मित्रों! आ गया रविवार और मैं भी हाजिर हो गया, अपनी पसंद के कुछ लिंक लेकर! "क्या नेता जी सुभाष चन्द्र बोस हैं?" नेहरूजी के पार्थिव शरीर के पास खड़ा यह भिक्षुक कौन है? नेता जी सुभाष चन्द्र बोस को सादर नमन!करता बंदरबांट, कटे वासेपुर अन्दर
कौड़ी कौड़ी बेंचते, झारखंड का माल ।
बाशिंदे कंगाल है, पूछे मौत सवाल ।
पूछे मौत सवाल, आज ही क्या आ जाऊं ?
पल पल देते टाल, हाल क्या तुम्हें बताऊँ?
डूब मरे सरकार, घुटाले करके भारी ।
होते हम तैयार, रखो तुम भी तैयारी ।।
|
न्यायिक दृष्टिकोण का यह खतना तो खलिश पैदा कर रहा है पाकिस्तान में औसतन प्रति दिन ४० मुसलमान इस्लामिक आतंकवाद की घटनाओं में मारे जाते हैं पर इससे मुसलमान आंदोलित नहीं होते. अफगानिस्तान में औसतन प्रतिदिन २८ मुसलमान इस्लामिक आतंकवाद में मारे जाते हैं इस पर ... |
चलना तो तुम्हें ही होगा मुझे लेकर .... ख्वा़हिशों के इस दौर में कुछ ख्वाहिशों को जिंदा रखना जरूरी है वर्ना जीने की वजह नहीं रहती .... | ईद का त्यौहार क़रीब है और ऐसे में अल्लाह से एक ही दुआ 'अल्लाह सारे विश्व में अम्नो अमां रहे' । ईद मुबारक ईद, कितनी यादें बसी हैं ईद को लेकर |
अंगूर खट्टे हैं जाने अनजाने कई सपने हमारे इर्द-गिर्द मँडराने लगते हैं कुछ सपने जो हमारी पहुँच में होते हैं उन्हें पूरा करने के लिए हम जी जान लगा देते हैं पर जरूरी तो नहीं सब कुछ प्राप्य की ही श्रेणी में हों… |
तुम पहले और आखिरी सम्पुट हो मेरी मोहब्बत के *चाँद* तुम पहले और आखिरी* सम्पुट हो मेरी मोहब्बत के* *जानत हो क्यों ? मोहब्बत ने जब मोहब्बत को पहला सलाम भेजा था* *तुम ही तो गवाह बने थे शरद की पूर्णमासी पर * *रास - महोत्सव मे * | ग़ज़लगंगा.dg: हुकूमत की चाबी हकीकत यही है ये हम जानते हैं कि गोली चलने का कोई इरादा तुम्हारा नहीं है. कोई और है जो तुम्हारे ही कंधे पे बंदूक रखकर तुम्हीं को निशाना बनाता रहा है. सभी ये समझते हैं अबतक यहां पर जो दहशत के सामां दिखाई पड़े ... | मदन लाल जी धींगरा, सावरकर का संग- मारें घुस के वायली, अंग्रेजी सत्ता दंग | मदन लाल धींगड़ा को श्रद्धांजलि |
"जीवन के चित्र" जीवन ! दो चक्र कभी सरल कभी वक्र, -- जीवन ! दो रूप कभी छाँव कभी धूप… |
किलकारी- हाइगा में प्रस्तुत है प्रवीण कुमार श्रीवास्तव जी के हाइकुओं पर आधारित हाइगा| परिचय के रूप में उन्होंने जिस वेबसाइट का नाम दिया है उसे दे रही हूँ| http://dealhojaye.rediff.com/?sc_cid=rediffmailsignature | बाबा फ़रीद - शैख़ फ़रीदउद्दीन मसूद गंज-ए-शकर *सूफ़ी सिलसिला-5* *बाबा फ़रीद - शैख़ फ़रीदउद्दीन मसूद गंज-ए-शकर*भारत की धरती पर संतों की लंबी कतार हमेशा से लगी रही। *ख़्वाज़ा बख़्तियार काकी*के शिष्य *बाबा फ़रीद* भी उनमें से एक थे… |
क्या हैं आप सबकी पहली सोच .... इस विशालकाय वृक्ष को देख कर ..... मेरे दिल्ली वाले घर के सामने का एक विशालकाय वृक्ष ,जो मेरे घर की तीसरी मंजिल से भी ऊँचा हैं ...जब इसे मैंने अपने मोबाईल वाले कैमरे में कैद किया तो ...मुझे रामायण और महाभारत सीरियल याद आ गए .... |
