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गुरुवार, अगस्त 23, 2012

बैकडोर इंट्री ( चर्चा - 980 )

आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है 

 हरियाणा सरकार अतिथि अध्यापको को बैकडोर इंट्री देने की भरपूर कोशिश कर रही है लेकिन माननीय अदालत बार-बार उसे ऐसा करने से रोक रही है । सरकार ने योजना के तहत स्क्रीनिंग टेस्ट तक तो इन्हें पहुंचा दिया लेकिन यहाँ पर अतिथि अध्यापकों को परीक्षा में मिले जीरो अंक । अब देखिए कितने योग्य हैं ये अध्यापक और अदालत की अवमानना करते हुए इन्हें स्थायी करना कितना जायज है ।
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चलते हैं चर्चा की और 
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जील 
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सुधिनामा 
विश्वास 
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मोहब्बत नामा
जज्बात क्या लिखूं 
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आज के लिए बस इतना ही 
धन्यवाद 
 दिलबाग विर्क
*** 

33 टिप्‍पणियां:

  1. दिलबाग भाई, कुछ लोग ब्‍लॉग जगत में भी बैकडोर इंट्री करने के चक्‍कर में रहते हैं। उनसे बचकर रचना चाहिए।

    ............
    डायन का तिलिस्‍म!
    हर अदा पर निसार हो जाएँ...

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. पीछे का दरवाजा कहाँ है
      हमें भी तो बता दीजिये
      अरे घुसेंगे नहीं बस
      खाली दिखा दीजिये !

      हटाएं
  2. read the links...
    one comment on ZEAL link
    बड़ी कोमल रिश्ता होता हैं ... जिसे अबिस्वास की एक मंद हवा भी उखाड़ देती हैं ... वैज्ञानिकों का मत हैं की सेक्स की कमी भी इस रिश्ते को हिला देती है

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन अर्थपूर्ण चर्चा ...बधाईयाँ जी

    जवाब देंहटाएं
  4. दिलबाग विर्क
    बहुत खूब लिखा है कि

    अंजाम की बात तो बहारों पर मुनस्सर है लेकिन
    इरादा तो हो वीरान चमन को आबाद करने का ।

    जमाने का आलम कुछ ऎसा है लेकिन

    अंजाम की बात तो बहारों पर मुनस्सर है लेकिन
    इरादा तो हो आबाद चमन को वीरान करने का ।

    जवाब देंहटाएं
  5. मोहब्बत नामा
    जज्बात क्या लिखूं
    बहुत सुंदर !

    जवाब देंहटाएं
  6. म्हारा हरियाणा
    नारी की दशा

    नारी के बिना पुरुष का वजूद ही कहाँ
    वो नहीं होगी तो पुरूष पैदा होगा कहाँ?

    जवाब देंहटाएं
  7. जील
    स्त्री की पहचान
    दोनो को एक दूसरे का सम्मान करना होगा
    तभी तो गृहस्ती का झंडा फहरेगा
    एक भी नासमझी कर जाता है जहाँ
    झंडा अलग और कपड़ा अलग लहरेगा !

    जवाब देंहटाएं
  8. उच्चारण
    भोजन सदा खिलाना
    बहुत खूब !
    भोजन वही खिला पायेगा
    जो पेड़ कहीं एक लगायेगा
    दोनो काम करेगा जो भी
    पर्यावरण भी बचायेगा !

    जवाब देंहटाएं
  9. अतिथि अध्यापको को बैकडोर इंट्री:

    पहले अपात्र से काम ही क्यों लिया जाता है
    अपात्र से लम्बे समय तक काम लिया जाता है
    उसके बाद ही पात्र सुपात्र क्यों याद आता है
    अब तो हर जगह पर ये ही किया जाता है
    सबके अपने होते हैं कहीं ना कहीं
    इसलिये कुछ भी कहने से बचा जाता है !

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत ही सुन्दर सूत्रों से सजी चर्चा..

    जवाब देंहटाएं
  11. सुन्दर ब्लोग्स से सजी चर्चा ..सभी ब्लोग्स पे जायेंगे ..देखें क्या खजाना मिलता है ..
    'कलमदान' को स्थान देने के लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  12. हमेशा की तरह आज की चर्चा भी काबिले तारीफ है.लिंक्स भी खूब हैं.

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत ही अच्‍छे लिंक्‍स ... उत्‍तम प्रस्‍तुति।

    जवाब देंहटाएं
  14. उत्तर


    1. ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए,पहुचे महेंद्रजी यमलोक
      भ्रष्टाचार वहाँ कम नही,जैसे यहाँ धरती लोक,,,,,

      हटाएं
  15. सुन्दर लिंक्स से सजी चर्चा... स्थान देने के लिए आभार आपका...

    जवाब देंहटाएं
  16. आदरणीय दिलबाग जी हमेशा की तरह एक बेहतरीन लिंक्स संयोंजन, मेरी रचना को स्थान देने हेतु तहे दिल से शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  17. सुन्दर लिंक्स के साथ बहुत खूबसूरत चर्चामंच सजाया है दिलबाग जी ! मेरी रचना को भी इसमें स्थान दिया ! धन्यवाद एवं आभार आपका !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर


    1. सुखमय जीवन चाहते,मन में रखिये आस
      विपदा जब आये तो,रखे ईश्वर पर विश्वास,,,,,

      हटाएं
  18. बहुत बढ़िया लिंक्स के साथ सुन्दर चर्चा प्रस्तुति ..
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत सुंदर लिंक्स
    बढ़िया चर्चा मंच...
    :-)

    जवाब देंहटाएं
  20. बहुत सुन्दर पठनीय सूत्र एकत्र किये हैं दिलबाग जी बहुत सुन्दर चर्चा हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  21. मेरे लेख को मेरे प्रिय चर्चामंच में शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद दिलबाग विर्क जी.

    जवाब देंहटाएं
  22. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  23. Meri Post ko chrcha manch mei shaamil karne ke liye bahut-bahut abhaar.

    जवाब देंहटाएं
  24. अद्भुद संग्रह किया है दिलबाग जी ने..जील, आधा सच, उच्चारण आदि बेहद पसंद आये..

    जवाब देंहटाएं

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