ड़ा॰ अमर कुमार को पहली पुण्यतिथि पर सादर नमन
अमल अमर-पद अमन मन, "अमर" *अबन बन अक्ष |
कनक कथन कण समर्पण, कर ^कमलज समकक्ष | कर कमलज समकक्ष, पक्ष कर्मठ कर्तव्यम | कथन सहज अनवरत, परत लवणम सम द्रव्यम | अमर सरलतम समझ, रमय हर समय अनन्तर | उलट पलट कर पत्र, दरस सम्यक अभ्यंतर || *सूर्य-चंद्रमा का उत्तरायण और दक्षिणायन होते रहना | ^ब्रह्मा #नमक लखनऊ के लिए इस रविवार को 'हिंदी ब्लॉगर महारेल' रवाना हो रही है
नुक्कड़ -
1सदा फुदकती रहना गौरैया
चैतन्य शर्मा (Chaitanya Sharma)
चैतन्य का कोना
गौरैया के स्वर सुने, हृदय प्रफुल्लित होय |
उच्च उच्चतर उच्चतम, प्रेरित हो सब कोय | प्रेरित कर सब कोय, सरल सा सीधा जीवन | रहे स्वयं में मगन, फुदकती द्वारे आँगन | पड़ी प्रदूषण मार, घटे है सोन चिरैया | हो दिल्ली चैतन्य, सुरक्षित हो गौरैया || |
2
प्रतिभा सक्सेना
|
3-अ
Rajesh Kumari
3-ब
|
4-अ
Kulwant Happy "Unique Man"
युवा सोच युवा खयालात 4-बशोले - 37 वर्षो का सफर
ѕαηנαу ѕєη ѕαgαя
hindustaan ka dard |
5लकीरें हाथों की
udaya veer singh at उन्नयन (UNNAYANA) - 5 hours ago
|
6"आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता "-डॉ .वागीश मेहता ,डी .लिट .,
Virendra Kumar Sharma
भारत की सत्ता सरल, सही धर्म निरपेक्ष |
पाले पोसे राज-धर्म, जनता के सापेक्ष | जनता के सापेक्ष, अधर्मी का है स्वागत | चाहे रविकर पड़े, चुकाना कोई कीमत | आतंकी का धर्म, नहीं होता है कोई | है सच्चा निरपेक्ष, देश का मेहमाँ सोई || |
7
|
8स्वयं के शोषण के लिये समझौता करने की आदत न डालें say no to compromise habit |
10खुदा कुआं प्राचीन, आज खोदे हम खाईं-
हवा हवाई हो गई, शुद्ध हवा की बात |
कुदरत नित दिखला रही, मानव को औकात | मानव को औकात, ताक में मानव रहता | भोगवाद से ग्रस्त, रहे हर समय बहकता | खुदा कुआं प्राचीन, आज खोदे हम खाईं | हुआ खुदा नाराज, हवा भी हवा हवाई || |
11विडम्बना
मनोज कुमार
घास फूस की झोपड़ी, सहे धूप बरसात |
उलझी मानव खोपड़ी, बात बात में वात | बात बात में वात, कुपित जब हो जाती है | तरह तरह के रोग, बुद्धि भी भरमाती है | सच्चे धंधेबाज, सभी धंधों का फंडा | पुलिस कटोरा लिए, थामता पंडा डंडा || |
18
DR. ANWER JAMAL
|
19
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
|
20फेसबुकियो सावधान रहेना क्यु की ( इस पोस्ट को अवश्य पढे )
SACCHAI
AAWAZ
लग सकती है फेस पर, बुकिये तगड़ी ठेस |
मुद्दा है पहचान का, करो प्रोब्लम फेस | करो प्रोब्लम फेस , सही परिचय है वांछित | हो न कोई केस, कभी न होओ लांछित | हो जाओ गर ब्लाक, प्रमाणिक कॉपी भेजो | कट जाएगी नाक, इंट्रियाँ सही सहेजो || 21घोटाला + हंगामा = ???? |
रविकर जी, अब तो आपकी चर्चा भी चर्चा का विषय होने लगी है। बधाई स्वीकारें।
जवाब देंहटाएं............