[Guide] Blogger Template का Backup लेना यूँ तो ब्लॉगर प्लेटफ़ार्म बहुत ही सरल है और आसानी से समझ आ जाने वाला है लेकिन हाल ही ब्लॉगर द्वारा अचानक किये गये कई महत्वपूर्ण परिवर्तनों के अंतर्गत कई विकल्प विस्थापित कर दिये गये हैं… | आज फिर फिसल गया, गहरी चोट खा गया जिसने पकड़ा था हाथ उसने ही छुडा लिया मांझी ने ही किश्ती को डूबा दिया ना सुकून मिला ना साहिल मिला कातिल का असली चेहरा दिख गया वफ़ा को बेवफाई में बदलते देख लिया आज फिर फिसल गया... | कही ये सरकार की चाल तो नहीं ??? भ्रष्टाचार के मामले मे आज सरकार और उसके गठबंधन हर तरफ से घिरे जा रहे है, धन के चक्कर मे ये सरकार और उसके मंत्री भूल गए की इमानदारी ही नैतिकता रूपी कपडे को मजबूत बनाती है और भ्रस्टाचार चूहा स्टाईल मे ... |
साध्वी फिर पहुंची बलात्कारी स्वामी के पास ... साध्वी चिदर्पिता एक बार फिर खबरों में हैं। ज्ञान की बड़ी-बड़ी बाते करने वाली चिदर्पिता ने प्रेम विवाह में आई खटास के बाद फिर बलात्कारी स्वामी की शरण में ही जाना बेहतर समझा। एक बात बता दूं बलात्कारी स्वामी... |
कर खुदरा व्यापार, वैश्विक मंदी भागे आज का ही लिंक :रहिये फक्कड़ मस्त, रखो दुनिया ठेंगे पर "प्रश्नजाल-भारत की दुर्दशा" उच्चारण कर्ता-धर्ता एक पार्टी, वही पुरानी टोली | जिसके घर पर सदा सजी है गिन्नी रंग रँग... |
शीर्षकहीन डॉ.भावना श्रीवास्तव द्वारा भावपथ... माँ, मन और भावनाएं मन है तो भावनाएं है. भावनाएं हैं तो अनुभूति है. अनुभूति है तो अनुभव है. … | बाढ़ में परिंदे यह तेज सिंह का किला है। मैने आपको 'मई' में यहाँ की तस्वीरें दिखाई थी। अब गंगा जी बहुत बढ़ी हुई हैं। एक घाट से दूसरे घाट पर जाने का मार्ग पूरी तरह से बंद है। आज शाम गंगा जी गया तो इस किले पर चढ़ना चाहा लेकिन... |
मुसलमान विरोधी ग्लोबल मीडिया फिलिस्तीन के साथ भूमंडलीय माध्यमों का रिश्ता बेहद जटिल एवं शत्रुतापूर्ण रहा है। कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं जिन पर ध्यान देने से शायद बात ज्यादा सफ़ाई से समझ में आ सकती है… | हिंग्लिश बाल कविता बरसात के दिनों में एक अध्यापक ने विद्यार्थी से स्कूल ना आने का कारण पूछा तब उसने कुछ इस तरह से बताया .... इट वाज रैनिंग झमाझम । रोड पर आते थे जब हम । लेग माई फिसलिंग गिर पड़े हम |
*** मेरा प्यारा ख्वाब *** सुनों ना कुछ कहना है तुमसे तुम क्यूँ इतना दूर हो मुझसे पता है कल रात एक ख्वाब देखा मैंने.. जिसमे तुम हो ,,मै हूँ और वो सुनहरी रंगबिरंगी संध्या आकाश कुछ नारंगी , कुछ नीला थोड़ा सा काला और कहीं - कहीं पीला... |
संगतराश... बोलो संगतराश आज कौन सा रूप तुम्हारे मन में है? कैसे सवाल उगे हैं तुममें? अपने जवाब के अनुरूप ही तो बुत तराशते हो तुम और बुत को एक दिल भी थमा देते हो ताकि जीवंत दिखे तुम्हें.. | बाप और बेटा आज फिर कुछ ऐसा हुआ, जो सदियों से कुदरत का दस्तूर रहा है, बेटा खिल कर फूल बन गया और बाप मुरझा कर घूर रहा है!! जो कल खेल रहा था बचपन की गलियों में, आज वो बन चूका बड़ा है, और जो डूबा था जिम्मेदारी की जवानी में... | शीर्षकहीन Ananda Barman द्वारा प्रवाह अमंत्रं अक्षरं नास्ति नास्ति मूलमsनौषधं !आयोगः पुरुषों नास्ति योजकः तत्रस दुर्लभः* *अर्थात* : कोई भी अक्षर मंत्र हीन नहीं है ,कोइ भी पेड़ का मूल दवाई के बिना नहीं है इसी तरह कोई व्यक्ति... |
