मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जन्मदिन
बावरा मन पर
सु-मन (Suman Kapoor)
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चल पड़ी है गाड़ी आजकल
उनके प्यार की
आज वैवाहिक जीवन की 23वीं वर्षगांठ पर
पहले पहल प्यार में गुजरे
प्रेम पातियों में से निकली एक पाती प्रस्तुत है-
चल पड़ी है गाड़ी आजकल
उनके प्यार की
सुना है कन्हैया बना चितचोर
रहती उन्हें हर घड़ी अब
उनके इंतजार की
चल पड़ी है गाड़ी आजकल
उनके प्यार की
सुना है कन्हैया बना चितचोर
रहती उन्हें हर घड़ी अब
उनके इंतजार की
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क से कुत्ता डी से डोग
भौँकना दोनों का एक सा
‘उलूक’ रात की नींद में
सुबह का अन्दाज लगाये कैसे
उलूक टाइम्स पर
सुशील कुमार जोशी
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माँ
माँ का कोई मोल नहीं
शब्द माँ अनमोल है
चाहे नर हो या पशु
सबसे सुंदर बोल है...
Lovely life पर
Sriram Roy
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शुभ प्रभात आदरणीय
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चर्चा मंच की प्रस्तुति 👌
प्रिय रेणु जी पुस्तक "चीख़ती आवाज़ " के प्रकाशन पर ढ़ेर सारी शुभकामनायें
आदरणीय रविन्दर जी की भूमिका सराहनीय है
सादर
चर्चा मंच पर मुझे स्थान देने के लिए, सह्रदय आभार आदरणीय
जवाब देंहटाएंसादर
पहली दिसम्बर की सुन्दर प्रस्तुति। आभार आदरणीय 'उलूक' के कुत्ते को आज की चर्चा में स्थान देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंअनोखा संस्मरण एक सीख देती सच्ची घटना है स्वप्न आधारित। मृत्यु जैसा अनुभव तो हम इसे नहीं ही कहेंगे अलबत्ता एक स्वप्न के आलावा एक बात गिरह बाँधने योग्य है। जब भी हमारी लघुशंका के कारण नींद खुलती है वह खाब की प्रावस्था होती है जो बा -मुश्किल अवधि तो डेढ़ दो मिनिट की ही रहती है लेकिन हमारे अनुभव में समय एक बड़े काल खंड में फैला दिखता है।
जवाब देंहटाएंनॉट करें रात को नींद से पेशाब की हाज़त होने पर एक दम से हड़बड़ाकर न उठें। बाईं करवट लें दाहिने हाथ का सहारा लें ,अधलेटे रहते हुए पैर बिस्तर से नीचे लटकाए अब बैठिये पाँव टिकाकर जमीन पर एक मिनिट और भी बैठे रहें बिस्तर पर भले पेशाब का प्रेशर बढ़ता लगे। अब आप धीरे से खड़े होवे सहारा लेकर ही चलें।दीवार का। आपका ब्लड प्रेशर एक दम से गिरेगा नहीं।यही गिरावट मूर्च्छा अर्द्ध मूर्च्छा और हार्ट अटेक यहां तक के आघात (ब्रेन अटेक )की भी हो सकती है।आप रक्त चाप में यकायक आई गिरावट की वजह से भी गिरे हो सकतें हैं गुसल खाने में।
बढ़िया आगाह करता संस्मरण। सीख देता है शास्त्री जी का।
veerujan.blogspot.com
veersa.blogspot.com
veeruji05.blogspot.com
सुन्दर चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार।
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