रविवार के लिए लिंक खोजने के लिए ब्लॉगिस्तान में घूम रहा हूँ,
शायद कुछ मोती इस महासागर से मिल जाएँ।
अब तक जो रत्न मिले हैं वह इस प्रकार से हैं-
अनोखे वैलेन्टाइन-हाइगा में -*प्रेम दिवस* *सबने है मनाया* *अंदाज नया |* 'HUG DAY'के लिए यह विशेष हाइगा प्रस्तुत है|
कैसा रहेगा आपके लिए 11 और 12 फरवरी 2012 ?? विकल्प की अधिकता भ्रम उत्पन्न करती है, भ्रम स्पष्ट दिशा ढाँक देता है, भ्रम सोचने पर विवश करता है, भ्रम निर्णय लेने को उकसाता है... क्लाउड का धुंध! भयावह रूप ले वो क्यूँ, इस तरह जिद् पर अड़ी है बड़ी क्रुर दृष्टि से देख रही मुझे देखो मौत मेरे सामने खड़ी है ....! लिबास - बहुत पुरानी बात है. मिस्र देश में एक सूफी संत रहते थे जिनका नाम ज़ुन्नुन था. एक नौजवान ने उनके पास आकर पूछा, “मुझे समझ में नहीं आता कि आप जैसे लोग सिर्फ एक..! गड्ड-मड्ड कविता ... - एक दिन, मैंने गुस्से-गुस्से में सादा कागज़ पर गोदा-गादी अंड-संड अगड़म-बगड़म लाल-पीला, हरा-नीला जैसा, कुछ गड्ड-मड्ड कर दिया ! अब कर दिया तो कर दिया...! इंटरव्यू में - साल में कितने दिन होते हैं? केंडीडेट - 360 इंटरव्यू लेने वाला - किससे पढ़ के आये हो भाई??....किससे पढ़ के आये ?
चेन्नई की संगीत संध्याएँ - “मार्कज्ही” का तामिल माह जो उत्तर में मार्गशीर्ष या अगहन कहलाता है, दक्षिण में अति महत्वपूर्ण माह होता है. प्रातः पौ फटने के पूर्व ही मंदिरों के पट खुल ...! "प्रतिज्ञादिवस में प्रतिज्ञा कहाँ है?" *प्रज्ञा जहाँ है, प्रतिज्ञा वहाँ है।।*** *छाया हुआ रूप का ही नशा है,*** *जवानी में उन्माद ही तो बसा है,***! क्यों जरूरी है रक्तदान ? Why Blood Donation ? रक्तदान का शरीर से निकाल कर जरूरतमंद व्यक्ति को देना रक्तदान कहलाता है बशर्ते इसके बदले कोई धन पुरस्कार आदि ना लिया जाए ...! क्यों न अब अखबारों और चैनलों पर लिखा जाए “केवल वयस्कों के लिए” जैसा कोई टैग लगाना चाहिए? हो सकता है यह सवाल सुनकर आपको आश्चर्य हो रहा होगा मगर ...! मधु से मधुमेह बनता है, लेकिन मधु से मधुमेह नहीं होता. - एक समय था जब डायबिटीज ( मधुमेह ) जैसी बीमारी को विकसित देशों की समस्या समझा जाता था । लेकिन आधुनिक विकास के साथ अब यह समस्या भारत जैसे विकासशील देश में भी...! फ़ुरसत में ... स्मृति से साक्षात्कार - ऑन लाइन पुस्तक की बुकिंग की थी। सप्ताह भी नहीं बीता, आ गई है....। मरीचिका में भी क्षितिज का आधार -लिखनेवाले एहसासों का बिछौना एहसासों का सिरहाना एहसासों का गिलाफ रखते हैं साइड टेबल पर जो पानी रखा होता है वह भी एहसासों से भरा होता है ......! जीवन विचार और समस्या निवारण।जीवन विचार - 1. हमेँ अपने जीवन मेँ सदविचार व सदमार्ग का अनुसरण करना चाहिए। 2. वर्तमान मेँ युवाओँ मेँ भटकाव की दशा बनी हुई हैँ। इसकाकारण है कि वर्तमान मेँ उनके सामने कोई सक्षत व ठोस उदाहरण नहीँ हैँ तथागाँधी, सुभाष जैसे उदाहरण काफी पीछे छूट चुके हैँ.....! कहीं ब्रेड (डबल रोटी )के भुलावे में हम ज़रुरत से कहीं ज्यादा नमक तो नहीं खा रहें हैं ? - दस में से नौ अमरीकी ज़रुरत से कहीं ज्यादा नामक खा रहें हैं ...! रोटी - रोटी (ताँका) फूली थी रोटी सहसा फट पड़ी भाप का ताप अग्नि ताप से ज्यादा विद्रोह या आक्रोश? यह कविता की जापानी विधा है| इसमें वर्णों का क्रम 5+7+5+7+...! समकालीन गीत: कथ्य और तथ्य- अवनीश सिंह चौहान -चित्र गूगल सर्च इंजन से साभार ------------------------------ ''तमाम गीतकारों में समय और सत्य को ठीक-ठीक समझे बगैर ही अपने लिखे को छपने-छपाने की बेकली है।'' ...! स्त्री - पुरुष यानि व्यक्ति जो सो सकता है पैर फैला कर सारी चिंताएँ हवाले कर पत्नी यानि स्त्री के और वह यानि स्त्री जो रहती है निरंतर जागरूक और और देखती रहती है .....! कह जाती कुछ और कहानी -निराला संसार कल्पनाका असीमित भण्डार उसका पर घिरा बादलों से कुछ स्पष्ट नहींहोता | जो दिखाई दे वह होता नहीं जो होता वह दीखता...! चूल्हा फूंकता बचपन - Image from Google कलम विवश क्या-2 लिख जाए? शब्द नहीं मिलते भावों को, समय बेचारा बैद्य चतुर है, कहीं लेप न लग जाए घावों को।.... सृजन के बीज - * अपने आँगन की क्यारी में बीज सृजन के मैंने बोये गर्भ गृह में समा गया क्या सोच सोच कर मन रोये । शहरों की रेत और गावं के खेत... - *शहरों की रेत में* *अपने गावं के खेत ढूंढता हूँ,* *खुली आँखें देख नहीं पाती* *पर दिख जाता है जब भी आँखें मूंदता हूँ..! राज-तंत्र की बेल, बढ़ी इन रायबरेली ।। माँ एक पवित्र शब्द है ऐसा शब्द जिसके आगे भगवान भी झुकता है , लेकिन अपने देश की एक पार्टी ने भी विदेश से आयातित एक इम्पोर्टेड मम्मी नियुक्त किया है, ..."माँ की आँख"- के आँसू !
