आज की चर्चा में आप सबका स्वागत है
ग्रीष्म ऋतु बीत चुकी है सर्दी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है . इस बदल रहे मौसम के साथ ही Open Books Online पर सजी है रंग-बिरंगे मौसम की छटा, जिसमें छंदों के कई रंग हैं, रसों के कई रंग हैं.
अब चलते हैं चर्चा की ओर
गद्य रचनाएँ
पद्य रचनाएँ
ग्रीष्म ऋतु बीत चुकी है सर्दी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है . इस बदल रहे मौसम के साथ ही Open Books Online पर सजी है रंग-बिरंगे मौसम की छटा, जिसमें छंदों के कई रंग हैं, रसों के कई रंग हैं.
अब चलते हैं चर्चा की ओर
गद्य रचनाएँ
- बाल दिवस पर मयंक जी की दो पुस्तकों का विमोचन हुआ. विमोचन की रिपोर्ट पढ़िए ब्लॉग शब्दों का दंगल पर.
- अखिल भारतीय साहित्य कला मंच :साहित्यकार सम्मान समारोह 2011 की रिपोर्ट पढ़िए ब्लॉग पूर्वाभास पर.
- बैंकाक में सम्मानित होंगे हिंदी रचनाकार अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में - सुधीर शर्मा की रिपोर्ट.
- तकनीकी जानकारी - तस्वीर लगाने से सम्बन्धी, जो ब्लोगरों के लिए काफी लाभकारी हो सकती है, देखिए ब्लॉग टिप्स हिंदी में पर.
- लोकसंघर्ष ब्लॉग पर चिंता है प्रदेश विभाजन की.
- पढ़िए भारतीय मूल के अंग्रेजी लेखक रस्किन बोंड के पहले उपन्यास के प्रकाशन पर उनकी प्रतिक्रिया.
- बच्चों द्वारा त्यागे माँ-बाप के दुःख को बयाँ करती सुनील कुमार जी की लघुकथा - ओल्ड एज होम.
- राजपूत वर्ल्ड पर दिखाई गईं हमारी कुछ भूलें.
- नन्हीं ब्लोग्गर अक्षिता पाखी की धूम देखिए आजमगढ़ ब्लोगर्स एसोसिएशन पर.
- ब्लॉग खरी-खरी पर पढ़िए प्रश्नोत्तर स्टिंग ओपरेशन पर.
- पूनम कुलश्रेष्ट जी सुना रही हैं विदाई का आँखों देखा हाल.
पद्य रचनाएँ
- सदा को मिल गई है वजह जीने की. आपको ?
- पुरवा बयार के आने पर जिन्दगी खूब खिलखिलाती है - देखिए उच्चारण ब्लॉग पर.
- वटवृक्ष पर अरुण देव जी धर्म और प्रेम को तराजू में तोल रहे हैं . कोई बताए उन्हें ईश्वर से प्रेम का रास्ता.
- त्रिवेणी पर पढ़िए प्रो.देवेन्द्र सिद्धू जी के तांका फिर आएं बहारें.
- ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के हिंदी लेखक प्राण शर्मा जी की ग़ज़ल देखिए परिकल्पना ब्लोगोत्स्व पर.
- हसीन रास्ते के बारे में बता रही हैं डॉ. नूतन गैरोला जी.
- हिंदी हाइगा ब्लॉग पर हैं ओरिजिनल हाइगा.
- यादों के समुन्द्र में अटखेलियाँ कर रही है दर्शन कौर धनोए जी.
- चाँद के होंठ चूम रही हैं उफनती हुई लहरें हिंदी हाइकु ब्लॉग पर.
- नव्या पर हैं चन्द्रसेन विराट जी के दोहे - इतनी सी थी हैसियत.
- बीती जिन्दगी के सफर को पुन: देख रही हैं डॉ जेन्नी शबनम जी.
- क्षणिकाओं में बहुत कुछ कह रहे हैं डॉ. राजेन्द्र तेला निरतंर जी.
- रचनाकार पर ज्योति चौहान जी कह रही हैं की - काश की होता सब वैसा .
- एक कुएँ का खारा पानी तो एक अमृत का सागर - देखिए बुद्धि और दिल को मन पाए विश्राम जहाँ ब्लॉग पर.
