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गुरुवार, नवंबर 24, 2011

प्रसिद्ध होने का तरीका (चर्चामंच - 708)

             आज की चर्चा में आप सबका स्वागत है
                        
चर्चा की शुरुआत करते हैं लेखक के रूप में प्रसिद्ध होने के तरीके से. आप कोई पांच-छः वर्ष पुरानी पत्रिका निकालिए. कोई रचना अच्छी लगे तो उसका मेक अप कीजिए और अपने नाम से प्रकाशित कीजिए इंदु गुप्ता जी की तरह. यदि आप ब्लोगर हैं और अधिक से अधिक टिप्पणियाँ चाहते हैं तो अपनाइए मनोज जैसवाल जी का तरीका.
अब चलते है आज की चर्चा की ओर

गद्य रचनाएं 
पद्य रचनाएं 
             अंत में देखिए इ-पत्रिका अविराम का नया अंक 
                                         और 
                        दिल्ली में काईट फैस्टिवल की झलक 
                     आज की चर्चा में बस इतना ही 
                                                 धन्यवाद 
                                           दिलबाग विर्क 

                         * * * * *


32 टिप्‍पणियां:

  1. दिल्बाग विर्क जी, बहुत अच्छी चर्चा रही...
    काफ़ी काम के लिंक्स दिए हैं आपने.

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  2. दिलबाग विर्क जी,
    रोचक लिंक के साथ सार्थक चर्चा |
    दूसरे ब्लॉगर द्वारा किसी भी रचना को कापी करके अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करने की घटना को प्रमुखता से पेश करने के लिए बधाई स्वीकार करें | ये साहस बहुत से लोग नहीं कर पाते | यदि सभी ऐसा साहस कर पाएं तो शायद इस प्रकार की घटनाओं को कम किया जा सकता है | इसके लिए सभी को एक सार्थक पहल करनी चाहिए |

    टिप्स हिंदी में

    जवाब देंहटाएं
  3. दिलबाग विर्क जी बहुत बहुत आभार आपका आज इतनी गहन लिंक्स के बीच आपने मुझे स्थान दिया ....
    बहुत बढ़िया चर्चा है आज की ....

    जवाब देंहटाएं
  4. दिलबाग जी चर्चा अच्छी है ..एक एक कर लिंक में जा रही हूँ..आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. आज बहुत बढिया लिंक्स लगाये हैं काफ़ी पढ लिये…………आभार्।

    जवाब देंहटाएं
  6. आज की चर्चा अच्छी रही |बधाई |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
    आशा

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  7. Dilbag ji ..badhia links ke beech mujhe sthan diya abhar ...
    maine subah bhi comment kiya tha par ab vo dikh nahin raha ...

    जवाब देंहटाएं
  8. charchaa manch ab manch se aage badh kar sansaar ho rahaa hai ,virkji ko bahut badhaayee

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  9. अरे मेरा कमेंट कहाँ गया सुबह किया था मगर अब नही दिख रहा? आज तो काफ़ी अच्छे लिंक्स लगाये थे और काफ़ी हद तक पढ भी लिये थे…………सुन्दर व सार्थक चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  10. अरे मेरा कमेंट कहाँ गया सुबह किया था मगर अब नही दिख रहा? आज तो काफ़ी अच्छे लिंक्स लगाये थे और काफ़ी हद तक पढ भी लिये थे…………सुन्दर व सार्थक चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  11. बढियाँ लिंक्स इकट्ठे किये हैं। मुझे जगह देने के लिए धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  12. bahut bahut aabhar meri kavitaon sammilit karne ke lie....sabhi links par jane ka prayas karungi...aabhar

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  13. "नव्या" पर प्रकाशित कुछ रचनाएँ "चर्चामंच" पर देखकर प्रसन्नता हुई.... सराहनीय कार्य के लिए अभिनन्दन.. पंकज त्रिवेदी

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  14. असुविधा का लिंक देने के लिए आभार!

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  15. इस मंच पर अविराम के ब्लॉग को लेन के लिए धन्यवाद! इंदु गुप्ता की लघुकथा तो हुबहू आपकी लघुकथा की नक़ल है! इस तरह की बातें निश्चित रूप से चिंता में डालने वाली हैं. सावधान रहनाहोगा.

    जवाब देंहटाएं
  16. मेरी लघुकथा शामिल करने के लिए आभारी हूँ | बहुत अच्छा लिंक है | काफ़ी कुछ पढ़ने को मिला |

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत अच्छे लिंक्स दिए आपने....... मेरी रचना भी सम्मिलित करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद....

    जवाब देंहटाएं
  18. चर्चामंच में बहतरीन चर्चा..बहुत सुंदर प्रस्तुति.
    बधाई....

    जवाब देंहटाएं
  19. अच्‍छी चर्चा।
    बेहतर लिंक्स।

    जवाब देंहटाएं
  20. सार्थक चर्चा के लिए बधाई स्वीकार करें

    जवाब देंहटाएं

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