आज मेरे ब्लॉग उच्चारण से मेरी पोस्ट को चुरा करअपने नाम से मेरी दो रचनाएँ लगा दी गईं। मैंने दो कमेंट इनकी इस पोस्ट पर किये मगर उनको भी प्रकाशित नहीं किया गया। पोस्ट का शीर्षक है।आज स्वाधीनता की 66वीं वर्षगाँठ परअपने दो गीत प्रस्तुत कर रहा हूँ!ये महानुभाव हैं
पोस्ट के दो गीत हैं
(१)
मेरे प्यारे वतन, जग से न्यारे वतन।
मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।।..
अपने पावों को रुकने न दूँगा कहीं,
मैं तिरंगे को झुकने न दूँगा कहीं,
तुझपे कुर्बान कर दूँगा मैं जानो तन।
मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।।..
जन्म पाया यहाँ, अन्न खाया यहाँ,
सुर सजाया यहाँ, गीत गाया यहाँ,
नेक-नीयत से जल से किया आचमन।
मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।।..
तेरी गोदी में पल कर बड़ा मैं हुआ,
तेरी माटी में चल कर खड़ा मैं हुआ,
मैं तो इक फूल हूँ तू है मेरा चमन।
मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।।..
स्वप्न स्वाधीनता का सजाये हुए,
लाखों बलिदान माता के जाये हुए,
कोटि-कोटि हैं उनको हमारे नमन।
मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।।..
जश्ने आजादी आती रहे हर बरस,
कौम खुशियाँ मनाती रहे हर बरस,
देश-दुनिया में हो बस अमन ही अमन।
मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन।।
(२)
बन्दी है आजादी अपनी, छल के कारागारों में।
मैला-पंक समाया है, निर्मल नदियों की धारों में।।
नीचे से लेकर ऊपर तक, भ्रष्ट-आवरण चढ़ा हुआ,
झूठे, बे-ईमानों से है, सत्य-आचरण डरा हुआ,
दाल और चीनी भरे पड़े हैं, तहखानों-भण्डारों में।
मैला-पंक समाया है, निर्मल नदियों की धारों में।।
नेताओं की चीनी मिल हैं, नेता ही व्यापारी हैं,
खेतीहर-मजदूरों का, लुटना उनकी लाचारी हैं,
डाकू, चोर, लुटेरे बैठे, संसद और सरकारों में।
मैला-पंक समाया है, निर्मल नदियों की धारों में।।
आजादी पूँजीपतियों को, आजादी सामन्तवाद को,
आजादी ऊँची-खटियों को, आजादी आतंकवाद को,
निर्धन नारों में बिकता है, गली और बाजारों में।
मैला-पंक समाया है, निर्मल नदियों की धारों में।।
उल्लेखनीय है कि ये दोनों गीत पोस्ट के रूप में दो बार उच्चारण पर प्रकाशित हैं
और मेरी पुस्तक (सुख का सूरज) में भी प्रकाशित हैं।
उषा मेहता का खुफिया कांग्रेस रेडियोबुरा भला |
उत्साह कहीं खो गया
Asha Saxena
Akanksha |
"देश की स्वतन्त्रता" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
|
15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें...!!!
UMESH MISHRA (I.O.)
Lucknow Bloggers' Association लख़नऊ ब्लॉगर्स असोसिएशन स्वतंत्रता दिवसकवि सुधीर गुप्ता “चक्र”Lucknow Bloggers' Association लख़नऊ ब्लॉगर्स असोसिएशन |
देश: आपके लिए - हमारे लिए
अरुण चन्द्र रॉय
सरोकार |
आजा़दी का ज़श्न कुछ इस तरह से हमें मनाना है ...
