फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, जुलाई 25, 2012

गर इज्जत की फ़िक्र, व्याह करते हो काहे : रविकर - चर्चा-मंच 951

  (0)
नया-परिचय : 


About Me

My Photo
Ye Najare Taharir.., Syaah Nure Naajir.., Ye Rangeen Tasvir.., Haay Dil Ka Purjaa-Purjaa.., Ek Nigaahe-Sham-Shir.., Dare-Mayaani Najir.., Ba-Range-Dasti Takarir.., Darj Dafaadaari Ka Darjaa.., Rukhe-Rang Shifar-Shir.., Labe-Posh Shirin-Shir.., Chashme Baddur Taasir.., Badastur Jamaa-Kharchaa.....
NEET-NEET 

NEET-NEET
 (00)

कैसे बचा जाए मधुमेह में नर्व डेमेज से

veerubhai 







nformation2media...

कुत्ते जैसा भौंकना, गिरगिट सा रंगीन ।
गिद्ध-दृष्टि मृतदेह पर, सर्प सरिस संगीन । 
सर्प सरिस संगीन, बीन पर भैंस सरीखा ।
कर्म-हीन तन सुवर, मगर अजगर सा दीखा ।
निगले खाय समूच, हाजमा दीमक जैसा ।
कुर्सी जितनी ऊंच, चढ़ावा चाहे वैसा ।।

  7

लड़की को दुनिया में आने ही मत दो

सलीम अख्तर सिद्दीकी

बजे बाँसुरी बेसुरी, काट फेंकते बाँस ।
यही मानसिकता करे, कन्या भ्रूण विनाश ।

कन्या भ्रूण विनाश, लाश अपनी ढो लेंगे ।
नहीं कहीं अफ़सोस, कुटिल कांटे बो देंगे ।

गर इज्जत की फ़िक्र, व्याह करते हो काहे  ?  
नारी पर अन्याय, भरोगे आगे आहें ।।


"उल्लूक टाईम्स "

 घर की मुर्गी दाल बराबर, मुँह में मरी मसूर नहीं है ।
आमलेट की बात करें क्या, दाल मिले न तूर कहीं है ।
  नई पुरानी लियें मुर्गियां, पंडित जी दड़बे में रक्खें-
लेकिन जब एडजस्ट करें न, मुर्ग-मुसल्लम पके सही है ।




12

"धरती आज तरसती है" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

   

सूखे के आसार हैं, बही नहीं जलधार ।
हैं अषाढ़ सावन गए, कर भादौं उपकार ।।






18

Surendra shukla" Bhramar"

56 टिप्‍पणियां:

  1. शानदार प्रस्तुति भाई साहब नए नए लोगों से वाकिफ करवाया आपने शुक्रिया .

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत बढ़िया प्रस्तुति....शानदार लिंक.
    हमारी रचना को शामिल करने का शुक्रिया....

    सादर
    अनु

    जवाब देंहटाएं
  3. (0)
    नया-परिचय :

    ----- || DAND KA MAAPDAND || -----

    नीत नीत पर हो आया हूँ
    भ्रष्टाचार पर दड और
    उसका मापडंड की
    परिभाषा समझ पाया हूँ !

    जवाब देंहटाएं
  4. (00)
    कैसे बचा जाए मधुमेह में नर्व डेमेज से
    veerubhai
    ram ram bhai

    राम राम वीरू भाई
    चर्चामंच पर आता हूँ
    बहुत अच्छा बना है
    यहाँ पर अभी कह जाता हूँ
    आपके लिंक पर भी आता हूँ
    क्या लाये हैं आप वो
    अभी देख कर आता हूँ !!


    मधुमेह पर बहुत अच्छी
    जानकारी आप लाये हैं
    साथ साथ हिन्दी और
    अंग्रेजी में भी समझाये हैं

    जवाब देंहटाएं
  5. कुछ नए लिंक्स को भी जाना ...
    आभार !

