मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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हर मन में हमने हिंसा को
कूट-कूटकर भर दिया है
यह शोर, यह अफरा-तफरी मचाने का प्रयास, आखिर किस के लिये है? एक आम आदमी अपनी रोटी-रोजी कमाने में व्यस्त है, आम गृहिणी अपने घर को सम्भालने में व्यस्त है, व्यापारी अपने व्यापार में व्यस्त है, कर्मचारी अपनी नौकरी में व्यस्त है लेकिन जिन्हें खबरे बनाने का हुनर है बस वे ही इन सारी व्यस्तताओं को अस्त-व्यस्त करने के फिराक में रहते हैं, कैसे भी दुनिया में उथल-पुथल मचे,
बस इनका उद्देश्य यही रहता है...
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आसिफा के न्यायप्रिय हत्यारे!
आसिफा को न्याय' (जस्टिस फॉर आसिफा) की गुहार दिल्ली से संयुक्त राष्ट्र संघ तक गूँज रही है. सामाजिक-नागरिक संगठन आसिफा की सामान्य और मृतावस्था की तस्वीर लगा कर अपने नाम के बैनर-झंडे लहराते हुए, नारे लगते हुए आसिफा को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतर पड़े हैं. कठुआ से लेकर दिल्ली और देश के अन्य कई शहरों में प्रतिरोध मार्च और कैंडल विजिल हो रहे हैं. बच्चे भी हिस्सा ले रहे हैं. दिल्ली सरकार की एक महिला अधिकारी 'महिलाओं की सुरक्षा' के सवाल पर भूख हड़ताल पर बैठी हैं. उनका कहना है कि मोदी जब एक झटके में विमुद्रीकरण कर सकते हैं तो महिलाओं की सुरक्षा क्यों नहीं कर सकते...
Randhir Singh Suman
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अध्यक्ष के चुनाव में फूलवालों की होड़ ...
सभा समाप्त होते ही : नव निर्वाचित अध्यक्ष पर फूल मालाओं की जो लगी झड़ी। सारे श्रोताओं में फोटो खिंचवाने की जैसे होड़ सी लग पड़ी। देखते देखते श्रोताओं से सारा मंच खचाखच भर गया , मैं तो ये प्रेमासक्त अद्भुत नज़ारा देखकर ही डर गया। एक श्रोता दूसरे श्रोताको धकाकर आगे बढ़ रहा था। दूसरा फोटो के लिए तीसरे के काँधे पर ही चढ़ रहा था। भीड़ अध्यक्ष के अगल बगल जब तक एक कतार लगाती , तब तक पहली कतार के आगे एक और कतार लग जाती...
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खामोश नहीं रहेंगे
सब खामोश हैं और सब खामोश ही रहेंगे
जो अब तक बोलते थे बहुत कुछ कुछ भी नहीं कहेंगे...
Yashwant Yash
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यादों की खुशबू से महकी
इक चिट्ठी गुमनाम मिली ...
जाने किसने भेजी है पर मुझको तो बे-नाम मिली
आज सुबह दरवाज़ा खोला तो अख़बार के नीचे से
यादों की खुशबू से महकी इक चिट्ठी गुमनाम मिली...
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विस्तृत चर्चा ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ...
सुन्दर, सुरुचिपूर्ण लिंक्स का संकलन किया है। आभार।
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंपठनीय सूत्रों का परिचय देता सुंदर चर्चा मंच..
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत भभार शास्त्री जी, मेरी पोस्ट को अपने संकलन में स्थान देने के लिए
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