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मंगलवार, फ़रवरी 07, 2012

तुम बहुत खूबसूरत हो लड़की! चर्चामंच-782

नमस्‍कार! 
काफी सारी पोस्‍ट पढी मैंने आज। सुबह से काम के चलते वक्‍त नहीं मिला सो रात में बैठ गया और खो गया ब्‍लाग की दुनिया में। यहां कोई अपने ही ख्‍यालों में खोया है तो कोई उलझा है चुनावों को लेकर। किसी को चिंता इस बात की है कि मौजूदा समय में नैतिकता क्‍यों खत्‍म हो रही है तो कोई खुश है, ब्‍लाग जगत में उल्‍लेखनीय काम करने पर। .... तो शुरू करता हूं आज का सफर....अपनी पसंद के कुछ पोस्‍ट्स के साथ......... 
तुम बहुत खूबसूरत हो लड़की!
उदासियाँ बहुत गहरी हो जायें 
तो अपने अन्दर लौटो
वो तुम ही हो 
जिसके अन्दर है
रौशनी का अजस्र श्रोत
वहीं से निकलती है 
मुस्कुराहटों की बारामासी नदी
कुछ रिश्ते अनाम होते है पर वो रिश्ते दिल के करीब होते है 
अनाम होने पर भी रिश्ते 
........... कायम रहते है !
पर जब भी उन्हें नाम देने की कोशिश 
.............की जाती है !
गवाह बना था चाँद और सभी तारे
फिर भी तू न माना
कि हम सिर्फ तेरे हैं और तुम हमारे...
रंग तितलियों में भर सकती हूँ मैं......                               
फूलो से खुशबू भी चुरा सकती हूँ मैं......
यूँ ही कुछ लिखते-लिखते 
इतिहास भी रच सकती हूँ मैं......
सक्षम / सृजक 
संस्कारों एवं
सृष्टि का आधार
जिम्मेदार/समझदार
प्रकृति का अनमोल उपहार
पालनहार
मौन/प्राण/ अपान, ममता/सत्य 
ललकार
ये मेरी यात्रा है...
अच्छी या बुरी...
जैसी भी है ये मेरी अपनी है...
यहाँ जो जैसा है लिखता चला जाए...;

एक दिन सपने में पत्नी श्री से कुछ ऐसा ही सुना था ,समझ नहीं आया कि यह सपना था कि हकीकत ....
हास्य रचना का आनंद महसूस करें, मुस्कराएं..... ठहाका लगाएं ! 
हो सकें तो सुधर भी जाएँ ... :-)
जब से व्याही हूँ साथ तेरे

लगता है मजदूरी कर ली

बर्तन धोये घर साफ़ करें

बुड्ढे बुढ़िया के पैर छुएं,

जब से पापा ने शादी की, फूटी किस्मत, अरमान लुटे  !
जब देखो तब 
बटुआ खाली,हम बात तुम्हारी क्यों माने ?
''हू ला ला'' पर थिरके कदम 
''शीला-मुन्नी'' पर निकले है दम 

नैतिकता का है ये पतन 

दूषित हो गया अंतर्मन 

ओ फनकारों करो कुछ शर्म 

शालीन नगमों का कर लो सृजन 

फिर से सजा दो लबो पर हर दम 

वन्देमातरम .....वन्देमातरम !
हमने कुछ बनी बनाई रस्मो को निभाया ;
और सोच लिया कि;
अब तुम मेरी औरत हो और मैं तुम्हारा मर्द !!


लेकिन बीतते हुए समय ने जिंदगी को ;

सिर्फ टुकड़ा टुकड़ा किया ….
सतरंगी सा रूप तुम्हारा,
मुझको भाया नया-नया।

सीपों में मोती बन आया,
रूप तुम्हारा नया-नया।
कितना अभिमान है मुझे
अपने इन सुलझे धागों पर 

जिन्हें पल पल गाँठ पे गाँठ 
पर सुलझाया है 
मर्मान्तक पीड़ा से गुज़रना पड़ता है
दिन-रात मुझे
क्यूंकि .. स्त्री हूँ मैं
हाँ इक गुनाह हूँ मैं
समाज़ की हर सही
और गलत ज़रूरतों को
पूरा करने वाला  

पद्य रचनाओं के बाद अब कुछ गद्य रचनाएं...................... 
मान लीजिए डॉ. टी.एस.दराल जी की सलाह, क्‍योंकि लोदी गार्डन में पिकनिक --दे हर उम्र में ज़वानी का अहसास---  

 
 

अगली कडी में बता रहे हैं एक बार फिर केवल राम जी 
  


अदा जी, स्पेन में मुसीबत में हैं ?
सावधान रहिए, आपको भी इस तरह के ई मेल आ सकते हैं, सचेत कर रहे हैं खुशदीप सहगल जी 
 

