मित्रों सादर अभिवादन!
शुक्रवार के चर्चाकार आदरणीय रविकर जी 4 मई तक प्रवास पर हैं। इसलिए मैं डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री मयंक शुक्रवार की चर्चा की कथा को लेकर आपके सम्मुख उपस्थित हूँ...!
बेचैन मन....सारे पखेरू उड़ गए हुआ घोंसला खाली ठूंठ अकेला रह गया छाई ना हरियाली आँगन सूना देख मेरा मन क्यूं घबराए ना क्यूं गाऊँ मैं गीत मुझे कुछ भी भाए ना ....दिल बार बार कहे रहा है मनमोहन तेरा जवाब नहीं ...और तेरी ये सरकार ,भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड ही तो दिए भाई ..बड़ी कमाल की है और .....ये दो टके का पाकीस्तान ....हिन्दू ,मुस्लिम ,सिक्खों जागो मुखिया अपनी चुप्पी तोड़ो | अब दुश्मन की बाँह मरोड़ो | हिम्मत बढ़ती पाक- चीन की , तुम्हें नहीं चिंता जमीन की , भारत माँ के पुत्र करोड़ो ...सर चढ़ के बोलता था .. ‘ईमानदारी का नशा’....लेकिन सरबजीत को बचा न सके हमारे ईमानदार प्रधानमन्त्री जी भी....क्यूँकि सायों की मोहब्बत के मौसम नहीं हुआ करते...वो कौन सा जन्म था वो कौन सी महफ़िल थी वो कौन सा खुदा था वो कौन सी दुनिया थी मेरे हमनशीं भरभराता हुआ आकाश जब तेरे दामन में सिमट गया था एक टुकड़ा मेरी रूह का वहीँ तेरे पाँव में छुप गया था ....पाकिस्तानी अदालतों से सरबजीत को न्याय नहीं मिला....कभी कुछ होता है कहने को पर जाने क्यूँ मौन उतर आता है बड़ी ही तेजी से धड़धड़ाते हुए सब दुबक कर बैठ जाते हैं सारी ख़्वाहिशों की बोलती बंद अरमान अपना कमरा बंद करते हैं तो पलकें बंद होकर लाइट ऑफ ! ....सारी ख़्वाहिशों की बोलती बंद !....चुनाओं की तैयारी चल रही है जोरो पर आम जनता को लुभाने के लिए कितने कारखाने लगवायें हैं चमकीले लोलिपाप की टोपी खद्दर पहन कर निकलेंगे बाहर भ्रष्ट राजनीती की नालियों से फिर देंगे झांसा आगे की खुशहाली का चुटकी भर खुशहाली पाने की लालच में हम बिक जायेंगे इन मवालियों के हाथ...चुनाओं की तैयारी....! सूरज हर रोज़ चला आता... घुटने के बल कंधा टेकने...!! बाजु की बुशट मोड़े... पसीने की गोलियाँ लट मे उलझाए.....अश्क की चुपड़ी रोटी....!.... मैं कौन हूँ ?... तुम मुझे जानोगे नहीं दुनियाँ की भीड़ में तुम मुझे पहचानोगे नहीं , तुम्हारी नयन , तुम्हारी उपनयन तुम्हारी सूक्ष्म दर्शियाँ मुझे ढूंढते ढूंढते थक जाएँगी पर तुम मुझे ढूंढ़ पाओगे नहीं....!
प्रतिस्पर्धा व बाज़ार....उसकी साड़ी मेरी साड़ी से सफ़ेद क्यों उसकी गाड़ी मेरी गाड़ी से बड़ी क्यों उसकी बिल्डिंग मेरी बिल्डिंग से ऊँची क्यों....? कैक्टस के जंगल....ज्यों ज्यों उम्र उसकी, चढ़ रही थी परवान पे....त्यों त्यों पल रहे थे, सपने उसकी आंखों में। घर आंगन की लाडली, नन्हीं सी कली खिली खिली....नहीं मालूम था एक दिन मुरझायेगी वो किस गली....? देह जलती है...शाम सी जिंदगी गुजरती है रात कितनी करीब लगती है....! जो लोग मुस्लिम हितो की सियासत कर रहे हैं ...उनके पीछे चलने से कुछ हासिल नहीं होने वाला, ख़याली पुलाव पकाने की आदत ने आज मुस्लिमो को देश के दलितों से भी दलित, पिछडो से भी पिछड़े वर्ग में ला कर खड़ा कर दिया हैं....! यहाँ इज्जत नहीं नसीब.....अमीरी और गरीबी में, बस फर्क है इतना,अमीरी में ताकत है, शान है, अम्बार है .....! ...क्योकि जिन्दगी अभी बाकी है.....प्रिय मित्र समय!, तुम्हारे निकलने के पल पल का एहसास है, लेकिन अभी बचे है मेरे अन्दर कुछ विचार और क्रियांवित करने का आधार, कुछ घटनाये जो अभी होना बाकी है.....! ये जो झुर्रियों के बीच...चमकती थी ये आँखें.. मुझे अब भी इस मुकाम पे .. जवान बनाती थी ये आँखे ...! खुशियों के रंग से रंग दूँ बे रंग फूलों को जिनमें हो ताजगी और हमेशा मुस्कुराहट हो....!
