नई हुई फिर रस्म पुरानी दीवाली के दीप जले
शाम सुहानी रात सुहानी दीवाली के दीप जले
धरती का रस डोल रहा है दूर-दूर तक खेतों के
लहराये वो आंचल धानी दीवाली के दीप जले
नर्म लबों ने ज़बानें खोलीं फिर दुनिया से कहने को
बेवतनों की राम कहानी दीवाली के दीप जले
लाखों-लाखों दीपशिखाएं देती हैं चुपचाप आवाज़ें
लाख फ़साने एक कहानी दीवाली के दीप जले
निर्धन घरवालियां करेंगी आज लक्ष्मी की पूजा
यह उत्सव बेवा की कहानी दीवाली के दीप जले
लाखों आंसू में डूबा हुआ खुशहाली का त्योहार
कहता है दुःखभरी कहानी दीवाली के दीप जले
कितनी मंहगी हैं सब चीज़ें कितने सस्ते हैं आंसू
उफ़ ये गरानी ये अरजानी दीवाली के दीप जले
मेरे अंधेरे सूने दिल का ऐसे में कुछ हाल न पूछो
आज सखी दुनिया दीवानी दीवाली के दीप जले
रात गये जब इक-इक करके जलते दीये दम तोड़ेंगे
चमकेगी तेरे ग़म की निशानी दीवाली के दीप जले
जलते दीयों ने मचा रखा है आज की रात ऐसा अंधेर
चमक उठी दिल की वीरानी दीवाली के दीप जले
)साभार – ‘फ़िराक़’ गोरखपुरी)
नमस्कार !
मैं, राजीव कुमार झा, चर्चामंच : चर्चा अंक :1417 में, कुछ चुनिंदा लिंक्स के साथ,आप सबों का स्वागत करता हूँ.
एक
नजर डालें इन चुनिंदा लिंकों पर............................
विभा रानी श्रीवास्तव
दीपावली की मंगलकामनाएँ !!
धन्यवाद !!
--
"मयंक का कोना"
--
नील गगन से तारे चुन कर
अंजुलियों में जुगनू भर कर
सुरसरिता का कर आवाहन
दिए प्यार के आज जलाएं
चलो धरा से तिमिर भगाएँ
सोम - सुधा का रस बरसाएँ
चलो आज हम दीप जलाएं
चलो आज हम ................
--
मधु सिंह : विशालाक्षा (1)
हिमगिरी के वक्ष वितानों पर
जब जली विरह की ज्वाला थी
महाकाल का प्रलय मचा था
महाकाल की ज्वाला थी (1)....
--
मधु सिंह : विशालाक्षा (2)
धनपति कुबेर के क्रोध अग्नि की
मिला यक्ष को देश निकाला
हिमगिरी के वक्ष वितानों पर
जब जली विरह की ज्वाला थी
महाकाल का प्रलय मचा था
महाकाल की ज्वाला थी (1)....
--
मधु सिंह : विशालाक्षा (2)
धनपति कुबेर के क्रोध अग्नि की
मिला यक्ष को देश निकाला
भेंट चढ़ गई निर्दोष यक्षिणी
थी राजमहल में जली यक्षिणी (7)...
--
धनतेरस दोहेधनतेरस का शुभदिवस ,लाये खुशी अपार
भाग्यवान सब आप हों, धन की हो बौछार...
गुज़ारिश पर सरिता भाटिया
--
कैसी अधूरी यह दीवालीतमाशा-ए-जिंदगी
--
एक दर्द-सा दिल में है कोई(डायरी से एक और रचना )
होठों पे मुस्कान तो है, पर आँखों में वो नूर नहीं;
कहने को सबकुछ है मगर, न जोश जीने में है कोई |
एक दर्द-सा दिल में है कोई....
मेरा काव्य-पिटारा पर
ई. प्रदीप कुमार साहनी -
--
दीप दिवाली के ...डा श्याम गुप्त के दोहे..........
लक्ष्मी गणपति पूजिये, पावन पर्व अनूप,
बाढ़हि विद्या बुद्धि धन, मानुष हित अनुरूप...
भारतीय नारी
--
कुछ लिंक "आपका ब्लॉग" से
Along with a healthy diet and regular exercise ,supplementing with vitamin C can be
an important part of supporting total healthOver 50 percent of the U.S. population takes a dietary supplement to support wellness, according to the Centers for Diseases Control and prevention (CDC ).That is roughly a 10 % increase from the 1980s .Research shows increasing benefits of vitamins and minerals ,particularly vitamin C.
--
मेरे ये पल अनुराग-भरे
फिर एक कसक बनकर अब क्यों?
तुम कर लेती हो याद मुझे...
