विकास के मामले में मोदी से पीछे नहीं हैं माया-रिपोर्ट
हाथी पर अब बैठ, ठगिन-माया को भोगो-
*लोगों ने हरदम किया, महापलायन खूब |*हाथी जो होता नहीं, यू पी जाता डूब |
*यू पी जाता डूब, बड़ी किरपा की बहना |
*यन यस पी डी खूब, सजे गुजराती गहना |
*हाथी पर अब बैठ, ठगिन-माया को भोगो |
*बढ़िया तर्क - रिपोट, लौट कर आओ लोगों ||
अ-हरिगीतिका -लिंक १ से 4
षड्यंत्रों का जाल रच रहे, सब दुश्मन रहे सता
प्रेम-नगाड़ा बात बिगाड़ा, पाण्डेय रहे बता
राधा बनी श्याम सी साँवर, पर वन्दन देत जता
"दीपक का त्यौहार आ गया तू कर ले रूप पता
प्रेम-नगाड़ा बात बिगाड़ा, पाण्डेय रहे बता
राधा बनी श्याम सी साँवर, पर वन्दन देत जता
"दीपक का त्यौहार आ गया तू कर ले रूप पता
अ-हरिगीतिका -लिंक ५ से८
दीपावली के शुभ अवसर पर, चल अरुणिम देख छटा
दो नवगीतों को लेकर के, पूर्व-आभास घटा
राजगीर के दर्शन करके, नीरसता तनिक बटा
राम-राम भाई जी कहता, गिल्टी का रोग लटा
अ-हरिगीतिका -लिंक ९ से १२
वैवाहिक परिप्रेक्ष्य में विंडो, न दैन्यं न पला
रेड टी-शर्ट ब्लू जीन्स में, तनहा यह बड़ा खला
दीपक बाबा की बक बक से, होकर के तंग चला
गुम नदियों को पड़ा ढूँढना, दिल का जो अनल जला
रेड टी-शर्ट ब्लू जीन्स में, तनहा यह बड़ा खला
दीपक बाबा की बक बक से, होकर के तंग चला
गुम नदियों को पड़ा ढूँढना, दिल का जो अनल जला
अ-हरिगीतिका -लिंक 13 से 16
चला बिहारी ब्लॉगर बनने माता का भक्त भला
बस्तर की अभिव्यक्ति -जैसे, झरना फूट चला
महिला-पुरुष विमर्शी गाथा, इतिहासिक दृष्टि डला
शुक्ला बोल पड़े मतदाता, कोलाहल बड़ा खला
बस्तर की अभिव्यक्ति -जैसे, झरना फूट चला
महिला-पुरुष विमर्शी गाथा, इतिहासिक दृष्टि डला
शुक्ला बोल पड़े मतदाता, कोलाहल बड़ा खला
अ-हरिगीतिका -लिंक १७ से २०
अन्तिम छन्द में तो आपने लिंकों को बहुत खूबसूरती से सजाया है!
जवाब देंहटाएंचर्चा क लिए आभार!
सोमवार के लिए चर्चा भाई गाफिल साहिब लगा रहे हैं!
आ गया दीपों का त्यौहार ...
जवाब देंहटाएंबधाई और शुभकामनायें !
छन्दमय चर्चा।
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा...अच्छे लिंक दिये हैं आपने
जवाब देंहटाएं...........धन्यवाद
बहुत सुन्दर छन्दमय चर्चा...आभार एवं दीपावली की शुभकामनाएँ|
जवाब देंहटाएंसंक्षिप्त और सुंदर ।
जवाब देंहटाएंरविवार की प्रात निराली , प्रियवर रविकर संग
जवाब देंहटाएंहरिगीतिका छटा बिखेरे , चहुँ- दिक् नौ-नौ रंग .
नहले पर दहला जैसे , हम रह गये उन्नीस
बीस लिंक्स के साथ रविकर सदा सदा हैं बीस.
मुबारक दीप पर्व .सुन्दर प्रस्तुति मुबारक .बहुत बहुत आभार इस चर्चा सुपर मंच के लिए .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा की है…………दीप पर्व की शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंrajgir par likha lekh ...sundar lagaa ...//
जवाब देंहटाएंmeri kavita ka link dene ke charcha manch ka aabhar
शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा बधाई...आपका और शास्त्री जी का सहयोग के लिए बहुत-बहुत आभार। सोमवार की चर्चा मैं लगा रहा हूँ।
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा/अच्छे लिंक
जवाब देंहटाएंनए अंदाज में सुन्दर चर्चा....
जवाब देंहटाएंसादर आभार....
चर्चा का अंदाज निराला
जवाब देंहटाएंचंद छंद में सब कह डाला
अलग अलग मनका है सुन्दर
और अनोखी यह मणिमाला
लिंकस की सजी हुई थाली
जवाब देंहटाएंछंदमयी चर्चा बडी निराली ।
आभार
सुन्दर प्रस्तुतीकरण,
जवाब देंहटाएंऐसे तो चर्चा मंच में हर रोज हि अच्छी रचनाएँ मिलती है पढ़ने को पर आज तो बस आनंद आ गया|
जवाब देंहटाएंअब से नियमित आता रहूंगा!
आप सबों को दिवाली कि हार्दिक शुभकामनायें!
धन्य हुए यह देखकर,हमहूँ पा गये स्थान,
जवाब देंहटाएंरविकर जी चर्चा करें और सुनें "बिहारी"लाल!
घ् अपने ब्लाग की काब्यमय चर्चा को इस पोस्ट में पाकर अनुग्रहीत हुआ हू
जवाब देंहटाएंदीपावली की हार्दिक शुभकामनाऐं!!
दीवाली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
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