सदा
SADA |
हम-तुम पीटें ढोल,चलो फिर आज़ादी के................. |
ग्राफिक्स में सहायक फोंट्स graphics Supporting fonts
Bhagat Singh Panthi
|
हिन्दी साहित्य पहेली 94 परिणाम और विजेता हैं श्री अरुन शर्मा जी।
अशोक कुमार शुक्ला
हिंदी साहित्य पहेली |
प्रख्यात आलोचक डा० बिजेन्द्र नारायण सिंह नहीं रहेश्रद्धांजलिश्रद्धांजलिश्रद्धांजलिUnion Minister Vilasrao Deshmukh Dies
SM
|
विश्व विख्यात पक्षी वैज्ञानिक सलीम अली की अतुलनीय पुस्तक!
DrZakir Ali Rajnish
TSALIIM |
क्यूं न निकालूँ....
mridula pradhan
mridula's blog |
खिलने दो खुशबू : मनोज भावुक
रवीन्द्र प्रभात
|
अन्ना व रामदेव का सत्याग्रह और राजनीति .....डा श्याम गुप्त |
भोलू तू बाबा बन जा प्यारे
Arunesh c dave
अष्टावक्र |
हरदिन शाम सवेर, लगे आजादी देगा-
जंगल में जनतंत्र हो, जमा जानवर ढेर |
करे खिलाफत कोसते, हाय हाय रे शेर | हाय हाय रे शेर, कान पर जूं न रेंगा | हरदिन शाम सवेर, लगे आजादी देगा | छोडो भाषण मीठ, करो मिल दंगा - दंगल | शासक लुच्चा ढीठ, बचाओ रविकर जंगल || अविवाहित के बड़े मजे हैं-रचना उत्तम ईश्वर की
रविकर फैजाबादी
"लिंक-लिक्खाड़" |
प्रेम पूर्णता की तलाश है
Anita
मन पाए विश्राम जहाँ |
क्या है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा की बुनियाद ?
veerubhai
|
शहीदों की याद में,,
dheerendra
काव्यान्जलि ... |
अन्ना-रामदेव गो बैक ! |
अब के तो छा जाना गलती मत दोहराना
सुशील
उल्लूक टाईम्स |
कैसी ये आजादी?
Rajesh Kumari
|
चिकित्सा क्षेत्र के जनक -Father of Medicine and Surgery
ZEAL
|
स्वतन्त्रतादिवस की शुभकामनाओं के साथ संस्कृतजगत् ईपत्रिका का तृतीय संस्करण
SANSKRIT JAGAT
॥ भारत-भारती वैभवं ॥ |
इस बारिश में .... |
सुप्रभात...छियासठवें स्वतन्त्रता दिवस की आपको और सभी देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ...!
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा!
जयहिन्द!
वन्दे मातरम्!!
स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं सभी देशवासियों को |अच्छी लिंक्स हैं बहुआयामी|मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
स्वतन्त्रता दिवस की आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा.मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंस्वतन्त्रता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ.....
.............जयहिन्द............
............वन्दे मातरम्..........
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...!!!
जवाब देंहटाएंवन्दे मातरम् !
65 वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई-शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंआपकी चिंताएं वाजिब हैं .
Nice post.
इस यौमे आज़ादी पर हमने हिंदी पाठकों को फिर से ध्यान दिलाया है.
देखिये-
http://hbfint.blogspot.com/2012/08/65-swtantrta-diwas.html
हमेशा की तरह सुन्दर चर्चा,.... जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ कविराज :)
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस पर
जवाब देंहटाएंस्वतंत्र लोगों और
उनके स्व तंत्र को
बहुत बहुत
शुभकामनाऎ !
आगे समाचार है
रविकर लाया आज है
झंडे उठा के हाथ में
एक सुंदर चर्चा
घूंघट के साथ में
क्योंकी 65 साल में
65 बार हो चुका
देश अपना आजाद है!
क्षमा यहाँ भी माँगनी है
हटाएंक्योंकी असली बाद कहना
मैं पता नहीं कैसे भूल गया
चर्चाकार का जनम्दिन है आज तो
और मैं कैसे बधाई देना भूल गया
जन्मदिन पर ढेरों शुभकामनाऎं रविकर
बस आप जो तूफानी लिख रहे हैं
उसमें और पैनापन आता जाये
टिपियाने का नोबेल भी
आप के हाथ आ जाये ।
शहीदों की याद में,,
जवाब देंहटाएंdheerendra
काव्यान्जलि ...
