आज मेरे पिताजी की पहली बरसी ||मृत्यु मुझसे भी मिले वैसे गले | पितृ मेरे कष्ट बिन जैसे चले || अनवरत अस्सी बरस युव की ठसक- सो गए चुपचाप किंचित ना खले || शत-शत नमन || ---रविकर रिश्ता जोड़ना होता है ....!!!लहरें कभी हाहाकार करती हैं , कभी शांत आलोड़ित होती हैं .... पर जब वो शांत होती हैं तो भी एक हाहाकार मौन होता है . उनको समझने के लिए उन लहरों से एक रिश्ता जोड़ना होता है ....!!! - रश्मि प्रभा |
शराब और ड्रग्स ने उसे लील लियाजहां सुमति तहां सम्पति नाना ! बेटे की बचपन की शैतानियों से माँ को बड़ा प्यार था लेकिन किशोरावस्था के बाद की शरारतें माँ के मन को बेचैन करतीं थी ! उस का देर से घर लौटना अँधेरे में कई बार गिर पड़ चोट खा कर आना माँ की चिंता का सबब बनता जा रहा था ! धीरे धीरे वे उसकी हरकतों पर गौर करने लगी !जहां कुमति तहां विपति निधाना !! |
राजनीति और राष्ट्रीय पहचान
[हैदराबाद की प्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती विनिता शर्मा जी [shabdam1.blogspot.com]
की सुपुत्री डॉ. गीतिका कोम्मुरि की पुस्तक पर एक समीक्षा प्रस्तुत है।
इतनी चिंतनपरक पुस्तक की रचना के लिए डॉ. गीतिका कोम्मुरी
और श्रीमती व श्री शर्मा जी को बधाई।
आखिर कौन माता-पिता ऐसी संतान पर गर्व नहीं करेंगे! ]
भारतीय पहचान और सुरक्षा की राजनीति
डॉ. गीतिका कोम्मुरि अमेरिका की कैलिफ़ोर्निया स्टेट विश्वविद्यालय में
सामाजिक शास्त्र पढाती हैं और वे भारतीय होने के नाते भारत के
सामाजिक व राजनीतिक परिवेश से अच्छी तरह परिचित भी हैं।
उन्होंने गम्भीर शोध करके अपनी पुस्तक
‘इंडियन आयडेंटिटी नेरेटिव्स एण्ड द पोलिटिक्स ऑफ़ सेक्यूरिटी’ में
ऐसे तथ्य प्रस्तुत किए जिन की रुचि न केवल शोधार्थियों को
बल्कि विदेश नीतिधारकों को भी आकर्षित करेगी।
गांधी और गांधीवाद- 80 “कैसर-ए-हिन्द” की उपाधि फरवरी 1900 असिस्टैंट सुपरिन्टेन्डेन्ट बोअर युद्ध के दौरान जनरल बुलर ने उन्हें “असिस्टैंट सुपरिन्टेन्डेन्ट” कहना शुरु कर दिया था। ‘प्रिटोरिया न्यूज’ के सम्पादक विअर स्टेंट ने रणक्षेत्र में सेवा-कार्य में लगे गांधीजी का यह स्फूर्तिदायक शब्दचित्र अपने अखबार में छापा था, |
आ मुसाफ़िर लौट आभटकता रहेगा कब तलक,तू यूं ही अब डगर डगर। दिन ढले सूरज भी देख जा छुपा है आसमां में, सुरमई शाम आ चुकी है अब अपने वक्त पर। |
उस पार, ऐसा होकभी खुद को मैं ढूंढूं इस तरफ इक बार, ऐसा होनिगाहे-रूह तुझ पर हो टिकी उस पार, ऐसा हो मैं राहे ज़िंदगी में जिनको पीछे छोड़ आया था वो यादें सब की सब आयें कभी उस पार, ऐसा हो |
पोस्ट किया डा. मेराज अहमद ने * दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह मैंने तुझसे चाँद सितारे कब माँगे रौशन दिल बेदार नज़र दे या अल्लाह सूरज सी इक चीज़ तो हम सब देख चुके सच-मुच की अब कोई सहर दे या अल्... |
धर्मनिरपेक्षता एक छलावा धर्मनिरपेक्ष शब्द संविधान के १९७६ में हुए ४२वें संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया. यह सभी धर्मों की समानता और धार्मिक सहिष्णुता सुनिश्चीत करता है| भारत का कोई आधिकारिक धर्म नहीं है| यह ना तो किसी धर्म को बढावा देता है, ना ही किसी से भेदभाव करता है| यह सभी धर्मों का सम्मान करता है व एक समान व्यवहार करता है| हर व्यक्ति को अपने पसन्द के किसी भी धर्म का उपासना, पालन और प्रचार का अधिकार है| सभी नागरिकों, चाहे उनकी धार्मिक मान्यता कुछ भी हो कानून की नजर में बराबर होते हैं| सरकारी या सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों में कोई धार्मिक अनुदेश लागू नहीं होता| " उच्चतम न्यायालय का फैसला भी यही कहता है. इस फैसले के अनुसार, धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है कि राज्य का कोई धर्म नहीं होगा, राज्य सभी धर्मों से दूरी बनाए रखेगा, राज्य किसी धर्म को बढ़ावा नहीं देगा और न ही राज्य की कोई धार्मिक पहचान होगी|" |
तथास्तु वर क्या मांगू क्या ना मांगू मेरी दशा तो देख ही रहे हो प्रभु माँगने का विचार, जगाया है तो , मांग लेता हूँ , दे दो प्रभु । उम्मीदों के ना कटे पर , आदमियत का जनून हर हाल रहे । |
