आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है
वर्षा का इन्तजार करते-करते किसान बेहाल था , बादल नहीं बरसे मगर अब दिल खोल कर बरस रहे हैं , यहाँ तक की वर्षा मांगने वाले किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं । किसान अब चाह रहा है कि बारिश थम जाए लेकिन ब्लॉग जगत में बर्षा की मीठी-मीठी फुहारों का आनन्द लिया जा रहा है । वर्षा विषय पर हिंदी हाइकु और त्रिवेणी ब्लॉग पर रचनाकारों ने रसभरी बारिश की है ।
त्रिवेणी पर हैं तांका
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हिंदी हाइकु पर हाइकु
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अब देखते हैं कुछ अन्य लिंक
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प्रेम सरोवर
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उच्चारण
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राम राम भाई
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अपना पंचू
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चिन्तन
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नव्या
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जील
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जिन्दगी एक खामोश सफर
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बैसवारी
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वर्षा सिंह
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सुज्ञ
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समीक्षा
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दिल की बातें
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एहसास
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उल्लूक टाइम
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चुगली
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बिसरती राहें
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उन्नयन
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लोक संघर्ष
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परिकल्पना
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आकांक्षा
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म्हारा हरयाणा
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नीम-निम्बौरी
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चला बिहारी ब्लोगर बनने
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तकनीक दृष्ट
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कासिद
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मुशायरा
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ग़ज़ल गंगा
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आज के लिए बस इतना ही
धन्यवाद
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कई लिंक्स से सजा आज का चर्चा मंच |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
भूख नर की बढ़ी भेड़ -इयों की तरह ,.समस्या मूलक रचना .उच्चारण
जवाब देंहटाएंबेटियां पल रही कैदियों की तरह ..मार्मिक ,कारुणिक ,शर्मसार करती सारी कायनात को
बढ़िया प्रस्तुति है कृपया यहाँ भी पधारे -
ram ram bhai
बृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012
अस्थि-सुषिर -ता (अस्थि -क्षय ,अस्थि भंगुरता )यानी अस्थियों की दुर्बलता और भंगुरता का एक रोग है ओस्टियोपोसोसिस
http://veerubhai1947.blogspot.com/
जाट मरा जब जानियो जब तीजा हो जाय ....यहाँ रबड़ सी लचीली याचिकाएं भी हैं .....दया याचिका की सूची में सब बराबर है ,बलात्कारी ,आतंकी ..... ये सेकुलर वीर कसाब प्रेमी हैं ....
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति है कृपया यहाँ भी पधारे -
ram ram bhai
बृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012
अस्थि-सुषिर -ता (अस्थि -क्षय ,अस्थि भंगुरता )यानी अस्थियों की दुर्बलता और भंगुरता का एक रोग है ओस्टियोपोसोसिस
http://veerubhai1947.blogspot.com/
बढ़िया लिंक्स अच्छी प्रस्तुति..मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार..
जवाब देंहटाएंकोयले की खान में दबा हीरा पर :
हटाएंहम तवज़्ज़ो दें न दें क्या फर्क पड़ता है उसे
उसकी फितरत है कि वो सुनता है कम, कहता बहुत.
वाह क्या निशाने पर मारा है :
कोई सुने ना सुने हम कहते चले जायेंगे
कहने वाले कब तक मुँह बनायेंगे
आना जाना होगा यहाँ और वहाँ
वो नहीं आयेंगे तो हम भी नहीं जायेंगे
वो अपनी कहें हम भी अपनी कहे जायेंगे !
जाट मरा जब जानियो जब तीजा हो जाय ....यहाँ रबड़ सी लचीली याचिकाएं भी हैं .....दया याचिका की सूची में सब बराबर है ,बलात्कारी ,आतंकी ..... ये सेकुलर वीर कसाब प्रेमी हैं .जील
जवाब देंहटाएंकसाब को फांसी ..अजी सांच कहो या हांसी ,कसाब को फांसी ?.
बढ़िया प्रस्तुति है कृपया यहाँ भी पधारे -
ram ram bhai
बृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012
अस्थि-सुषिर -ता (अस्थि -क्षय ,अस्थि भंगुरता )यानी अस्थियों की दुर्बलता और भंगुरता का एक रोग है ओस्टियोपोसोसिस
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क्या बात है.. सब कमाल.. दिल बाग-बाग हो गया!!
