बालदिवस *सभी बच्चो को बालदिवस कि शुभकामनाये...* *१४ नवंबर १८८९ को हमारे स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म |
मेरी छोटी सी कज़िन *वंशिका *को तो आप जानते ही हैं लीजिये आज बाल दिवस पर फिर से देखिये उनकी कुछ ड्राइंग्स-- |
" बाल मेला और विमोचन के दृश्य" आज 14 नवम्बर, 2011 को बालदिवस के अवसर पर खटीमा पब्लिक स्कूल एशोसियेसन के द्वारा एक विसाल बाल मेले का आयोजन किया गया। जिसमें एशोसियेसन से जुड़े 53 विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया... |
संदेश… नन्हें पथिक को - बहुत साल पहले सन १९९४ में अपने स्कूल के नन्हें मुन्हें बच्चों के लिए ये पंक्तियाँ लिखी थी …… और आज मैं बाल दिवस के उपलक्ष में सभी नन्हें मुन्हें प्यारे... |
*अध्यापक..* *अक्सर मत कहो कि तुम सही हो,* *छात्रों को उसे महसूस कर लेने दो* *ख़ुद-ब-ख़ुद* *सच को थोपो मत..* *यह ठीक नहीं है सच के हक़ में,* ... |
बाल दिवस के २ अलग अलग रूप - *आज बाल दिवस है ... पर इतने सालों के बाद भी पूरे देश में ... यह सामान रूप से नहीं मनाया जाता ... २ चित्र दिखता हूँ आपको ... |
मम्मी ने सुबह जगाकर कहा पापा ने गले लगाकर कहा दादा ने टॉफी देकर कहा दादी ने गोद बिठाकर कहा ... |
श्श्श्श्श्श्श्श्श्श्श.....साहब स्कूल जा रहे हैं...... और स्कूल पहुँच कर .....चल पड़े... |
मंगल कामना - ओ शरद निशे ले आई हो क्यों अद्भुत सुख भण्डार सखी , लहराता दसों दिशाओं में आनंद का पारावार सखी ! |
"बहता बचपन" - आओ सब बच्चे हो जायें | मनभावन सच्चे हो जायें || बचपन में खुद ही चल दें या | बचपन को ही पास बुलायें || |
कभी आँखों में घर अपना , बसाना नहीं चाहा .... जख्म कितने हैं, लगे दिल में , दिखाना नहीं चाहा..... |
भगवती शांता परम -(मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सहोदरी बहन ) सर्ग-१ भाग-४ रावण, कौशल्या और दशरथ दशरथ युग में ही हुआ, दुर्धुश भट बलवान | पंडित ज्ञानी जानिये, रावण बड़ा महान || |
एक पोस्ट मैंने लिखी थी बाघदड़ा नेचर पार्क पर। जहाँ हम पूर्णिमा की रात में एक नेचर पार्क में थे। (पूर्ण चन्द्र की रात में जंगल का राग सुनो ) |
त्रिवेणी पर प्रकाशित |
तुलसी - चित्र साभार गूगल * * तुलसी सूरज की आग तपे आंधी की भी मार सहे जब आये बौराया बादल उसकी भी बौछार गहे तिलक लगाते वंदन करते हर रोज परिक्रमा भी भरते |
कवि सम्मेलन और ब्लॉगर्स मित्र मिलनआप सब की जानकारी के लिये... |
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लुप्त होता अस्तित्व ..... - आज मैं जिस विषय पर लिख रही हूँ उस विषय पर में पिछले कई वर्षों से अनुभव कर रही थी लेकिन किसी न किसी कारणवश इस विषय पर लिख पाना संभव ही नहीं हो पा रहा था। ... |
नहीं बदलते राजपूत समाज में महिलाओं के सरनेम - हमारे देश में लगभग समुदायों में महिला का शादी के बाद सरनेम बदल जाता है, उसे अपने पिता के सरनेम से पति का सरनेम रखना पड़ता है| |
*गेंद और स्टिक ले आएँ * * हम खेलेंगें पोलो * * * *उधर हाथियों ने मिलकर * * बना लिया एक प्लान * *बॉल बड़ी सी लेकर |
लौट आओ.. मेरे देवता ! - मैंने सुना था कि प्रेम सबके भीतर ही है उसी, स्वयं के प्रेम को पाने और तृप्त होने के लिए एक मूर्ती का निर्माण किया था. अपने असीम आनंद और विश्वास के स... |
संघर्ष ... - *हर दिन का संघर्ष * *खुद का खुद से .....* *नोंच नोंच कर * *खरोंच खरोंच कर ,* *खुद को गढना ,* *उस स्थिति में ढालना * *जो स्वीकार्य हो * *उस ढांचे को * |
हंसी को आजाद करते हैं .... !!! - तुम्हारे और मेरे बीच यह खामोशी क्यूं आपस में हमारी कोई ऐसी बात भी नहीं हुई जो तुम्हें और मुझे बुरी लगी हो ... फिर यह पहल करने का अहम बेवजह ही ... |
तुमने उसे कहीं देखा है क्या... - वो रात का मुसाफिर था. उसके कंधे पर एक पोटली रहती थी. जो खासी भारी सी मालूम पड़ती थी. उस पोटली के बोझ से मुसाफिर अक्सर झुककर चलता था. अपने कंधे के बोझ को ... |
