हर ओर भोलेनाथ का जयकारा है। वैसे तो सोमवार को शिवजी का दिन माना जाता है, पर इस सोमवार सोने पर सुहागे की तरह था। महाशिवरात्रि और वह भी सोमवार को........ भोले बाबा को प्रसन्न करने मंदिरों में भीड उमडी रही...... जगह जगह शिवजी का जलाभिषेक किया गया। मंगलवार की चर्चा सोमवार को पोस्टों का चक्कर लगाकर लगाने बैठा हूं।
फेसबुक पर ब्लागर केवल राम जी ने एक स्टेट्स लिखा था, जब वेलेन्टाईन का जन्मदिन वेलेन्टाईन 'डे' के रूप में मनाया जाता है तो भगवान शिव जी का जन्मदिन शिव 'रात्रि' के रूप में क्यों मनाया जाता है.....???? सवाल मजेदार है......। आपको जवाब मालूम है तो बताएं, चलिए सोचकर बताईए, तब तक कुछ ब्लागों की चर्चा कर ली जाए..........
देवों के देव महादेव की स्तुति लेकर आईं हैं रचना जी
साथ में जय महादेव का उदघोष कर रही हैं दिव्या श्रीवास्तव जी
भोले बाबा" का परिवार विरोधाभासों का भंडार ...... है, बता रही हैं निवेदिता जी
शिव आराधना कर रहे हैं पी सी गोदियाल 'परचेत' जी
हर हर बम बम गाओ कह रहे हैं रूपचंद्र शास्त्री जी
शास्त्री जी ही लेकर आए हैं "शिवरात्रि मेला-फोटोफीचर"
अब चर्चा कुछ अन्य पोस्टों पर।
अगर आप किसी की खुशियों की इबारत लिखने वाली पेंसिल नहीं बन सकते तो दूसरों के दर्द मिटाने वाले रबर बनने की ही कोशिश कीजिए... इन्हीं भावों के साथ खुशदीप जी कह रहे हैं रफ्तार पर डेंट अच्छे हैं....
शादी की सालगिरह पर पल्लवी जी लेकर आई हैं अपनी स्मृतियां
नवगीत की पाठशाला कह रही है कुछ प्रतीक्षा और....
अदा जी कह रही हैं हिंदी ब्लॉगिंग का इतिहास...कितना सच कितना झूठ..
सुमीत प्रताप सिंह जी की लघुकथा स्वार्थ
पूजा उपाध्याय जी सबके लिए मांग रही हैं ऐसी बदमाश दुपहरें.....
डा मोनिका शर्मा बता रही हैं एक अंतरराष्ट्रीय सर्वे कहता है दुनिया में सबसे ज्यादा हैं खुश भारतीय
लविजा का मना वीकेंड जयपुर ज़ू में… :)
जानती हूं जीना चाहते हो तुम
एक मुकद्दस जिंदगी
ख्वाबों की जिंदगी
हकीकत के धरातल पर
कभी कभी मन में आता है
ये सब व्यर्थ है...
लिखना... पढ़ना
शब्दों के जाल जंजाल
ये सब व्यर्थ है...
लिखना... पढ़ना
शब्दों के जाल जंजाल
ईश्वर से मेरा सम्बन्ध
बहुत गहरा है,
खुला और अनौपचारिक !
मैं नास्तिक नहीं हूँ ,
पर मैं डरकर
या स्वार्थवश
नहीं चाहता उसकी कृपा पाना !
बहुत गहरा है,
खुला और अनौपचारिक !
मैं नास्तिक नहीं हूँ ,
पर मैं डरकर
या स्वार्थवश
नहीं चाहता उसकी कृपा पाना !
जीते हुए जीवन ...
सहजता से...सुघड़ता से ..
जीवन की कठिनाईयों पर ...
कामना पर ...
विजय पाना ...
गुलाब के फूल की तरह ...
एक नदी
पहाड़ों से निकली
पत्थरों से टकराकर
राह बदल कर
चाँद शरमाता हुआ सा छुप गया |
ले गया दिल और जां ले, उफ़! गया ||
धडकनों में गीत मीठे बज उठे,
बांसुरी ले आसमां ही झुक गया ||
ओस - मेरे भावबन ओस की निर्मल बूँद
बरस गए मेरी बगिया
हर पंखुरी आँखें मूँद
करती आपस में बतियाँ
एक गीत लिखने का मन है
ढूँढ़ रही हूँ कुछ नए शब्द
जो बिलकुल अनछुए हो
न कभी पढ़े ,ना कभी सुने हों
जो बिलकुल अनछुए हो
न कभी पढ़े ,ना कभी सुने हों
किसी ने कहा है.....