जवाब देंहटाएंबस संसद में जो आता है .,असली चमन कहाता है ,यहाँ चमन "अली" और चमन "लाल" की चांदी है ,.........उल्लूक टाइम
जवाब देंहटाएंबाबा चमन चुप हो गया
बढ़िया प्रस्तुति है कृपया यहाँ भी पधारे -
ram ram bhai
बृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012
अस्थि-सुषिर -ता (अस्थि -क्षय ,अस्थि भंगुरता )यानी अस्थियों की दुर्बलता और भंगुरता का एक रोग है ओस्टियोपोसोसिस
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सांगीतिक लय ताल की पुनरावृत्ति लोरी की बात चले और फिल्म संगीत का ज़िक्र न हो तो यह कुछ संगीत की बेहतरीन बंदिशों की तौहीन होगी -मसलन "चंदा मामा दूर के ,पूए पकाए बूर के ,आप खाएं थाली में ,मुन्ने को दें ,प्याली में ...."और धीरे से आ जा री अंखियन में नींदिया आ जारी आ जा ...छोटी सी नैनों की बगियन में ...",सो जा राजकुमारी ,सो जा .....,..,और वो डैडी फिल्म की लोरी ,कौन भूल सकता है इन कर्ण प्रिय बंदिशों को जो एक प्रकार का सम्मोहन रचतीं हैं ,नींद के बंद किवाड़ खोल देतीं हैं बहर हाल लोरी की एक विधा के रूप में आंचलिकता की पृष्ट भूमि में बढ़िया विवेचना की गई है .बधाई ..प्रेम सरोवर
जवाब देंहटाएंमाँ की लोरी
बढ़िया प्रस्तुति है कृपया यहाँ भी पधारे -
ram ram bhai
बृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012
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फांसी तो हो जाए ये सेकुलर पुत्र पुत्रियाँ होने दें न तब .....जील
जवाब देंहटाएंकसाब को फांसी
.
बढ़िया प्रस्तुति है कृपया यहाँ भी पधारे -
ram ram bhai
बृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012
अस्थि-सुषिर -ता (अस्थि -क्षय ,अस्थि भंगुरता )यानी अस्थियों की दुर्बलता और भंगुरता का एक रोग है ओस्टियोपोसोसिस
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जवाब देंहटाएंदिलबाग विर्क पर:
जवाब देंहटाएंगांधारी होना
महानता कम है
मूर्खता ज्यादा ।
बहुत सुंदर हाइकू :
अब तो ये फैशन
सा हो गया है
यहाँ हर कोई
गाँधारी हो गया है !
बहुत ही बढ़िया लिंक्स उपलब्ध करवाए दिलबाग जी,मेरे आलेख को शामिल करने के लिए आभार!!
जवाब देंहटाएंसुज्ञ
हटाएंउदार मानस, उदात्त दृष्टि
वाकई में आपकी बात में दम है
उदात्त दृष्टि जीवन में प्रसन्नता की कुँजी है।
एक नौकरी की तलाश में गया
नौकरी उसे कहीं नहीं दिखी
एक बेरोजगार घर में बैठा
बहुत खुश हुआ उस दिन
उसे पता चला जब नौकरी
किसी और के साथ चली गयी !
उच्चारण
जवाब देंहटाएंबेटियां पल रही कैदियों की तरह
कलम से सच निकल कर आया है
बहुत सी जगह पर ऎसा पाया है
बेटियाँ खुद अपनी किस्मत बनायेंगी
मुश्किल की डगर से निकल कर आयेंगी
हौसला उनका आसमान में
हम आप की सोच ले जायेंगी !
नीम-निम्बौरी
जवाब देंहटाएंमिडिल क्लास के सपने
सपना मिडिल क्लास, देखता कैसे कैसे ।
चाहे बने अमीर, लुटा दे जेवर-पैसे ।।
बहुत खूब
मेरे शहर का सीन
कुछ और बता रहा है
आय है रुपिया हजार
बच्चा मोटर साइकिल
में जा रहा है
जेवर पैसे लुटाने
तक भी चलेगा
क्या हो जब
बच्चा लुटेरा बनेगा !
बड़े ही रोचक सूत्र..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स लेकर सार्थक चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार
आभार आपका !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएं4-5 दिनों के बाद आज ही घर लौटा हूँ। अब बारी-बारी से सब लिंकों को पढ़ूँगा!
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंDilbaag ji , Thanks for providing great links.
जवाब देंहटाएंदेखकर सूत्र संकलन,दिल जाता है जाग
जवाब देंहटाएंपढकर रचनाओं को ,दिल होता दिलबाग,,,,,,
सभी लिंक्स बहुत बढ़िया लगाए हैं दिलबाग जी हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत लिंक संयोजन
जवाब देंहटाएंसभी लिंक्स बहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया...
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स
जवाब देंहटाएंबढिया चर्चा
सुन्दर लिनक्स
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति है
जवाब देंहटाएं