सुधि पाठकों!
बुधवार की चर्चा में
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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एक भीड़ से निकल कर
खिसक कर
दूसरी भीड़ में चला जाता है
एक नयी भीड़ बनाता है
दंगे तो सारे
ऊपर वाला ही करवाता है
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छोड़ोगे जो गरल धरा पर
क्या तुम नहीं जलोगे?
तनिक समय अनुकूल हुआ तो
नाथ! दर्प क्यों इतना नेह विसर्जित
कर बैठे औ गरल सर्प के जितना?
छोड़ोगे जो गरल जगत में क्या तुम नहीं जलोगे?
तुमको भी रहना धरती पर कैसे यहां पलोगे...
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भारत बंद :
मेरा नज़रिया
कल यानी 2 अप्रैल 2018 के भारत बंद के बारे में कुछ बातें : *1.* कल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों ने भारत के उच्चतम न्यायालय के एक फ़ैसले जिसमें SC/ST अधिनियम में संशोधन कर दिया गया है के विरोध में अखिल भारतीय बंद का आयोजन किया। *2.* इस भारत बंद की तैयारी माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ही शुरू हो गयी थी। व्यापक पैमाने पर अधिक से अधिक लोगों को इस बंद में शामिल होने एवं इसे सफल बनाने के लिए न केवल जागरूक किया गया
बल्कि उनसे लगातार अपील की गयीं...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार सखी
सादर
सार्थक और संतुलित चर्चा।
जवाब देंहटाएंआभार राधा तिवारी जी।
सुन्दर चर्चा। आभार राधा जी 'उलूक' की भीड़ को आज के पन्ने पर स्थान देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति ....
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा. मेरी रचना "खूबसूरत" को स्थान देने हेतु बहूत शुक्रिया...
जवाब देंहटाएंhttps://meremankee.blogspot.in/2018/04/beauty.html