भगवती शांता परम (मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सहोदरी)वन्दऊँ श्री गणेश, गणनायक हे एकदंत |जय-जय जय विघ्नेश, पूर्ण कथा कर पावनी ||1|| वन्दऊँ गुरुवर श्रेष्ठ, जिनकी किरपा से बदल, यह गँवार ठठ-ठेठ, काव्य-साधना में रमा ||२|| |
जागो समय नहीं रुकता हैजागो समय नहीं रुकता है पीछे जग मातम करता है धीरे धीरे रेत सरकती मुट्ठी खाली खाली रहती रुक जाते, पर, उड़ते उड़ते मुह के बल पक्षी गिरता है जागो समय नहीं रुकता है .... |
ये क्या हो रहा है भाई?
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भोजपुरी भाषा का शेक्शपीयर:पद्मश्री भिखारी ठाकुर (जन्मः 18 दिसम्बर, 1887 – निधनः 10 जुलाई, 1971) प्रेम सागर सिंह भिखारी ठाकुर भोजपुरी गीतों एवं नाटकों की रचना एवं अपने सामाजिक कार्यों के लिये प्रसिद्ध हैं । वे एक महान लोक कलाकार थे जिन्हें ‘भोजपुरी का शेक्सपीयर’ कहा जाता है । भिखारी ठाकुर भोजपुरी के समर्थ लोक कलाकार , रंगकर्मी, लोक जागरण के सन्देश वाहक , नारी विमर्श एवं दलित विमर्श के उद्घोषक , लोक गीत तथा भजन कीर्तन के अनन्य साधक थे । भिखारी ठाकुर बहु आयामी प्रतिभा के व्यक्ति थे। वे एक ही साथ कवि, गीतकार, नाटककार, नाट्य निर्देशक ,लोक संगीतकार और अभिनेता थे । भिखारी ठाकुर की पहचान खांटी भोजपुरी थी और उन्होंने भोजपुरी को ही अपने काव्य और नृत्य-कला की भाषा बनाया । |
.[विषय-प्रतिष्ठित समाचार पत्रों की वेबसाइट्स पर महिलाओं की अशालीन तस्वीरों -वीडियों व् ख़बरों का प्रदर्शन ] सेवा में The Secretary, Press Council of India, Soochna Bhavan, 8-C.G.O. Complex, Lodhi Road, New Delhi-110003 महोदय सविनय निवेदन है कि अनेक प्रतिष्ठित समाचार पत्रों की वेबसाइट्स पर जिस प्रकार महिलाओं की अशालीन तस्वीरों -वीडियों व् ख़बरों का प्रदर्शन किया जा रहा है उस पर तुरंत रोक लगाने की कृपा करें . इन पर प्रदर्शित अशालीन सामग्री तो पोर्न वेबसाइट्स को भी मात कर रही है . मीडिया समाज को सही दिशा में अग्रसर करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है .यदि वह ही मर्यादाओं का उल्लंघन स्वार्थ के वशीभूत होकर करेगा तो उसपर भी नियंत्रण की कार्यवाही होनी ही चाहिए .''भारतीय नारी '' ब्लॉग की और से यह मेरी प्रार्थना है की आप शीघ्र अति शीघ्र इस विषय में संज्ञान लेकर कार्यवाही करें भवदीय शिखा कौशिक [इस ई मेल पर भेजी है शिकायत -,pcibppcomplaint@gmail.com, ] |
फिर चुनाव आने वाला है ..........क्यों लिए फिरता है वह मजहब झंडे हाथ में,क्या मालूम हो गया अपना मजहब उसको या फिर चुनाव आने वाला है | क्यों सुनाई दे रहीं मस्जिदों से घंटियाँ और मंदिरों से अजान, या तो कोई सिरफिरा गया है उधर या फिर चुनाव आने वाला है | यह गुजरात और गोधरा फिर क्यों सुर्ख़ियों में हैं, या तो अपनी गलतियों का अहसास हुआ है उन्हें या फिर चुनाव आने वाला है | यह आज कौन बनके हमदर्द मेरे घर आया, या तो वह शख्स इन्सान बना है अभी या फिर चुनाव आने वाला हैं | |
माइक्रो पोस्ट - विचारों की शक्ति के साथ मखौलबाजी करना खतरनाक है ....विचारों की शक्ति आग और बिजली की तरह होती है उसके साथ मखौलबाजी करना खतरनाक है . उत्तम विचारों को मन में लाने से उत्तम कार्य होते हैं . उत्तम कार्यों के करने से जीवन उत्तम होता है और उत्तम जीवन से आनंद की प्राप्ति होती है . |
दास्ताँ - एक पल कीकुछ रुका सा कुछ थका सा कुछ चुभा सा कुछ फंसा सा ये पल लगता है ... |
Hundreds and thousands of people jostled in Hyderabad on Monday to swallow medicine stuffed inside live fish . |
अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवसऐसा नहीं है कि हम महिलाओं की स्थिति के प्रति असंवेदनशील हैं। इस पुरुष सत्तात्मक समाज में महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। यह भी उतना ही सच है कि सारी दुनिया की सामाजिक मान्यताएं पुरुष की बनाईं हुईं हैं। हम यह मानते हैं कि पुरुषों ने सदियों से उन्हें प्रताड़ित किया, उन्हें अनेक बंदिशों में रखा, उन पर तरह-तरह के हिंसा किए, उनका तरह-तरह से शोषण किया, पर अगर ग़ौर से देखें तो पुरुषों की हालत भी चिंता का विषय बनी हुई है। इसी को ध्यान में रखकर सन 1999 से दुनिया के 60 देशों में 19 नवम्बर को अन्तरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है। |
