मित्रों!
शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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शनिवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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शिशिर की भोर
शिशिर ऋतु की सुहानी भोर
आदित्यनारायण के स्वर्ण रथ पर
आरूढ़ हो धवल अश्वों की
सुनहरी लगाम थामे
पूर्व दिशा में शनैः शनैः
अवतरित हो रही है !
पर्वतों ने अपना लिबास
बदल लिया है...
Sudhinama पर
sadhana vaid
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पन्द्रह लाख
मन्दिर बन पाया नहीं, मिले न पन्द्रह लाख।
मतदाता ने भी रखा, बीजेपी को ताख...
मेरी दुनिया पर
Vimal Shukla
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कसक रह गई
कुछ भी तो ना चाहा
पर कसक एक रह गई बाकी
मुहाफ़िज़ समझा जिसे
विरोधियों का सरदार निकला
कलम कवि की पर
Rajeev Sharma
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शीर्षकहीन
मित्रो आज के युग की सत्यता पर
चार पंक्तियाँ-
खिलाफत में खड़ा है खुद,
जो कहता था कहो सच तुम...
DrRaaj saksena
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जवाब देंहटाएंसुन्दर शनिवारीय चर्चा में गुलाम 'उलूक' की बकबक को जगह देने के लिये आभार आदरणीय।
हटाएंशुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंआभार..
सादर..
आज की चर्चा में बहुत सुन्दर सूत्रों का संकलन ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चर्चा प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाएँ
सादर