डायन पुराण का विज्ञान!
बहुत सुन्दर रंग-बिरंगी चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहन राजेश कुमारी जी टिप्पणी में ही बताएँ कि क्या वो मंगलवार की की चर्चा शैड्यूल करेंगी?
आभार!
डा॰ अमर कुमार को पहली पुण्यतिथि पर सादर नमन...!
जवाब देंहटाएंवाह, टिप्पणियों का काव्यात्मक प्रवाह..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रहा -पांचाली चुनने का आभार !
जवाब देंहटाएंगौरैया के स्वर सुने, हृदय प्रफुल्लित होय |
जवाब देंहटाएंउच्च उच्चतर उच्चतम, प्रेरित हो सब कोय |
प्रेरित कर सब कोय, सरल सा सीधा जीवन |
रहे स्वयं में मगन, फुदकती द्वारे आँगन |
पड़ी प्रदूषण मार, घटे है सोन चिरैया |
हो दिल्ली चैतन्य, सुरक्षित हो गौरैया || जी हाँ पक्षी पर्यावरण की नव्ज़ को ,टूटते पारितंत्र को ताड़ वहां से उड़ जातें हैं ,फिर लौट के वह नहीं आतें हैं .....कृपया यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
शुक्रवार, 24 अगस्त 2012
आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता
"आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता "-डॉ .वागीश मेहता ,डी .लिट .,1218 ,शब्दालोक ,अर्बन एस्टेट ,गुडगाँव -122-001
आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता
राजनीतिक लफ्फाज़ फैला रहें हैं भ्रम ,
कि आतंकवादी का नहीं होता कोई धर्म ,
अभिप्राय : है यही और यही है संकेत ,
कि आतंकवादी होता है धर्मनिरपेक्ष .
धन्य है सरकार ,क्या खूब बहका रही है ,
आतंकवाद का क्या ,धर्मनिरपेक्षता तो बढ़ा रही है .http://veerubhai1947.blogspot.com/
रविकर की चर्चा सूरज नहीं
जवाब देंहटाएंजो रोज एक सी दिखाई जायेगी
तारों से टाँकता है रोज उसे
रोज एक नया तारा ले कर आयेगी
चर्चित ब्लागों पर जनता अगर
एक बार जाकर हो के आयेगी
तभी तो उसकी मेहनत
भी सफल हो पायेगी !!!
बहुत उम्दा चर्चा लगाई है !
फेसबुकियो सावधान रहेना क्यु की ( इस पोस्ट को अवश्य पढे )
जवाब देंहटाएंSACCHAI
AAWAZ
अच्छा है अगर बंद हो जायेगा
चैन आयेगा बबाल जायेगा !
समिधा बन गई पांचाली बेहतरीन काव्यात्मकता संपन्न हुई ......कृपया यहाँ भी पधारें -
जवाब देंहटाएंram ram bhai
शुक्रवार, 24 अगस्त 2012
आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता
"आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता "-डॉ .वागीश मेहता ,डी .लिट .,1218 ,शब्दालोक ,अर्बन एस्टेट ,गुडगाँव -122-001
"नद-नालों में नई जवानी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जवाब देंहटाएंडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
उच्चारण
बहुत सुंदर दृश्यों के साथ
कविता जैसे बोल रही है !