बहुत खूब !
बात देश की करने से पहले
क्यों ना अब देखें हम
घर मोहल्ले अपने अपने
देश को जरूर बचायेंगे
चलिये पहले सब अपने
शीशे के घर तुड़वाइये !
इस बारिश में ....
जवाब देंहटाएंSharad Singh
वाह !
तेज है बारिश बहुत
इंतजार है रुकने का
बस चल पड़ा हूँ
मंजिल की तरफ
बूँदे गिन लिया
बारिश की मैं
भी तो बहुत !
स्वतन्त्रतादिवस की शुभकामनाओं के साथ संस्कृतजगत् ईपत्रिका का तृतीय संस्करण
जवाब देंहटाएंSANSKRIT JAGAT
॥ भारत-भारती वैभवं ॥
बधाई बहुत बहुत
संस्कृतजगत् ईपत्रिका के
तृतीय संस्करण की!
चिकित्सा क्षेत्र के जनक -Father of Medicine and Surgery
जवाब देंहटाएंZEAL
सोने की चिडि़या का
एक और सोना दिखा
और हमने छोड़ दिये
अपने सब सरल रास्ते
दूसरों के चलने के लिये
और हम उनके भीड़
भरे रास्तों में भटक रहे हैं !
कैसी ये आजादी?
जवाब देंहटाएंRajesh Kumari
HINDI KAVITAYEN ,AAPKE VICHAAR
बहुत सुंदर !
ऎसी ही आजादी
अब जनता भी है चाहती
अपने अपने घर पर
अपने मन की सरकार बनाती
उसके अपने कर्मों की गालियाँ
भी तो बेचारी केंद्र सरकार
ही है खाती !
अन्ना-रामदेव गो बैक !
जवाब देंहटाएंपी.सी.गोदियाल "परचेत"
अंधड़ !
बहुत सुंदर कथा
पर्लियामेंट के
अंदर ये क्यों नहीं
सब होता
अन्ना रामदेव लौट आओ
पार्लियामेंट में जाकर
अब कर के कुछ आओ
बी जे पी कांग्रेस
सपा बसपा को
रहने भी दो
लोकतंत्र है तुम
भी अन्ना रामदेव
पार्टी एक बनाओ
सारे देश के अन्नाओं
और रामदेवों को
एक बार तो
अलग से आजमाओ!
उषा मेहता का
जवाब देंहटाएंबुरा भला
ऎसी जीवटता
अब मिलती है कहाँ ?
समझ नहीं आता आप लोग यह क्या खेल चला रहे है ... जिस ब्लॉग के बारे मे आपकी यह टिप है क्या वहाँ तक आप गए या वहाँ आपने यह टिप दी ... मुझे और मेरे ब्लॉग को इस खेल से दूर रखें ... सादर !
हटाएंशिवम जी क्षमा करेंगे नाराज ना होयेंगे
हटाएंसभी ब्लाग पर जाने की कोषिश होती है
जाकर देखेंगे तो वहां पर टिप्पणी भी होती है
कभी कभी लिंक जब नहीं खुल पाता है
तो टिप्पणी बस यही पर ही होती है
गुस्सा मत करिये वैसे देखियेगा मैं हमेशा
जब भी यहाँ टिप्पणी करता हूँ वो
आपको अपने ब्लाग पर भी मिलेगी ।
आप रहने दीजिये महाराज ... कोई सफाई नहीं चाहिए मुझे यह पहली बार नहीं हुआ है आपसे ... यह जो परंपरा आप लोग डाल रहे है ... वो सार्थक ब्लोगिंग नहीं है ... मेरी समझ मे यह नहीं आता शास्त्री जी जैसे सीनियर ब्लोगर कैसे यह होने दे रहे है ! तब से उनको फोन लगा रहा हूँ पर फोन भी नहीं उठा ... 27 को लखनऊ मे ही बात करूंगा उनसे इस बारे मे !
