बिजली का संकट हुआ, फैला हा-हाकार। असमंजस में हैं पड़े, “ग़ाफ़िल” चर्चाकार।। |
सलाम , इन दिनों मै ईद की छुट्टियों पर हूँ.हमारे यहाँ दुबई में आज ईद हो चुकी है.और इंडिया में दो दिन बाद है.एक तरफ माहे रमजान जैसे मुक़द्दस महीने के जाने का गम और दूसरी तरफ ईद जैसे बड़े त्योंहार की आने की खुशी... आप सभी को मेरी तरह से ईद मुबारक. “आमिर दुबई” |
चाँद (सेदोका )एक जापानी विधा ३८ वर्ण ५७७५७७ *(1)* *चाँद निकला * *बदरी का आँचल * *धीमे धीमे ढलका * *शांत झील में * *प्रतिबिम्ब समाया * *अंजुरी में चमका * * | ईद मुबारक बंधुवर, होवे दुआ क़ुबूल। प्यारे हिन्दुस्तान में, बैठे उडती धूल । बैठे उडती धूल, आंधियां अब थम जावें । द्वेष ईर्ष्या भूल, लोग न भगें-भगावें… |
ग़ज़लगंगा.dg: तुम उसकी गर्दन नहीं नाप सकते ये भगदड़ मचाई है जिस भी किसी ने उसे ये पता है कि तुम उसकी गर्दन नहीं नाप सकते कि अब तुममे पहली सी कुव्वत नहीं है कभी हाथ इतने थे लंबे तुम्हारे कि उड़ते परिंदों के पर गिन रहे थे… | सुहाना सफ़र कुमाऊँ कानमस्कार मित्रों !आज मैं एक नई श्रृंखला शुरू करने जा रहा हूँ → ”सुहाना सफ़र कुमाऊँ का |
सबब उदासी का आज के जन मानस में रहती निष्प्रह नितांत अकेली दिखती मितभाषी स्मित मुस्कान बिखेरती उदासी फिर भी छाई रहती उससे अलग न हो पाती पर सबब उदासी का किसी से न बांटती जब भी मन टटोलना चाहा शब्द अधरों तक आकर रुक... |
हस्तांतरण था ! *हाँ !* *ये आजादी नहीं ,* *सत्ता का हस्तांतरण था ,* *शासकों का ,* *काले -गोरे अंगरेजों का ,* *लाभ -हानि का खेल ,* *हित टकरा गए ,* *खिंच गयीं शमशीरें* *मारे गए निर्दोष ,जज्जबाती शेर ,* *पिस गयी निरीह आवाम /... |
अफवाहों से न डरा करते जुल्म से तो डट के लड़ा करते। जिसमें शिक्षा की बात न हो, ऐसी पुस्तक न पढ़ा करते। वजह रहे तो तकरार करे, यू ही बखेड़ा न खड़ा करते। ... | भारतीय काव्यशास्त्र – 122 आचार्य परशुराम राय पिछले अंक में काव्य के माधुर्य गुण पर चर्चा हुई थी। आज के इस अंक में ओज और प्रसाद गुणों पर चर्चा अभीष्ट है। *आचार्य विश्वनाथ* ने अपने ग्रंथ *साहित्यदर्पण* में | प्रभात आज अपना प्रभात ऐसा था आपका इससे भी खूबसूरत हो। |
न हर्रे न फिटकरी, मार मलाई चाप - चून लगाए देश को, दूषित क्रिया-कलाप | | हे भ्रष्टाचार ! तुम्हें नमन है .. अब आदत हो गयी है घोटालों की इस देश के गद्दारों की असर नही अब होता हम पर मोटी चमडी हमारी भी है तभी तो छूटे कलमाडी भी… |
स्त्रियाँ सावधान रहें ऐसों से आभासी दुनिया में जाने-अनजाने किसी के साथ चैट होना स्वाभाविक है। लेकिन सावधानी बरतिए। कुछ मक्कार आपके एक सादे से शब्द का भी बतंगड़ बनाकर आपको बदनाम करने से नहीं चूकते। ये इतने शातिर होते हैं कि… |
