बजरंगबली का नाम लेके आज की पहली चर्चा राजकुमार जी की एक पुरानी रचना भैंस पे लैपटॉप से शुरू कर रहा हूँ . आगे पढ़े दवे जी का माय लोर्ड और दुबे और आपकी कहानी .
फतवों का कानून रिश्तों का इल्म करा देता है .
जब मेरे शहर में जब आंधी आये तो क्या करें सरस्वती के उद्दंड बेटे .
अमानवीय भावनात्मक लगाव की तलाश में हैं सुकरात.
जी हाँ वोट बेचने का मौसम जिसमे कस्टमर सर्विस बेस्ट है .
घास खाने वाले गधा का वफादार होना खुली आँखों का एक सपना है .
आज के लिए इतना ही ..
सादर
कमल
संक्षिप्त, सूक्ष्म व गहन..
जवाब देंहटाएंSunder charcha....Abhar Shamil karne ka...
जवाब देंहटाएंSukshm Charchaa kaa shukriyaa kamal ji
जवाब देंहटाएंप्रभावी चर्चा ||
जवाब देंहटाएंNice .
जवाब देंहटाएंहक़ीक़त गहरी हो और उसे भारत न जानता हो ?
यह एक असंभव बात है।
भारत का साहित्य गहरी हक़ीक़तों से लबालब भरा हुआ है। गहरी हक़ीक़तों के जानने वाले को ही पंडित कहा जाता है।
पंडित वह सत्य भी जानते हैं जिसे इतिहास ने महफ़ूज़ कर लिया और जिसे सब जानते हैं और पंडित वह परम सत्य भी जानते हैं जिसे सुरक्षित रखने का सौभाग्य केवल उन्हीं को मिला और जिसे कम लोग ही जानते हैं।
See :
http://www.vedquran.blogspot.in/2012/01/mohammad-in-ved-upanishad-quran-hadees.html
वाह कमाल है कमल जी आपका।
जवाब देंहटाएं10 लाइनों में 20 लिंक!
आभार!
कमाल
जवाब देंहटाएंkaml ji aap ka charcha rakhne ka trika pasnd aaya .....
जवाब देंहटाएंप्रभावी चर्चा मंच ...
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