--
दीपों का त्यौहार
मंगलमय हो आपको दीपों का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..
--
याद आएंगे केपी सक्सेना
--
दीवाली
बह हमसे बोले हसंकर कि आज है दीवाली
उदास क्यों है दीखता क्यों बजा रहा नहीं ताली
मैं कैसें उनसे बोलूं कि जेब मेरी ख़ाली
जब हाथ भी बंधें हो कैसें बजाऊँ ताली...
--
दीप जलाना सीखो ....
छाया हो जब घनघोर अँधेरा, तब तुम दीप जलाना सीखो ।
कुछ रोना कुछ हंसना सीखो, कुछ खुद को समझाना सीखो ...
दिल की बातें पर Sunil Kumar
--
जल उठे दीपकहायकु गुलशन.
--
प्रीति का एक दीपक जलाओ सखे !......प्रीति का एक दीपक जलाओ सखे !
देहरी का सभी तम सिमट जायगा |
प्रीति का गीत इक गुनुगुनाओ सखे !
ये ह्रदय दीप फिर जगमगा जायगा...
डा श्याम गुप्त ....सृजन मंच ऑनलाइन
--
"मैना"
बालकृति
"हँसता गाता बचपन" से
बालकविता
"मैना"
मैं तुमको गुरगल कहता हूँ,
लेकिन तुम हो मैना जैसी।
तुम गाती हो कर्कश सुर में,
क्या मैना होती है ऐसी??
लेकिन तुम हो मैना जैसी।
तुम गाती हो कर्कश सुर में,
क्या मैना होती है ऐसी??
--
मीठी बोली से ही तो,
मन का उपवन खिलता है।
अच्छे-अच्छे कामों से ही,
जग में यश मिलता है।।
बैर-भाव को तजकर ही तो,
अच्छे तुम कहलाओगे।
मधुर वचन बोलोगे तो,
सबके प्यारे बन जाओगे।।
मन का उपवन खिलता है।
अच्छे-अच्छे कामों से ही,
जग में यश मिलता है।।
बैर-भाव को तजकर ही तो,
अच्छे तुम कहलाओगे।
मधुर वचन बोलोगे तो,
सबके प्यारे बन जाओगे।।
छोटी दीवाली की हार्दिक शुभकामनायें .........
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंआभार!
शुभ दीपावली....
जवाब देंहटाएंमित्र !शुभ दीपावली !!आशा है कि आप सपरिवार सकुशल होंगे |
जवाब देंहटाएंसुन्दर आकर्षक रचनाओं के संयोजन हेतु साधुवाद !!!
सुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
आप सभी को --
दीपावली की शुभकामनायें-
आज तो चर्चा जगमगा रही है
जवाब देंहटाएंरोशनी हर तरफ फैला रही है
आभारी है उल्लूक उसके पन्ने
दिवाला होना किस चीज का अच्छा होता है
को ला कर जो दिखा रही है !
sundar charcha . achchhe link mile...badhai
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
आप सभी को --
दीपावली की शुभकामनायें-
बेहतरीन चर्चा सजाई है, एक से बढ़कर एक पोस्ट .. आप सबको दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें ..
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा व अच्छे सूत्र , राजीव भाई और चर्चा मंच को दीपावली की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंनया प्रकाशन --: 8in1 प्लेयर डाउनलोड करें
पिछला प्रकाशन --: प्रतिभागी - गीतकार के.के.वर्मा " आज़ाद " ---> A tribute to Damini
बेहतरीन चर्चा, बढ़िया सूत्र |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को "मयंक का कोना" में स्थान देने के लिए आभार, आदरणीय शास्त्री जी |
आप सभी को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं !
सुंदर व सार्थक चर्चा... दिवाली की शुभकामनाओं के साथ
जवाब देंहटाएंधरा मानव से कह रही है...
दोनों ओर प्रेम पलता है...