शीर्षकहीन बेचैन है धरती ,बेचैन अम्बर है ,बेचैन जनता है ,बेचैन नेता है ,इन दोनों की बेचैनी की, जिम्मेदारी देखो कौन लेता है ॥ के.सी.वर्मा ''कमलेश'' | मीग्रैन और क्लस्टर हेडेक का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में माइग्रेन या मीग्रैन अस्वस्थता की अनुभूति करवाने वाला आधा सीसी का (आधा सिर का )तेज़ सिर दर्द है .बार होने वाला (पुनरावृत्त होने वाला,रिकरिंग ) पेन है.. | इरादा मोड़ कर हर रास्ता अपने मकां की ओर निजामियत के हौसलों को तुमने बता दिया, राह पर काबिज हजारों पत्थरों को तोडकर अपने फौलादी इरादों को तुमने जता दिया ... |
जाल जला जल जाम, जमीं जर जंगल जोरू कभी डकैतों से रहा, चम्बल जल बदनाम | आज फकैतों ने लिया, जाल जला जल जाम… |
कस्तूरी ...एक दृष्टि (1) हिंद युग्म प्रकाशन ने *मुकेश कुमार सिन्हा *और *अंजू (अनु) चौधरी* के सयुंक्त संपादन में *"कस्तूरी :"काव्य संकलन *प्रस्तुत किया है जिसमे उन्होंने 24 काव्य- सुगंधियों को शामिल किया है.. | साहित्य सुरभि: अगज़ल – 44 अपनी हस्ती को गम के चंगुल से आजाद करने का काश ! हम सीख लेते हुनर खुद को शाद करने का |
मौसम का सारा दर्द बरास्ता गुलज़ार *जी करता है जी भर रोऊँ आज की रात।* *तकिए में कुछ आँसू बोऊँ आज की रात।* *एक जमाना बीत गया जागे - जागे,* *तेरी यादों के संग सोऊँ आज की रात।* वह एक समय था। वह एक जगह थी। वह एक उम्र थी… |
शीर्षकहीन *गुलज़ार की छिहत्तरवीं सालगिरह पर* एक लम्हा गली के मुहाने पर ठिठक गया एक ने हिम्मत करके अन्दर झाँका गली बहुत संकरी थी और दूसरे मुहाने पर बंद भी थोडा ठिठक कर थोडा झिझक कर एक लम्हा अन्दर घुस पड़ा... वाणभट्ट | ओम प्रकाश यती की ग़ज़लें ओम प्रकाश यती न केवल शब्दों के जादूगर हैं बल्कि शब्दों के भीतर अपने समय को जिस तरलता से पकड़ते हैं वह निश्चय ही उनके जैसे कवि के लिए ही संभव है… | मेहनत से तक़दीर बनती है करमों से ही तक़दीर बने, जतन करे तब तस्वीर बने। मुशिकल से टकराने वाला, बेशक जिंदादिल वीर बने। सब के हिस्से न इबादत है, किस्मत से राँझा हीर बने। काश मिलन हो जाये उससे, "रैना" ऐसी तदबीर बने।.... "रैना" |
नागा बाबा *नागा बाबा एक देखे * *मैंने नंग धडंग खडे़ एक टी वी की दुकान के सामने देखते हुऎ फ़ैशन टी वी में छोटे छोटे कपडो़ में माडलों का कैट वाक घर में टी वी कभी भी मैं **नहीं देखता हूँ लेकिन वहाँ मैं भी… उल्लूक टाईम्स | नेक सलाह दे रहा हूँ......... ! यदि आप प्रोपर्टी में इन्वेस्टमेंट की सोच रहे है, और आगे चलकर आपका मकसद कोई अपना धंधा करने अथवा प्राइवेट सैक्टर में नौकरी करने का है तो बिना किसी लाग-लपेट, बिना किसी स्वार्थ के फ्री में यह नेक सलाह दूंगा कि... |
मृत्यु तक फांसी पर लटकाया जाये गोपाल कांडा को *[मरते दम तक गीतिका के साथ हुई दरिंदगी]* *'कांडा सिलेक्ट करता था लड़कियों की ड्रेस व शूज'* *नन्ही सी चिड़िया और हैवान बाज़ !* ... |