न्यू मीडिया की मंजिल अब दूर नहीं लगती. भोपाल- यूँ यह शहर अनजान कभी ना था. गैस त्रासदी , ताल तलैये और बदलते वक़्त के साथ न्यू मीडिया और हिंदी साहित्य के बढ़ते हुए क्षेत्र के रूप में भोपाल हमेशा ही चर्चा में सुनाई देता रहा. परन्तु कभी इस शहर के ... |
दीनदयाल शर्मा नानी नानी तू है कैसी नानी नहीं सुनाती नई कहानी। नानी बोली प्यारे नाती नई कहानी मुझे न आती। मेरे पास तो वही कहानी एक था राजा एक थी रानी। नई बातें कहाँ से लाऊँ तेरा मन कैसे बहलाऊँ…. |
होनी होनी है सच सच है ... सज्जनता , शालीनता , संस्कार इसके साथ भी यदि *होनी* है तो दुर्जन , संस्कारहीन .... सुनना पड़ता है ईश्वर की मर्ज़ी ! और इस होनी का उत्सव *ठीकरे *भी मनाते हैं खुले आसमां के नीचे मौत आ जाए तो… |
ईद पर कविता आया मुबारक दिन ईद का ब*हुत दिन बाद आया* *मुबारक दिन ईद का* *खुशियाँ मनाने का* *रंजिशें मिटाने का* *निरंतर इंसान बन कर* *जीने का* *अमन का पैगाम* *फैलाने का* | केग का रिपोर्ट पढ़िए ( कोयला घोटाला ) *१ लाख ८५ हजार ५९१ लाख करोड़* का चुना देश को लगाया और इस घोटाले की ओडिट करनेवाली केग, क्या आप जानते है ये "केग" क्या है ? क्या आपने पढ़ा " केग " का रिपोर्ट ? आखिर क्या है केग के रिपोर्ट में ? |
आजादी हमें खैरात में नहीं मिली है!! उसके लिए हमारे देश के अनेको देश भक्तों ने जान की बाजी लगाकर देश पर मर मिटने की कसम खाई और शहीद हुए. उनके वर्षों की तपस्या और बलिदान से हमने आजादी पाई है " | राइट ब्रदर्स *राइट ब्रदर्स यानी ऑरविल राइट , जिन्होंने अपने भाई विल्बर के साथ पहला विमान बनाया.. | शिप्रा की लहरें तुम खेलो, युधिष्ठिर ! फड़ बिछी है , चल रहा है दौर , तुम खेलो, युधिष्ठिर ! * खेल के पाँसे किसी के हाथ साध कर के फेंकता हर बार , और तुम भी एक हो , जिसको यहाँ चुन कर बिठाया.. |
सावरकर आज भी हैसावरकर के विचार आज भी हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है. अगर उनके विचारो को मान लिया जाता तो शायाद आज भारत खंडित दो देश के रूप में नहीं होता…. |
न दैन्यं न पलायनम् यह कैसी आतंक पिपासा यज्ञ क्षेत्र यह विश्व समूचा, होम बने उड़ते विमान जब, विस्मय सबकी ही आँखों में, देखा उनको मँडराते नभ। मूर्त रूप दानवता बनकर, जीवन के सब नियम भुलाकर,… ।। माहे-शाम ।। सफ़क के सुर्ख बिखरे हुवे गुलाब तलाश कर..,
शबिस्ताने सर शबीह बर शहाब देखिये..,
----- || SAN-SAN SANSAD || ----- |
और अन्त में एक कार्टून कार्टून :- मंगल पे मंगू काजल कुमार के कार्टून |
शास्त्री जी बहुत ही करीने से और बहुत ही श्रम से सजाई है आपने रविवारीय चर्चा। बधाई।
जवाब देंहटाएंलगे हाथ आपको बता दूं कि ब्लॉगर्स के नाम महामहिम राज्यपाल जी का संदेश! आया है। क्या पढ़ा आपने?