हटाएंचर्चामंच के चर्चाकारों से निवेदन है कि अगर टिप्पणी करने से ब्लागिंग का इतना नुकसान हो रहा है तो बता दें हम टिप्पणी करना बंद कर दें ।
हटाएंशिवम् मिश्राAugust 15, 2012 1:19 PM
आप रहने दीजिये महाराज ... कोई सफाई नहीं चाहिए मुझे यह पहली बार नहीं हुआ है आपसे ... यह जो परंपरा आप लोग डाल रहे है ... वो सार्थक ब्लोगिंग नहीं है ... मेरी समझ मे यह नहीं आता शास्त्री जी जैसे सीनियर ब्लोगर कैसे यह होने दे रहे है ! तब से उनको फोन लगा रहा हूँ पर फोन भी नहीं उठा ... 27 को लखनऊ मे ही बात करूंगा उनसे इस बारे मे ! मेरे विरोध करते ही सब लिंक खुलने लगे ... वाह !
हद है ।
हटाएंबात को गलत तरीके से पेश करने की बेकार कोशिश न करें ...
हटाएंशिवम जी मैं इतनी मेहनत करता हूँ । समय देता हूँ । सारे ब्लागस पर जाता हूँ । आपके ब्लाग पर भी आया करता हूँ । आपको मेरी टिप्पणियां वहां मिलेंगी । पर ये सब में इसलिये नहीं करता कि आपके मन में जो आये इलजाम आप लगा लें । आज भी रविकर जी ने आप्की पोस्ट का लगभग आधा भाग ऊपर दिया हुआ है जिसे पढ़कर इतना तो कहा जा सकता है कि अच्छी पोस्ट है ? बाकी आपकी क्या मंसा है वो आप जाने पर मैं यहाँ आज ही नहीं आ रहा हूँ । हाँ आपकी तरह का महान ब्लागर में नहीं हूँ ।
हटाएंबहुत सुन्दर ,आजादी की भिन्न भिन्न प्रतिक्रियाओं से सजे हुए सूत्र ,बहुत सुन्दर चर्चा ,मेरी रचना को शामिल करने का हार्दिक आभार सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएं"देश की स्वतन्त्रता" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जवाब देंहटाएंडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
उच्चारण
बहुत खूब !
गीत के शब्द शब्द बता रहे हैं साफ साफ
कितना छल रही है हमको ये स्वतंत्रता !
क्या है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा की बुनियाद ?
जवाब देंहटाएंveerubhai
ram ram bhai
वीरू भाई का अंदाज
कुछ अलग निराला है
बहुत उम्दा विषय
लाकर दे जाते हैं
जिनपर हमारे दिमाग
पर पड़ा एक ताला है!
स्वतन्त्रता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ |
जवाब देंहटाएंग़ज़ल
जवाब देंहटाएंVandana Singh
कागज मेरा मीत है, कलम मेरी सहेली......
एक अलग अंदाज
एक अच्छी गजल!
गुंडा-पार्टी
जवाब देंहटाएंIndu Puri
उद्धवजी
वाह !
अपनी अपनी कार्यशैली
गुंडा पार्टी को लगा दे
कोई देश निर्माण में
देखे जाते है जहाँ
ज्यादातर करते हुऎ
उपयोग ऎसों का
अपने अपने कल्याण में!
ये खलिश और ये जवानी भी
जवाब देंहटाएंchakresh singh
Pen has it's own language.......
चाह्तों की बारिश में
यूँ ही भीगते रहे आप
इसी तरह एक सुंदर
गजल साथ साथ ही
लिखते भी रहें आप !!
बहुत सुन्दर सार्थक चर्चा प्रस्तुति के लिए आभार!