हेमंत शेष :: *पुराने घर लौटना::* वहां तक जहां तक मैं सुन सकता हूँ अपने आप को एक घरेलू सम्बोधन की तरह मैं कविता का पीछा करूंगा उस पीछा करने में मेरी माँ होगी पुरानी हस्तलिपि की तरह…. |
यह प्रदर्शन है या अलविदा की नमाज़ या नमाज़ को अलविदा ....ड़ा श्याम गुप्त .. कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो, प्रीति के दीप जलाओ.. | अपनी आज़ादी (त्याग-वीरों की याद) मेरे भय्या बचा के रखना, यह अपनी आज़ादी ! |
असम हिंसा : क्या हो स्थायी हल मुंबई हिंसा क्या इससे मूर्खतापूर्ण कुछ हो सकता था * पिछले कुछ हफ्तों के घटनाक्रम को देखते हुए यह आश्चर्यजनक नहीं कि इसकी परिणति मुंबई में हालिया (12 अगस्त 2012) हिंसा में... | यादों का मखमली गम - यादों का मखमली गम ओढ़, सो नहीं पाता, सब जाना चाहता हूँ भूल, हो नहीं पाता, आया आराम ना मुझको दुआ, दवा भायी, आँखों में झलकता है अश्क, रो नहीं पाता, | अंतहीन प्रतीक्षा उदासी खिन्नता भरी उदासी तुम्हारी याद में अंतहीन प्रतीक्षा ! mark rai |
जिला अनुपपुर अपना चित्र में बांयें से - १-मै जिला किसान कांग्रेस अध्यक्ष, २-जयप्रकाश अग्रवाल जिला कोंग्रेस अध्यक्ष, ३-श्री कांती लाल भूरिया जी म.प्र.कोंग्रेस अध्यक्ष,४-श्रीमती गीता सिंह जी जिला महिला कोंग्रेस अध्यक्ष, ५- श्री बिसाहू लाल सिंह जी पूर्व मंत्री विधायक अनुपपुर ,६- जनपद अध्यक्षा अनुपपुर , अनुपपुर जिला १५ अगस्त २००३ को मा०बिसाहूलाल सिंह जी पूर्व मंत्री (विधायक) के अथक प्रयासों से मा० दिग्विजय सिंह जी मुख्यमंत्री (म.प्र.)द्वारा अनुपपुर जिला अस्तित्व में आया, ये रचना 15 अगस्त २००३ में अनुपपुर जिला स्थापना दिवस पर लिखी गई, आज हुआ साकार,श्री बिसाहूलालजी का सपना, नई उमंगें लेकर आया , जिला अनुपपुर अपना!… |
अल्लाह मेरे मुल्क में अम्नो अमाँ रहे रजनी मल्होत्रा नैय्यर ईद मुबारक हो आप सभी को......... अल्लाह मेरे मुल्कमें अम्नो अमाँ रहे, इत्तेहाद भाईचारगीसदा यहाँ रहे| हर दिन ईद , हर रात दिवाली हो हिंदुस्तान पर ख़ुदा मेहरबां रहे…. |
"ईद मुबारक़" ईद का चाँद आया है। नया पैगाम लाया है।। ख़ुदा ने नेमतें बख्शी, हुई मन्नत सभी पूरी, सिंवय्यों का मधुर तोहफा, खुशी से आज खाया है। |
अन्त में देखिए यह कार्टून! कार्टून :- कोयले की बात है, अब निकली है तो दूर तलक जाएगी |
शास्त्री जी, ईद के मौके पर सुंदर चर्चा चलाई है।
जवाब देंहटाएंआपको भी ईद मुबारक हो।
............
हर अदा पर निसार हो जाएँ...
ईद के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं |ईद के रंग में रंगी बढ़िया चर्चा हैं
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा
सुंदर चर्चा / ईद मुबारक हो.
