आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
आज जब चर्चा तैयार कर रहा हूँ तो देश अपना 65वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहा है । देशवासियों को इस शुभ अवसर की हार्दिक बधाई
आज जब चर्चा तैयार कर रहा हूँ तो देश अपना 65वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहा है । देशवासियों को इस शुभ अवसर की हार्दिक बधाई
आजादी दिवस पर ही चर्चा मंच के माध्यम से संतोश कुमार झा का निंदनीय कृत्य सामने आया । इन्होंने उच्चारण ब्लॉग से डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" की पोस्ट को चुरा कर अपने नाम से दो रचनाएँ लगा दीं। पोस्ट का शीर्षक है।आज स्वाधीनता की 66वीं वर्षगाँठ पर अपने दो गीत प्रस्तुत कर रहा हूँ! (http://santoshbihar.blogspot.in/2012/08/66.html)
हमें मिलकर इसका विरोध करना चाहिए । उनके ब्लॉग का बहिष्कार होना चाहिए ऐसे लोगों की अन्य चोरियों को भी पकडा जाना चाहिए । शिवम मिश्रा जी ने भी एक विवाद को जन्म दिया । यह भी एक दुखद घटना है । हमें विवादों से बचना चाहिए और टिप्पणी कोई बडी चीज नहीं । टिप्पणी के लिए वैर बाँधना कौन सी समझदारी है । रही पाठक छीनने की बात तो न कोई किसी के कहने से कोई ब्लॉग पढता है न कोई छोडता है । भारत के नेताओं को शिक्षा देने वाले हम लोग जब यूँ बात बात पर लडेंगे तो देश का हो गया भला ।
आओ मिलकर चलें , सब बंधनो से ऊपर उठकर भारतीय बने ।
जय भारत
हमें मिलकर इसका विरोध करना चाहिए । उनके ब्लॉग का बहिष्कार होना चाहिए ऐसे लोगों की अन्य चोरियों को भी पकडा जाना चाहिए । शिवम मिश्रा जी ने भी एक विवाद को जन्म दिया । यह भी एक दुखद घटना है । हमें विवादों से बचना चाहिए और टिप्पणी कोई बडी चीज नहीं । टिप्पणी के लिए वैर बाँधना कौन सी समझदारी है । रही पाठक छीनने की बात तो न कोई किसी के कहने से कोई ब्लॉग पढता है न कोई छोडता है । भारत के नेताओं को शिक्षा देने वाले हम लोग जब यूँ बात बात पर लडेंगे तो देश का हो गया भला ।
आओ मिलकर चलें , सब बंधनो से ऊपर उठकर भारतीय बने ।
जय भारत
अब चलते हैं चर्चा की ओर
***
हिंदी भारत
संपूर्ण राष्ट्रगान
***
हिंदी हाइगा
झंडा ऊँचा रहे हमारा
***
मेरा सरोकार
ध्वाजारोहण
***
उच्चारण
आजादी के गीत
***
त्रिवेणी
रानी लक्ष्मीबाई
***
उन्नयन
उनकी आजादी
***
हिंदी जेन
हाइकु
***
हरकीरत हीर
आजादी से कुछ सवाल
***
साहित्य सुरभि
मैं भारत हूँ
***
तरूण की डायरी
हरामी नेता और लाल किला
***
दिशाएँ
ये कैसी आजादी
***
कविता
बुझा मशाल जला दो
***
अंदाज ए मेरा
सवाल स्वतंत्रता को लेकर
***
अरुण कुमार निगम
याद उन्हें भी कर लो
***
वसुधेव कुटुम्बकम्
वीर सावरकर
***
जिंदगी एक खामोश सफर
सच बोलने की सजा
***
हिंदी भारत
संपूर्ण राष्ट्रगान
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हिंदी हाइगा
झंडा ऊँचा रहे हमारा
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मेरा सरोकार
ध्वाजारोहण
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उच्चारण
आजादी के गीत
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त्रिवेणी
रानी लक्ष्मीबाई
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उन्नयन
उनकी आजादी
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हिंदी जेन
हाइकु
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हरकीरत हीर
आजादी से कुछ सवाल
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साहित्य सुरभि
मैं भारत हूँ
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तरूण की डायरी
हरामी नेता और लाल किला
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दिशाएँ
ये कैसी आजादी
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कविता
बुझा मशाल जला दो
