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शुक्रवार, मई 17, 2013

राजनितिक वंशवाद की फलती फूलती वंशबेल : चर्चा मंच- 1247

"जय माता दी" रु की ओर से आप सबको सादर प्रणाम. रविकर सर अवकाश पर हैं उनकी जगह मैं हाजिर हूँ आज की चर्चा के साथ.
पूरण खण्डेलवाल
Shobhana Sanstha
Pankhuri Goel
Neelima
Ghotoo
Praveen Malik
Ravishankar Shrivastava
Rekha Joshi
Aamir Dubai
Rajendra Kumar
शब्दांकन पत्रिका
Anita
प्रतीक माहेश्वरी
Brijesh Singh
त्रिवेणी
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
"गांधी हम शरमिन्दा हैं" 
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

असत्य की जीत सत्य की हार 
मची हुई है चीख-पुकार 
सूरज उगल रहा है अन्धकार....
इसी के साथ आप सबको शुभविदा मिलते हैं रविवार को. आप सब चर्चामंच पर गुरुजनों एवं मित्रों के साथ बने रहें. आपका दिन मंगलमय हो...!
जारी है ..... "मयंक का कोना"
(१)
बूंद------

आसमान की छत पर उबलता हुआ जीवन भाप बनकर चिपक जाता है जब और घसीट कर भर लेता है काला सफ़ेद बादल अपने आगोश में फिर भटक भटक कर बरसाने लगता है पानीदार जीवन....
(२)
ये गाँधी के सपनों का भारत नहीं .

के .एन .कौल कहते हैं -* *''खुद रह गया खुदा भूल गया ,* * भूलना किसको था क्या भूल गया .* * याद हैं मुझको तेरी बातें लेकिन ,* * तू ही कुछ अपना कहा भूल गया ....
(३)
IPL बोले तो इंडियन पाप लीग !

वैसे तो मेरा हमेशा से मानना है कि इंडियन प्रीमियर लीग यानि आईपीएल की बुनियाद ही चोरी, बेईमानी, भ्रष्टाचार, अश्लीलता पर टिकी हुई है, लेकिन इससे भला हमें या आपको क्या लेना देना। हम तो आज की भागमभाग जीवनचर्या से बिल्कुल थक गए हैं, इसीलिए....
(४)
चीनू बन्दर बड़ा शैतान

नन्हे फरिश्तों के लिए;हम तो हर पल जिए:
(५)
बचपन अनहद नाद सा बजता रहता हैं सांसो में

जिन्दगी की आरोह अवरोह में झंकृत संगीत सी पंचम सुर से सप्तम सुर तक ख्याल , टप्पे , ठुमरी सी अलंकार की बेतरतीब लय में फिर भी यादो में सज्जित मीठी मीठे कलरव सी होती रहती हैं गुंजित बचपन की वोह भूली यादे ...

27 टिप्‍पणियां:

  1. प्रियवर अरुण जी!
    आपने राजनितिक वंशवाद की फलती फूलती वंशबेल : चर्चा मंच-...1247 में सामयिक और अद्यतन लिंकों को लेकर बहुत शानदार चर्चा की है!
    आपका श्रम सराहनीय है!
    आभार के साथ..सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  2. हर बाप अपने बेटे पर अपनी छवि लादना चाहता है /... सुंदर लिनक्स

    जवाब देंहटाएं
  3. सार्थक लिंक्स से सजा आज का चर्चा मच
    आपकी महनत सफल् हुई लगता है श्रीमंत |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  4. अरून भाई बहुत ही सुन्दर और उपयोगी लिंक्स आपने सजाए हैं आज की चर्चा में। वंशवाद पर टिप्पणी करती आज की चर्चा वास्तव में आज के परिदृश्य पर सीधा कटाक्ष है। इस श्रम के लिए आपका साधुवाद!
    इस चर्चा में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका आभार!

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर और पठनीय लिंकों से सजी सुन्दर और सार्थक चर्चा !!
    आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  6. बढिया चर्चा
    तरह तरह के लिंक्स हैं।
    मुझे शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन लिंक्‍स संयोजन एवं प्रस्‍तुति ...

    जवाब देंहटाएं
  8. मेरी रचना को शामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया ,आशीर्वाद अरुण बेटा

    जवाब देंहटाएं
  9. विविधता लिए चर्चा...बहुत बहुत आभार !

    जवाब देंहटाएं
  10. .सराहनीय प्रयास .सुन्दर लिनक्स संजोये हैं आपने .मेरी पोस्ट को स्थान देने हेतु आभार . ये गाँधी के सपनों का भारत नहीं .

    जवाब देंहटाएं
  11. रोचक लिंक्स ! शानदार चर्चा ! आभार अरुण जी !

    जवाब देंहटाएं
  12. .सुन्दर लिनक्स संजोये हैं आपने .मेरी पोस्ट को स्थान देने हेतु आभार . हम हिंदी चिट्ठाकार हैं.

    जवाब देंहटाएं
  13. सच कहा है आपने इस चर्चा मंच पर |कुलीनता वाद व्याप्त सभी अप्रजातांत्रिक वादों में सब से
    घातक है | किसी बेलि में लगे एक कीट की तरह !

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  14. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ..आभार

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  15. लाजवाब रचनाओं का
    लाजवाब संग्रह
    चर्चा मंच संयोजकों को साधुवाद
    मुझे सम्मलित का आभार

    जवाब देंहटाएं
  16. सुन्दर और पठनीय लिंकों से सजी सुन्दर और सार्थक चर्चा,आभार.

    जवाब देंहटाएं

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