    जवाब देंहटाएं
  6. 1
    जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनायें '' भारतीय नारी ''
    शालिनी कौशिक
    भारतीय नारी

    आज एक वर्ष की हो जाने पर
    जन्मदिन की शुभकामनाऎ
    मैं ले कर यहाँ आया हूँ
    भारतीय नारी का
    झंडा फहराने पर
    बहुत बहुत बधाई
    साथ में देने भी
    यहाँ आया हूँ !!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
      चलना ही है जिन्दगी, ये जीवन आधार।
      चलता-फिरने से लगे, जीवित सा संसार।।

      हटाएं
  7. 2
    हेमकुन्ट साहिब hemkunt sahib gurudwara
    Manu Tyagi
    yatra


    बहुत सुंदर यात्रा वृ्ताँत
    लाकर आप दिखाते हो
    हमें भी इससे पता
    चल ही जाता है
    चुपके चुपके कहाँ कहाँ
    हो के चले आते हो !!!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जीवन खुद इक सफर है, जिसमें है आनन्द।
      मोहक दृश्यों को किया, हमने मन में बन्द।।

      हटाएं
    2. धन्यवाद आप सभी को पसंद आया तो हमारी तो मेहनत वसूल हो गयी, जैसे कि आप की कविताऐं जिसे करने की हम सिर्फ हसरत ही करते हैं , को पढकर मन प्रसन्न हो जाता है ...........

      हटाएं
  8. 3
    सूफ़ी सिलसिला-3 : चिश्तिया सिलसिला
    मनोज कुमार
    विचार

    एक सूफी के लिये 9 सिद्धांत
    पढ़ने के बाद पता चल गया
    हमे बडी़ आसानी से
    ना तो हम सूफी हैं
    ना ही कभी हो पायेंगे
    अब बस नौवाँ सिद्धांत
    ही देख लें अगर
    बिना बोले कैसे
    ये बड़बोले कहीं
    रह पायेंगे
    पागल नहीं हो जायेंगे !!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सन्त-सूफियों से भरा, भारत का परिवेश।
      सब देशों से भिन्न है, अपना प्यारा देश।।

      हटाएं
  9. 4
    इस्लामी रोज़ तथा अन्य धर्मों के रोज़े में अन्तर
    safat alam taimi
    प्रेमवाणी

    उस एक की इबादत
    कोई कैसे भी करे
    हम कौन होते है
    कि कौन उसको कैसे करे
    कोई भी इबादत
    इबादत ही होती है
    कोई जल्दी कोई देर
    तक उस तक
    पहुँचती है !!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सब पन्थो के हैं यहाँ, अपने रीति-रिवाज।
      धर्म आचरण से बने, उन्नतिशील समाज।।

      हटाएं
  10. 5
    लड़ कर हारा योद्धा भी सुंदर दिखता है
    फ़ज़ल इमाम मल्लिक
    नुक्कड़

    बहुत सुंदर लिखा है!

    लड़ना अगर आ जायेगा
    फिर कहाँ हार पायेगा
    जीतेगा नहीं भी अगर
    लड़ना तो सीख जायेगा !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. कोई माला पहनता, कोई पहने हार।
      द्वार जीत के खोलती, रही हमेशा हार।।

      हटाएं
  11. 00 के लिए-
    मीठे के प्रयोग से, हो जाता मधुमेह।
    थोड़ाही तख लीजिए, शर्वत या अवलेह।।

    जवाब देंहटाएं
  12. 6
    नेताओं और जानवरों में समानता....................
    information2media...

    बहुत खूब !
    आप नेता को वो बना रहे है
    मुझे अपने मैं वो नजर आ रहे हैं
    भेजता तो मैं ही हूँ उनको वहाँ
    आप भी मजाक मजाक में
    कितनी बढि़या बात बता रहे हैं !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. नेताओ का नाम ले, करते क्यों तौहीन।
      नेताओं ने मुल्क का, चैन लिया है छीन।।

      हटाएं
    2. लिंक न० - ६


      गद्दी मिले ये लोटते, ज्यों सूकर की जात
      पद को पाने के लिए,गध चरणों झुक जात,,,,,,,

      हटाएं
  13. 7
    लड़की को दुनिया में आने ही मत दो
    सलीम अख्तर सिद्दीकी
    सटीक लेख !