जवाब देंहटाएंईद मुबारक बंधुवर, होवे दुआ क़ुबूल ।
जवाब देंहटाएंप्यारे हिन्दुस्तान में, बैठे उडती धूल ।
बैठे उडती धूल, आंधियां अब थम जावें ।
द्वेष ईर्ष्या भूल, लोग न भगें-भगावें ।
झंझट होवे ख़त्म, ख़तम हों टंटा -कारक ।
दुनिया के सब जीव, सभी को ईद मुबारक ।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति दुआ करती कौम की वतन की सलामती की ,दाल रोटी और पीजा में फर्क समझो यारों ,मत बनों किसी का रोबोट यारों ...ईद मुबारक ,ईद का चाँद मुबारक ,हर दिन हो ईद आपकी ...रविकर फैजाबादी की रचना पर वीरुभाई .....
ram ram bhai
सोमवार, 20 अगस्त 2012
सर्दी -जुकाम ,फ्ल्यू से बचाव के लिए भी काइरोप्रेक्टिक
Sunday, August 19, 2012
जवाब देंहटाएंकार्टून :- कोयले की बात है, अब निकली है तो दूर तलक जाएगी-एक थे मिस्टर क्लीन ,फिर आये मौन सिंह कहलाये वेरी क्लीन ,उड़ गई सारी शीन .....हो गए "हाथ" कारे ......सब के सब हाथ कारे,मम्मी के राजदुलारे ...बढ़िया कार्टून भाई काजल कुमार ,प्रासंगिक धार -दार ,.....
ram ram bhai
सोमवार, 20 अगस्त 2012
सर्दी -जुकाम ,फ्ल्यू से बचाव के लिए भी काइरोप्रेक्टिक
जवाब देंहटाएंचाँद का रूपक बड़ा सजीव रहा .चाँद का मानवीकरण यूं सदियों से है ,भारत में होता है इसपे उल्का पात सरे आम ,सरे शाम ......बढ़िया भाव कणिकाएं .....दूर बसे प्रीतम की पाती सी ...साहूकार की थाती सी ...
ram ram bhai
सोमवार, 20 अगस्त 2012
सर्दी -जुकाम ,फ्ल्यू से बचाव के लिए भी काइरोप्रेक्टिक
विस्तृत चर्चा में शामिल करने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंअच्छा चयन .
ईद मुबारक !
जवाब देंहटाएंचाँद का रूपक बड़ा सजीव रहा .चाँद का मानवीकरण यूं सदियों से है ,भारत में होता है इसपे उल्का पात सरे आम ,सरे शाम ......बढ़िया भाव कणिकाएं .....दूर बसे प्रीतम की पाती सी ...साहूकार की थाती सी ...
ram ram bhai
सोमवार, 20 अगस्त 2012
सर्दी -जुकाम ,फ्ल्यू से बचाव के लिए भी काइरोप्रेक्टिक
ईद मुबारक बंधुवर, होवे दुआ क़ुबूल ।
जवाब देंहटाएंप्यारे हिन्दुस्तान में, बैठे उडती धूल ।
बैठे उडती धूल, आंधियां अब थम जावें ।
द्वेष ईर्ष्या भूल, लोग न भगें-भगावें ।
झंझट होवे ख़त्म, ख़तम हों टंटा -कारक ।
दुनिया के सब जीव, सभी को ईद मुबारक ।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति दुआ करती कौम की वतन की सलामती की ,दाल रोटी और पीजा में फर्क समझो यारों ,मत बनों किसी का रोबोट यारों ...ईद मुबारक ,ईद का चाँद मुबारक ,हर दिन हो ईद आपकी ...रविकर फैजाबादी की रचना पर वीरुभाई .....
ram ram bhai
सोमवार, 20 अगस्त 2012
सर्दी -जुकाम ,फ्ल्यू से बचाव के लिए भी काइरोप्रेक्टिक
स्त्रियाँ सावधान रहें ऐसों से
जवाब देंहटाएंआभासी दुनिया में जाने-अनजाने किसी के साथ चैट होना स्वाभाविक है। लेकिन सावधानी बरतिए। कुछ मक्कार आपके एक सादे से शब्द का भी बतंगड़ बनाकर आपको बदनाम करने से नहीं चूकते। ये इतने शातिर होते हैं कि…वर्चुअल जगत की ये विद्रूप हकीकत हैं ,छुट्टा घूमतें हैं ये रफियन(शातिर बदमास )किसी ,सांड से ,ब्लोगर घाट पे हम इनका तर्पण करतें हैं ,जब जब ये मारे जायेंगे ,हम इनका श्राद्ध मनायेगें ...
