"जय माता दी" अरुन की ओर से आप सबको सादर प्रणाम. चलते हैं आप सभी के चुने हुए प्यारे लिंक्स पर.
| ||||
अनज़ान रास्तों पे निकलना न परिन्दों
मंजिल को हँसी-खेल समझना न परिन्दों
आगे कदम बढ़ाना ज़रा देख-भाल कर
काँटों से तुम कभी भी उलझना न परिन्दों
भोले कबूतरों के लिए ज़ाल हैं बिछे
लालच की उस जमीं पे उतरना न परिन्दों
| ||||
सरिता भाटिया
| ||||
सुमन कपूर 'मीत'
| ||||
SUMIT PRATAP SINGH
| ||||
कविता रावत
| ||||
Sadhana Vaid
| ||||
| ||||
Ritesh Gupta
| ||||
पूरण खण्डेलवाल
| ||||
Aamir Dubai
| ||||
Albela Khtari
| ||||
| ||||
रश्मि शर्मा
| ||||
Soniya Bahukhandi Gaur
| ||||
इसी के साथ आप सबको शुभविदा मिलते हैं रविवार को. आप सब चर्चामंच पर गुरुजनों एवं मित्रों के साथ बने रहें. आपका दिन मंगलमय हो | ||||
जारी है ..... "मयंक का कोना" (1) अंतर्राष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन के छठे सत्र में पुस्तक विमोचन एवम बाबाश्री दर्शन (2) मेरी किस्मत ही ऐसी है . न होगा मुझको कुछ हासिल ,मेरी किस्मत ही ऐसी है , न फतह के होंगी काबिल ,मेरी किस्मत ही ऐसी है ... (3) जानकी जयंती [१९ मई २०१३ ]पर विशेष जनकनंदनी की महिमा का आओ हम गुणगान करें ! श्री राम की प्राण प्रिया के चरणों में निज शीश धरें !!... (4) वह सड़क बंद है हर तरफ खौफनाक सन्नाटा कहीं कोई आवाज नहीं हालांकि दर्द हदों को छू गया। जिंदगी दरकने लगी है तप रही है जमीन, पानी की बूंद गायब हो जाती है गिरते ही... (5) न्याय पाने की भाषायी आज़ादी (6) उधेड़-बुन हर रोज़ एक शब्द सोचती हूँ उसे बुन लेती हूँ बुन कर सोचती हूँ फिर उधेड़ देती हूँ ... (7) "अपने छोटे से जीवन में"
सपने देखे मैंने मन में
अपने छोटे से जीवन में
इठलाना-बलखाना सीखा
हँसना और हँसाना सीखा
सखियों के संग झूला-झूला
मैंने इस प्यारे मधुबन में...
(8)आज कुछ तो अच्छा लिखना रोज करता है यहाँ बक बक कभी तो एक कोशिश करना एक सुंदर सी कविता लिखना तेरी आदत में हो गया है शुमार होना बस हैरान और परेशान कभी उनकी तरह से कुछ करना जिंदगी को रोंदते हुऎ जूते से काला चश्मा पहने हुऎ हंसना ... |
फ़ॉलोअर
यह ब्लॉग खोजें
रविवार, मई 19, 2013
मंजिल को हँसी-खेल समझना न परिन्दों : चर्चा मंच- 1249
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
प्रियवर अरुण जी!
जवाब देंहटाएंमंजिल को हँसी-खेल समझना न परिन्दों : चर्चा मंच- 1249 एक श्रम साध्य चर्चा है।
मेरी पोस्ट का लिंक चर्चा मंच के शीर्षक में रखने के लिए आभार!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बढ़िया लिंक्स से सजा आज का चर्चा मंच |
जवाब देंहटाएंआशा
sundar charcha aabhar
जवाब देंहटाएंअरून भाई बहुत ही सुन्दर और उपयोगी लिंक्स से सजी आज की चर्चा! आज की चर्चा के लिए आपने बहुत मेहनत की है। आपको शंुभकामनाएं और साधुवाद!
जवाब देंहटाएंइस चर्चा में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका आभार!
आदरणीय गुरूदेव ने अपने दिल के कोने में मेरी रचना को स्थान दिया इसके लिए हार्दिक आभार!
सुसज्जित,सुव्यवस्थित एवँ बहुआयामी चर्चा अरुण जी ! बधाई एवँ शुभकामनायें ! मेरे आलेख को इसमें स्थान देने के लिये आपका आभार !
जवाब देंहटाएंपठनीय, रोचक और ज्ञानवर्धक सूत्रों से सजी सुन्दर चर्चा प्रस्तुत करने के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स से सजा आज का चर्चा मंच,इस चर्चा में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका आभार|
जवाब देंहटाएंसतरंगी बहुआयामी चर्चा !
जवाब देंहटाएंएक रंग मेरा भी !
आभार !
बढ़िया लिंक्स से सजा आज का चर्चा मंच
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका आभार!
बेहतरीन लिंकों की चर्चा लगाना भी एक श्रमसाध्य कार्य है,पठनीय, रोचक और ज्ञानवर्धक सूत्रों से सजी सुन्दर चर्चा प्रस्तुत करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंअरुण चर्चा मंच के आप एक नए उस्ताद हो चुके हैं। बड़ी ही सहजता दे आपने लिंकों को सजाया है।
जवाब देंहटाएंरविवार को मंच के लिंक्स और उसका प्रस्तुतिकरण देखकर आसानी से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि कितनी मेहनत की गई है।
जवाब देंहटाएंबहुत शुभकामनाएं अरुण..
सुन्दर लिनक्स संजोये हैं आपने .मेरी पोस्ट को स्थान देने हेतु आभार .. हम हिंदी चिट्ठाकार हैं.
जवाब देंहटाएंदम रखना परों में कि उड़ान अभी बाकी है ... शुरुआत है बस ये कि मंजिल अभी बाक़ी है ... बहुत सुन्दर लिंक संयोजन अरुण जी!
जवाब देंहटाएंअच्छी विहंगम चर्चा है
जवाब देंहटाएंसभी सूत्र शानदार चुने हैं सुन्दर चर्चा सजाई हार्दिक बधाई प्रिय अरुन शर्मा जी
जवाब देंहटाएंBahut achhi charch. .....meri rachna shamil karne ke liye dhnyawad
जवाब देंहटाएंbahut badiya
जवाब देंहटाएंvisit
hinditech4u.blogspot.in
SARTHAK LINKS KA CHAYAN KIYA HAI AAPNE .MERI POST KO STHAN DENE KE LIYE HARDIK DHANYAWAD.
जवाब देंहटाएंsabhi links sundar hain arun ji ... badhai
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार ...
जवाब देंहटाएंअरुन जी, देर से आने के लिए खेद व्यक्त करती हूँ, सुंदर लिंक्स...आभार मुझे भी इसका हिस्सा बनाने के लिए..
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक है...धन्यवाद...
जवाब देंहटाएं