प्रियदर्शिनी इंदिरा-श्रीमती सपना निगम की रचना ( चित्र गूगल से साभार )19 नवम्बर 1917 शीतकाल थी रात उजियारी इस दिन जन्म हुआ था आपका गूंजी थी पहली किलकारी |
दो कविताएँएकउस दिन आईने में मेरा प्रतिबिंब कुछ ज्यादा ही अपना-सा लगा मैंने उससे कहा- तुम ही हो मेरे सुख-दुख के साथी मेरे अंतरंग मित्र ! |
जिन्दगी में कुछ बड़ा करना है तो दर्द पैदा करो..सर्वोत्तम कला या भीड़जुटाऊ सफलता त्रासद जिन्दगी से जन्म लेती है...लेकिन एक वक़्त आता है जब हमारे पास कला, शोहरत, सफलता, पैसा सब होता है पर ये सब जिस दर्द से ह... |
.....ताकि बच्चा भीतर से भी तंदुरूस्त रहेबढ़ते बच्चों के लिए वैसे तो सभी पोषक तत्वों की जरूरत होती है, लेकिन उनके शरीर में आयरन की पर्याप्त मात्र होना सबसे जरूरी है। शरीर में आयरन कई महत्वपूर्ण प्रोटीन एवं एंजाइम्स का हिस्सा होता है। इसकी कमी से बच्चों में एनीमिया हो सकता है। पहले साल में शिशु का विकास व वृद्धि दर किसी भी अन्य समय की अपेक्षा अधिक होती है। यह वह समय होता है, जब उसका वजन तीन गुना और लंबाई डेढ़ गुना बढ़ती है। साथ ही इसी दौरान बच्चे का महत्वपूर्ण शारीरिक विकास जैसे बैठना, चलना आदि भी होता है। ऐसे में बच्चे को सबसे ज्यादा जिस पोषक तत्व की जरूरत होती है, वो है आयरन। आयरन बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के अलावा हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए भी जरूरी होता है। हीमोग्लोबिन कोशिकाओं को ऑक्सीजन पहुंचाने व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है। |
और अन्त में डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक के मामा जीडॉ. धर्मवीर को भावभीनी श्रद्धांजलि!"यह क्षण माता जी के जीवन में अब कभी नहीं आयेंगे।"(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")अपने बाल सखा डॉ. धर्मवीर को शत्-शत् नमन! जन्मः 01-01-1947 मृत्युः 19-11-2011 साथ-साथ में खेले-कूदे, साथ-साथ ही हुए बड़े। हरिद्वार की पुण्यभूमि में, गुरुकुल में हम साथ पढ़े।।.... मेरी माता के भइया को, श्रद्धा-सुमन समर्पित है। तुमको भारी मन से मामा, आँसूमाला अर्पित है।। इस वर्ष रक्षाबन्धन के अवसर पर माता जी अपने छोटे भाई डॉ. धर्मवीर को राखी बाँधती हुई। यह क्षण माता जी के जीवन में अब कभी नहीं आयेंगे। |
सुन्दर और प्रभावी सूत्र।
जवाब देंहटाएंसुन्दर जानकारी
जवाब देंहटाएंbadhia charcha ...badhai.
जवाब देंहटाएंइस सुंदर चर्चामंच में मेरी रचना सम्मिलित करने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक्स से सजे चर्चा-मंच में मेरी रचना को शामिल करने हेतु आभार.
जवाब देंहटाएंढेर सारे लिंक्स के साथ सुसज्जित बहुत सुन्दर चर्चा रहा!मेरी शायरी शामिल करने के लिए धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा ,
जवाब देंहटाएंआभार !
http://hbfint.blogspot.com/2011/11/18-indira-gandhi.html
बहुत सुन्दर लिंकों से सजी चर्चा बढ़िया लगी ... आभारी हूँ समयचक्र को स्थान देने के लिए ...
जवाब देंहटाएंआभार कविश्री।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स संयोजित किए हैं आपने ।
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा... अच्छे लिंक्स..
जवाब देंहटाएंसादर आभार...
उम्दा चर्चा ,अच्छे लिंक्स
जवाब देंहटाएंआभार !
बढ़िया चर्चा.
जवाब देंहटाएंप्रभावी चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा चर्चा |
जवाब देंहटाएंइतने दिनों से नहीं आ पाने के लिए क्षमा करें | आज कल कुछ ज्यादा ही व्यस्तता है |
मेरी नई रचना जरुर देखें |
मेरी कविता:हस्ती हमारी
अच्छे लिंक्स आभार !
जवाब देंहटाएंGreat links--thanks Sir.
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