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अंदाज ए मेरा
सवाल स्वतंत्रता को लेकर
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अरुण कुमार निगम
याद उन्हें भी कर लो
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वसुधेव कुटुम्बकम्
वीर सावरकर
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जिंदगी एक खामोश सफर
सच बोलने की सजा
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फैक्ट एंड फिगर
बात एक अनकही सी
***
बिसरती राहें
यादों के साए
***
सफरनामा
रिहाई
***
अपनों का साथ
शराब देवी
***
नीम निम्बौरी
रविकर जी का जन्म दिन
***
काव्य का संसार
सवेरे की नींद
***
परिकल्पना
मुस्कराओ सनम
***
जाले
शतनाम
***
आज के लिए उतना ही
धन्यवाद
दिलबाग विर्क
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बिसरती राहें
यादों के साए
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सफरनामा
रिहाई
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अपनों का साथ
शराब देवी
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नीम निम्बौरी
रविकर जी का जन्म दिन
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काव्य का संसार
सवेरे की नींद
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परिकल्पना
मुस्कराओ सनम
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जाले
शतनाम
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आज के लिए उतना ही
धन्यवाद
दिलबाग विर्क
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दिलबाग भाई, संक्षिप्त लेकिन सार्थक रही आपकी चर्चा।
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
कितनी बदल रही है हिन्दी !
बहुत सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएं"रविकर" जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
आभार!
बहुत अच्छे सूत्र सुन्दर चर्चा बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआदत से मजबूर ह्जूर
हटाएंफिर फिर आउंगा
ब्लाग दर ब्लाग खोल
देख और पढ़ के आउंगा
वहाँ भी कह लूँगा कुछ कुछ
कुछ यहाँ लिख के जाउँगा
नाराज मत होईयेगा अगर
ब्लाग पर किसी कारण
नहीं पहुँच पाउंगा ।
उल्लू गदहे में हुई, चतुराई की दौड़ |
हटाएंउल्लू बैठा पीठ पर, अपनी आँख सिकोड़ |
अपनी आँख सिकोड़, उजाला कुछ ज्यादा था |
खड़ा सामने शिवम्, गणम गड़बड़ प्यादा था |
दस घंटे की रेस, चंद्रमा शिव का चमका |
खोले अपने नेत्र, पंख उड़ आगे धमका ||
दिलबाग विर्क पर:
जवाब देंहटाएं़़़़़़़़़़़़
दिलबाग का आभार
सुंदर मंच सजाने को
ब्लाग सुंदर हो सोना है
उस पर सुहागा होता है
एक दिल सुंदर भी
साथ ले के आने को !!
़़़़़़़़़़़़़़़़़
दिलबाग के ब्लाग पर :
अच्छा है बहुत लिखा
अरे पर क्यों तड़पाते हो
थोड़ा सा ही सही
क्यों नहीं दे के जाते हो ?
जाले
जवाब देंहटाएंशतनाम पर :
बहुत सुंदर !
जल्दी बनाइये
मनमोहन सहस्त्रनाम
बहुत अच्छा होगा
करना देश हित में
यह काम
काम का काम हो जायेगा
और आपका पेपर भी
एक अच्छे इंपेक्ट फेक्टर
वाले शोध पत्रिका में छप जायेगा
क्या पता मनमोहन के मन भा जायेगा
तो यू जी सी का एक प्रोजेक्ट भी
आपको जरूर मिल जायेगा
और हम को जपने के लिये
मनमोहन माला मिल जायेगी
भारत की जनता भी तब
आपके गुण गायेगी ।
अपनों का साथ
जवाब देंहटाएंशराब देवी
दयनीय-
मधुशाला से दूर हैं, जाते बस इक बार |
बस जाती रंगीनियाँ, हो जाता उद्धार |
हो जाता उद्धार, उधारी उधर नहीं है |
करे नगद पेमेंट, पुराना माल सही है |
बार रूम में साज, बैठते सब को लेकर |
केवल दो दो पैग, रोक है पूरी रविकर ||
परिकल्पना
जवाब देंहटाएंमुस्कराओ सनम पर :
बहुत ही खूबसूरत
गीत लिख डाला
पर दिल बेचारे को
काहे डाँठ डाला
घाटे का सौदा अगर
उसने कर डाला
उसी दिल ने
गीत एक दिल का
भी तो लिख डाला !!