गौरैया के स्वर सुने, हृदय प्रफुल्लित होय |
जवाब देंहटाएंउच्च उच्चतर उच्चतम, प्रेरित हो सब कोय |
प्रेरित कर सब कोय, सरल सा सीधा जीवन |
रहे स्वयं में मगन, फुदकती द्वारे आँगन |
पड़ी प्रदूषण मार, घटे है सोन चिरैया |
हो दिल्ली चैतन्य, सुरक्षित हो गौरैया || जी हाँ चैतन्य भाई ! पक्षी पर्यावरण की नव्ज़ को ,टूटते पारितंत्र को ताड़ वहां से उड़ जातें हैं ,फिर लौट के वह नहीं आतें हैं ...नन्ने हाथ बड़ी मंजिल बड़ी बात ..कृपया यहाँ भी पधारें -
Neck Pain And The Chiropractic Lifestyle
Neck Pain And The Chiropractic Lifestyle
Reducing symptoms -correcting the cause.
गर्दन में दर्द होने पर अमूमन आप दवाओं की शरण में चले आतें हैं लेतें हैं आप एस्पिरिन ,तरह तरह के अन्य दर्द नाशी ,विशेष पैन पिल्स ,इस दर्द के लक्षणों के शमन के लिए लेतें हैं आप मसल रिलेक्सर्स ,मालिश ,हॉट पेक्स .
लेकिन गर्दन में दर्द की वजह न तो एस्पिरिन की कमी बनती और न अन्य दवाओं की .
ram ram bhai
शुक्रवार, 24 अगस्त 2012
आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता
"आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता "-डॉ .वागीश मेहता ,डी .लिट .,1218 ,शब्दालोक ,अर्बन एस्टेट ,गुडगाँव -122-001
आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता
राजनीतिक लफ्फाज़ फैला रहें हैं भ्रम ,
कि आतंकवादी का नहीं होता कोई धर्म ,
अभिप्राय : है यही और यही है संकेत ,
कि आतंकवादी होता है धर्मनिरपेक्ष .
धन्य है सरकार ,क्या खूब बहका रही है ,
आतंकवाद का क्या ,धर्मनिरपेक्षता तो बढ़ा रही है .http://veerubhai1947.blogspot.com/
जानिए मां बनने का गणित To be a mother
जवाब देंहटाएंDR. ANWER JAMAL
प्यारी माँ
आप गणित कह रहे हैं
मुझे कैमिस्ट्री लग रही है
ऊपर वाले के काम की
सब मिस्ट्री लग रही है !
यह तो अत्यधिक सरल गणित है,
हटाएंसीधे अपनी ही माता से पूछें वो कैसे बनी माँ.....
जवाब देंहटाएं17
रहिमन जिह्वा बावरी कहिगै सरग पाताल
गगन शर्मा
कुछ अलग सा
नेता कुछ भी बोलता है
बोलने से पहले कहाँ तोलता है
सुनने वालों को आदत सी
हो गयी है अब
कौन इन बेवकूफों के आगे
अपना मुँह खोलता है !
जवाब देंहटाएं12
क्यूँ बने सती-सावित्री जब सत्यवान कहीं नहीं...
Neha
सोचा ना था....
सत्यवान था राज-सुत, हुआ किन्तु कंगाल |
एक वर्ष की जिन्दगी, होती मृत्यु अकाल |
होती मृत्यु अकाल, कौन गुण भाया बेटी |
पति ऐसा सुविचार, कहाँ से आया बेटी |
जोश बड़ी है चीज, मगर जब व्यर्थ रोष हो |
करे भला न खीज, चाहती क्यूँ सदोष हो ||
सती स्वत: स्वाहा हुई, बड़ी जिंदगी टेढ़ |
सावित्री कितनी यहाँ, चरा रही हैं भेड़ |
चरा रही हैं भेड़, रहो आजाद हमेशा |
लम्पट ढोंगी दुष्ट, चाहते हरदम ऐसा |
एकल रहती नार, नहीं प्रतिबन्ध यहाँ है |
अच्छे भले विचार, पालिए रोक कहाँ है ||
16
जवाब देंहटाएंजनता डिनर
Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."