अपने मम्‍मी पापा के साथ  बीते लम्‍हों से कुछ पल चुराकर लाई हैं शिखा वार्ष्‍णेय जी 
अपनी  जिंदगी के संघर्षों की कहानी लेकर आई हैं वंदना गुप्‍ता जी, रेखा श्रीवास्‍तव जी के माध्‍यम से 
रविन्‍द्र जी को मुंबई के कल्‍याण में हिंदी साहित्‍य श्री सम्‍मान-2012 से सम्‍मानित किया गया। बधाईयां उनको..... 
उत्‍तरप्रदेश सहित देश के कुछ हिस्‍सों में चुनाव का माहौल है। तमाम तरह के घोटालों, भ्रष्‍टाचार की बातों के बीच मतदाता मौन है... मतदाताओं की मन:स्थिति को सामने लेकर आए हैं अमित श्रीवास्‍तव जी 
अच्‍छी खबर है। अलबेला खत्री जी स्‍वस्‍थ्‍य हो गए हैं। अपनी देखभाल करने वाले अस्‍पताल, डाक्‍टरों और शुभचिंतकों को धन्‍यवाद दे रहे हैं अपनी ही शैली में........ कहते हैं, डाक्‍टरों ने अनावश्‍यक खर्च नहीं कराए.....!!!
छत्‍तीसगढ की समृध्‍द विरासत का एक हिस्‍सा है मेला-मड़ई। ब्‍लाग भ्रमण के बाद थकान दूर करने और कुछ रोचकता लाने घूम आईए यहां और  लीजिए मस्‍त नजारों का मजा। मेला-मड़ई की सैर करा रहे हैं राहुल सिंह जी। 
अब दीजिए अतुल श्रीवास्‍तव   को इजाजत। 
मुलाकात होगी अगले मंगलवार.... पर चर्चा जारी रहेगी पूरे सातों दिन। 
तब तक के लिए नमस्‍कार...................

33 टिप्‍पणियां:

  1. अतुलनीय अतुलजी ,..... इस मंगल की ब्लाग्गर्स चर्चा रोचक मंगलकारी ....

    जवाब देंहटाएं
  2. अतुल जी ,आभार | आप लोगो की मेहनत से हम लोगो को सारे अच्छे लेख एक साथ पढने को मिल जाते हैं |

    जवाब देंहटाएं
  3. आभार अतुल भाई ...
    अच्छे लिंक्स दिए हैं !

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत बढ़िया और सधी हुई चर्चा!
    कुछ नये लिंक भी मिले!
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  5. सबसे पहले तो आपका शुक्रिया अतुल जी...आपने मेरी रचना को चर्चा मंच में स्थान दिया..

    अच्छी प्रस्तुति..लिंक्स अब देखती हूँ...

    शुभकामनाएँ एवं आभार.

    जवाब देंहटाएं
  6. अतुलजी आपका बहुत -बहुत आभार हमारी रचना को स्थान देने के लिए... सुन्दर चर्चा बढ़िया लिंक्स...शुभकामनाएँ

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  7. सारी पोस्ट पढ़ अधिकाधिक आनन्द आया..

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  8. प्रिय अतुल जी ;

    नमस्कार
    आज की चर्चा में आपने मेरी कविता को शामिल करके मुझे अनुग्रहित किया है . आपका दिल से धन्यवाद. चर्चा बहुत अच्छी रही . मैं अब दूसरे लिंक्स भी देखता हूँ.

    धन्यवाद.
    विजय

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत बढ़िया सुन्दर चर्चा
    हमे चर्चा में स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार .......अतुल जी

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  10. बेहतरीन चर्चा ....

    जवाब देंहटाएं
  11. dhnyavaad mujhe shamil karne ke liye..........

    badhaai shaandaar links ke liye

    जवाब देंहटाएं
  12. ्बहुत सुन्दर लिंक संयोजन्………बढिया चर्चा।

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  13. विस्तृत चर्चा बहुत सुन्दर लगी .

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  14. behad sundar links atul ji....
    aapne mere shbdon ko sthan diya..bahu bahut aabhar..

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  15. good selections atul ji...haasya,,,prem bhavaanaae sab kuchh ek saath mil gaya..aabhaar aapka

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  16. बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स का चयन किया है आपने ..आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  17. सुंदरता से सजाया है चर्चा मंच ..आभार आपका.

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत बढ़िया रचना अतुल जी हार्दिक बधाई ...:)

    जवाब देंहटाएं
  19. आपका बहुत-बहुत आभार अतुल जी.... बहुत ही खुबसूरत लिनक्स की आज चर्चा की है आपने..... मुझे स्थान देने के लिए आपको धन्यवाद.....

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  20. बहुत ही बेहतरीन लिंक्स का संयोजन है
    शानदार चर्चा मंच ....

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  21. क्या बात बहुत खूब .. बढ़िया गद्य और पद्य से सजी आज की महफ़िल
    खूब रस लिया .. दिल खुश हो गया
    ये सिलसिला यूँ ही अनवरत चलता रहे
    स्वयं को चर्चा मंच का हिस्सा बना देख बहुत अच्छा लगा
    बहुत बहुत शुक्रिया आपका

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