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Sunday, November 03, 2013

"बरस रहा है नूर" : चर्चामंच : चर्चा अंक : 1418

प्रस्तुत है प्रकाशोत्सव
दीपावली की चर्चा
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मिलकर एक दीप ऐसा जलाएं 
जिसमे न तेल जले ,न रुई-बाती हो इच्छा की बाती हो ,
मन का कलुष जलती हो घर -बाहर से पहले ,
हम सबके मन का अँधेरा दूर करती हो...
मेरे विचार मेरी अनुभूति पर कालीपद प्रसाद
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आज फिर दीवाली है 
आज की रात आसमान गुलज़ार रहेगा 
आतिशबाज़ी के रंगों से 
और ज़मीं पर सजी रहेंगी महफिलें 
जश्न और ठहाकों की...
जो मेरा मन कहे पर Yashwant Yash
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Albela Khtari 
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भारतीय नारी पर shikha kaushik
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1. 
उतरे नीचे नक्षत्र आसमां के ज़मीन पर । 
2. 
लौटे प्रवासी त्योहार का मौसम सजी दिवाली ...
लम्हों का सफ़र पर डॉ. जेन्नी शबन
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व्योम के पार पर Alpana Verma 
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*आई दीवाली 
*** 
*काली अँधेरी रात *** 
*हुई रौशन...
अंतर्मन की लहरें पर Dr. Sarika Mukesh
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हाँ
दीप
हूँ मै
प्रज्वलित
हो कर
भरता
हूँ मै
उजाला...
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi

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*****शुभ दीपावली *****

ज्योति-कलश

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किसी देहरी आज अँधेरा न रहने दें

Kashish - My Poetry पर Kailash Sharma

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आयी दिवाली मिलकर मनाएं...
दोस्त दुशमन साथ आयें,गिले-शिकवे सब भूल जाएं,पर्व है ये मानवता का,आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,...
मन का मंथन। पर Kuldeep Thakur 
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कार्टून :- पूजा छुप के करता तो बेहतर था
काजल कुमार के कार्टून
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सभी दीवाली मनाने वालों को शुभ दीवाली! 
Happy Diwali 2013

DR. ANWER JAMAL 

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दिया समर्पण का रखना !!!

SADA

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 कुछ हाइकू 

हरकीरत ' हीर'
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दीपक

हटाओ मुझे यहाँ से,कहीं और ले चलो.
यहाँ बहुत उजाला है,हवाएं शांत हैं,यहाँ मेरे जलने या न जलने से कोई फ़र्क नहीं पड़ता...

कविताएँ पर Onkar
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ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री भगवती देवी का 
समाराधन पर्व - दीपोत्सव

नूतन ( उद्गार) पर Annapurna Bajpai

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जगमग दीपावली के कुछ यह भी रंग 

सपन पर

shashi purwar
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दीवाली के पर्व पर,बरस रहा है नूर...

Kunwar Kusumesh

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रामप्यारी क्या अब तुम्हारा भेजा खायेगी?
सारे चूहे खाकर  तीर्थयात्रा को जाते हो?
तुम्हें कुछ तो शर्म आयेगी
सारे के सारे चूहे तुम खा गये
रामप्यारी क्या अब तुम्हारा भेजा खायेगी?
मैने  सोचा था  चूहे खाने के पहले...
ताऊ डाट इन  पर  ताऊ रामपुरिया 
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अब तुम्हारी याद में सुलगती नहीं लकड़ियाँ

एक प्रयास पर vandana gupta

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शुभ दिपावली-
Happy Deepawali !!