जवाब देंहटाएंसभी चर्चाकारों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
जन्म-दिवस की कोटिश: ,आज बधाई मित्र
जवाब देंहटाएंमौसम उल्लासित हुआ ,दिन भी बड़ा पवित्र
दिन भी बड़ा पवित्र , मिठाई बनती कविवर
कम से कम इक चाय पिला दें भ्राता-रविकर
मिले आपको हसीं , जिंदगी लाख बरस की
आज बधाई मित्र, कोटिश: जन्म-दिवस की ||
प्रोफाइल को ठीक से, देखो प्यारे मित्र |
हटाएंनीचे मिष्टी है रखी, ऊपर मेरा चित्र |
ऊपर मेरा चित्र, बनाने की विधि सारी |
छपी वहां क्रमवार, करूँ जैसी तैयारी |
आओ खा लो आज, मगर न करो बहाना |
दो के बदले चार, गिफ्ट पर बढ़िया लाना ||
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रविकर फैजाबादी
वर्णों का आंटा गूँथ-गूँथ, शब्दों की टिकिया गढ़ता हूँ|
समय-अग्नि में दहकाकर, मद्धिम-मद्धिम तलता हूँ||
चढ़ा चासनी भावों की, ये शब्द डुबाता जाता हूँ |
गरी-चिरोंजी अलंकार से, फिर क्रम वार सजाता हूँ ||
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सभी मित्रों को स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें........
जवाब देंहटाएंरविकर फैजाबादी
जवाब देंहटाएं"लिंक-लिक्खाड़"
हाय हाय रे शेर, कान पर जूं न रेंगा |
हरदिन शाम सवेर, लगे आजादी देगा |
शेर की हाय हाय कर रहा है
क्या गजब कर रहा है
इसे पता नहीं क्या हो गया है
बिल्कुल भी नहीं डर रहा है !
आधी रात का सवेरा ...
जवाब देंहटाएंअदा
काव्य मंजूषा
बहुत सुंदर रचना !
अब वो तीन लाख अलग अलग
अपने अपने गाने गा रहे हैं
आजादी का मतलब समझ कर
अपने अपने फायदे उठा रहे हैं !
आजा़दी का ज़श्न कुछ इस तरह से हमें मनाना है ...
जवाब देंहटाएंसदा
SADA
बहुत सुंदर रचना !
देश: आपके लिए - हमारे लिए
जवाब देंहटाएंअरुण चन्द्र रॉय
सरोकार
सुना है जब से वो आजाद हो गया है
हमारा कहाँ रहा वो आपका हो गया है!
बहुत सुंदर प्रस्तुति !
स्वतन्त्रता दिवस की आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को आपने यहाँ लिंक किया उसके लिए आभार पर माफ कीजिएगा ... दुख होता है यह देख कर जिस चर्चा मंच को देख कभी खुद भी चर्चा करने की सोचा करता था आज उसका यह हाल है !
जवाब देंहटाएंआपके इस टिप्पणी के खेल के कारण कहीं न कहीं आप बाकी ब्लोगस से उनके पाठक छिन रहे है ! शास्त्री जी से अनुरोध है इस बारे मे कुछ कीजिये ... टिप्पणी करने वाला केवल आपके पोस्ट पर किसी ब्लॉग लिंक मे बारे मे अपनी राय दे कर चला जाये तो क्या इस से चर्चा सार्थक होगी ... ज़रा सोचिएगा !
जी सहमत हूँ आपसे-
हटाएंसचमुच बुरा हाल है-
आइये ने चर्चाकार की हैसियत से हमारे साथ-
आपका स्वागत है-
बुरा भला सब कुछ सुनें, आँगन कुटी छवाय |
हटाएंपाठक गण के ध्यान में, जाती गलती आय |
जाती गलती आय, ब्लॉग पर भी जाना है |
पाठक उनके छीन, छान कर न लाना है |
गुस्सा दीजै थूक, चूक अक्सर हो जाती |
होगा वही सलूक, रूल बुक रही बताती ||
रूल बुक जो समझाती ||
हटाएंसभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...!!!