अंत में ब्लॉग देशनामा पर देखिए दफनाने के बाद कैसे जलाया जाता है
आज की चर्चा में बस इतना ही
धन्यवाद
दिलबाग विर्क
आज की चर्चा में बस इतना ही
धन्यवाद
दिलबाग विर्क
behtareen links...shukriya
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र पिरोये हैं।
जवाब देंहटाएंचर्चा बहुत अच्छी लगी पढ़ने के लिए बहुत सा मेटेरियल दे दिया है |
जवाब देंहटाएंआशा
बाल दिवस पर मयंक जी की दो पुस्तकों का विमोचन हुआ.
जवाब देंहटाएंMubarak ho.
वाकई में रंगबिरंगी चर्चा है आज तो!
जवाब देंहटाएंआभार!
bahut sunder links ..abhar.
जवाब देंहटाएंसुन्दर रंगबिरंगी चर्चा ; आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी--
जवाब देंहटाएंचर्चा ||
हमेशा की तरह बढ़िया चर्चा ....आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्र...
जवाब देंहटाएंmehnat kee saarthaktaa aur nishthaa
जवाब देंहटाएंdikhtee hai charchaa mein
badhaayee
bahut hi sundar rachnaein....
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स .आभार.
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स के साथ शानदार चर्चा
जवाब देंहटाएंGyan Darpan
.
बहुत सुन्दर लिंक्स संजोये हैं…………सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंगद्य पद्य की दो अलग अलग श्रेणी में लिंक्स को मन चाहे तरीके से पढ़ने की सुविधा दी ... और चर्चा में अच्छे लिंक्स का चयन किया है.. मेरी पोस्ट " ये रास्ते कितने हसीन हैं" भी शामिल किया ...विर्क जी आपका सादर धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स के साथ शानदार प्रस्तुति...हिन्दी हाइगा शामिल करने के लिए हार्दिक आभार|
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा... सुन्दर लिंक्स...
जवाब देंहटाएंसादर बधाई
बहुत ही बढि़या लिंक्स संयोजन के साथ मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत सारे ब्लॉग व साइट्स के ज़रिये सुन्दर रचनाओं को संजोकर पाठकों के लिए रखने का यह उपक्रम सराहनीय हैं......
जवाब देंहटाएं- पंकज त्रिवेदी (नव्या)
सुन्दर चर्चा | मेरी पोस्ट का लिंक देने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंटिप्स हिंदी में
Bahut sunder ...meri rachana ke liae dhanywad DilBagaji.....
जवाब देंहटाएंभाई दिलबाग़जी, आपका प्रयास उत्साहवर्द्धक एवं हार्दिक रूप से सराहनीय है.
जवाब देंहटाएंओबीओ (ओपेनबुक्सऑनलाइन डॉट कॉम) के इण्टरऐक्टिव आयोजनों की समाप्ति के उपरांत आयोजन की समस्त प्रविष्टियों को संकलित कर एक स्थान पर बहुउद्देशीय कारणों से उपलब्ध कराया जाता है. इसी परिपाटी के अन्तर्गत सद्यः समाप्त महा-उत्सव (अंक - 13, शीर्षक - मौसम) की सभी प्रविष्टियों को एक स्थान पर कर दिया गया है.
इस प्रयास को चर्चा-मंच पर स्थान दे कर महा-उत्सव के सभी रचनाकारों का आपने सम्मान किया है.
ओबीओ की प्रबन्धन और कार्यकारिणी समितियों तथा सभी सदस्यों, जिसका कि आप स्वयं एक अभिन्न अंग हैं, की ओर से आपको हार्दिक बधाइयाँ.
--सौरभ पाण्डेय, नैनी, इलाहाबाद (उप्र)
काम के लिंक्स मिले।
जवाब देंहटाएंDilbaag ji, aapka bahut aabhar.
जवाब देंहटाएंसात सौ का आंकडा पार करने के लिए बधाई- समर्थकों और संदेशों दोनों में :)
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा।
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच की सफलता के लिये बधाई! सुंदर चर्चा व मुझे भी अवसर देने के लिये आभार!
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