अब कुछ बच्चों के ब्लॉग भी देखिए-
जाड़ा
"भगवान एक है"
मन्दिर, मस्जिद और गुरूद्वारे।
भक्तों को लगते हैं प्यारे।
राहें सबकी अलग-अलग हैं।
पर सबके अरमान नेक है।
नाम अलग हैं, पन्थ भिन्न हैं।
पर जग में भगवान एक है।।
माइटी राजू (Mighty Raju)
"भगवान एक है"
मन्दिर, मस्जिद और गुरूद्वारे।
भक्तों को लगते हैं प्यारे।
राहें सबकी अलग-अलग हैं।
पर सबके अरमान नेक है।
नाम अलग हैं, पन्थ भिन्न हैं।
पर जग में भगवान एक है।।
माइटी राजू (Mighty Raju)
अन्त में यह कार्टून-
कार्टून को भी चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा...!
जवाब देंहटाएंभ्रमण करके चुना और इतनी सुन्दरता से लिनक्स को पिरोया! वाह!
सुंदर लिंक्स के साथ बहुत ही शानदार चर्चा!
जवाब देंहटाएंमेरी रचना'' रोटी'' और ''अनोखे वैलेन्टाइन-हाइगा में'' को स्थान देने के लिए आभार|
एक और उम्दा चर्चा का मंचन....
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद..
मेरी कविता को मच पे स्थान देने के लिए शुक्रिया.....:)
nice links.......thanks
जवाब देंहटाएंउम्दा
जवाब देंहटाएंबहुत श्रम से सहेजे गए ढेर सारे लिंक्स । शुक्रिया इतनी सुंदर पोस्टों तक पहुंचाने के लिए
जवाब देंहटाएंसंकलन में किये परिश्रम से हम नित ही लाभान्वित होते रहते हैं, आभार...
जवाब देंहटाएंबहुत मेहनत से संजोए गए लिंक्स।
जवाब देंहटाएंumdaa charchaa ...
जवाब देंहटाएंprasanshaneey links ... nirantartaa banaaye rakhen ... aabhaar ...
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा।
जवाब देंहटाएंबेहतर लिंक्स।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं'मतलब के लिए गधे को बाप बनाना 'एक राजनितिक कला है .इसमें दीक्षा प्राप्त व्यक्ति दीक्षित कहलाता है .बेःत्रीन व्यब्ग्य काजल कुमारजी .
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी,
जवाब देंहटाएंमेरी नई पोस्ट 'जीवन विचार और समस्या निवारण' को अपने ब्लॉग पर स्थान देने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।
http://jeevanvichaar.blogspot.com
'मतलब के लिए गधे को बाप बनाना 'एक राजनितिक कला है .इसमें दीक्षा प्राप्त व्यक्ति दीक्षित कहलाता है .बेःत्रीन व्यब्ग्य काजल कुमारजी .
जवाब देंहटाएंहर बार की तरह शाष्त्री जी लाये हैं ताकतवर अश्त्र शस्त्र बेहतरीन सार्थक लिंक्स.
जवाब देंहटाएंजुगाली(www.jugaali.blogspot.com) को चर्चा मंच की बहुमूल्य चर्चा और सुधी पाठकों के बीच संवाद का जरिया बनाने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चर्चा प्रस्तुति ..आभार!
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक संयोजन्।
जवाब देंहटाएंbahut hi sunder charcha
जवाब देंहटाएंaabhar
nice .
जवाब देंहटाएं"सृष्टि वृक्ष का मूल परमात्मा है जो कि जगत का सूर्य...":
आपके लेख में बहुत कुछ होता है।
http://vedquran.blogspot.in/2012/02/sun-spirit.html
बढ़िया चर्चा... सार्थक लिंक्स..
जवाब देंहटाएंसादर आभार...
उत्तम चर्चा |कई लिंक्स |मेरी रचना शामिल करने क्के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
आपका बहुत आभार...
जवाब देंहटाएंअच्छी रचनाये पढवाने और बेहतरीन प्रस्तुतीकरण हेतु..
शुक्रिया
सादर.
jai ho..........
जवाब देंहटाएंsundar aur bharpoor charcha......
badhaai !
बहुत ही शानदार चर्चा ||
जवाब देंहटाएंNice and Interesting Jokes and प्यार की बात Shared Ever.
जवाब देंहटाएंThank You.