    लड़की कब लड़की होती है
    ये भी तो समझ में
    कहाँ आता है
    माँ का होना मजबूरी है
    वो होती ही है खुद के
    होने के लिये
    बीबी का होना जरूरी है
    घर के कामों का
    समय पर होने के लिये
    कोई तो बताये कौन
    सी लड़की नहीं होती
    जरूरी हो जाती है
    और कौन सी लड़की
    मजबूरी हो जाती है !!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. लड़के हक को छीनते, बेटी करती प्यार।
      फिर भी बेटे माँगते, कैसा ये संसार।।

      हटाएं
  14. 8
    "आज बस मुर्गियाँ "
    सुशील
    "उल्लूक टाईम्स "

    कुछ अच्छा कहीं
    फैल रहा हो तो
    फैलाने में क्या परेशानी है
    रविकर अगर कहीं कोई
    मुर्गियाँ फैला रहा था
    किस ने कहा तुझसे
    यहाँ ला कर भी फैलानी हैं !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. माँग रहे हैं मुर्गियाँ, क्योंकि मँहगी दाल।
      घर की मुर्गी को सभी, करते यहाँ हलाल।।

      हटाएं
    2. लोटा को छोटा किया,मुर्गियों से करे सवाल
      पेट भर दाना खाओ, फिर करते रहो बबाल,,,,

      हटाएं
  15. 9
    मनमोहना
    my dreams 'n' expressions.....
    याने मेरे दिल से सीधा कनेक्शन.....
    बहुत सुंदर है
    सब जगह
    पिया ही पिया है !




    बाप रे कितना पिया पिया किया है
    जैसे पिया को इसने पी ही लिया है !!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जो सबके मन में बसा, दुनिया का आधार।
      योगिराज श्रीकृष्ण को, सब करते हैं प्यार।।

      हटाएं
  16. 10
    हाँ, आ गया हूँ तुम्हारी दुनिया में
    वन्दना ज़ख्म…जो फूलों ने दिये

    बहुत सुंदर !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. उनका सब स्वागत करें, जो हैं कुछ मासूम।
      मासूमों का रूप धर, लोग रहे हैं घूम।।

      हटाएं
  17. 11
    लड़कियां इतनी खुश कैसे रह लेती !!
    vani sharma

    लडकियाँ खुश भी रहती हैं
    खुद खुश रहना भी जानती है
    और सिखाना भी नहीं भूलती हैं
    लड़कियाँ सहनशील भी होती हैं
    लड़किया ही होती है
    जो वास्तव में परिवारों में
    घुलनशील भी होती हैं
    जहाँ से आती हैं वहां कि खुशी
    को भी कभी नहीं भूलती हैं
    जहाँ जाती है उस जगह की
    हवा फिर खुशियों से झूलती भी है !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. खुश रहती हर हाल में, करती मिलकर काम।
      इसीलिए तो पा लिया, नारी अपना नाम।।

      हटाएं
    2. लिंक न० - ११


      नारी समाज की सेतु है,बंटती है हर बार
      फिर भी परिपूर्ण है,चाहे टुकड़े होय हजार,,,,,

      हटाएं
  18. 12
    "धरती आज तरसती है" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

    दया करो घनश्याम, सुधा सा अब तो जम करके बरसो।
    रिमझिम झड़ी लगा जाओ, अब क्यों करते कल-परसों?

    बहुत सुंदर !
    घन श्याम अब तो आ जाओ
    सूखा आसमान ही नहीं है
    सब जगह नजर आ रहा है
    आदमी पानी के अलावा
    बहुत सी और जगह पर भी
    प्यासा रह जा रहा है !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सुनकर करुण पुकार को, घिर आये घन श्याम।
      अब बरसेंगे धरा पर, रिमझिम ये घनश्याम।।

      हटाएं
  19. 13
    हमारी बेटियां
    udaya veer singh
    उन्नयन (UNNAYANA)
    बहुत खूबसूरती से
    सब बता गये आप
    क्या क्या नहीं हैं
    हमारी बेटियाँ
    सब भी हैं और
    सब कुछ भी हैं
    हमारी बेटियाँ !