एक नगर मे रहने वाले एक पंडित जी की ख्याति दूर दूर तक थी पास ही के गाँव मे स्थित मंदिर के पुजारी का आकस्मिक निधन होने की वजहसे उन्हें वहाँ का पुजारी नियुक्त किया गया था...! अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉग सम्मेलन काठमाण्डू में होना तय, चल रहे हैं न आप ? पंजीकरण शुल्क – काठमाण्डू / स्थानीय प्रतिभागियों के लिए 1100/ रूपये, बाह्य प्रतिभागियों के लिए – 4100/ रूपये है....धन और समय का प्रबन्ध हो गया तो कुछ तो भाग्यशाली लोग सम्मान पाने के लिए जायेंगे ही...!इंडियन परेशान लीग....भारत में बांटने का बहुत ही समृद्घ इतिहास रहा है। सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक मोर्चों पर हम बंटे हुए ही पाए जाते हैं। कुछ आधुनिक चिंतकों ने भारत और इंडिया को भी बांट दिया है.....!
"दर्द दिल में जगा दिया उसने" *आज फिर से दग़ा किया उसने *दर्द दिल में जगा दिया उसने फिर से इन्सानियत के चेहरे पे दाग़ काला लगा दिया उसने.....। संगमरमरी देह पर कोयले घिसने के दिन..सफ़ेदी मानो कालिमा से ढंकती जा रही है. हर ओर शुभ्रता पर हौले-हौले कालिख फैलायी जा रही है... किसी गहरी साज़िश के तहत. कहीं बडी गहरी, बेहद भीतरी तहों से शुरु हुआ था ये सब...। जब भ्रष्टाचार बनेगा गरीबी मिटाने का औजार -बेशक देश के नागरिक भ्रष्टाचार से त्रस्त है आये दिन किसी न किसी के नेतृत्व में देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए आन्दोलन करते रहते है पर .....। उनकी दुनिया - मैं बनाना चाहता हूं एक बहुत बड़ी दुनिया जिसका विस्तार हो लाखों करोड़ों और अनन्त असीमित आकाश के बराबर....। डियोड्रेंट से होता है शरीर को नुकसान - गरमी के दिनों में पसीने के कारण तन की दुर्गंध का होना आम बात है. इससे बचने के लिए लोग तरह तरह के परफ्यूम और डियोड्रेंट का इस्तेमाल करते हैं....। BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN...तस्वीरें तो स्वतः दिल चीर कर रख देती हैं - प्रिय मित्रों लिखना क्या ?, ये तस्वीरें तो स्वतः दिल चीर कर रख देती हैं क्या हम अपने को विकसित या विकासशील कह सकते हैं शायद नहीं....। पाकिस्तान में रंजीत सिंह का संग्रहालय....!
कंप्यूटर पर लाइव टीवी देखे फ्री में,बिना किसी सॉफ्टवेर के । - अब अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर लाइव इंडियन टीवी देखिये वो भी बिलकुल फ्री में । न कोई डाउनलोड करने का झंझट और न ही इंस्टालेशन का कोई झमेला....। Earn Money Online without Investment - डियर रीडर्स , ऑनलाइन जॉब या इंटरनेट से रूपए कमाना , इसमें ज्यादातर फेक ही होते हैं। लेकिन कई ऐसी कंपनीज हैं जो वाकई ऑनलाइन जॉब देती हैं ....। मुंह में गांधी और बगल में गोडसे! - मैडम जी, जय हिंद! आज देश का माहौल क्या हो गया है. अपने को पार्टी का आदमी कहने से पहले सौ बार सोचना पड़ता है....। मैराथन करते हुए ... - शुक्र है कि अनगिनत आँखों वाली जिन्दगी की अनगिनत दिशाओं की दौड़ में कोई डोपिंग टेस्ट-वेस्ट नहीं है और कोई मानक मापदंड भी नहीं है... जो जैसा चाहे , दौड़ लगा सकता है...। विश्व जल संकट ! - *पानी चाहिए और एक नल * पानी मानव जीवन की सबसे बड़ी जरूरत है जिसे वह प्रकृति से लेने के लिए बाध्य है किन्तु अब शायद...। मेरा भैया.... सबसे प्यारा, गोलू-मोलू न्यारा-न्यारा। बाँहों के झूले में उसे झुलाती, गीत चंदा का गाकर उसे सुलाती। सब की आँखों का,है वो तारा...!मेरा भैया सबसे प्यारा ....!
