सबसे पहले सबको प्रणाम के साथ गउरा सिव बियाह की हार्दिक शुभकामनाएँ!
अति व्यस्तता ने चर्चामंच का संबोधन तक भूल चुका था, अबकी मैंने व्यस्तता को छुट्टी दे दी है,
अति व्यस्तता ने चर्चामंच का संबोधन तक भूल चुका था, अबकी मैंने व्यस्तता को छुट्टी दे दी है,
दवेजी के अटरिया वाले एक गुंडा दोस्त की आत्मकथा से पता चला की, रासायनिक साबुन के प्रयोग से उनको संक्रमण हो चूका है इसलिए उनकी पढाई -लिखाई भी छूट चुकी है. "आदरणीय “रविकर” जी को समर्पित किये हैं डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ने पाँच दोहे" !
२७ फरवरी शाम का सूरज ढलते ही इस बसंती फुहार में अंजू चौधरी जी का पुस्तक विमोचन है, सभी आत्मा सहित उपस्थित रहे इसी बहाने सभी खुश होंगे . जल्द ही एक और जीवन के दृष्टिकोण पर दृष्टि डालने की ललक बिना पैसा खर्च किये पूरी होने वाली है . फेसबुक, आपको भी धन्यवाद और विदा से पहले यह कार्टून-
चुनाव (आयोग) सुधार
चुनाव (आयोग) सुधार
आज के लिए इतना ही ,
बाकी अगले हफ्ते ,
सादर .
कमल
बहुत सुन्दर और संक्षिप्त चर्चा!
ReplyDeleteआभार!
कमाल सिंह जी की यह चर्चा खास अलग अंदाज में ...अच्छी लगी... लिक्स में अब जाना होगा ..सादर
ReplyDeleteबढ़िया चर्चा ......
ReplyDeleteसुन्दर और संक्षिप्त चर्चा.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चर्चा। मेरे ब्लॉग को स्थान देने के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteआज का चर्चा मंच
ReplyDeleteउत्कृष्ट रचनाओं से भरपूर है ।।
संक्षिप्त, सार्थक और गहन..
ReplyDeleteबहुत ही बढि़या लिंक्स का वयन किया है आपने ।
ReplyDeleteअच्छी और संक्षिप्त चर्चा |
ReplyDeleteआशा
best
ReplyDeleteअच्छी चर्चा , हमेशा की तरह.
ReplyDeleteसुन्दर चर्चा।
ReplyDeleteअच्छी रचनाये बढ़िया प्रस्तुति,.....
ReplyDeleteMY NEW POST...काव्यान्जलि...आज के नेता...
संक्षिप्त,बढ़िया चर्चा!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चर्चा
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति,
ReplyDeleteधन्यवाद मेरे लेख को सम्मान देने के लिए
Badhiya .
ReplyDeleteCharchamanch ka charcha -
http://drayazahmad.blogspot.in/2012/02/blog-post_23.html