सुंदर सूत्रों से सजा बेहतरीन चर्चा मंच ! सभी मित्रों एवँ पाठकों को दीवाली की हार्दिक मंगलकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचनाएं
जवाब देंहटाएंदीपावली कि हार्दिक शुभकामनाएँ
:-)
सुन्दर प्रस्तुति………
जवाब देंहटाएंकाश
जला पाती एक दीप ऐसा
जो सबका विवेक हो जाता रौशन
और
सार्थकता पा जाता दीपोत्सव
दीपपर्व सभी के लिये मंगलमय हो ……
सुन्दर कड़ियों से सजी चर्चा।।
जवाब देंहटाएंमेरी प्रस्तुति को "चर्चा मंच" में शामिल करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद।।
दीपों के उत्सव दीपावली की हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँ।।
नई कड़ियाँ : भारतीय क्रिकेट टीम के प्रथम टेस्ट कप्तान - कर्नल सी. के. नायडू
भारत के महान वैज्ञानिक : डॉ. होमी जहाँगीर भाभा
आपको दीपावली की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंdiwali ke ujjawal pawan awsar pr ek se badh kar ek jhilmil blogs .. kuchh fuljhariya ro kuchh damdaar bam sarikhe ..kuchh diya se path dikhate .. inke madhya meri rachna ko sthan de kar sammanit karne ke liye haardik aabhar Adraniy mayak sir ji :) sadar naman
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपको और आपके पूरे परिवार को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
स्वस्थ रहो।
प्रसन्न रहो हमेशा।
--
आभार।
आप सबों का हार्दिक आभार एवं दीपोत्सव की मंगलकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंदीपावली पर सुंदर दीपों के कडियों की ये श्रृंखला । गिनते हैं एक एक कडी।
जवाब देंहटाएंदीपावली के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएं |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएं|
सन्दर चयन...दीपावली की शुभकामनाएं ......
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार,
जवाब देंहटाएंदीप एक : रंग अनेक
जवाब देंहटाएंराजीव कुमार झा
उत्सव त्रयी मुबारक।बहुत खूब अपनी संस्कृति और परम्परा तथा सीख को दीपक के माध्यम से अभिव्यक्ति दी है इस पोस्ट ने।
नूरे खुदा है कुफ़ की हरकत पै खंदाजन
फूकों से ये चिराग बुझाया न जाएगा
जल्दी-जल्दी कदम बढ़ाकर,
जवाब देंहटाएंतुम आगे को बढ़ती हो।
अपनी सखी-सहेली से तुम,
सौतन जैसी लड़ती हो।।
फितरत का सुन्दर बखान।
बढ़िया बाल कविता।
अर्थपूर्ण उपालम्भ लिए।
बैर-भाव को तजकर ही तो,
अच्छे तुम कहलाओगे।
मधुर वचन बोलोगे तो,
सबके प्यारे बन जाओगे।।
हँसता गाता बचपन
उत्सव त्रयी मुबारक।
असफल खर की चेष्टा, हो बेहद गमगीन |
जवाब देंहटाएंलंका जाकर के खड़ा, मुखड़ा दुखी मलीन ||
रावण बरबस पूछता, क्यूँ हो बन्धु उदास |
कौशल्या के गर्भ का, करके सत्यानाश ||
मार्मिक प्रसंग .मुबारक उत्सव त्रयी .
सांस्कृतिक पक्ष को उजागर करते दोहे सुन्दर मनोहर।
जवाब देंहटाएंधनतेरस के पर्व पर, सजे हुए बाज़ार।
घर में लाओ आज कुछ, नये-नये उपहार।
सांस्कृतिक पक्ष को उजागर करते दोहे सुन्दर मनोहर।
धनतेरस के पर्व पर, सजे हुए बाज़ार।
घर में लाओ आज कुछ, नये-नये उपहार।
सांस्कृतिक पक्ष खंगालते दोहे परम्परा के आईने से
जवाब देंहटाएंनरकासुर का वध किया ,देव छुड़ाए आज
धनतेरस दोहे
धनतेरस का शुभदिवस ,लाये खुशी अपार
भाग्यवान सब आप हों, धन की हो बौछार...
गुज़ारिश पर सरिता भाटिया
बंदी गृह से मुक्त कर कृष्ण बचाई लाज।
जवाब देंहटाएंमधु सिंह : विशालाक्षा (1)
हिमगिरी के वक्ष वितानों पर
जब जली विरह की ज्वाला थी
महाकाल का प्रलय मचा था
महाकाल की ज्वाला थी (1)....
--
मधु सिंह : विशालाक्षा (2)
धनपति कुबेर के क्रोध अग्नि की
मिला यक्ष को देश निकाला
भेंट चढ़ गई निर्दोष यक्षिणी
थी राजमहल में जली यक्षिणी (7)...
सुंदरम मनोहरम दीप शिखा सी ज्योति प्रस्तुति।
पाव पाव दीपावली, शुभकामना अनेक |
जवाब देंहटाएंवली-वलीमुख अवध में, सबके प्रभु तो एक |
सब के प्रभु तो एक, उन्हीं का चलता सिक्का |
कई पावली किन्तु, स्वयं को कहते इक्का |
जाओ उनसे चेत, बनो मत मूर्ख गावदी |
रविकर दिया सँदेश, मिठाई पाव पाव दी ||
वली-वलीमुख = राम जी / हनुमान जी
पावली=चवन्नी
सुन्दर व पठनीय सूत्र..
जवाब देंहटाएं