चर्चामंच की शोभा देखते ही बन रही है...आभार !!!
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली ,प्रसंशंनीय चर्चा ,बहुआयामी कथ्यों ,तथ्यों के साथ ...बहुत सुंदर ..बधाईयाँ जी
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स से सजी विस्तृत चर्चा!
जवाब देंहटाएंइतना मार्मिक प्रसंग है इस पर तो टिपण्णी करते भी नहीं बनता ,शरम उनको फिर भी नहीं आती
जवाब देंहटाएंमजबूरी साझी सरकार ,
हाथ में कोयले ,ऊखल में सिर ,
करेंगे मिलकर भ्रष्टाचार ,
चारा तो हम ही खायेंगे ,
करनी अपनी भुगतो यार .कृपया यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
रविवार, 19 अगस्त 2012
मीग्रैन और क्लस्टर हेडेक का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में
जवाब देंहटाएंऔर अन्त में एक कार्टून
कार्टून :- मंगल पे मंगू
घर में न हैं दाने ,अम्मा चली भुनाने .....बढ़िया मारा रे ,मौन सिंह कू मारा रे..... .कृपया यहाँ भी पधारें -
ram ram bhai
रविवार, 19 अगस्त 2012
मीग्रैन और क्लस्टर हेडेक का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में
अगर बात मानो
जवाब देंहटाएंअभी एक झटके में कंधे से अपने
हटा दो जो बंदूक रखी हुई है
घुमाकर नली उसकी उनकी ही जानिब
घोडा दबा दो
उन्हें ये बता दो
कि कंधे तुम्हारे
हुकूमत लपकने की सीढ़ी नहीं हैं.
--देवेंद्र गौतम अरे वाह बाबू ,ई तो रोबोट से आदमी बनाने का नुसख़ा आप बता दिए .अपना मौनू (मौन सिंह )समझे तब न .
ram ram bhai
रविवार, 19 अगस्त 2012
मीग्रैन और क्लस्टर हेडेक का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में
जवाब देंहटाएंतुम जानो कम्प्यूटर बानी
तुम हो ज्ञानी के भी ज्ञानी।सहज ,सरल ,सुबोध
अब तो भैया कंप्यूटर को समझो नानी ,नानी हो गई बहुत पुरानी ...कंप्यूटर नानी की नानी .
ram ram bhai
रविवार, 19 अगस्त 2012
मीग्रैन और क्लस्टर हेडेक का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में
जवाब देंहटाएंभाई साहब कैग रिपोर्ट तो अब आई है हमारे डॉ .वागीश मेहता जी ने इसे पहले ही भांप लिया था एक लम्बी कविता लिखी थी साथ ही प्रधान मंत्री के इस वक्तव्य से सहानुभूति जतलाई थी -मेरे से हाथ मिलाने से किसी के हाथ काले हो जाएं तो मैं क्या कर सकता हूँ .मैं तो प्रधान मंत्री हूँ बेटरी चालित ,चार्जर इटली वाली मम्मी जी के पास रहता है .
मजबूरी साझी सरकार ,
हाथ में कोयले ,ऊखल में सिर ,
करेंगे मिलकर भ्रष्टाचार ,
चारा तो हम ही खायेंगे ,
करनी अपनी भुगतो यार
ram ram bhai
रविवार, 19 अगस्त 2012
मीग्रैन और क्लस्टर हेडेक का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में
महाकाल के हाथ पे गुल होतें हैं पेड़ ,
जवाब देंहटाएंसुषमा तीनों लोक की कुल होतें हैं पेड़ .
यहाँ गुल का एक अर्थ फूल या पुष्प है दूसरा गुल हो जाना वन माफिया के हाथों -
पेड़ पांडवों पर हुआ जब जब अत्याचार
,ढांप लिए वट भीष्म ने तब तब दृग के द्वार .पेड़ क्या एक अफ़साना है ...... क्या हैं आप सबकी पहली सोच ....
इस विशालकाय वृक्ष को देख कर ..... हिन्दुस्तान का नक्शा लगता है ,....
ram ram bhai
रविवार, 19 अगस्त 2012
मीग्रैन और क्लस्टर हेडेक का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में
सुंदर इंद्रधनुषी छटा
जवाब देंहटाएंबिखेर रहा है
चर्चामंच आज का
संगीत की कुछ
धुनें भी छेड़ रहा है !