वो शौच में गिरे
तो भी शहीद होते है
तुम्हे ही केवल
जीते हुवे ही
मरना होता है ...
क्या बात है
कहाँ गिरा के
इनको मारा है
लेकिन बहुत
ही सटीक
जगह चुनी
आपने
जहाँ ला
कर के
मारा है !
अच्छी चर्चा |
जवाब देंहटाएंआशा
लड़की ! एक ऐसा कंप्यूटर ,जिसे ता -उम्र दिया जाए एक सोफ्ट वेयर,हेयर एंड देयर ,एवरी व्हेयर ...सही सवाल उठाए हैं आपने इस पोस्ट में लड़के लडकी की परवरिश में यह दोहरापन क्यों हैं -अरे लडका है इसे कौन सा पराए घर जाना है ....लडका है तो चढाओ सिर पर एक दिन काशी करवट दिलवा देगा ,छोड़ आयेगा कुम्भ के मेले में ...संभलो दोस्तों संभलो छोडो पुत्र विमोह वरण कर लो पुत्री का
जवाब देंहटाएंलड़की ! एक ऐसा कंप्यूटर ,जिसे ता -उम्र दिया जाए एक सोफ्ट वेयर,हेयर एंड देयर ,एवरी व्हेयर ...सही सवाल उठाए हैं आपने इस पोस्ट में लड़के लडकी की परवरिश में यह दोहरापन क्यों हैं -अरे लडका है इसे कौन सा पराए घर जाना है ....लडका है तो चढाओ सिर पर एक दिन काशी करवट दिलवा देगा ,छोड़ आयेगा कुम्भ के मेले में ...संभलो दोस्तों संभलो छोडो पुत्र विमोह वरण कर लो पुत्री का .
12
क्यूँ बने सती-सावित्री जब सत्यवान कहीं नहीं...
Neha
सोचा ना था.....कृपया यहाँ भी पधारें -
Neck Pain And The Chiropractic Lifestyle
Neck Pain And The Chiropractic Lifestyle
15
जवाब देंहटाएंसोशल मीडिया एक उम्मीद !
Tarun's Diary-"तरुण की डायरी से .कुछ पन्ने.."
पत्रकारिता की लाश पर उग आई मीडिया नाम की फफूंद तो केवल आधुनिकता के विषाणु फैलाने का पूजीवादी साधन मात्र है , इसे गंभीरता से लेने की भूल कम से कम बुद्धिजीवी ना करे यही अपेक्षा है |
बहुत खूब लिखते हैं भाई !
11
जवाब देंहटाएंविडम्बना
मनोज कुमार
विचार
छाता फाड़ के दीजियेगा ऎसे में अगली बार से !
फुट पाठ पर पड़े जो ,छाते का क्या करेंगे , 11
जवाब देंहटाएंविडम्बना
मनोज कुमार
विचार ....कृपया यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
बुधवार, 22 अगस्त 2012
रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल रोबोट नहीं .
What Puts The Ache In Headache?
5
जवाब देंहटाएंलकीरें हाथों की
टिप्पणियां लौट के आ रही हैं
उदय के ब्लाग पर ना जाने
क्यों नहीं जाना चाह रही हैं !
रविकर जी की चर्चा भी अब चर्चा होने लगी है। बधाई का विषय है।
जवाब देंहटाएंकृपया स्वीकारें।
इससे पता चलता है कि पोस्ट को लोग ग़ौर से पढ़ते हैं।
खुदा कुआं प्राचीन, आज खोदे हम खाईं-
जवाब देंहटाएंखोदने में एक्स्पर्ट
एक दिन देखना
बहुत हो जाओगे
खाई खोदने के लिये
सरकारी काम भी
बस तुम ही पाओगे
लगे रहो !
पहले कर घोटाले खूब ,फिर संसद के वैल में डूब ,ऊधम कर तू खूब हई खूब घोटाला + हंगामा = ????
