व्योम 'स्वर्ण-मृगों से छले गये'
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3-
'झिलमिल झिलमिल झिलमिल' वाह! भाई महेन्द्र वर्मा क्या बात है
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4-
'महिलाओं में बढ़ रहा है तनाव' यह चिन्ता केवल कुमार राधारमण जी की नहीं बल्कि सारे समाज की होनी चाहिए
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5-
'भारतीय काव्यशास्त्र-88' -आचार्य परशुराम राय, प्रस्तोता हरीश प्रकाश गुप्त
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6-
राजभाषा हिन्दी पर 'फूलहार से स्वागत' हो रहा है पधारो! जी पधारो!
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8-
रश्मि प्रभा जी की कुछ हँसी कुछ झगड़े ‘मैं कुछ कुछ रह गया था यहीं कहीं!’
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9-
‘गुम हुई नदियां’ -हरदीप कौर सन्धु
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10-
'भारी पड़ती है स्तन गांठों की अनदेखी' -वीरूभाई!
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11-
'यह गुन साधन से ना होई । तुम्हरी कृपा पाय कोई कोई' -राजीव भाई 'कुलश्रेष्ठ'
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12-
प्रियंका राठौर जी! 'क्या भूलूं कैसे भूलूं...'
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13-
'सार-वत्त' प्रस्तुत कर रही हैं अमृता तन्मय जी
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14-
'आज फिर मौसम बदलने लग गया' -डॉ. विजय कुमार शुक्ल ‘विजय’
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15-
'कल आज और सच्चाई' बता रहे हैं सुनील कुमार भाई
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16-
डॉ. नूतन गैरोला का अमृतरस...'नागफनी और गुलाब'
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17-
सदा 'मौन होकर भी...'
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18-
बबन पाण्डेय! ‘दोष किसका’
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19-
भाई संतोष कुमार के 'दिल में अभी दर्द का तूफ़ान बाकी है'
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20-
'अबकी दीपावली कुछ यूँ मनाते हैं' डॉ. जे. पी. तिवारी
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21-
'हर आइना कमजोर है' -डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ उच्चारण
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22-
भाई उदयवीर सिंह जी के ब्लॉग उन्नयन पर 'देश-दिवाली'
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23-
'फेसबुक न होता तो क्या होता' यह बता रहे हैं CS Devendra K Sharma "Man without Brain"
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24-
'दीवाली के पर्व पर,बरस रहा है नूर' और बरसा रहे हैं कुंवर कुसुमेश भाई
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25-
'द वेरी बेस्ट कस्टमर सर्विस' मो सम कौन कुटिल खल...-संजय
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26-
'पाइए ग़लत धारणाओं से मुक्ति' -डॉ. अनवर जमाल
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27-
"ग्राम चौपाल" पर देखिए 'दिवाली में राम वन गमन मार्ग एवं हाईटेक पटाखे' -अशोक बजाज
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28-
नीम-निम्बौरी पर रविकर की तरफ़ से दिवाली की 'शुभकामनाएं' स्वीकारें
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29-
कभी 'मैंने आहुति बन कर देखा,यह प्रेम यज्ञ कि ज्वाला है....!!!' और कभी 'वो दिया मैं खुद बन जाउंगी' -सुषमा आहुति
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20-
'अबकी दीपावली कुछ यूँ मनाते हैं' डॉ. जे. पी. तिवारी
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21-
'हर आइना कमजोर है' -डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ उच्चारण
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भाई उदयवीर सिंह जी के ब्लॉग उन्नयन पर 'देश-दिवाली'
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23-
'फेसबुक न होता तो क्या होता' यह बता रहे हैं CS Devendra K Sharma "Man without Brain"
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'दीवाली के पर्व पर,बरस रहा है नूर' और बरसा रहे हैं कुंवर कुसुमेश भाई
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'द वेरी बेस्ट कस्टमर सर्विस' मो सम कौन कुटिल खल...-संजय
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26-
'पाइए ग़लत धारणाओं से मुक्ति' -डॉ. अनवर जमाल
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"ग्राम चौपाल" पर देखिए 'दिवाली में राम वन गमन मार्ग एवं हाईटेक पटाखे' -अशोक बजाज
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28-
नीम-निम्बौरी पर रविकर की तरफ़ से दिवाली की 'शुभकामनाएं' स्वीकारें
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29-
कभी 'मैंने आहुति बन कर देखा,यह प्रेम यज्ञ कि ज्वाला है....!!!' और कभी 'वो दिया मैं खुद बन जाउंगी' -सुषमा आहुति
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और अन्त में
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आज के लिए इतना पर्याप्त होगा, धनतेरस और दीपावली की पुनः ढेरों शुभकामनाएं, फिर मिलने तक नमस्कार!