हिंदी लेखक मंच पर Krishna Mohan Singh

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"बादल भी छँट जायेंगे" 
काव्य संग्रह "धरा के रंग" से
flower-rose-leaves-plants-thronsएकता से बढाओ मिलाकर कदम,
रास्ते हँसते-हँसते ही कट जायेंगे।
सूर्य की रश्मियों के प्रबल ताप से,
बदलियाँ और बादल भी छँट जायेंगे।
--
तुम्हारी आँखें कहती हैं रुको

कर्मनाशा पर siddheshwar singh

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कुछ भी कभी भी कहीं भी प्रेरणा दे जाता है
कंप्यूटर स्क्रीन पर ब्लिंक करता हुआ कर्सर 
दिल की धड़कन के साथ आत्मसात हो जाता है 
पता चलता है ये जब कभी 
अचानक महसूस होने लग जाता है 
जैसे शब्द खुद वही गड़ता चला जाता है...
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi 

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कुछ लिंक "आपका ब्लॉग" से
जख्म के भरने में विटामिन Cफायदे ही फायदे हैं एंटीऑक्सीडेंट कवच सुपर विटामिन C के 
(१)
रोग रक्षक कवच है विटामिन C
ठंडी का मौसम आ धमका है जनाब सर्दी 
जुकाम के वकफे (अवधि ),बार -
बार होने वाले हमले से बचाये रहता है विटामिन C...
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Along with a healthy diet and regular exercise ,supplementing with vitamin C can be an important part of supporting total healthजिस प्रकार लोहे और फौलाद पे बिना ज़िंक की पर्त चढ़ाये मौसम की मार बे -तरह बदमिज़ाजी सहने के लिए छोड़ देने पर एक समय के बाद वह जंग पकड़ लेता है मख्खन बिना पास्तुरी -कृत किये बिना ,नियत ताप और आद्रता पर रखे बिना सड़ने लगता है धीरे धीरे वैसे ही अधुनातन जीवन शैली जिसमें खान पान की शुचिता न हो व्यायाम के लिए अवकाश न हो ,लक्ष्यों और लालसाओं के पीछे निरंतर भागते रहने से तनाव बढ़ता जाता हो सेहत को चौपट कर देती   है....।
--
"अँधियारा हरते जाएँगे" 
Photo
नेह अगर होगा खुश होकर दीपक जलते जाएँगे।
धरती पर फैला सारा अँधियारा हरते जाएँगे।।

सुमन-सुमन से मिलकर, जब घर-आँगन में मुस्काएँगे,
सूनी-वीरानी बगिया में, फिर से गुल खिल जाएँगे,
फड़-फड़ करती तितली, भँवरे गुंजन करते आयेंगे।
धरती पर फैला सारा अँधियारा हरते जाएँगे।।...
उच्चारण

32 comments:

  1. बहुत सुन्दर.. आप को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    मुझे स्थान दिया,आभार।

    ReplyDelete
    Replies
    1. aapko dipawali ki hardik shubhkamnayen , abhaar hamen shamil karne hetu sundar prastuti

      Delete
  2. अति सुन्दर .दिवाली के इतने दीपक यहाँ दिख गए .पूरा पृष्ठ जगमगा रहा है.
    दीपों की इस कतार में मेरे दीप भी शामिल किये गए,बहुत-बहुत आभार .
    चर्चा मंच के सभी लेखकों और पाठकों को पर्व शृंखला की बधाई.!

    ReplyDelete
  3. बहुत ही सुंदर ज्योतिर्मयी चर्चा ! सभी पाठकों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  4. आपको, आपके परिवार को एवं आपके समस्त इष्ट मित्रों को हमारे पूरे परिवार की ओर से दीप उत्सव की हार्दिक बधाई एवं आत्मिक शुभकामनाएं
    HAPPY DEEPAVLI

    ReplyDelete
  5. सुंदर दीपमयी चर्चा !
    दीपोत्सव शुभ हो !
    उल्लूक का आभार
    कुछ भी कभी भी कहीं भी प्रेरणा दे जाता है
    को स्थान दिया !

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  6. दीपावली की हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँ।।

    ReplyDelete
  7. अति सुंदर चर्चा... आप सब को
    दीपावली की हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँ।।

    ReplyDelete
  8. सुंदर दीपों से सुसज्जित,चर्चामंच !
    चर्चामंच परिवार एवं सुधि पाठकों को दीपोत्सव की मंगलकामनाएँ !!