"ज़िन्दगी तस्वीर भी है.....
और तकदीर भी...
फर्क तो रंगों का है...
मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर...
और अनचाहे रंगों से बने तो तकदीर...!"
उसका दिल देह में कहां होता है
देखती हूं उसे
कभी रात के सन्नाटे में
बिना मिजराब बजा रहा होता है
न जाने कौन सी दुनिया का सितार
तुम मेरे लिए धूप के टुकडे से हो
तुम्हारी थोडी सी कमी जैसे गला देती है मुझे
ऐसे लगता है उंगलियां जमने से लगी हैं
और जब थोडा सा प्यार बढ जाता है
तो घबरा जाती हूं कहीं जल न जाऊं
वहां, जहां तुम्हें लगे कोई साथ नहीं है
और सबने बना ली है मौन की दीवार
तुम आवाज लगाना...
और सबने बना ली है मौन की दीवार
तुम आवाज लगाना...
अपनी बेगुनाही का हरपल गवाह रखिये
खुद पर खुद ही ख़ुफ़िया निगाह रखिये
दस्तूरन ‘सच’ जब शक के दायरे में हो
हो सके तो ‘झूठ’ को गुमराह रखिये
जाने का जब मन हुआ
मुंह उठा कर चल दिया
ठोकर लगी सम्हल न पाया
माँ की सीख याद आई
“नीचे देख सदा चलना “देख रहा हूँ
फिर उस ओर
पीछे मुड़ कर
की थी जिधर से शुरुआत
चलने की
फिर उस ओर
पीछे मुड़ कर
की थी जिधर से शुरुआत
चलने की
दूर रह के भी वो हसरत से हमें देखते हैं
पास से देखने को भी वो गुनाह कहते हैं..!
हम खुद भी रहें परदे में....तो क्या होता है
देखने वाले....क़यामत की नज़र रखते हैं..!
मेरे दुख तूने साथ निभाया।
तब जब कोई न था अपना,
टूट चुका था हर एक सपना।
घर था पर न थी छत ऊपर,
बारिश से भींगा तन तर,तर।
जीवन में फांकामस्ती का अपना अलग ही मजा है - डा टी एस दराल वो जीवन भी क्या जीवन पिया
जो जीवन भर डर डर कर जिया ।
क्या कहिये उसको जिसने भला
ज़ुल्मों के आगे होठों को सिया ।
यात्रा से लौटती हूं
तो कई दिनों तक घर अस्त-व्यस्त रहता है
हम सब दुआ करें क्षमा जी के लिए। उनका स्वास्थ्य फिलहाल ठीक नहीं, वो जल्द स्वस्थ्य हों, फिर से सक्रिय हों, ये कामना करें, क्योंकि उन्हें पडा है दिल का दौरा - आखिर में कुछ बातें स्वास्थ्य को लेकर...........
- सेहत के नुश्खे और बहुत कुछ
- सीखिए Blog के लिए 7 Blockquote Effect और जानिए Youtube विडियो को मोबाइल-कंप्यूटर से डाउनलोड करने का तरीका
अब दीजिए अतुल श्रीवास्तव को इजाजत।
फिर मुलाकात होगी अगले मंगलवार... पर चर्चा जारी रहेगी पूरे सातों दिन....... ।
नमस्कार।
चुनिन्दा ब्लाग्स की रुचिकर प्रस्तुति के साथ साथ डे और रात्रि के प्रश्न तो जिज्ञासा जगा दी , अतुल जी ....
जवाब देंहटाएंचर्चामंच पर शामिल करने के लिए शुक्रिया,,,,
जवाब देंहटाएंमिलीं एक से एक बेहतरीन रचनाएं और साथ में नये मित्र भी...!
बढ़िया चर्चा..... बहुत अच्छे लिनक्स मिले....
जवाब देंहटाएंओम् नमः शिवाय!
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार और विस्तृत चर्चा!
आभार!
बहुत बढ़िया लिंक्स ...सुंदर चर्चा ...!!
जवाब देंहटाएंआभार मेरी रचना को स्थान दिया ...!!
अत्यन्त पठनीय सूत्र..आराम से बैठकर पढ़ते हैं...
जवाब देंहटाएंAtul Ji Thanks For Adding Hindi4tech Tutorial On Charchamunch...Thanku Soooo Much... :))
जवाब देंहटाएंbahut achchi prastuti.
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स..
शुक्रिया सर..