अरुण कुमार निगम
जवाब देंहटाएंयाद उन्हें भी कर लो
सात समंदर पार कर, नाव चली इंग्लैण्ड |
बलिदानों से बच सकी, टूटे दुश्मन हैण्ड |
टूटे दुश्मन हैण्ड, बैण्ड अब हमी बजाते |
कई बिदेशी ब्रांड, दौड़ कर अब अपनाते |
बड़े विदेशी बैंक, खुले खाते बेनामी |
ब्लैक मनी का ढेर, रखे हैं सत्ता स्वामी ||
बढ़िया चर्चा...बढ़िया लिंक्स.....
जवाब देंहटाएंसुप्रभात सभी मित्रों को.
शुक्रिया दिलबाग जी.
अनु
दिशाएँ
जवाब देंहटाएंये कैसी आजादी
ऐसी आजादी खले, बाली जी के बोल |
उथल पुथल दिल में मचे, बड़ा चुकाया मोल |
बड़ा चुकाया मोल, रोल इन शैतानों का |
तानों से दे मार, गजब शै हुक्मरानों का |
राशन पानी स्वास्थ्य, बही शिक्षा सड़कों पर |
अंधकार अति गहन, करे क्या रोशन रविकर ||
सिंहावलोकन
जवाब देंहटाएंमसीही आजादी
बढ़िया प्रस्तुति -
नहीं नियत में खोट था, होता यही प्रतीत |
सही सार्थक बतकही, मानवता की जीत |
मानवता की जीत, रही चिंता सीमा पर |
मार-काट के बीच, उजाला फैला रविकर |
पर गंगा की धार, बहाई भरे समंदर |
करें पंथ विस्तार, यही है दिल के अन्दर ||
फैक्ट एंड फिगर
जवाब देंहटाएंनई बाँसुरी , सुर पुराना
टेर लुटेरे न सुनें, प्रणव नाद न दुष्ट |
हुन्कारेंगें जब सभी, तब होंगे संतुष्ट |
तब होंगे संतुष्ट, पुष्ट ये धन दौलत से |
चोरी की लत-कुष्ट, सफेदी झलके पट से |
तन पे खद्दर डाल, लूटते हैं गांधी भी |
सारे खड़े बवाल, हिले इनकी न जीभी ||
तरूण की डायरी
जवाब देंहटाएंहरामी नेता और लाल किला
करदाता के खून को, जब निचोड़ खूंखार |
करते बन्दर-बाँट तब, होता दर्द अपार |
होता दर्द अपार, बड़े कर की कर चोरी |
भोग रहे ऐश्वर्य, खींचते सत्ता डोरी |
बन्दे सत्तासीन, कमीशन खोर हो गए |
मध्यम साथ करोड़, आज चुपचाप सो गए ||
उच्चारण
जवाब देंहटाएंआजादी के गीत
चोरी होते गीत हैं, सोना चाँदी नोट ।
अच्छी चीजें देख के, आये मन में खोट ।
आये मन में खोट, लुटेरे लूट मचाएं ।
है सलाह दो टूक, माल यह कहीं छुपायें ।
इतने सुन्दर गीत, चुराना बनता भैया ।
जियो मित्र संतोष, गजब तुम हुवे लुटैया ।।
काव्य का संसार
जवाब देंहटाएंसवेरे की नींद पर :
वाह जी वाह क्या घोटा है
जरा सा नार्मल कब हो
जाता है ऎबनार्मल
और हो जाता लोटा है !
बाकी चर्चा का चरखा
शाम की सभा में
जायेगा परखा
तब तक के लिये
राम राम !
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा ........
जवाब देंहटाएंकाव्य चोर सन्तोष कुमार झा ने मुझे 08800716745 से मध्याह्न 1-20 पर फोन करके यह सूचना दी है कि मैंने आपकी पोस्ट को अपने ब्लॉग से हटा दिया है।
जवाब देंहटाएंचलिए देर-आयद, दुरुस्त-आयद।
शरीफ निकला !
हटाएंबढिया चर्चा।
जवाब देंहटाएंन कोई किसी के कहने से कोई ब्लॉग पढता है न कोई छोडता है ।
जवाब देंहटाएंअनुभूत है.
