shashtri sir, bahut bahut sukriya meri rachna ko charchamanch me lane ke liye.....mai out of station hun, net jyada nahi use kar pa rahi......wapas aane par vistaar se sabki rachnayen dekh paungi.......
आ0 शास्त्री जी मेरे गीत ’कभी कभी इस दिल को जाने....को ’चर्चा मंच’पर स्थान देने का बहुत-बहुत धन्यवाद "चर्चा" में अन्तत: क्या निष्कर्ष निकला पता चले तो अच्छा होता सादर आनन्द.पाठक
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bara bariyalaga..kewal chitra dekar samantawad prastut kiya...badhai.
जवाब देंहटाएंkya baat.hai shastri jee.. kya photos se bhi .../
जवाब देंहटाएंसुप्रभात शास्त्री जी..
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत आभार...
अब लिंक्स देखती हूँ..
शुक्रिया.
सादर.
आज चित्र पहचानो प्रतियोगिता में लगभग सारे चित्र पहचान लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतर चित्र संयोजन और यह चर्चा का आयोजन।
जवाब देंहटाएंपहले से भी ज़्यादा सिंपल ☺
जवाब देंहटाएं:) सार्थक चर्चा..
जवाब देंहटाएंbahut khoob ... bilkul nayaa dhang charchaa kaa ... shaandaar ...
जवाब देंहटाएंnirantartaa banaayen rakhen ... badhaai va shubhakaamanaayen ...
जवाब देंहटाएंबेहतर चित्र संयोजन और यह चर्चा का आयोजन।
जवाब देंहटाएंनए अंदाज की चर्चा में मुझे शामिल करने के लिए आपका आभार शास्त्रीजी !
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा..... श्रमसाध्य चर्चा
जवाब देंहटाएंशामिल करने का आभार
आभार ||
जवाब देंहटाएंएक सार्थक मेहनत है आपकी ....
जवाब देंहटाएंआपका आभार शास्त्री जी मुझे भी इस चर्चामंच में स्थान देने के लिये ! चर्चा का यह अंदाज़ भी बहुत अच्छा लगा !
जवाब देंहटाएं(॰|॰)
जवाब देंहटाएं=
rachna shamail karne ke liye bahut2 abhaar......
जवाब देंहटाएंrachna shamail karne ke liye bahut2 abhaar......
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी, नमस्कार....
जवाब देंहटाएंरोचक और नया अनुभव मेरे लिए .....
आभार आपका !
chitr se link tak pahunchne ka idea bahut achcha laga......dheere-deere sara kuch padh rahi hoon.saath hi dhanybad bhi mujhe shamil karne ke liye.
जवाब देंहटाएंपंडित जी.. कमाल का आइडिया है.. तस्वीरों से सजा दिया आपने अल्बम.. चर्चा मंच पर ब्लॉगर स्वयं उपस्थित है स्वागत में!!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!!
नए अंदाज में बढिया चर्चा।
जवाब देंहटाएं))---
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ब्लॉग चित्रांकन के जरिये लिंक्स तक पहुँचने की अनूठी सार्थक चर्चा प्रस्तुति और इसमें मेरे ब्लॉग को शामिल करने के लिए बहुत आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
इतना ढेर सारा लिंक आपने दिया है कि आधा पढ़ा आधा रह गया..फिर कभी।..आभार।
जवाब देंहटाएंBahut hi Anoothi badhiya charcha ... badhai
जवाब देंहटाएंतस्वीरों से भरी सुन्दर चर्चा.....
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यावाद.....:)
नए अंदाज में बढिया चर्चा।
जवाब देंहटाएंIDEA DHANSOO HAI SHASTRI JI
जवाब देंहटाएंANDAJ BHI NYA THA......MAST LAGI AAJ KI CHARCHA JI
जवाब देंहटाएंबढिया रहा अन्दाज़्।
जवाब देंहटाएंbahut achche chitron se susajjit sootra mile.aabhar
जवाब देंहटाएंshashtri sir, bahut bahut sukriya meri rachna ko charchamanch me lane ke liye.....mai out of station hun, net jyada nahi use kar pa rahi......wapas aane par vistaar se sabki rachnayen dekh paungi.......
जवाब देंहटाएंआ0 शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंमेरे गीत ’कभी कभी इस दिल को जाने....को ’चर्चा मंच’पर स्थान देने का बहुत-बहुत धन्यवाद
"चर्चा" में अन्तत: क्या निष्कर्ष निकला पता चले तो अच्छा होता
सादर
आनन्द.पाठक