जवाब देंहटाएंउषा मेहता का खुफिया कांग्रेस रेडियो
जवाब देंहटाएंबुरा भला
खुबसूरत प्रस्तुति |
पूजनीय उषा मेहता जी को सादर नमन ||
संचार माध्यम से हुआ, मानव जीवन धन्य |
असरदार यह खोज है, पीछे छोड़ी अन्य |
पीछे छोड़ी अन्य, समझ लो डी एन ए सम |
कान्ग्रेस रेडिओ, बजाई ऊषा भर दम |
आजादी की जंग, रेडिओ क्रान्ति कर गया |
गांधी की आवाज, जोश से गगन भर गया ||
नीलकंठ के विष बुझे, निकले वाणी वाण |
जवाब देंहटाएंखोल तीसरा नेत्र वे, यहाँ वसूलें दांड़ |
यहाँ वसूलें दांड़, सांढ़ सा सबको थूरें |
तेज सर्प-फुफकार, लपेटे भस्म अधूरे |
सर पर चंदा शांत, किन्तु मन बड़ा सशंकित |
होकर के वे क्लांत, करे हम सब को टंकित ||
अब के तो छा जाना गलती मत दोहराना
जवाब देंहटाएंसुशील
उल्लूक टाईम्स
अन्ना बाबा घेरते, हैं गन्ने के झाड़ |
शेर सदन में जा घुसा, सुनिए उच्च दहाड़ |
सुनिए उच्च दहाड़, भाड़ में जाये कंट्री |
रहे शक्ति सब ताड़, बड़े चालू ये मंत्री |
अम्मा की संपत्ति, भला क्यूँ जाने देंगे |
इअसके बल पर पुन:, बाद में शासन लेंगे ||
धन्यवाद इस सुंदर गुलदस्ते के लिए
जवाब देंहटाएंआदरणीय शिवम जी!
जवाब देंहटाएंआपको शिकवे-शिकायत के लिए आज का पावन दिवस ही मिला था क्या?
--
रही बात टिप्पणीकार की तो वह अपना अमूल्य समय चर्चा मंच को दे रहा है यह क्या कम है।
--
आपकी बात इतनी हद तक तो सही है कि टिप्पणीदाता को सम्बन्धित ब्लॉग पर भी जाना चाहिए मगर कभी-कभी चर्चित ब्लॉग किसी तकनीकी कारण से खुल नहीं पाता है तो टिप्पणीदाता क्या करे। आपको कम से कम एक दिन की प्रतीक्षा तो करनी ही चाहिए थी।
--
रही बात आपके ब्लॉग "बुरा-भला" की। तो मैं तो काफी अन्तराल तक आपके ब्लॉग पर चाहकर भी नही जा पाया था। क्योंकि आपके ब्लॉग में मालवेयर था और उसको खोलते ही मेरा कम्प्यूटर ठप्प हो जाता था।
फिर कोई आवश्यक तो नहीं कि हर टिप्पणीदाता आपके ब्लॉग पर जाये।
--
डॉ. सुशील जोशी जी समझदार है और हमारे लिए सम्मानित हैं। यद्यपि वे चर्चा मंच के चर्चाकार नहीं हैं परन्तु हमारे लिए चर्चा मंच के सभी सहयोगियों से कम भी नहीं हैं।
भाई धीरेन्द्र सिंह भदौरिया, आमिर दुबई, बीरेन्द्र शर्मा (वीरू भाई) आदि सभी का मैं बहुत सम्मान करता हूँ । इस निष्काम सेवा के लिए आदरणीय रविकर जी, भाई दिलबाग विर्क, आ.चन्द्र भूषण "ग़ाफ़िल", बहन राजेश कुमारी जी, आदि सभी का मैं सादर अभिनन्दन करता हूँ।
फोन पर तो आप कुछ और ही कह रहे थे जब बात हुई थी ... अब स्वर बदल गए ... जय हो शास्त्री जी !
हटाएंआप से आप के चर्चा मंच के पूरे दल से अनुरोध है आगे से मेरे किसी भी ब्लॉग की पोस्ट को अपने इस चर्चा मंच का हिस्सा न बनाए !
सादर !
