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रविवार, जून 01, 2014

प्रखर और मुखर अभिव्यक्ति (चर्चा मंच 1630)

रविवारीय चर्चा मंच पर आप सभी का हार्दिक स्वागत 
आज विशेष कुछ पृष्टभूमि को न रखते हुए सीधे अभिव्यक्ति पे नज़र डालते हैं 
क्यूंकि आज की सभी अभिव्यक्ति अपने आप ही बहुत कुछ कह रही हैं। 

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कहो प्रिय, कैसे सराहूँ 
मैं सौंदर्य तुम्हारा.
--1--

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इस व्योम धरा पर 
माँ सा नहीं  कोई
--2--

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अग्निबाण बरस रहा है,रूद्र कुपित सूरज 
धरती का ढ़ाल बादल को छेद डाला है सूरज 
--3--

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बचपन बीता गयी जवानी, कठिन बुढ़ापा आया।
कितना है नादान मनुज, यह चक्र समझ नही पाया।
--4--

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वो आधी कप कॉफी,
थाली में रखी आधी रोटी
--5--

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एक झटके से उठी 
कुर्सी से, कोई नस खिंचा 
झटपट कमर का.……. और 
'मसल पुल' हो गया है.…… 
--6--

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सरगम है लोरी है 
भारत की नारी 
रेशम की डोरी है 
--7--

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आज मैंने एक आदमी की  लाश देखी,
यूँ तो मैंने बहुत सी लाशें देखी है
--8--

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छोटी सी ज़िन्दगी की 
छोटी छोटी हसरतें 
--9--

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ज़र्द पत्तों की तरह 
सारी ख्वाहिशें झर गयी हैं 
नव पल्लव के लिए 
दरख़्त बूढ़ा हो गया है 
--10--

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कैसा ये हठ है जो हार नहीं मानता 
एक नया संकल्प लिए 
हर बार निकल पड़ता है 
--11--

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दिल का सुखद एहसास
सबकी आँखों का नूर
हर घर की शान है
जरूरते बहुत थोड़ी है
बस उसे थोडा सा प्यार जरुरी है
--11--

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धानी चूनर
पहनी धरती नें
छटा असीम
योवन छलकता
मन छूना चाहता |
--12--

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यूँ नक्श अपना छोड़ के जायेंगे एक दिन 
दुनिया को हम भी याद तो आयेंगे एक दिन

ऐसे चराग़ ए इल्म जलायेंगे एक दिन
सारी जेहालतों   को मिटायेंगे एक दिन
--13--

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दो दिलों के वादों को, वादियाँ समझती हैं। 
झूमते चिनारों की, डालियाँ समझती हैं।
--14--

और 
वो ज़ख़्म देते हम मुस्कुराते रहे 
अहले वफ़ा हम यूँ भी निभाते रहे
--15--
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(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक)

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14 टिप्‍पणियां:

  1. रविवार को पढ़ने के लिये सुन्दर सूत्र।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत अच्छे नये पुराने लिंकों का समावेश किया है आपने आज की चर्चा में।
    --
    आपका आभार प्रियवर अभिषेक अभी जी।

    जवाब देंहटाएं
  3. सर बहुत ही अच्छे और पठनीय लिंक्स के साथ आज की यह चर्चा बहुत अच्छी लगी।मुझे भी यहां जगह देने के लिये आभार।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर सूत्र संयोजन अभिषेक जी |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  5. सारे लिंक बहुत ही अच्छे हैं .मेरी कविता को रविवार चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  6. सबसे पहले तो प्रस्तुति का ढंग बहुत अच्छा लगा .. बहुत ही दिल से आज की चर्चा को संवारा है.. सारे लिंक्स भी बेहतरीन हैं.. बहुत बधाई ..

    जवाब देंहटाएं
  7. खूबसूरत लिंक्स……धन्यवाद कि मुझे भी साथ ले लिये……

    जवाब देंहटाएं
  8. अभिषेक जी बहुत सुन्दर संयोजन किया है आपने चर्चा-मंच एक बहुत ही अच्छा मंच है जहाँ हिंदी की श्रेष्ठ ब्लॉग पोस्ट्स एक ही जगह पढने को मिल जाती हैं. धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  9. सुंदर सूत्र सुंदर चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  10. आप सभी के हौसला अफ़ज़ाई से दिली ख़ुशी मिली है। आप सभी का तहे दिल से शुक्रियादा। इस्तिक़्बाल है।

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत ही अच्छे और पठनीय लिंक्स अभिषेक। मेरी पोस्ट को यहाँ स्थान देने के लिए दिल से आभार….

    जवाब देंहटाएं

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