ram ram bhai
सोमवार, 20 अगस्त 2012
सर्दी -जुकाम ,फ्ल्यू से बचाव के लिए भी काइरोप्रेक्टिक
न्योता पाया है कई, जीभ मचलती जाय |
जवाब देंहटाएंमिले सेवैंयाँ आज खुब, बस नमाज हो जाय |
बस नमाज हो जाय, आज बस दुआ यही है |
अमन चैन बंधुत्व, इसी की कमी रही है |
हे रब दे सद्बुद्धि, देश की उन्नति होवे |
जनता हो खुशहाल, बुराई जड़ से खोवे ||
जी हाँ "हाथ " के तोते उड़े हुएँ हैं ......बाज़ जाने किस तरह हमको ये बतलाता रहा ,क्यों परिंदों के दिलों से उसका डर जाता रहा ...ग़ज़लगंगा.dg:
जवाब देंहटाएंतुम उसकी गर्दन
नहीं नाप सकते
ram ram bhai
सोमवार, 20 अगस्त 2012
सर्दी -जुकाम ,फ्ल्यू से बचाव के लिए भी काइरोप्रेक्टिक
जिला अनुपपुर अपना,,,
जवाब देंहटाएंdheerendra
काव्यान्जलि ...
एक दशक होने चला, बदल रहा है रूप |
निश्चित ही बेहतर हुआ, अपना जिला अनूप |
अपना जिला अनूप, कार्य होते कल्याणी |
जियें बिसाहूलाल, अमर हो उनकी वाणी |
होय प्रगति हर ओर, कहीं न कोर-कसर हो |
रोटी वस्त्र मकान, सभी का गुजर बसर हो ||
"ईद मुबारक़" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जवाब देंहटाएंउच्चारण
मधुमेह से होते ग्रसित, कि नेह का मीठा कमा है |
दूध में कर दी मिलावट, दाम से होता दमा है |
जोश पहले सा नहीं है, बर्फ रिश्तों पर जमा है |
बात है क्या बंधुवर जो, आज बुझती सी शमां है |
एक महिने की तपस्या, रमजान में रहता रमा है |
आपसी रिश्ते मुहब्बत, देश क्यूँ दिखता थमा है ??
ईद मुबारक बंधुवर, होवे दुआ क़ुबूल ।
प्यारे हिन्दुस्तान में, बैठे उडती धूल ।
बैठे उडती धूल, आंधियां अब थम जावें ।
द्वेष ईर्ष्या भूल, लोग न भगें-भगावें ।
झंझट होवे ख़त्म, ख़तम हों टंटा -कारक ।
दुनिया के सब जीव, सभी को ईद-मुबारक ।
जवाब देंहटाएंअसम हिंसा : क्या हो स्थायी हल
Suman
लो क सं घ र्ष !
तथ्यात्मक यह लेख है, पूर्णतया निष्पक्ष ।
दुनिया भर के लेखकों, समझो सारे पक्ष ।
समझो सारे पक्ष, दोष यूँ नहीं लगाओ ।
बने सही माहौल, किसी को नहीं भगाओ ।
अपने दुश्मन देश, लड़ाने का दे ठेका ।
जाते हम पगलाय, जहाँ कुछ टुकड़े फेंका ।।
जवाब देंहटाएंमृत्यु तक फांसी पर लटकाया जाये गोपाल कांडा को !
शिखा कौशिक
(विचारों का चबूतरा )
जितने पल इसने जिये, दुःख के उतने मास ।
मांसखोर के अंग को, काट करें उपहास ।
काट करें उपहास, उलट लटकाएं भैंसा ।
दंड नियम प्राचीन, मिले जैसे को तैसा ।
लेकिन जिम्मेदार, पिता भाई भी थोड़े ।
रूपया आता देख, रहे चुप पड़े निगोड़े ।।
क्या बात है रविकर ..यही तो असल बात है...