और इसके साथ ही मध्य प्रदेश "प्रोद्ध्योगिक" परिषद् और और "सपंदन" संस्था के संयुक्त'' तत्वाधान से श्री अनिल सौमित्र की देख रेख में आयोजित इस राष्ट्रीय मीडिया चौपाल का समापन हुआ.जिसके सफल और सार्थक आयोजन के लिए सभी आयोजक बधाई के पात्र हैं.
जवाब देंहटाएंइतने गंभीर और सार्थक विषयों की चर्चा के बाद यदि न्यू मीडिया के साथी जो पत्रकार के साथ साथ कवि ,गायक, लोक गायक आदि भी होते हैं वह मिलकर कोई रंग ना जमाये तो कार्यक्रम शायद अधूरा ही रह जाये अत: १२ अगस्त को रात्रि भोजन के उपरान्त गीत, "शेर" , और ग़ज़लों की एक बोन फायर टाइप महफ़िल जमी जिसमें आवेश तिवारी, पंकज झा, वर्तिका तोमर, नीरू सिंह, भवेश नंदन, जयराम विप्लव, अमिताभ भूषण और आशुतोष कुमार सिंह के साथ हम भी उपस्थित थे और जम कर रंग जमाया गया.
इस कसावदार रिपोर्ट के लिए आपका शुक्रिया .कुछ अशुद्धियाँ संवार लें -प्रौद्योगिक , स्पंदन ,तत्वावधान ,शैर,आदि शुद्ध रूप हैं .छोटी मोती गलतियाँ और भी हैं वर्तनी की .खैर टंकण की भी सीमाएं रहतीं हैं ....न्यू -मीडिया किसी से पैसे ले के नहीं लिखता ,प्रायोजित कर्म नहीं है चिठ्ठाकारी ,खून निकालता है चिठ्ठाकार अपना .दिन रात काले करता है . एंटी -इंडिया -टी वी नहीं है यह अभिनव -माध्यम लिखाड़ियों का. न्यू मीडिया की मंजिल अब दूर नहीं लगती.
ram ram भई
रविवार, 19 अगस्त 2012
मीग्रैन और क्लस्टर हेडेक का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में
कर खुदरा व्यापार, वैश्विक मंदी भागे
जवाब देंहटाएंआज का ही लिंक :रहिये फक्कड़ मस्त, रखो दुनिया ठेंगे पर "प्रश्नजाल-भारत की दुर्दशा" उच्चारण कर्ता-धर्ता एक पार्टी, वही पुरानी टोली |
जिसके घर पर सदा सजी है गिन्नी रंग रँग..शानदार चर्चा मंच के सभी सेतु ,प्रणाम चयन को ,सेतुकारों को ...यही तो रोना है यथा नाम तथा गुण,नाम :मौन सिंह ,काम :जी मेडम !यस मेडम !
......ram ram bhai
शुक्रवार, 17 अगस्त 2012
गर्भावस्था में काइरोप्रेक्टिक चेक अप क्यों ?
ram ram भई
रविवार, 19 अगस्त 2012
मीग्रैन और क्लस्टर हेडेक का भी इलाज़ है काइरोप्रेक्टिक में
achchhe links , aabhaar
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स के साथ सुंदर चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स - आपके परिश्रम का सुफल हमें मिल रहा है -कृतज्ञ हैं हम !
