आज की चर्चा में आप सबका स्वागत है
चर्चा की शुरुआत करते हैं लेखक के रूप में प्रसिद्ध होने के तरीके से. आप कोई पांच-छः वर्ष पुरानी पत्रिका निकालिए. कोई रचना अच्छी लगे तो उसका मेक अप कीजिए और अपने नाम से प्रकाशित कीजिए इंदु गुप्ता जी की तरह. यदि आप ब्लोगर हैं और अधिक से अधिक टिप्पणियाँ चाहते हैं तो अपनाइए मनोज जैसवाल जी का तरीका.
अब चलते है आज की चर्चा की ओर
चर्चा की शुरुआत करते हैं लेखक के रूप में प्रसिद्ध होने के तरीके से. आप कोई पांच-छः वर्ष पुरानी पत्रिका निकालिए. कोई रचना अच्छी लगे तो उसका मेक अप कीजिए और अपने नाम से प्रकाशित कीजिए इंदु गुप्ता जी की तरह. यदि आप ब्लोगर हैं और अधिक से अधिक टिप्पणियाँ चाहते हैं तो अपनाइए मनोज जैसवाल जी का तरीका.
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गद्य रचनाएं
- ब्लॉग नई बात पर है इशरत के माध्यम से साम्प्रदायिक तानाशाही की बात.
- ब्लॉग सुमित के तडके पर है लघुकथा नूडल्स.
- नव्या पर है सुधा ओम ढींगरा जी की लघुकथा दौड़.
- अक्ल बड़ी या भैंस -- आप इसे पढ़िए और अपने प्रतिक्रिया भी दीजिए.
- शराबी और अन्ना --- पढ़िए ब्लॉग देशनामा पर.
- क्यों बिखर रहा अन्ना का आन्दोलन ? --- चर्चा कर रहे हैं गिरिजेश कुमार.
- एक गर्दन की दास्ताँ सुना रहे हैं अभिषेक प्रसाद जी.
- ज्ञान दर्पण पर है वर्डप्रैस पर पोस्ट लिखने का तरीका.
- विदेश में रह रहे भारतीय क्या भारत की बात नहीं क्र सकते . देखिए ब्लॉग जील.
- रचनाकार पर पढ़िए व्यंग्य उपवास का अखाड़ा.
पद्य रचनाएं
- ब्लॉग कुसुम की यात्रा पर है ईश वन्दना -- तेरा दिया ही लाई हूँ.
- प्रभु से दूर हैं लेकिन एक दिन उन तक पहुंचने का अटल विश्वास दिखाती हैं अनुपमा त्रिपाठी जी.
- जिन्दगी के रास्तों पर कदम बढ़ाने की बात कर रहे हैं डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी.
- मौसम पर दोहे कह रहे हैं सौरभ पाण्डेय जी.
- जेन्नी शबनम जी प्यार में जो मिला , जैसा मिला उसे स्वीकार करते है एक रोज कंधे पर चुपचाप सो जाने की बात कर रही हैं.
- ब्लॉग पूर्वाभास पर हैं जय चक्रवर्ती जी के तीन नवगीत.
- क्या हर अमावस दीवाली का प्रतीक होती है ? - पढ़िए वन्दना गुप्ता जी की कविता.
- निराश कविता में आस की पदचाप देखिए ब्लॉग अनुशील पर.
- प्यार नाम की चिड़िया उड़ चुकी है-- देखिए आकांक्षा ब्लॉग पर कविता कैसा जीवन पथ.
- निरंतर की कलम से निकली हैं कुछ क्षणिकाएं.
- ब्लॉग दिल की कलम से पर है एक ग़ज़ल.
- पतंग और हमारा जीवन दोनों अपने आप नहीं चलते. पतंग को उड़ाती है हवा और हमें परिस्थितियाँ. पढ़िए कविता कटी पतंग को, जो सुना रही है यही दास्ताँ.
- जो नर खुद को कहते ईश्वर उनसे मुझको डर लगता है. क्या आपको नहीं लगता ?
- नई ब्लोगर नेहा सिंह बयाँ कर रही हैं संघर्ष और विजय की दास्ताँ.
- लीना मल्होत्रा जी का मानना है की कुछ भी कर लो निर्विकार अकेलापन बचा रहेगा.
- इश्क को समझने का प्रयास करती कनुप्रिया जी ने लिखी हैं छोटी-छोटी कविताएँ और मुक्तक.