निर्णय के क्षण ( कविता ) भाग - 4 -जब भी वह कुंती को दोषी ठहराकर द्वंद्व से मुक्ति पाना चाहता है तभी उसे याद आती है स्थिति ... |
अत्यंत ख़ुशी के साथ सबको सूचित करना चाहता हूँ कि पिछले ६ महीनों में दूसरी इसी शनिवार को मैंने अपना बांया हाथ तुडवा लिया है. पिछली बार की तरह इस बार भी बांय... |
मैं खामोश रहूंगी........!! - *इस बार नही कहूँगी.....कि * *मैं तुम्हे याद करती हूँ,* *इस बार नही कहूँगी......कि * *मैं अपने हर पल, हर लम्हे में * *... |
वैसे तो ज्योतिष के अनुसार अपने जन्मकालीन ग्रहों के हिसाब से ही लोग जीवन में सुख या दुख प्राप्त कर पाते हैं , पर उस सुख या दुख को अनुभव करने में.... |
एक शानदार व्यक्तित्त्व का शानदार जीवन सफ़र -- - आज उन्हें इस मृत्युलोक से प्रस्थान किये हुए एक वर्ष पूरा हो गया है । लेकिन आज भी विश्वास नहीं होता कि वे आज हमारे बीच नहीं हैं । फोन की घंटी बजते ही कभी कभी... |
अच्छी चर्चा।
ReplyDeleteबेहतर लिंक्स।
व्यस्तता में भी आपने सफल चर्चा कर ही ली ||
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार ||
आपकी लंबी चर्चा भी अच्छी और आपकी संक्षिप्त चर्चा भी।
ReplyDelete‘जितनी बंटनी थी बंट चुकी ये ज़मीं‘
को यहां की शुमूलियत के लिए इज़्हारे तशक्कुर करता हूं।
कल की अति व्यस्तता के बावजूद इतने सुंदर लिंक्स के साथ एक गरिमा मय चर्चा मंच !!!!!!!!!
ReplyDeleteभई वाह !!!!!!!
मयंक जी, चिट्ठा चर्चा से चिट्ठाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए धन्यवाद. उसमें आप ने मेरी लंदन यात्रा की फोटोडायरी को भी जगह दी इसके लिए मैं आप का आभारी हूँ.
ReplyDeleteविस्तृत एवं व्यवस्थित चर्चा के लिये बधाई शास्त्री जी , 'उन्मना' से मेरी माँ की रचना 'मंगल कामना' के चयन के लिये आपका आभार एवं धन्यवाद !
ReplyDeleteसुंदर चर्चा सजाई है आपने। मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए शुक्रिया।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छे लिंक्स दिये हैं ...जिनके साथ मेरी रचना को स्थान देने के लिऐ आभार ।
ReplyDeleteअच्छे लिंक्स के साथ सुन्दर प्रस्तुति...मधुर गुंजन को शामिल करने के लिए आभार|
ReplyDeleteअच्छी चर्चा।
ReplyDeleteबेहतर लिंक्स।
बहुत बहुत आभार ||
बहुत खूब छ गए अपने शास्त्री जी मेहनत से सजाई है चर्चा और चर्चित लिंक्स .
ReplyDeleteचिठ्ठे अनेक- चर्चा एक ....पसन्द आई...
ReplyDeleteबहुत ही अच्छे लिंक्स दिये हैं ... मेरी रचना को स्थान देने के लिऐ आभार ।
ReplyDeleteविस्तृत चर्चा आभार.
ReplyDeletebahut acchi charcha...isme meri post ko shamil karne ke liye bahut bahut dhanybad...aabhar
ReplyDeleteवंशिका की ड्राइंग्स को यहाँ शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सर!
ReplyDeleteसादर
bahut hi acche links hai...
ReplyDeleteसुंदर चर्चा सदा की तरह
ReplyDeleteआभार
वाह! बहुत बढ़िया लिंक्स के साथ बढ़िया चर्चा|
ReplyDeletebahut mehnat se tayar charcha dwara upyogi links dene aur meri post ko samman dene k liye aabhar.
ReplyDeleteबढ़िया चर्चा सभी पोस्ट अच्छी लगीं मेरी पोस्ट को यहाँ स्थान देने के लिए आभार ...
ReplyDeleteसुन्दर सार्थक चर्चा....
ReplyDeleteसादर आभार....
सादर आभार...
ReplyDeleteचर्चा मंच पर "पावर हॉउस" लेने के के लिए ह्रदय से धन्यवाद...
ReplyDeleteविस्तृत चर्चा ...
ReplyDeleteआभार !
अच्छे लिंक्स के साथ सुन्दर प्रस्तुति...isme meri post ko shamil karne ke liye bahut bahut dhanybad...aabhar
ReplyDeleteAap ne bahut achi information shere ki hai is article ke jariye
ReplyDeleteI have been browsing online more than 4 hours today, yet I never found any interesting article like yours.
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