    जवाब देंहटाएं
  20. रविकर बहुत ही सुंदर चर्चा
    आज आपने बनाई है
    बची हुई टिप्पणियां
    मैने अब शाम की
    सभा के लिये बचाई है !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत सटीक...!
      हर दौर की हैं रोशनी ,
      जब गाफिल कभी हुई
      जलती हुई मशाल हैं,
      हमारी बेटियां-


      जौहर मना लिया ,
      नतमस्तक नहीं हुयीं ,
      आग की सेज सोई हैं
      हमारी बेटियां-

      हटाएं
  21. बहुत सुन्दर चर्चा बढ़िया सूत्र संयोजन हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  22. ्बहुत सुन्दर लिंक संयोजन

    जवाब देंहटाएं
  23. आज के चर्चा मंच का संयोजन और प्रकाशन देानो काफी सुंदर हैं । मेरा लिंक इस चर्चा में शामिल करने के लिये हार्दिक आभार

    जवाब देंहटाएं
  24. 17
    मानस में नारी विमर्श:समापन पोस्ट!
    (Arvind Mishra)
    क्वचिदन्यतोSपि

    बेनामी नामी कई, रखें राय बेबाक |
    मुद्दे को समझे बिना, गजब घुसेड़ें नाक |
    गजब घुसेड़ें नाक, तर्क पर बड़ी पकड़ है |
    थी कालेज में धाक, तभी तो दंभ अकड़ है |
    गुरुवर का आभार, बना रविकर अनुगामी |
    घूँघट में व्यभिचार, करे ब्लॉगर बेनामी ||

    जवाब देंहटाएं
  25. naat ji ke blog par jakar accha laga....:) bhartiya nari ko janmadin ki badhai de di ab baki tak ja rahi hu.acchi charcha :)

    जवाब देंहटाएं
  26. प्रिय रविकर जी बहुत सुन्दर चर्चा ..बदला हुआ लुक , नए लोगों से परिचय बहुत अच्छा रहा शुभ कामनाएं
    बूढा पेड़ (भ्रमर का दर्द और दर्पण से) , और प्रतापगढ़ साहित्य प्रेमी मंच से आप ने बाल गीत चिड़िया रानी को लाया ...सजाया मंच बहुत अच्छा लगा ...आभार
    भ्रमर ५

    जवाब देंहटाएं
  27. 14
    ‘‘चिड़िया रानी’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
    प्रतापगढ़ साहित्य प्रेमी मंच -BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

    एक बहुत खूबसूरत बाल गीत !

    जवाब देंहटाएं
  28. लिंक-16
    इबादत एक ज़रिया है, हृदय की बात कहने का।
    खुदा को मानना ही तो, हमारा फर्ज बनता है!!

    जवाब देंहटाएं
  29. सारे लिंक बहुत खुबसूरत...मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद...

    जवाब देंहटाएं
  30. लिंक 15 पता नहीं क्यों नहीं खुल रहा है?

    16
    ना सही प्यार, मेरी इबादत तो कबूल कर ले...
    Sudheer Maurya 'Sudheer'
    ब्लाग तड़ाग

    बहुत सुंदर है !!

    जवाब देंहटाएं
  31. 17
    मानस में नारी विमर्श:समापन पोस्ट!
    (Arvind Mishra)
    क्वचिदन्यतोSपि.

    चलिये समापन पोस्ट नारी पर आई
    किसको देनी चाहिये बधाई
    यही बात बस समझ नहीं आई !

    जवाब देंहटाएं
  32. 18
    बूढा पेड़
    Surendra shukla" Bhramar"
    BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

    बहुत सुंदर !

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।