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सोमवार, मई 27, 2013

सोमवारीय गुज़ारिश :चर्चामंच 1257

दोस्त जब साँसों से साँसों की लड़ी जोड़ देते हैं

तो टूटे हुए आईनों को भी जोड़ देते हैं!
शुभम दोस्तों...! 
मैं सरिता भाटिया 
हाजिर हूँ 
सोमवारीय गुज़ारिश 
लेकर 
चैन न आये मोहे चैन न आये रे 

सुनील दीपक 
Squirrel, central park, New York, USA - S. Deepak, 2012

यशोदा अग्रवाल

संदीप पंवार 

रमा 

अरुणा 
मालती

विरेंदर कुमार शर्मा
 

रंगराज 

अजीज जौनपुरी 

आम आदमी 

सुशील बाकलीवाल 

पारुल चन्द्र
 
आज के लिए इतना ही 
मिलती हूँ पुनः 
कीजिये मुझे विदा 
एक प्यारे से नगमे के साथ 


बड़ों को नमस्कार 
छोटों को प्यार .

आगे देखिए..."मयंक का कोना"
(1)
ताऊ कालेज आफ़ लेटेस्ट फ़ंडा कोर्सेस...प्रवेश शुरू!

प्रिय पालक गण, जैसा की आप जानते हैं *ताऊ कालेज* हमेशा ही अपने छात्रों को रोजगारोन्मुख शिक्षा कोर्सेस उपलब्ध करवाता आया है. हमारे यहां से पास आऊट छात्रों ने जीवन में इतनी अधिक उन्नति की है कि वो आज शिखर पर हैं. हमारे पुरातन छात्र इतना माल बटोर चुके है कि उनके स्विस अकाऊंट भी फ़ुल हो चुके हैं. ताऊ कालेज का *TMBC* यानि "*ताऊ माल बटोरो कोर्स" *अत्यंत ही सफ़ल रहा है. हमारी कालेज के छात्रों को इस तरह शिक्षा दी जाती है....
ताऊ डाट इन पर ताऊ रामपुरिया 

(2)
जल बिन मछली
कल कल करती धार नहीं है। जीवन की पहचान नहीं है। 
नदिया सूखी रेत बची है। दिल में सबके प्यास बढ़ी है...
Voice of Silent Majority पर Brijesh Singh 

(3)
अंधेरे और तुम


तुम को पता है न 
मुझे अँधेरे से डर लगता हैं 
काली राते मुझे सताती हैं 
स्याह अँधेरा मुझे समेट लेता हैं 
अपने भीतर पंजो में दबोचकर ...
Rhythm पर Neelima 
(4)
तेरे हर सितम से मुझको नए हौसले मिले हैं 

तुम्हें इस दौर के हालात का मंज़र बताऊँ क्या ,
हुई है आँख मेरी आंसुओं से तर बताऊँ क्या ...
! कौशल ! पर शालिनी कौशिक 

(5)
6, जनवरी ,2012 ईस्ट इंडिया कंपनी पर भी 
लहराया तिरंगा
लंदन। जलियांवाला बाग़ में 13 अप्रैल 1919 में 
जनरल डायर ने निहत्थे भारतीयों को भून डाला 
और उसके ठीक 21 साल बाद...
मुझे कुछ कहना है ....पर अरुणा 

(6)
" गुलमोहर का, “रूप” सबको भा रहा"

हो गया मौसम गरम, सूरज अनल बरसा रहा। 
गुलमोहर के पादपों का, रूप सबको भा रहा...
(7)
"हमें बहुत ही ललचाते हैं"
जब गर्मी का मौसम आता,
सूरज तन-मन को झुलसाता। 
तन से टप-टप बहे पसीना
जीना दूभर होता जाता। 
 
ऐसे मौसम में पेड़ों पर
फल छा जाते हैं रंग-रंगीले। 
उमस मिटाते हैं तन-मन की
खाने में हैं बहुत रसीले... 

18 टिप्‍पणियां:

  1. सरिता भाटिया जीं!
    आपने (27-05-2013) के
    सोमवारीय गुज़ारिश :चर्चामंच 1257 में
    बहुत सुन्दर लिंकों का चयन किया है!
    आभार के साथ...सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय सरिता जी ने आज बहुत ही सुंदर और उपयोगी लिंक्स सजाए हैं। उनका आभार!
    आदरणीय गुरूदेव ने आज की चर्चा में मेरी रचना को भी स्थान प्रदान किया इसके लिए उनका हार्दिक आभार!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर लिंकों का चयन
    मेरी रचना को भी स्थान प्रदान करने के लिए आभार!

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर सूत्रों से सजी चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत बढ़िया चर्चा ... अच्छे पठनीय लिंक मिले ...

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन लिंक्‍स संयोजन एवं प्रस्‍तुति ... आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ...आभार!

    जवाब देंहटाएं
  8. बेहतरीन सूत्र... बेहतरीन चर्चा...

    जवाब देंहटाएं
  9. बेहतरीन लिंकों के चयन के साथ मेरी भी ब्लाग-पोस्ट को यहाँ स्थान देने के लिये आभार...

    जवाब देंहटाएं
  10. सरिता जी, मेरी गिलहरियों को चर्चा मँच पर जगह देने के लिए दिल से धन्यवाद :)

    जवाब देंहटाएं
  11. .सुन्दर लिनक्स संजोये हैं आपने .मेरी पोस्ट को स्थान देने हेतु आभार shastri ji .आभार . छत्तीसगढ़ नक्सली हमला -एक तीर से कई निशाने

    साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN

    जवाब देंहटाएं
  12. बढिया चर्चा
    अच्छे लिंक्स

    आज के दिन मेरे दो -दो लिंक नज़र आ रहे हैं बहुत ही अच्छा अनुभव कर रही हूँ

    जवाब देंहटाएं
  13. मयंक जी और सरिता जी का सादर आभार

    जवाब देंहटाएं
  14. बहुत ही सुन्दर चर्चा लगाई है आदरणीया सरिता जी, हार्दिक आभार आपका देरी से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ.

    जवाब देंहटाएं
  15. bahut hi sundar links .......... meri post ko shamil kiye jaane ke liy shastree ji aapka tahe dil se aabhar .deri se aane ke liy kshama chahti hun ........ janti hun aap kshama bhi kar dete hain sabko :)))) dhanywaad aapsabka

    जवाब देंहटाएं

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