सटीक सार्थक चर्चा का लाजबाब प्रस्तुतिकरण
जवाब देंहटाएंबिजली की घोर समस्या के बाद भी
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ जी
आपका बहुत बहुत आभार
बहुत सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार आपका!
धनतेरस की शुभकामनाएँ!
बहुत सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार आपका!
धनतेरस की शुभकामनाएँ!
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ जी
दिवाली की धमाकेदार चर्चा ,
जवाब देंहटाएंधनतेरस व दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
सुन्दर चर्चा मंच सजाया है आपने,गाफिल जी.
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान दिया,आभार.
धनतेरस व दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं .
अत्यन्त पठनीय सूत्र।
जवाब देंहटाएंगंभीर चर्चा और सुन्दर लिंक्स |
जवाब देंहटाएंदीपावली पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
आशा
स्वागत है गाफिल जी |
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें --
उफ्फर पड़े खूब जोर सड़े, दुश्मनी ये ऊर्जा नाध रही |
फंस गयी दलालों के चंगुल, पहले यह सदा अबाध रही |
यह बाह्य ऊर्जा बाधित अब, सुविधा थी साडी हवा हुई --
अब अंतर-ऊर्जा ही बंधू, यह मंच यह चर्चा साध रही ||
बहुत ही सुन्दर चर्चा..... बहुत बहुत आभार अपने अपनी चर्चा हमें शामिल किया..... दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये.....
जवाब देंहटाएंbahut sundar saarthak aur samyik links ke saath charcha prastuti hetu aabhar!
जवाब देंहटाएंDeep parv kee haardik shubhkamnayen!
छुट्टी में पढ़ुंगा। लिंक खूबसूरती से सजाये हैं आपने। चकाचक की चर्चा से मंच भी धनी हुआ।
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंदीपावली के आलोक से सजी सुंदर चर्चा।
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
Bahut hi sunder charcha aur behad shaandaar links ek se badhkar ek. Meri rachna ko shamil karne ke liye bahut bahut dhaynwaad.
जवाब देंहटाएंShukriya .
जवाब देंहटाएंअच्छी खबर अब यह है की स्वामी जी की यह पुस्तक अब भारत जनसेवा प्रकाशन, नई दिल्ली ने अच्छे तरीके से प्रकाशित की है.इस किताब को मंगवाने के लिए इन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है- 09212117559, 09212567559
और जल्दी ही यह पुस्तक अँग्रेज़ी,उर्दू में आएगी, स्वामी जी नेकदिल इंसान है और वे पूरे मुल्क में इस्लाम के संदेश को लोगों को बता रहें.
इस्लाम आतंक ? या आदर्श
बहुत ही अच्छे लिंक्स संयोजन के साथ मेरी रचना को स्थान देने के लिये आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंधनतेरस की शुभकामनाएँ
अच्छी चर्चा.... सुन्दर लिंक्स
जवाब देंहटाएंसादर आभार...
बहुत ही अच्छे लिंक्स संयोजन के साथ मेरी रचना को स्थान देने के लिये आभार !!!
जवाब देंहटाएंसुंदर मंच सजा है।
जवाब देंहटाएंधनतेरस और दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं!
very nice.happy diwali.
जवाब देंहटाएंबहुत मेहनत से जुटाए गए लिंक हैं।
जवाब देंहटाएंbahut khoobsurat charcha...isme meri post shamil karne ke liye bahut bahut dhanybad....aabhar
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा………दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच की आज की चर्चा देखी|
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे अच्छे और सुन्दर रचनाओं को पढ़ने का सुअवसर मिला|
साधुवाद!
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
chandankrpgcil.blogspot.com
ekhidhun.blogspot.com
dilkejajbat.blogspot.com
पर कभी आइयेगा| मार्गदर्शन की अपेक्षा है|
बहुत सुन्दर लिंक्स हैं।
जवाब देंहटाएंधनतेरस व दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं .........
चर्चा मंच पर आपका आह्वान और इतने सारे लिंक देकर आपने इसे बहुत सुन्दर सजाया है।
जवाब देंहटाएंमनोज ब्लॉग से भारतीय काव्यशास्त्र-88 को इस चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद।
धनतेरस और दीपावली की बहुत बहुत बधाई।
सुन्दर चर्चा.
जवाब देंहटाएंआप और आपके परिवार को दिवाली की ढेरों शुभकामनायें.
सुंदर चर्चा।
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंकस्।
सभी ब्लागर बंधुओं को सपरिवार दीप पर्व की शुभकामनाएं....
आप सभी का बहुत-बहुत आभार जो इस मंच पर आकर इसको सफल बनाए। दीपावली की पुनः ढेरों शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंचन्द्रभूषण जी ! बेहद सुन्दर चर्चा..बिजली की खटकती कमी के बाद भी... उम्दा ...और मेरी पोस्ट को चर्चा में स्थान देने के लिए आभार ...
जवाब देंहटाएं