चीज़ बनाम मख्खन सेहत -ए -दिल से जुडा है सवाल .चीज़ बनाम मख्खन सेहत -ए -दिल से जुडा है सवाल .(Cheese better than butter for heart health?). हमारे कार्डियोलोजिस्ट ने हमें हालिया विज़िट में दो टूक बतलाया था .एनीमल प्रोटीन एनीमल फैट ,दूध और दुग्ध उत्पाद ही कोलेस्ट्रोल को बधातें हैं .हमारे ओर्थोपीदिशियंन ने हमें एक अंडा रोज़ लेने के लिए कहा था हृदय रोग के माहिर ने कहा मिलेट फिंगर बाजरा /ज्वार लो केल्शियम की आपूर्ति के लिए अंडा नहीं .हमारा मानना है मख्खन और चीज़ दोनों ही एनीमल प्रोडक्ट हैं .इस मंतव्य के साथ हम आज प्रस्तुत करतें हैं यह रिसर्च रिपोर्ट आप भी पढ़िए : |
तीन नवगीत: कवि- रमाकांतसिर पर / सुख के बादल छाए दुख नए तरीके से आए। घर है, रोटी है, कपडे हैं आगे के भी कुछ लफड़े हैं नीचे की बौनी पीढी के, सपनों के नपने तगड़े हैं अनुशासन का/ पिंजरा टूटा चिडिया ने पखने फैलाए। (दिनेश सिंह) |
यादवेंद्र की कवितायादवेंद्र जी अनुनाद के सबसे सक्रिय सदस्य हैं। इधर मेरे कुछ निष्क्रिय होने पर उनके अनुवादों ने ही अनुनाद को सहारा दिया है। वे कविता के क्षेत्र में हर तरह से हस्तक्षेप करते रहे हैं। उनकी ख़ुद की कविताएं बहुत समर्थ कविताएं हैं, जिन्हें पता नहीं किस संकोच में वे छिपाए रखते हैं। कभी-कभी ही ऐसा होता है कि वे अपनी कविता पढ़ने को भेजें। उनकी एक कविता पहले अनुनाद पर छपी है और इस बार मुझे फिर सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि उनकी एक कविता आपके सामने रख पाऊं। |
एक सिहरन जगे, जगे हर सूँ(एक मित्र द्वारा लिया गया फोटो, जगह है गुप्त-काशी, उत्तराखंड) .क़र्ज़ रातों का तार के हर सूँ एक सूरज नया उगे हर सूँ . काढ देंगे सहर उजालों की बाँध कर रात के सिरे हर सूँ |
महान गायक भूपेन हजारिका का निधनमहान गायक भूपेन हजारिका का निधन हो गया | इश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे |हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के सादिया में हुआ। पेश है उनके द्वारा गया हुआ एक भावपूर्ण गीत -----आइये -- |
"दोहे-दुनिया को दें ज्ञान" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")चमका तारा उसी का, जो करता है काज। कर्मशील इन्सान के, सिर पर सजता ताज।। अपने प्यारे देश का, आओ बढ़ाएँ मान। जगद्गुरू बनकर पुनः, दुनिया को दें ज्ञान।। |
पिघलती धूप का सूरज कोई पागल निकालेपिघलती धूप का सूरज कोई पागल निकालेलगेगी आग कह दो आसमां बादल निकाले पहाड़ों को बचा ले कम करे मिट्टी की गर्मी कहो की आदमी से फिर नए जंगल निकाले |
चर्चा बहुत ही क्रमवार और सुसज्जित है...
जवाब देंहटाएंचर्चा बहुत ही क्रमवार और सुसज्जित है...
जवाब देंहटाएंसुन्दर पठनीय सूत्र।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा ...आभार
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा ...आभार
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंउपयोगी लिंक्स !
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा,
जवाब देंहटाएंbadhia charcha...
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा अच्छे लिंक मिले..
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा , ...:)
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे लिंक्स संयोजित किए हैं आपने ।
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा .... अच्छे लिंक ....
जवाब देंहटाएंShukriya mujhe Ethan dene ka ....
जवाब देंहटाएंप्रिय रविकर जी हार्दिक अभिवादन इस मार्मिक सत्य घटना को आप ने मेरे ब्लाग से चुना और अभिभावकों संरक्षकों को सोचने हेतु विचार करने हेतु प्रोत्साहित किया जिसके लिए हम आप के आभारी हैं
जवाब देंहटाएंप्रभु सब को सद्बुद्धि दे और नशे से बचें और अपने नौनिहालों को बचा इस देश का कल्याण करें
बहुत ही मेहनत भरा काम आप का सुन्दर लिंक्स ...मन को छू गए ....शुभ कामनाएं
भ्रमर ५
सुन्दर और सटीक संयोजन |
जवाब देंहटाएंबधाई |
आशा
बढिया लिंक मिले। अपनी भी चर्चा से प्रसन्नता हुई। आभार॥
जवाब देंहटाएंअच्छी परिचर्चा .
जवाब देंहटाएंरविकर जी के पिता जी के लिए श्रद्धांजलि!!
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच को पंख लगा दिए आपने बेहतर लिंक्स ऊंची परवाज़ क्या कहने हैं आपके .लिए
जवाब देंहटाएंपिता श्री की बरसी पर हमारा भी नमन ,पुष्पांजलि .
जवाब देंहटाएंdinesh ji
जवाब देंहटाएंhardik dhanyvaad
bahut bahut hi steek prstuti .ek lay si banti hai padhte waqt.
sabhi ki rachnao ko padhne ka aapne bahut hi khoob surat mouka diya.
abhivaadan sahit
poonam