    ReplyDelete
  9. सुंदर दीपों से सुसज्जित चर्चामंच !
    चर्चामंच परिवार एवं सुधि पाठको को दीपोत्सव की मंगल कामनाएँ !!

    ReplyDelete
  10. सुन्दर चर्चा मंच

    काश
    जला पाती एक दीप ऐसा
    जो सबका विवेक हो जाता रौशन
    और
    सार्थकता पा जाता दीपोत्सव
    दीपपर्व सभी के लिये मंगलमय हो …

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  11. बहुत बहुत धन्यवाद!

    दीप पर्व आपको सपरिवार शुभ हो !

    सादर

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  12. सुन्दर दीपों से जगमगाती रोचक चर्चा... दीपोत्सव की हार्दिक मंगलकामनाएं!

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  13. सुन्दर पुष्पों की लड़ियाँ

    ReplyDelete
  14. दीपावली पर हार्दिक शुभ कामनाएं पूरे चर्चा मंच परिवार को |
    आशा

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  15. बढ़िया चर्चा व अच्छे सूत्र
    नया प्रकाशन --: दीप दिल से जलाओ तो कोईबात बन
    बीता प्रकाशन --: 8in1 प्लेयर डाउनलोड करें

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  16. पाव पाव दीपावली, शुभकामना अनेक |
    वली-वलीमुख अवध में, सबके प्रभु तो एक |
    सब के प्रभु तो एक, उन्हीं का चलता सिक्का |
    कई पावली किन्तु, स्वयं को कहते इक्का |
    जाओ उनसे चेत, बनो मत मूर्ख गावदी |
    रविकर दिया सँदेश, मिठाई पाव पाव दी ||

    वली-वलीमुख = राम जी / हनुमान जी
    पावली=चवन्नी

    गावदी = मूर्ख / अबोध

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  17. सुंदर चर्चा... दीपावली की हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँ ....

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  18. वाह! क्या बात है! फिर आई दीवाली
    आपको दीपावली की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं

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  19. बधाई महत्वपूर्ण सौद्देश्य लेखन के लिए। उत्सव त्रयी मुबारक। पर्यावरण हमारा अस्थि मज़जा बोन मैरो है। हम खुद ही हैं पारितंत्र -पर्यावरण ये एहसास ज़रूरी है कार्बन फुट प्रिंट को थामने के लिए।
    यही एहसास जगाती है ये प्रेम शुभ भावना आप्लावित रचना।


    आओ हम दीवाली मनाएं!

    मिलकर एक दीप ऐसा जलाएं
    जिसमे न तेल जले ,न रुई-बाती हो इच्छा की बाती हो ,
    मन का कलुष जलती हो घर -बाहर से पहले ,
    हम सबके मन का अँधेरा दूर करती हो...
    मेरे विचार मेरी अनुभूति पर कालीपद प्रसाद

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  20. गजानन के साथ, लक्ष्मी-शारदा की वन्दना,
    देवताओं के लिए अब, द्वार करना बन्द ना,
    मन्त्र को उत्कर्ष के, सिखला रही दीपावली।

    दीप शुभ भावना के जगा रही दीपावली। सुंदर रचना।

    सुमन-सुमन से मिलकर, जब घर-आँगन में मुस्काएँगे,
    सूनी-वीरानी बगिया में, फिर से गुल खिल जाएँगे,
    फड़-फड़ करती तितली, भँवरे गुंजन करते आयेंगे।
    धरती पर फैला सारा अँधियारा हरते जाएँगे।।...
    उच्चारण

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  21. स्नेह संस्कृति के सब रंग लिए आई दिवाली। यही इस रचना का सन्देश है।

    नेह अगर होगा खुश होकर दीपक जलते जाएँगे।
    धरती पर फैला सारा अँधियारा हरते जाएँगे।।

    "अँधियारा हरते जाएँगे"



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  22. स्नेह संस्कृति के सब रंग लिए आई दिवाली। यही इस रचना का सन्देश है।