हटाएंलेकिन जिम्मेदार, पिता भाई भी थोड़े ।
रूपया आता देख, रहे चुप पड़े निगोड़े ।।
नागा बाबा
जवाब देंहटाएंसुशील
उल्लूक टाईम्स
नागा बाबा ढूंढता, सुन्दर दादीजान |
करता पर अफ़सोस है, गया एक पहचान |
गया एक पहचान, पुरानी देखी बिल्ली |
ली चिथड़े दो डाल, गई थी ये तो दिल्ली |
कपड़ों का संताप, कैट पर गुस्सा आये |
इसी बीच में आप, बेवजह टांग अड़ाए ||
अब इससे आगे गज़ल और
जवाब देंहटाएंक्या होगी
जाएगा उनके सहारे ही शिखर तक आदमी
फिर गिरा देगा उन्हें ही सीढ़ियों को क्या पता
-, 20 अगस्त 2012
सर्दी -जुकाम ,फ्ल्यू से बचाव के लिए भी काइरोप्रेक्टिक
बिजली बिजली हो रही है हर जगह
जवाब देंहटाएंबस थोड़ा कड़कती है बादलों में अब !
“ग़ाफ़िल”
बहुत सुँदर
चश्मे मासूम में खंजर यूँ ही छुपाते हैं
चलाते नहीं कत्ल नजर से कर जाते हैं !
ईद मुबारक
जवाब देंहटाएंईद मुबारक आमिर
हम हैं ना साथ आपके !
अपने सेकुलर होने का राग अलापना बंद करें तो सोचें सामूहिक आरती हर की पौड़ी पर भी होती है पर डंडा डोली लेके नहीं .....यहाँ मुसलमान भी आतें हैं ,अजमेर शरीफ भी सबका है लेकिन ये सेकुलर सुना है "हाथ " के हैं लालू ,मुलायम के हैं ,नीतीश भी इन दिनों सेकुलर हो रहें हैं भाई बिहार को मेहनत से शिखर पे लाये हो ,सेकुलर होके नहीं ...नमाज पढनी है तो सिजदा करो ,पाकीज़ा करो उस जगह को ....खून खरेंजी क्यों करते हो आखिर हिन्दुस्तान तुम्हारा भी है
जवाब देंहटाएंयह प्रदर्शन है या अलविदा की नमाज़ या नमाज़ को अलविदा ....ड़ा श्याम गुप्त ..
....कृपया यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
सोमवार, 20 अगस्त 2012
सर्दी -जुकाम ,फ्ल्यू से बचाव के लिए भी काइरोप्रेक्टिक
चाँद (सेदोका )एक जापानी विधा ३८ वर्ण ५७७५७७
जवाब देंहटाएंअर्ध चंद्रमा
सजे शिव के शीश
पूजा जाता पर्वों में
पूर्णिमा चाँद
चाँद देख मनाते
करवा चौथ ,ईद
बहुत सुंदर !
बिजली रानी चली गयी
अब शाम को आयेगी
दिन भर मुँह चिढायेगी !!
चाँद का मानवीकरण सौ बार हुआ है लेकिन आपने एक रूपक का निर्वाह तमाम भाव कणिकाओं में किया है .बधाई ...."सेदोका" की .भारत में तो सरे शाम उल्का पात होता है चाँद पे .कृपया यहाँ भी पधारें -
जवाब देंहटाएंसोमवार, 20 अगस्त 2012
सर्दी -जुकाम ,फ्ल्यू से बचाव के लिए भी काइरोप्रेक्टिक
हमेशा नेक बन्दों से,
जवाब देंहटाएंविधाता प्यार करता है,
दिलों में इसलिए उसने,
मुहब्बत को बनाया है।
ईद मुबारक !माशुका की दीद मुबारक ,
ईद पर हार्दिक शुभकामनाएं , ईद के रंग में रंगी बहुत सुंदर चर्चा.....
