आज की चर्चा में आपका स्वागत है ………मौसम की मार झेल रहे हम सब चलो थोडी देर के लिये कूल हो जायें और इन लिंक्स में खो जायें शायद सुकून मिल जाये ………तो चलिये आज की चर्चा की ओर
मित्र नीम-
क्या ज़िन्दगी भर भी वो कबूल है
कुछ आवाज़ें बिना कानों के भी सुनी जाती हैं
सबका अपना महत्व है
सॉनेट/ तुम आ जाओ
मित्र नीम-
एक वाज़िब प्रश्न
जितना पढो कम ही है
आज यही सच है
तस्वीर बदले जाने की अब जरूरत है
क्या ज़िन्दगी भर भी वो कबूल है
कुछ आवाज़ें बिना कानों के भी सुनी जाती हैं
चलो जी छड देते हैं
आसान नहीं होता
तुमसे प्यार है
सबका अपना महत्व है
दास्ताँ बयाँ कर गये
ज़मीन पर उतर आ
बस एक बार दिल की लगी बुझा दे
आज भारत है लज्जित.....
इसके सिवा और अब कर भी क्या सकता है
कुछ नहीं
ऐसा है क्या ?
क्या बात कही है
हर क्यूँ का जवाब नहीं होता
इसी बात का तो गिला है
यादों की स्मृति में उडान भरते हैं
जो मज़ा बूँद बन बरसने में है वो भरी बरसात में कहाँ
बताइये
आज के लिये इतना ही अब आज्ञा दीजिये फिर मिलेंगे
आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
तन-मन की जो हरता पीरा
वो ही कहलाता है खीरा...
(2)
चाहतों का इक नन्हा सा पेड़ कभी उगाया था बगीचे में अपने,
नित सुनाती लोरी उसे स्वप्नों की मैं
घुघूतीबासूती पर Mired Mirage
(3)
कुछ अधुरा सा, कुछ कमी सी है।।
यूँ तो रात वही, चाँद वही,
तारे वही, फिर न जाने क्यूँ ये छटपटाहट,
कुछ धुंधला सा, कुछ दोराहे से।
कुछ अपने से, कुछ पराये से....
asmanjas....ek duvidhaपरashu's
(4)
(5)
ताऊ डाट इनपरताऊ रामपुरिया
(6)
अपनों का साथ पर Anju (Anu) Chaudhary
(7)
shandar charchamanch dhanyavad nd aabhar ....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा की प्रस्तुति,आभार.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा की प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को इस चर्चा में स्थान देने के लिए आपका आभार!
शनिवार के चर्चामंच में बहुत बढ़िया लिंक दिये हैं आपने पढ़ने के लिए!
जवाब देंहटाएंआभार!
बढिया लिंक्स
जवाब देंहटाएंbahut achchhe links sanjoye hain aapne .meri rachna ko charcha me sthan pradan karne hetu aabhar
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक्स के साथ सार्थक चर्चा प्रस्तुति ..आभार..
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा और बहुत सारे लिंक्स मिले, आभार.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बढ़िया लिक्स
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक्स है सारे... इतनें ज्यादा हैं कि सारे पढ़ नहीं पाया, अब रात में फिर से बचे हुए लिंक्स देखूंगा....
जवाब देंहटाएंvandana ji namaskaar bahut badiya links
जवाब देंहटाएंguru ji ko pranaam
mayank kona laajwab
जवाब देंहटाएंRECENT POST : बेटियाँ,
बहुत बढ़िया लिंक
जवाब देंहटाएंहमें भी कल की चर्चा में स्थान दें
तौलिया और रूमाल
सभी लिंक्स बहुत सुंदर हैं वंदना जी!
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने का आभार!
~सादर!!!
सभी लिंक्स सुंदर हैं वंदना जी...मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद..
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्रों से सजी चर्चा।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुंदर लिंक्स सहेजे गये हैं
जवाब देंहटाएंएक से बढ़कर एक
सभी रचनाकारों को बधाई
शानदार संयोजन के लिये साधुवाद
मुझे सम्मलित करने का आभार
आभार
हमेशा की तरह चर्चा का मनमोहक अन्दाज़ और अनेक चिट्ठों का बेहतरीन संग्रह.. आभार लिंक शामिल करने के लिए भी..
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