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मंगलवार, जनवरी 23, 2018

"जीवित हुआ बसन्त" (चर्चा अंक-2857)

मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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मधुमास के प्रथम दिवस में...... 

पंकज भूषण पाठक "प्रियम" 

मधुमास के प्रथम दिवस में
है प्रियम का ये अभिनन्दन प्रिये
पूर्णचन्द्र की क्षीण कला सी
अम्बर को छूती चपला सी
लहराई यूँ कनक लता सी
धरा अम्बर का है ये मिलन प्रिये।...
कविता मंच पर yashoda Agrawal  
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सरस्वती वन्दना 

वसंत पञ्चमी और सरस्वती पूजा की 
हार्दिक शुभकामनायें मित्रों  
कालीपद "प्रसाद" 
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वसंत पंचमीं 

Akanksha पर Asha Saxena  
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दुनियाँ पर भारी हो गया..... 

सजीवन मयंक 

ईमानदारी से चला दुनियाँ पर भारी हो गया। 
कुछ दिनों के बाद सड़कों पर भिखारी हो गया... 
विविधा.....पर yashoda Agrawal  
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इक न इक दिन....... 

निर्मल सिद्धू 

इक न इक दिन जनाब बदलेंगे 
जब होगा, बेहिसाब बदलेंगे... 
मेरी धरोहर पर yashoda Agrawal 
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9 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात, मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। 'उलूक' के सूत्र को स्थान देने के लिये आभार।

    जवाब देंहटाएं
  3. धन्यवाद मेरी रचना शामिल करने के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति ...

    जवाब देंहटाएं
  5. धन्यवाद मेरी कविता को स्थान देने के लिए ।
    सबकी प्रस्तुति में बसन्त के आने का संकेत दिखाई दे रहा है । सब ही को बसंत ऋतु की शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  6. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह बसंत की बहुत सुंदर मनोहारी प्रस्तुति
    कमाल का संयोजन
    अग्रज आपको साधुवाद
    सभी रचनाकारों को बधाई
    मुझे सम्मलित करने का आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  8. आदरणीय सुंदर प्रस्तुति
    मुझे सम्मलित करने का बहुत बहुत आभार

    जवाब देंहटाएं

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