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शनिवार, मई 04, 2013

आपकी नज़र आपका कथन

शनिवार की चर्चा में आप सबका स्वागत है 
लीजिये हाजिर है आपकी नज़र आपका कथन 




अजनबी...


कौन हो तुम ? 


तब भी अपनेपन के अहसासों से भीग जाओगे 




ये मौन के ज्वालामुखी किस टंकार के इंतज़ार में हैं ???


पता नहीं ………


जब भी रोना हो !!! चिरागों को बुझा कर रोना...

यहाँ कोई हँसाने वाला नहीं मिलता


कभी धूप तो कभी छाँव 


और हम किनारों पर ही खडे रह गये 



माया के पिंजर में फ़ंसे हैं लोग 


रखी संभाल के गोटेदार चुनरिया 



एक पहचान मुकम्मल हुई 



इसमें क्या शक है 


देह-उपल.


चलो थोडी सी सुलगाई जाये 



चाहे कहने से डरती है 


वो भी तो इक अनोखा मंज़र 


तो यूँ ना नापाक होता 


हर धर्मयुद्ध की विवेचना के लिये 


मगर दिखा ना कोई किनारा अक्षों से 


ये भी जरूरी है 


कुछ कहने की अब हममें हिम्मत नहीं 


और हर गहरे कश में एक ज़िन्दगी जी लेंगे 



क्या वो खुद आज़ाद हुआ 


अब नया समीकरण गढेंगी 



चलो एक बार फिर औपचारिकता पूर्ण कर आयें 


मुबारकाँ ताउ 



कौन ?



क्योंकि तुम्हें है सिर्फ़ बहना



कहने को कुछ बचा ही नहीं अब 



एक जीवन्तता चलो ढूँढ आयें 


क्यों बार बार आवाज़ देता है 


यूँ ही नाम मनमोहन थोडे ही पडा है 



कोई तो होगा आवाज़ देता



कहानी: कंचन का पेड़

चलते चलो रे 


चलो आज की चर्चा को यहीं विराम देती हूँ 
अगले हफ़्ते फिर मिलेंगे 
उफ्फ...आज तो लिंको की बहार है...
"मयंक का कोना"
में भी चार लिंक देख लीजिए...!
(1)
बचपन
ये बचपन परी, तितली, कथा सुन्दर मन! 
कोमल काया न छल, न कपट दंभ न माया...
(2)
ब्लागिंग के धन्धेबाज बनाम ट्रैवल एजेंट: एक विश्लेषण

आपने कभी ट्रैवल कम्पनियो का नाम सुना है? ये कम्पनिया एक निश्चित पैकेज पर आपको घूमने फिरने, होटलिंग, मौज करने का साधन मुहैया कराती है. विश्व मे कही घूमना हो इनसे सम्पर्क कीजिये और घूमिये. आजकल इन कम्पनियो से प्रेरणा प्राप्त कर साहित्य, समाजसेवी, ब्लागिंग के धन्धेबाज लोग पैकेज बना कर 'एकेडेमिक' 'साहित्यिक' या 'सामाजिक' सरोकारो की आड लेकर पौ बारह कर रहे है. आपसे अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के नाम पर मोटी रकम वसूली जायेगी और फिर ट्रैवल एजेंटो से साठ गांठ कर के सस्ते मद्दे मे घुम्मी करा दी जायेगी....
(3)
दिल से .....पर Sneha Gupta
(4)
कार्टून :- ओफ़्फो, अब लोग रेलमंत्री के पीछे पड़ गए...

25 टिप्‍पणियां:

  1. कई रंगों में रंगे बढ़िया सूत्रों से सजा आज का चर्चामंच |
    पढ़ने का मसाला दे गया यह अनोखा मंच |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  2. बढ़िया लिनक्स लिए सधी हुयी चर्चा

    जवाब देंहटाएं
  3. वन्दना जी!
    शनिवार की चर्चा में की गई मेहनत साफ झलक रही है!
    सप्ताहान्त में पढ़ने के लिए बहुत कुछ है आज तो...!
    --
    आपका आभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत अच्छे और ढेर सारे लिंक। मुझे भी शामिल किया है , आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  5. श्रमसाध्य चर्चा पोस्ट, बेहतर लिंक उपलब्ध!! आभार आपका
    व्यक्तित्व निर्माण पर मेरे आलेख "क्रोध,मान,माया,लोभ" को सम्मलित करने के लिए भी आभार!!

    जवाब देंहटाएं
  6. अहा! मेरी रचना भी शामिल की गयी है. बहुत बहुत धन्यवाद इस सम्मान के लिए

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही बेहतरीन और सार्थक पठनीय लिंक्स की प्रस्तुति,आभार.

    जवाब देंहटाएं
  8. परिलक्षित श्रम हो रहा, वाह सजीले लिंक
    रेड यलो ब्ल्यू ग्रीन औ,पर्पल सिल्वर पिंक ||

    हमें भी सम्मिलित करने के लिये आभार..........

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत ही सुन्दर और उपयोगी लिंक्स हैं। इतने सुन्दर लिंक्स उपलब्ध कराने हेतु आदरणीया वंदना जी का आभार!
    आदरणीय गुरूदेंव आपका आभार कि आपने अपने दिल के कोने में मुझे भी जगह दी।

    जवाब देंहटाएं
  10. हमारी पोस्ट शामिल करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद!


    सादर

    जवाब देंहटाएं
  11. प्रिय वंदना जी बहुत सुन्दर सूत्रों से चर्चा मंच सुसज्जित किया है मेरी पोस्ट को सम्मलित कर जो मान दिया है उसके लिए ह्रदय तल से आभारी हूँ|

    जवाब देंहटाएं
  12. कार्टून को भी सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ही

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत ही सुन्दर लिंक्स |वंदना जी आपका बहुत -बहुत आभार |

    जवाब देंहटाएं
  14. इतने सुंदर, सार्थक लिंक्स के बीच आपने मेरी 'रानी' को भी स्थान दिया ! उसके साथ-साथ मैं भी आपकी आभारी हूँ वंदना जी ! मैं चाहती हूँ उसकी समस्या के बारे में सभी पढ़ें और उसके लिये कोई व्यावहारिक निदान भी बताएं ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  15. सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित चर्चा मंच
    वंदना जी आपका तहे दिल से शुक्रिया की आपने मेरी पोस्ट को यहाँ पर स्थान दिया

    जवाब देंहटाएं
  16. वाह ... बेहतरीन लिंक्‍स एवं प्रस्‍तुति ...
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  17. aapki sabhi prastutiyan behad laajawaab hain... dil khush ho gaya... meri rachna ko sabhi ke samaksh prastut karne ke liye bahut bahut dhanyawaad... aabhaar

    mitali masoom

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार..

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत बढ़ि‍या प्रस्‍तुति...मेरी रचना शामि‍ल करने के लि‍ए आभार

    जवाब देंहटाएं
  20. सुंदर लिंक्स सहेजे गये
    एक से बढ़कर एक
    सभी रचनाकारों को बधाई
    चर्चा मंच का सुंदर संग्रह
    शानदार संयोजन
    मुझे सम्मलित करने का आभार

    जवाब देंहटाएं

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