आज के लिए बस इतना ही.....नमस्ते।
सुप्रभात,,,,शास्त्री जी,,
जवाब देंहटाएंपठनीय सुंदर लिंक्स बढ़िया चर्चा,,,,
सभी लिंक्स बहुत अच्छे हैं |आभार शास्त्री जी |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और उपयोगी लिंक्स से सजी बहुत ही वृहद चर्चा। आपने इस चर्चा में मुझे भी स्थान दिया इसके लिए आभार गुरूदेव!
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा आज की
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्रों से सजी
|शास्त्री जी आपकी च्वाइस बहुत उच्च स्तर की है |आप इतनी महानत कैसे कर लेते हैं |
मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार |
आशा
मन दुखी करती हुयी घटना...
जवाब देंहटाएंbahut acche links ....
जवाब देंहटाएंचमकती थी ये आंखे ...बेहतरीन .... सभी लिंक बेस्ट है ..मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आदरणीय शास्त्री जी का तहे दिल से शुक्रिया
जवाब देंहटाएंnice links
जवाब देंहटाएंmujhe shamil karne ka abhaar Shashtri ji
भैय्या जी
जवाब देंहटाएंसर्व प्रथम क्षमा..
देर से आई
पर आई तो
शानदार चर्चा...
जानदार लिंक्स
आभार.....
मेरी पसंदगी का ख्याल रखा आपने
सादर...
बहुत शानदार लिंक हे ! कभी मेरे ब्लॉग पर भी पधारे और अच्छा लगे तो इसे भी चर्चा मंच में जगह दे ! मेरा ब्लॉग तकनिकी से रिलेटेड हे ! मेरे ब्लॉग का पता हे
जवाब देंहटाएंhttp://hiteshnetandpctips.blogspot.com
बहुत शानदार लिंक हे मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार शास्त्री जी | |
जवाब देंहटाएंशानदार चर्चा हार्दिक बधाई|
जवाब देंहटाएंbahut shandaar charcha guru ji
जवाब देंहटाएंmere naye blog par aaye aur ise bhi shamil karen
आखिर कब तक अपनी बेटी को निर्भया और बेटे को सरबजीत बनाना होगा ?
बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार
जवाब देंहटाएंbehtareen charcha...
जवाब देंहटाएंNice collection.
जवाब देंहटाएंविदेशों में मारे जाने वाले हिंदुस्तानियों की एक लंबी फ़ेहरिस्त है लेकिन जितनी चर्चा सरबजीत सिंह और दलबीर कौर को मिली है। वह आज तक शायद किसी को नसीब नहीं हुई है। सरबजीत सिंह को मिले प्रचार से उसके परिवार वाले आने वाले समय में किस किस तरह लाभ उठाते हैं, अब यह उनकी मेधा पर है।
इस सबसे अलग पूरा राष्ट्र भी सरबजीत सिंह के अंतिम विदाई के मौक़े पर शराब और नशे की लत से तौबा करके बहुत बड़ा आर्थिक-सामाजिक और नैतिक लाभ उठा सकता है।
हमारी हमदर्दी सरबजीत सिंह के परिवार के साथ हैं और हर उस परिवार के साथ हैं जिसने कि विदेश की धरती पर ज़ुल्म बर्दाश्त किए और अपनों से मिलने की आस में प्राण त्याग दिए।
शानदार चर्चा हार्दिक बधाई|मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार शास्त्री जी | |
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार.
जवाब देंहटाएंshukriya shastri ji , masters tach post ko apni katha charcha me shamil karne ke liye.
जवाब देंहटाएंSir.....Ek anuthi aur bhavya charcha...naye blog ke links....sabhi kuchh bahut achchha laga....mujhe bhi charcha me shamil karne ke liye abhar.
जवाब देंहटाएंpoonam
तस्वीरें तो स्वतः दिल चीर कर रख देती है ..बच्चों के मान में इस मेरे लेख को आप ने चर्चा मंच पर स्थान दिया ख़ुशी हुयी अधिक से अधिक लोग देखें हमारा श्रम विभाग भी आँखें खोले देखे जागे कुछ करे तो आनंद और आये ..आभार बहुत सुन्दर चर्चा रही ..एक से बढ़ कर एक रचनाएँ ..सर्वजीत के साथ हुए अमानवीय व्यव्हार से दिल छलनी हुआ
जवाब देंहटाएंभ्रमर ५
शानदार और सार्थक लगी यह ब्लाग चर्चा---कई ऐसे भी ब्लाग्स के लिंक मिलना सुखद लगा जहां अभी तक नहीं पहुंच सका था----। मेरी पोस्ट का लिंक देने के लिये शुक्रिया सर-----।
जवाब देंहटाएंसभी लिंक्स बहुत बढ़िया हैं ............
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सूत्र .मेरी रचना को सामिल करने के लिए धन्यवाद मयंक जी !
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार लिंक्स की चर्चा मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार शास्त्री जी |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और । आपने इस चर्चा में मुझे भी स्थान दिया इसके लिए आभार गुरूदेव!
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