शुक्रिया.
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबढिया लिंक्स
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा
नीम निम्बौरी
जवाब देंहटाएंरविकर जी का जन्म दिन
लड्डू हमने खा लिये
जन्म दिन भी मना लिये
मजे की बात देखिये
15 अगस्त को पैदा
जो क्या हो गये
आप तो आजाद हो गये !
हैप्पी बर्थ डे !
अपनों का साथ
जवाब देंहटाएंशराब देवी पर :
बहुत ही खराब
होती है शराब
पर शराब बेचने वाला
कभी खराब नहीं होता है
पीने वाला पीता है
सेहत और इज्जत खोता है
बेचने वाला कमाता है
समाज में सबसे इज्जतदार
वही तो माना जाता है ।
सफरनामा
जवाब देंहटाएंरिहाई
राम लक्ष्मण रावण तीनो
अब साथ साथ हैं आते
आयेगा कोई ना कोई
देखो किसको हैं भेज पाते
चर्चा हो रही है तीनों में
तुम जाओ तुम जाओ
तुम क्यों नहीं चले जाते !
बिसरती राहें
जवाब देंहटाएंयादों के साए पर :
कोयल को सुन रहा है
उसको देख रहा है
मुस्कुरा रहा है
ऎसा करेगा तो
फिर कहेगा ही
कोई याद आ
रहा है !
बहुत सुंदर !
बात एक अनकही सी
जवाब देंहटाएंसिमटते दायरे
वाह ! क्या गजब कहा
जब हम ढूँढने निकले
तो मौत के दाम महंगे हो गये
हरकीरत हीर
जवाब देंहटाएंआजादी से कुछ सवाल
पता नहीं
पर मुझे नहीं
लगता अब
वो लौट भी
पायेगी
उसे भी तो
शर्म आयेगी
आजादी
कैसे कहूँ
तू लौट जा !
बहुत सटीक भाव !
उच्चारण
जवाब देंहटाएंआजादी के गीत
सुंदर गीत सुंदर आवाज
सुंदर चीज पर ही
मन आ जाता है
इसी लिये कोई ले जाता है
लौट के आ गई है बधाई है !
हिंदी भारत
जवाब देंहटाएंसंपूर्ण राष्ट्रगान
ज्ञानवर्धक जानकारी आभार !
हिंदी हाइगा
जवाब देंहटाएंझंडा ऊँचा रहे हमारा
बेहतरीन !
बहुत सुन्दर चर्चा के लिए,,,,,बधाई,,,,
जवाब देंहटाएंएक नजर इधर भी ,,,,दिलबाग जी,,,
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,,
RECENT POST...: शहीदों की याद में,,
मुताबिक़ रूल बुक के,टिप्पणी करना काम
जवाब देंहटाएंपसंद आये तो लौटाना,नही तो सीता राम,,,,,
किसी कि पोस्ट को अपना बताकर अपने ब्लॉग पर लिखना तो चोरी करना ही हो गया किसी को लगता है कि यह पोस्ट अच्छी है और पाठकों के लिए रुचिकर या फायदेमंद हो सकती है तो आप उस पोस्ट का लिंक ही अपने ब्लॉग पर शेयर करना चाहिए !
जवाब देंहटाएंअरे वाह! बडे दिनों बाद चर्चा मंच पर आया...
जवाब देंहटाएंअपनी पोस्ट भी यहां देखी...
पर क्या चर्चा मंच में चर्चा में लेने वाले ब्लाग में सूचना देने की परंपरा खत्म हो गई है???
मुझे मेरे ब्लाग में किसी प्रकार की सूचना नहीं मिली, चर्चा मंच में पोस्ट लेने की.....
खरगोश का संगीत राग रागेश्री
जवाब देंहटाएंपर आधारित है जो कि खमाज थाट
का सांध्यकालीन राग है, स्वरों में कोमल निशाद और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं, पंचम इसमें वर्जित है, पर हमने इसमें अंत में पंचम का प्रयोग भी किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.
..
हमारी फिल्म का संगीत वेद नायेर ने दिया है.
.. वेद जी को अपने संगीत कि प्रेरणा जंगल में चिड़ियों
कि चहचाहट से मिलती है.
..
Look at my web blog ... खरगोश
बड़ी रोचक चर्चा..
जवाब देंहटाएं