    एक नूर ते सब जग उपज्या कौन भले कौन मंदे ,

    एक खुदा के सब बन्दे

    भावना लिए है यह पोस्ट। सुन्दर मनोहर।

    एकता से बढाओ मिलाकर कदम,
    रास्ते हँसते-हँसते ही कट जायेंगे।
    सूर्य की रश्मियों के प्रबल ताप से,
    बदलियाँ और बादल भी छँट जायेंगे।
    "धरा के रंग"

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  23. सोया विश्वास जगाने को ;
    मायूसी दूर भगाने को ;
    नयनों में स्वप्न सजाने को ;
    नए तराने गाने को ;
    नै सोच दहकाने को ,

    सड़ा गला बिसराने को। उत्सव त्रयी मुबारक।

    दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें !

    भारतीय नारी पर shikha kaushik

    ReplyDelete
  24. बहुत ही सुंदर मनभावन सूत्र !
    दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाए...!
    ===========================
    RECENT POST -: दीप जलायें .

    ReplyDelete
  25. पर्वों की यह पुण्य श्रृंखला मुबारक। यश ,सुख ,शांति आपका स्पर्श बनाये रहे।

    -कुँवर कुसुमेश

    दीवाली के पर्व पर,बरस रहा है नूर.
    अहंकार तम का हुआ,फिर से चकनाचूर.

    अन्यायी को अंत में,मिली हमेशा मात.
    याद दिलाती है हमें,दीवाली की रात.

    घर घर पूजे जा रहे,लक्ष्मी और गणेश.
    पावन दीवाली करे,दूर सभी के क्लेश.

    दीवाली का पर्व ये, पुनः मनायें आज.
    और पटाखों से बचे,अपना सकल समाज।।

    यश-वैभव-सम्मान में,करे निरंतर वृद्धि.
    दीवाली का पर्व ये,लाये सुख-समृद्धि.
    *****
    शब्दार्थ: नूर=प्रकाश

    काव्य शिखर को छूती सार्थक प्रस्तुति।

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  26. Simple but different sweet lights details like it !!
    Aapko aur aapke Family ko Deepawali Mubarak ho,,
    Aap aur aapki puri Family always khushiyo mei rhe bus yhii duaa hai meri,,

    Aapka
    Krishna Mohan Singh(kmsraj511)..
    Hindi ka simple sweet blog ...

    http://kmsraj51.wordpress.com/

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  27. http://kmsraj51.wordpress.com/

    रात में हमारी गतिविधियां सिमट कर छोटी हो जाती हैं. लैंप के प्रकाश में किताबें सामने होती हैं और अकेली तुम. एक प्रेम चल रहा होता है- दोनों के बीच. किताबें किसी तरह से भी तुम में प्रवेश चाहती हैं और तुम भी उन्हें हृदय में बैठा लेना चाहती हो. कुछ डूब रहा होता है तुम्हारे अंदर में हर पल. इस वक्त थोड़ी सी भी आवाज तुम्हें बहुत कष्ट पहुंचाती है. ज्ञानार्जन अधिक संतुष्ट करता है हमें. लगता है विशाल से विशाल चीजें हममें आश्रय ले रही हैं. हम स्थिर क्यों न हों फिर भी कमरे से बाहर निकल कर कितना कुछ देख पा रहे हैं. हर बार अपने में आत्मविश्वास बढ़ता हुआ और लगता है कि यह सुबह कभी आए नहीं. विषयों को अच्छी तरह से पढऩा हमें इसी तरह की संतुष्टि देता है.

    http://kmsraj51.wordpress.com/

    http://kmsraj51.wordpress.com/

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  28. दीवाली के दियों से जगमगाते सूत्र..

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  29. बहुत ही सुंदर ज्योतिर्मयी चर्चा !
    सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !

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  30. बेहतरीन लिंक्‍स संयोजन एवं प्रस्‍तुति ...
    दीपोत्‍सव की अनंत शुभकामनाएं

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