यह बिरला सन्देश यूँ, नहीं सुनाओ नाथ |
हटाएंबिना आप की पोस्ट के, कैसे पाऊं पाथ |
कैसे पाऊं पाथ, माह में तीन पोस्ट लीं |
ठीक ठाक टिप्पणी, चार छ: बड़ी बड़ी की |
देते यूँ आभार, आपकी रीति सही है |
बड़े बड़ों का प्यार, गीतिका मरी नहीं है ||
ये तो गलत हुआ । उसके खिलाफ़ एक्शन लेना चाहिये। उसके ब्लोग पर भी लिख आयी हूँ।
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच बहुत सुन्दर सजाया है …………स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
सन्तोष कुमार झा
जवाब देंहटाएंवैसे मोडरेशन किया है छापेंगे नहीं यहाँ पढ़सकते हैं
मयंक जी की ये दोनो रचनाऎं वाकई बहुत ही सुंदर हैं !
आपसे एक भूल हुई है उनका नाम नीचे से नहीं दिया
और उच्चारण ब्लाग का आभार भी लिख देते तो अच्छा होता !
संतोष कुमार झा के ब्लॉग पर किसी की टिपण्णी नहीं दिखाई दे रही या तो पोस्ट नहीं कर रहे हैं या अभी चेक नहीं किया
जवाब देंहटाएंसंतोष कुमार झा का कृत्य अति निंदनीय है
जवाब देंहटाएंशिवम जी ने भी आजादी दिवस का मजा किरकिरा किया है
रविकर जी को जन्म दिवस की बधाई
पूरे देशवासियों को आजादी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
रविकर जी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंप्रख्यात आलोचक डा० बिजेन्द्र नारायण सिंह नहीं रहे
जवाब देंहटाएंश्रद्धांजलि
Union Minister Vilasrao Deshmukh Dies
जवाब देंहटाएंSM
From Politics To Fashion
विलासराव जी को श्रद्धांजलि !
हिन्दी साहित्य पहेली 94 परिणाम और विजेता हैं श्री अरुन शर्मा जी।
जवाब देंहटाएंअशोक कुमार शुक्ला
हिंदी साहित्य पहेली
श्री अरुन शर्मा जी
तथा
सुश्री साधना वैद्य जी
को ढेर सारी बधाईयाँ ।
आदरणीय सुशील सर आपको तहे दिल से शुक्रिया.
हटाएंरविकर जी के लिए,,,
जवाब देंहटाएंरविकर जी का जन्मदिन,लीजिए मुबारक बाद
पन्द्रह अगस्त के दिन कारण,रहे हमेशा याद,,,,,
हम-तुम पीटें ढोल,चलो फिर आज़ादी के.................
जवाब देंहटाएंKunwar Kusumesh
बहुत सुंदर!!
ढोल की पोल खुल जायेगी कैसे पीटें
अपने अपने ढोल कहाँ कहाँ घसीटें
नेताजी का देश आजादी भी नेताजी की
जिसके जो मन में आये उसको पीटे ।
जन्मदिन की बधाई
जवाब देंहटाएंदेने पर पर मेरी मिठाई--
प्रोफाइल को ठीक से, देखो प्यारे मित्र |
नीचे मिष्टी है रखी, ऊपर मेरा चित्र |
ऊपर मेरा चित्र, बनाने की विधि सारी |
छपी वहां क्रमवार, करूँ जैसी तैयारी |
आओ खा लो आज, मगर न करो बहाना |
दो के बदले चार, गिफ्ट पर बढ़िया लाना ||
प्रोफाइल गीत
वर्णों का आंटा गूँथ-गूँथ, शब्दों की टिकिया गढ़ता हूँ|
समय-अग्नि में दहकाकर, मद्धिम-मद्धिम तलता हूँ||
चढ़ा चासनी भावों की, ये शब्द डुबाता जाता हूँ |
गरी-चिरोंजी अलंकार से, फिर क्रम वार सजाता हूँ ||
nice presentation meri post ko sthan dene hetu aabhar..आजादी ,आन्दोलन और हम
जवाब देंहटाएंउत्साहित हो वो भी ऐसी रचना करें भविष्य में..यही शुभकामनायें..
जवाब देंहटाएं