जवाब देंहटाएंCartoon, Hindi Cartoon, Indian Cartoon, Cartoon on Indian Politcs: BAMULAHIJA - ...कृपया यहाँ भी पधारें -
Neck Pain And The Chiropractic Lifestyle
Neck Pain And The Chiropractic Lifestyle
2
जवाब देंहटाएंपांचाली - समापन .
प्रतिभा सक्सेना
लालित्यम्
बहुत सुंदर मन को बाँधे रखती हैं आपकी लेखनी !
चौखट पे खड़े सपनों ने कैसे जान लिया
जवाब देंहटाएंRajesh Kumari
बहुत सुंदर रचना !
"आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता "-डॉ .वागीश मेहता ,डी .लिट .,
जवाब देंहटाएंVirendra Kumar Sharma
कबीरा खडा़ बाज़ार में
वाह क्या बात है !
अजी जब ओखली में सिर दिया तो मूसल का क्या डर ..हमें क्या मौन सिंह असमिया समझा हैआपने
जवाब देंहटाएं20
फेसबुकियो सावधान रहेना क्यु की ( इस पोस्ट को अवश्य पढे )
SACCHAI
AAWAZ
ड़ा॰ अमर कुमार को पहली पुण्यतिथि पर सादर नमन
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि !
अरे भाई किसान का नाम लेकर कुछ भी कहो ,आम आदमी अल्पसंख्यक और किसान पर्यायवाची हैं अब बराबर का हक़ है इन्हें बर्बाद होने का बैनी भाई कोई बे -वकूफ थोड़ी हैं दिग्विजय के ताऊ हैं .17
जवाब देंहटाएंरहिमन जिह्वा बावरी कहिगै सरग पाताल
गगन शर्मा
कुछ अलग सा
बहुत सुंदर पंक्तियाँ रचीं हैं आपने चैतन्य की पोस्ट 'सदा फुदकती रहना गौरैया' पर .....आभार इतने सुंदर लिनक्स में उसे भी स्थान दिया ....
जवाब देंहटाएंरविकर भाई आज तो बहुत सुन्दर बेहतरीन सूत्रों से सजाया है चर्चा मंच मेरी रचना को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंरविकर जी, बहुत रंगबिरंगी चर्चा है आज की, सुंदर लिंक्स, बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स !
जवाब देंहटाएंवाह बेहतरीन लिंक्स सुन्दर रंग बिरंगी चर्चा, मेरी रचना को स्थान देने हेतु आदरणीय रविकर सर का हार्दिक अभिनन्दन...
जवाब देंहटाएंवढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स
बेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंकों सजी चर्चा मंच के लिए बधाई,,,रविकर जी,,,,,
जवाब देंहटाएंश्रेष्ठ चर्चा और चुनिन्दा लिंक्स एक से एक शानदार!! सुपाठ्य!!
जवाब देंहटाएंमेरी प्रविष्ठि को स्थान देने के लिए आभार!!
Nice post.
जवाब देंहटाएंसुंदर सुसज्जित चर्चामंच...बढ़िया लिंक्स...हिन्दी हाइगा को स्थान देने के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएंचर्चा क्रमांक - 6
जवाब देंहटाएंचुकाता कोई लागत..,
देश दृष्ट अतिथि सोई.....
टिप्पण-कर्ता का करूँ, अभिनन्दन आभार |
जवाब देंहटाएंचर्चा का होता नहीं, बिन टिप्पण उद्धार |
बिन टिप्पण उद्धार, रार भी हो जाती है |
लेकिन यह तकरार, सदा मुंह की खाती है |
मिले पाठकों प्यार, आप ही कर्ता धर्ता |
यह चर्चा संसार, बुलाता टिप्पण कर्ता ||
.nice presentation.संघ भाजपा -मुस्लिम हितैषी :विचित्र किन्तु सत्य
जवाब देंहटाएं