अतुल जी ने बेहतरीन चर्चा की है...बहुत सुन्दर लिंक्स जोड़े है...चर्चामंच की टीम और सभी ब्लोगर्स साथियों को महाशिवरात्रि पर हार्दिक शुभकामनाएं ..थोरा देरी सही पर प्रभु कृपा सदा बनी रहे...
जवाब देंहटाएं@अतुल श्रीवास्तव
जवाब देंहटाएंआप चर्चा करते हैं और लोग आप की चर्चा से विभन्न पोस्ट पर जाते हैं . चर्चा करते समय ध्यान देना चाहिये की जेंडर बायस से लिप्त पोस्ट की चर्चा ना की जाए . आप ने एक पोस्ट की चर्चा की हैं "अपने बेटियों की बाल काले करे " उस पोस्ट में कुछ नहीं हैं केवल और केवल हेअडिंग में महिला का जिक्र एक आपत्ति जनक तरीके से किया गया हैं , जेंडर बायस अब कानून अपराध हैं . आप से आग्रह हैं की इस प्रकार की पोस्टो का बहिष्कार करे . जब तक हम सशक्त तरीके से ये काम नहीं करेगे तब तक महिला के प्रति बायस नज़र आता रहेगा
और
@ मयंक जी
आप तो उस पोस्ट पर बहुत सुंदर प्रस्तुति भी लिख आये क्या हैं उस पोस्ट में जो सुंदर हैं ? क्या आप पोस्ट पढते हैं भी हैं इस प्रकार का कमेन्ट देने से पहले
मेरी पोस्ट का लिंक हटा दे अगर इस पोस्ट का लिंक ना हटा सके तो
मेरी आपत्ति डेज की जाए
सुन्दर चर्चा ||
जवाब देंहटाएंमंगलकामनायें ||
अतुल जी आभार आपका !
जवाब देंहटाएंविविधता लिए बढ़िया चर्चा प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार!
Is baar prastutikaran sundar aur achhaa lagaa
जवाब देंहटाएंbadhaayee
सार्थक चर्चा...देखते हैं लिंक्स...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया...
बहेतरीन लिंक्स का खूबसूरत समायोजन
जवाब देंहटाएंचर्चा-मंच के द्वारा अच्छी पठनीय सामग्री मुहैय्या कराई ........ "झरोखा" को भी स्थान दिया ,शुक्रिया !!!
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा अच्छे लिंक्स,अच्छे चर्चा कार .सभी लिंक्स पढ़े ,गुने ,टिपियाये जी भर .
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा अच्छे लिंक्स,अच्छे चर्चा कार .सभी लिंक्स पढ़े ,गुने ,टिपियाये जी भर .
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स..अतुल जी ,...बधाई
bahut sundar links se sajaya hai aajke charcha manch ko aapne.....kuch padh li hain kuch padh rahi hu...meri kavita ko sthaan dene ke lie aabhar
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स संजोये हैं.
जवाब देंहटाएंवाह ! चित्रमयी आनंददायक चर्चा .
जवाब देंहटाएंआभार .
अच्छी चर्चा... सुन्दर लिंक्स...
जवाब देंहटाएंसादर आभार.
बहुरंगी लिंक्स लिए अच्छी चर्चा |आभार मेरी रचना शामिल करने के लिए |
जवाब देंहटाएंआशा
GREAT LINKS..THANKS..
जवाब देंहटाएंबहुत ही रोचक चर्चा लगायी है शानदार लिंक संयोजन्।
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे लिंक्स का चयन किया है आपने ।
जवाब देंहटाएंachchhe links ..
जवाब देंहटाएंsaath mein shamil karne ke liye shukriya .
bahut badiya links ke sath sundar charcha prastuti...abhar!
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार और विस्तृत चर्चा!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर तरीके से लिंक सजायें है आप ने ,अरुण जी ,निरंतर जी,और यशवंत जी के ब्लॉग पर तो हो आई हूँ आप के माध्यम से, बिखरे मोती पर भी हो आई,रात को फिर वक्त मिला तो एक बार फिर कुछ लिंक पर जाने की कोशिश करुँगी ,यहाँ पहुच कर काफी खबरें पता चल जाती है शुक्रिया
जवाब देंहटाएंवाह!क्या बात है!!
जवाब देंहटाएंआभार आप सबका।
जवाब देंहटाएंमेहनत झलकती है
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स
आज बहुत देर से चर्चा मंच पर आई हूँ क्षमा चाहती हूँ |
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा औए कई लिंक्स |
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार