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शनिवार, नवंबर 12, 2011

"इतनी घृणा कहाँ से लाए" (चर्चा मंच-696)

शनिवार के चर्चा में चर्चा मंच पर आपका स्वागत है।
अब चलता हूँ 

सोने के पहले

ब्लॉगों के भ्रमण पर! 

यादों के आसमान में जगमगाते गुजरे लम्हों के सितारे

एक लहर की कहानी! क्या कहती है? मौन बातें! नहीं तो जनाब! हम ही नादान हैं जो इनकी बातें नहीं समझ पाते हैं। हमसे अधिक तो एक अबोध बचपन ही समझ सकता है। हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल HBFI पर है- त्रिया की बदबूदार पोस्ट! क्योंकि ११-११-११ की तारीख स्त्रियों की एक कमजोरी के नाम क्यों है? क्या ये बलात्कार है ? देखिए न! मेला गंगास्नान! मगर आप सच मानें , क्योंकि सबसे बड़ा होता है इंसान! अल्वीरा का पत्र! ओह! कभी हम खुद को ही बहला लिया करते! बस चन्द दिनों की तो बात है! फिर अन्धेरा दौर! एक पत्र पेट्रोल के नाम- देखिए तो सही! इतनी घृणा कहाँ से लाए पाण्‍डे जी? क्या आपने ढलता हुआ सूरज नहीं देखा ... !!! ग्यारह है दृष्टि- भरम , अंक मूलत: एक हम सब भी तो एक हैं, सबका मालिक एक. सौ वर्षों के बाद में , आती यह तारीख - 11-11-11 मगर नेता का दिमाग घुटने में ? फिर भी अभिमान ऐसा फूल जो शैतान की बगिया में उगता है....! ज़माने से नहीं, तन्हाई से डरते हैं, प्यार से नहीं, रुसवाई से डरते हैं, मिलने की उमंग है दिल में लेकिन, मिलने के बाद तेरी जुदाई से डरते हैं ! अल्फ़ाज़ उगा दूँ... पाखी को मिल रहा है बालदिवस का उपहार! 'बाल-दिवस' पर 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार'! बंटवारा तो जैसे कुदरत का नियम ही है। आर्थिक रूप से पिछड़े समाज में, पिता के गुज़रते ही पुत्रों में संपत्ति (चल-अचल ) का बंटवारा ! बचपन में अक्सर बुजुर्गों को आपस में अपने अपने रिश्तेदारों का परिचय एक दूसरे को बताते सुनते थे| जानते है बाढ़ की भूमि किसे कहते है ? क्योंकि यह जामों का दौर है इसलिए मुश्किलों से निजात मुश्किल है! फिर भी यदि नाम और दाम मिलें तो 'दाग' अच्छे हैं! बताइए ना दिल्ली है मेरी जान---क्या आपकी नहीं ? अगर तलाश प्रेम की हो तो सरस पायस के लिए प्यारी-प्यारी शुभकामनाएँ देना मत भूलिए!

30 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया लिंक्स के साथ बढ़िया चर्चा

    Gyan Darpan
    Matrimonial Site

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  2. वाह जी सुंदर. कार्टून भी चर्चा में चस्पा करने के लिए आपका सादर आभार.

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  3. सुप्रभात सर ! संजीदा सुखद चर्चा को धन्यवाद ,समस्त कलमकारों कोसम्मान बधाईयाँ ,आपकी सहृदयता ,सजगता को नमन ...../

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  4. बढ़िया लिंक्स / ज़बरदस्त प्रस्तुति.
    मुझे स्थान दिया आपने,आभार.

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  5. टिप्पणी में आपके द्वारा दी गई लिंक को क्लिक करने पर "सर्वर नॉट फाउंड" बता रहा है.अन्य मार्ग से यहाँ आना पड़ा.लिंक्स को आलेख में खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया है. मेरी रचना लो शामिल करने के लिये हृदय से आभार.

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  6. आपके द्वारा संकलित सभी लिंक्स अच्छे हैं।
    इनमें से दो लिंक मैंने देखे , दोनों ही अच्छे लगे।
    1. त्रिया की बदबूदार पोस्ट
    और
    2. 11.11.11 की तारीख़ स्त्रियों की एक कमज़ोरी के नाम

    दोनों लिंक पास पास उपलब्ध करवा देने के लिए अति शुक्रिया ।
    बाक़ी लिंक अब देखता हूं।

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  7. बहुत सुंदर चर्चा
    कार्टून कमाल का है।

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  8. बेहतरीन प्रस्तुति के साथ एक बढ़कर एक अच्छे लिंक
    चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट का लिंक देखकर फक्र महसूश करता हु
    तहे दिल से सुक्रिया मयंक सर

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  9. बहुत सुन्दर लिंक्स संयोजन और सुन्दर चर्चा प्रस्तुति के साथ मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने के लिए आभार!

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  10. आज आपकी सरल चर्चा देखी सुन्दर लगी... ब्लोगर्स को यह मंच देने के लिए आपका शुक्रिया ...हमारी पोस्ट भी शामिल है... आपका धन्यवाद

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  11. itne blogs ko padna ,phir links sanjonaa,bahut kathin kaary hai
    aap ise nipuntaa aur aasaanee se kar lete hein .Aaschary hotaa hai kaise?
    shabdon mein niswaarth sewaa ko bayaan nahee karaa jaa saktaa ,
    aapko sadhuwaad

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  12. नमस्कार शास्त्री जी....बहुत ही सुंदर लिंको से सजी मनोहारी चर्चा....मेरी रचना को लेने के लिये आभार...।

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  13. सटीक लिन्क के माध्यम से आज की चर्चा को सजाया,जहां भावों के फूल भी थे और फूलों के बीच
    कांटे भी.जीवन के सभी रंगों को समेटे,आज का चर्चा-मंच.धन्यवाद.

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  14. बहुत सुंदर चर्चा
    मुझे स्थान दिया आपने,आभार.

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  15. aj ki charch to sach ,main bhandaar hai lekhon,kavitaon,kahani sabka.bahut bahut aabhar

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  16. आज की चर्चा का अंदाज़ निराला है।

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  17. निराले अंदाज में की चर्चा ने आज की चर्चा पर चार चाँद लगादिये |
    आशा

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  18. बहुत सुन्दर लिंक्स से सुसज्जित चर्चा।

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  19. बहुत सुन्दर चर्चा! मेरी शायरी शामिल करने के लिए धन्यवाद!

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  20. चर्चा मंच पर आने में देर हुई क्षमा प्रार्थी हूँ. मेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए ह्रदय से आभार.

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  21. बहुत बढ़िया लिंक्स के साथ बढ़िया चर्चा

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