जवाब देंहटाएंईद के मौके पर बहुत सुन्दर सजाया है चर्चा मंच सभी सूत्र आकर्षित लग रहे हैं मेरी रचना चाँद को भी स्थान देने के लिए हार्दिक आभार एवं बधाई आप सभी को ईद मुबारक
जवाब देंहटाएंपोस्ट मेरी शामिल हुई, कोटि - कोटि आभार।
जवाब देंहटाएंईद मुबारक आपको , बढ़े प्रेम - व्यवहार।
http://samrastamunch.blogspot.in/2011/11/blog-post.html?spref=blहम कई बार हैरान होते हैं ये देखकर कि जब कातिल अल्लाह के नाम पर कतलयाम मचा रहे होते हैं तो कुछ परजीवि इस कत्लयाम को कभी वकर ईद तो कभी ईद के नाम पर जायज ठहराने के भरपूर प्रयत्न करने में लगे रहते हैं।दानबता की हर हद तो तब पार हो जाती है जब मिडीया में बैठे ISI ऐजेंट, हिंसा से भरपूर इन खूनी बारदातों को शांति और भाईचारे का जसन करार दे देते हैं।
जवाब देंहटाएंअगर ये हमले इस्लाम को आगे बढ़ाने के लिए किए जा रहे हैं तो इन राक्षसों द्वारा मस्जिदों में बम्म बिस्फोट करने का कोई औचित्य नजर नहीं आता वो भी वहां जहां 100% अबादी मुसलमानों की ही है। क्योंकि जहां इन राक्षसों के साथ हिन्दू या ईसाई रहते हैं वहां तो ये राक्षस मस्जिदों में बम विस्फोट कर उसका दोष गैर मुसलमानों पर दे देते हैं जैसे कि इन राक्षसों के हाथों विक चुकी केन्द्र सरकार ने इन राक्षसों द्वारा मस्जिदों में किए गए बम हमलों का दोष हिन्दूओं के सिर डालकर देशभक्तों को जेल में बन्द कर दिया लेकिन 100% मुसलिम अबादी में तो ऐसा भी कोई बहाना काम नहीं कर सकता है।http://samrastamunch.blogspot.in/2011/11/blog-post.html?spref=bl
जवाब देंहटाएंईद मुबारक,,,शास्त्री जी,,,,,
जवाब देंहटाएंईद मुबारक सभी को,ये पावन त्यौहार
गले मिलते सभी से,सीखे यह व्योहार,,,,,
रैना जी की पोस्ट पर,,,,,
जवाब देंहटाएंरोने से तकदीर बदलती नही
वक्त से पहले रात ढलती नही
दूसरों की कामयाबी लगती आसान मगर
कामयाबी रास्ते में पडी मिलती नही
धन्यवाद शास्त्री जी....अच्छी अच्छी पोस्टें पढवाने एवं पोस्ट शामिल करने हेतु...
जवाब देंहटाएंआमिर जी की पोस्ट पर,,,,
जवाब देंहटाएंईद मुबारक आपको,बधाई करे कबूल
खैर खुदा से मांगते,कभी न आवे शूल,,,,
शास्त्री जी के लिए,,,,,
जवाब देंहटाएंरचना मेरी शामिल हुई,चर्चा मंच का प्यार
ईद मुबारक हो आपको,शास्त्री जी,,,,आभार,,,,,,
रविकर जी के टिप्पणियों लिए,,,,
जवाब देंहटाएंटिप्पणी की किताब नही,है कुदरत की देंन
कुंडलियों की कला है,टिप्पणियों के हीमैन,,,,,
सभी को तहे दिल ईद मुबारक, मेरी रचना शामिल करने के लिए शास्त्री जी का बहुत-२ शुक्रिया
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंईद मुबारक
सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंदेशवासियों को ईद की मुबारिकबाद
ईद मुबारक...काफी जतन से सजाया है ये संकलन...गुलज़ार की छिहत्तरवीं सालगिरह...शामिल करने के लिए धन्यवाद...
जवाब देंहटाएंbadhiya charcha ......id mubarak
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा!
जवाब देंहटाएंईद मुबारक!
ईद की खुशियों से सरोवार आज का चर्चा मंच मेरे मन को खूब भाया.....
जवाब देंहटाएंईद मुबारक!
ईद मुबारक बंधुवर,
जवाब देंहटाएंहोवे दुआ क़ुबूल।
ईद मुबारक,बहुत बढ़िया , शुभकामनाएँ!
ग़ज़लगंगा.dg:
जवाब देंहटाएंतुम उसकी गर्दन
नहीं नाप सकते
सटीक !