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत स्वस्थ चर्चा
जवाब देंहटाएं--- शायद आपको पसंद आये ---
1. Facebook Page Like Box Popup Widget ब्लॉगर पर
2. चाँद पर मेला लगायें और देखें
3. ज़िन्दगी धूल की तरह
न्यायिक दृष्टिकोण का यह खतना तो
जवाब देंहटाएंखलिश पैदा कर रहा है
बामियान से लखनऊ, महावीर से बुद्ध |
हो शहीद मुंबई में, इ'स्मारक से युद्ध |
इ'स्मारक से युद्ध, दिखा नाजायज सारा |
क्यूँ मुसलमान प्रबुद्ध, करे चुपचाप गवारा |
आगे आकर बात, रखो पूरी शिद्दत से |
ठीक करो हालात, बिगड़ते जो मुद्दत से ||
बेहतरीन लिंक्स के साथ सुंदर चर्चा।
जवाब देंहटाएंकार्टून :- मंगल पे मंगू
जवाब देंहटाएंतेरे बिन कैसे वहां, बन पाए सरकार |
करते अपना पक्ष सबल, वोट पोट दरकार |
वोट पोट दरकार, तुम्हारे खातिर शातिर |
बना योजना खाँय, इसी में माहिर आखिर |
देखें अपना लाभ, करेंगे सीधा उल्लू |
ले जायेंगे साब, लिए पानी एक चुल्लू ||
बहुरंगी लिंक्स से सजा है आज का चर्चा मंच
जवाब देंहटाएंबहुरंगी और विविध रचनाएँ करती न मोह भंग |
ईद के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
आशा
किलकारी हाइगा में,,,,
जवाब देंहटाएंआपकी हाइगा देखकर,मन में आया ख्याल
बहुत-बहुत शुभकामनाए ,कर दिया कमाल,,,,,
मेरा प्यारा ख़्वाब,,,,,
जवाब देंहटाएंख़्वाब किसी के पूरे होना, इतना नही आसान
यदि किसी के पूरे हो जाए,वह बड़ा भाग्यवान,,
जीवन के चित्र,,,,
जवाब देंहटाएंजीवन के कई रंग है न जाने कितने रूप
एकरूप जीवन मरण,कभी छाँव कभी धुप,,,,
करीने से सजे इतने सारे लिंक हैं पढने के लिए कि आनंद आ गया. आभारी हूँ.
जवाब देंहटाएंबहुत परिश्रम से सजाई हुई बेहतरीन चर्चा बेहतरीन सूत्र हार्दिक बधाई शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंसाध्वी फिर पहुची,,,,,,
जवाब देंहटाएंस्वामी हो या साध्वी,सबका यही है खेल
गेरुआ वस्त्र धारण करे,रात में होता मेल,,,,,
विशालकाय बृक्ष पर,,,,,
जवाब देंहटाएंबड़ा हुआ तो क्या हुआ,जैसे पिंड खजूर
पथिक को छाया नही,फल लागे अति दूर,,
सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंआज चर्चा मंच बहुत साफ सुथरे तरीके से सजाया गया है।
Chaaplus Chaat Chatpati, Chatpat Chamache Chaar..,
जवाब देंहटाएंChipat Chipat Chat Choupaat, Chapat Chapat Chatkhaar.....
धन्यवाद सर जी...
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स
सुन्दर चर्चामंच ....
:-) :-) :-)
Nice chittha sangrah...
जवाब देंहटाएंMere blog pr aapka swagat hai.
बहुत खूबसूरत चर्चा
जवाब देंहटाएं"क्या नेता जी सुभाष चन्द्र बोस हैं?"
जवाब देंहटाएंनेहरूजी के पार्थिव शरीर के पास खड़ा यह भिक्षुक कौन है?
इस जानकारी के लिये आभार !
विचारणीय है यह प्रश्न!
करता बंदरबांट, कटे वासेपुर अन्दर
जवाब देंहटाएंसोचनीय !
सुन्दर सूत्रों से सजी चर्चा..
जवाब देंहटाएंन्यायिक दृष्टिकोण का यह खतना तो
जवाब देंहटाएंखलिश पैदा कर रहा है
सटीक !
चलना तो तुम्हें ही होगा मुझे लेकर ....
जवाब देंहटाएं300 वीं पोस्ट
बधाई शुभकामनाऎं
अभी लम्बा सफर है !
ईद का त्यौहार क़रीब है और ऐसे में अल्लाह से एक ही दुआ 'अल्लाह सारे विश्व में अम्नो अमां रहे' ।
जवाब देंहटाएंईद मुबारक !
सुंदर प्रस्तुति !
अंगूर खट्टे हैं
जवाब देंहटाएंसुंदर !
कर खुदरा व्यापार, वैश्विक मंदी भागे
जवाब देंहटाएंटिप्पणी की किताब
रखे हो कहीं एक क्या?
रेडी मेड लगा देते हो
जैसे ही कुछ कहो
चिपका देते हो !!
बाप और बेटा
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना !
सुव्यवस्थित, सुन्दर सार्थक चर्चा. आभार .
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स .......... सुंदर चर्चा.......... आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर सार्थक चर्चा. आभार .
जवाब देंहटाएंभाईचारा बढ़े संग हम सब त्योहार मनायें।
एक ही घर परिवार शहर के हैं सबको अपनायें।
http://vedquran.blogspot.in/2012/08/eid-2012.html