- कविता समय सम्मान से सम्मानित कवि प्रभात की कविताएँ ब्लॉग असुविधा पर.
आज की चर्चा में बस इतना ही
धन्यवाद
* * * * *
दिल्बाग विर्क जी, बहुत अच्छी चर्चा रही...
जवाब देंहटाएंकाफ़ी काम के लिंक्स दिए हैं आपने.
अत्यन्त पठनीय सूत्र।
जवाब देंहटाएंबहुत सन्तुलित चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार!
great links Dilbaag Sir.Thanks.
जवाब देंहटाएंरोचक लिंक्स !
जवाब देंहटाएंThanks for providing these links
जवाब देंहटाएंदिलबाग विर्क जी,
जवाब देंहटाएंरोचक लिंक के साथ सार्थक चर्चा |
दूसरे ब्लॉगर द्वारा किसी भी रचना को कापी करके अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करने की घटना को प्रमुखता से पेश करने के लिए बधाई स्वीकार करें | ये साहस बहुत से लोग नहीं कर पाते | यदि सभी ऐसा साहस कर पाएं तो शायद इस प्रकार की घटनाओं को कम किया जा सकता है | इसके लिए सभी को एक सार्थक पहल करनी चाहिए |
टिप्स हिंदी में
बहुत बढ़िया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंदिलबाग विर्क जी बहुत बहुत आभार आपका आज इतनी गहन लिंक्स के बीच आपने मुझे स्थान दिया ....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा है आज की ....
bahut badhiya link sahit charcha...
जवाब देंहटाएंदिलबाग जी चर्चा अच्छी है ..एक एक कर लिंक में जा रही हूँ..आभार
जवाब देंहटाएंसन्तुलित चर्चा ||
जवाब देंहटाएंआज बहुत बढिया लिंक्स लगाये हैं काफ़ी पढ लिये…………आभार्।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा. बढ़िया लिंक्स.
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा अच्छी रही |बधाई |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा
सार्थक चर्चा!
जवाब देंहटाएंDilbag ji ..badhia links ke beech mujhe sthan diya abhar ...
जवाब देंहटाएंmaine subah bhi comment kiya tha par ab vo dikh nahin raha ...
charchaa manch ab manch se aage badh kar sansaar ho rahaa hai ,virkji ko bahut badhaayee
जवाब देंहटाएंअरे मेरा कमेंट कहाँ गया सुबह किया था मगर अब नही दिख रहा? आज तो काफ़ी अच्छे लिंक्स लगाये थे और काफ़ी हद तक पढ भी लिये थे…………सुन्दर व सार्थक चर्चा।
जवाब देंहटाएंअरे मेरा कमेंट कहाँ गया सुबह किया था मगर अब नही दिख रहा? आज तो काफ़ी अच्छे लिंक्स लगाये थे और काफ़ी हद तक पढ भी लिये थे…………सुन्दर व सार्थक चर्चा।
जवाब देंहटाएंबढियाँ लिंक्स इकट्ठे किये हैं। मुझे जगह देने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंbahut bahut aabhar meri kavitaon sammilit karne ke lie....sabhi links par jane ka prayas karungi...aabhar
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा चर्चा....
जवाब देंहटाएंसादर आभार...
"नव्या" पर प्रकाशित कुछ रचनाएँ "चर्चामंच" पर देखकर प्रसन्नता हुई.... सराहनीय कार्य के लिए अभिनन्दन.. पंकज त्रिवेदी
जवाब देंहटाएंAabhaar
जवाब देंहटाएंअसुविधा का लिंक देने के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंइस मंच पर अविराम के ब्लॉग को लेन के लिए धन्यवाद! इंदु गुप्ता की लघुकथा तो हुबहू आपकी लघुकथा की नक़ल है! इस तरह की बातें निश्चित रूप से चिंता में डालने वाली हैं. सावधान रहनाहोगा.
जवाब देंहटाएंमेरी लघुकथा शामिल करने के लिए आभारी हूँ | बहुत अच्छा लिंक है | काफ़ी कुछ पढ़ने को मिला |
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक्स दिए आपने....... मेरी रचना भी सम्मिलित करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद....
जवाब देंहटाएंचर्चामंच में बहतरीन चर्चा..बहुत सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबधाई....
अच्छी चर्चा।
जवाब देंहटाएंबेहतर लिंक्स।
सार्थक चर्चा के लिए बधाई स्वीकार करें
जवाब देंहटाएं