अपनी गर्दन बचाने में
लगा हो जो
उसे दूसरे की
गर्दन है कि नहीं
का कहाँ पता होता है
उसे तो बस अपनी गर्दन
का पता होता है ।
सुहाना सफ़र कुमाऊँ का
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर यात्रा वृतांत !
सबब उदासी का
जवाब देंहटाएंसुंदर !
ईद मुबारक !
हस्तांतरण था !
जवाब देंहटाएंपहले शायद अच्छा था
जो बताया जाता था
अपने घर को बेचने
पहले कोई नहीं जाता था !
अफवाहों से न डरा करते
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !
क्या सच है क्या अफवाह
ये भी तो कोई कहाँ कह रहा !
भारतीय काव्यशास्त्र – 122
जवाब देंहटाएंगागर में सागर है !
प्रभात
जवाब देंहटाएंआपको बहुत बहुत मुबारक हो ईद
चाँद आये चाहे सूरज आये
बैचेन को आये थोड़ा सा चैन !
न हर्रे न फिटकरी,
जवाब देंहटाएंमार मलाई चाप -
इस पर टिप्पणी करने आओ
तो ऎसा कुछ हो जाता है
जैसे फुटकर बेचने वाला कोई
माल गोदाम पहुंच जाता है!
स्त्रियाँ सावधान रहें ऐसों से
जवाब देंहटाएंरास्ते पर चलेंगे तो कुछ नहीं होगा
जो भटकेगा तो रास्ते से जरूर दूर होगा !
शीर्षकहीन
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
पर नेता कहाँ बैचेन होता है
सारे देश का चैन जब वो लेता है !
मीग्रैन और क्लस्टर हेडेक का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में
जवाब देंहटाएंवीरू भाई बहुत मेहनत से लाते हैं
काम की चीज ही मगर दिखाते हैं !
इरादा
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
चलते हैं सुना था बहुत रास्तों पर लोग कुछ
रास्तों को ही मोड़ देते हैं कुछ ये भी सुन लिया !
achchhe links , achchhee charcha
जवाब देंहटाएंवीर जी के पास टिप्पणी नहीं जा रही है}
जवाब देंहटाएंवापस बीच रास्ते से लौट आ रही है ।
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सुशील ने आपकी पोस्ट " हस्तांतरण था ! " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:
पहले शायद अच्छा था
जो बताया जाता था
अपने घर को बेचने
पहले कोई नहीं जाता था !
सुशील द्वारा उन्नयन (UNNAYANA) के लिए 20 अगस्त 2012 8:38 pm को पोस्ट किया
गया
जाल जला जल जाम, जमीं जर जंगल जोरू
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
सहमत !
बहुत ही सुन्दर सूत्र..
जवाब देंहटाएंकस्तूरी ...एक दृष्टि (1)
जवाब देंहटाएंबहुत दिल लगा कर की गयी है समीक्षा !
सुंदर !
यह प्रदर्शन है या अलविदा की नमाज़ या नमाज़ को अलविदा ....ड़ा श्याम गुप्त ..
जवाब देंहटाएंईद मुबारक !
जिसे दिख रहा है वो बोल रहा है
बाकी के लिये बला से कि
इस देश में क्या हो रहा है
वो बस चैन की नींद सो रहा है !
हेमंत शेष ::
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर बेहतरीन !
जिला अनुपपुर अपना
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना !
शुभकामनाऎं !
"ईद मुबारक़"
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर !
कभी होली, कभी क्रिसमस,
मनाओ ईद-दीवाली,
खुदा ने एकता के वास्ते,
ये दिन दिखाया है।
nice
जवाब देंहटाएंईद मुबारक....
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति....
एक से बढ़कर एक लिंक्स, लाजवाब ब्लोग्स चर्चा...
जवाब देंहटाएंईद की ढेरों मुबारकबाद क़ुबूल फरमाइए!
Thanks
जवाब देंहटाएंभाईचारा बढ़े संग हम सब त्योहार मनायें।
एक ही घर परिवार शहर के हैं सबको अपनायें।
http://vedquran.blogspot.in/2012/08/eid-2012.html
चर्चा में शामिल करने के लिए आभार !
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