मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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मेरी दुआ
इतनी इनायत हो जाए, मेरे हुज़ूर,इन आँखों में बस जाए छवि तुम्हारी,फिर जिसे देखूँ , तुम्हे देखूं,जहाँ देखूँ , सूरत हो बस तुम्हारी!...
इतनी इनायत हो जाए, मेरे हुज़ूर,इन आँखों में बस जाए छवि तुम्हारी,फिर जिसे देखूँ , तुम्हे देखूं,जहाँ देखूँ , सूरत हो बस तुम्हारी!...
Anjana Dayal de Prewitt
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यादों की अलमारी
कुछ यादें नयी सुहानी
कुछ यादें पुरानी
कहानी सहेज लूँ
किताब बना लूँ
खोलू जब यादों की अलमारी...
RAAGDEVRAN पर
MANOJ KAYAL
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व्यथा
धरा ने धैर्य रुप धरा,
सह रही असीम पीड़ा ,
मनु का मनमाना राज्य ,
निरकुंशता की नग्न क्रीड़ा |
उत्पीड़न राज्य चहु ओर,
क्रूर बन बैठ शूर,
दफ़न कोख़ में, जला रहे काया ,
देख ! मनु धरा पर बेटी की छांया ...
धरा ने धैर्य रुप धरा,
सह रही असीम पीड़ा ,
मनु का मनमाना राज्य ,
निरकुंशता की नग्न क्रीड़ा |
उत्पीड़न राज्य चहु ओर,
क्रूर बन बैठ शूर,
दफ़न कोख़ में, जला रहे काया ,
देख ! मनु धरा पर बेटी की छांया ...
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597.
बातें
(क्षणिका)
रात के अँधेरे में
मैं ढेरों बातें करती हूँ
जानती हूँ मेरे साथ
तुम कहीं नहीं थे
तुम कभी नहीं थे
पर सोचती रहती हूँ
तुम सुन रहे हो
और खुद से बातें करती हूँ।
मैं ढेरों बातें करती हूँ
जानती हूँ मेरे साथ
तुम कहीं नहीं थे
तुम कभी नहीं थे
पर सोचती रहती हूँ
तुम सुन रहे हो
और खुद से बातें करती हूँ।
डॉ. जेन्नी शबनम
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सुन लो रूह की
दिल भी दिल भर,
दहक दहक कर
ना बुझता है,
ना बुझता है,
ना जलता है.
भावों की भीषण ऊष्मा में,
मीता, मत्सर मन गलता है...
भावों की भीषण ऊष्मा में,
मीता, मत्सर मन गलता है...
शुभ प्रभात आदरणीय
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चर्चा सकंलन 👌
बेहतरीन रचनाएँ, मेरी रचना को स्थान देने के लिए सह्रदय आभार आदरणीय
सादर
आभार
जवाब देंहटाएंऔर
आभार
सादर
सुन्दर रचनाओं के इस संकलन की बधाई और आभार!!!!
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार शास्त्रीजी.
जवाब देंहटाएंगुनगुनी धूप में चर्चा का आनंद !
संकलन की बधाई !!
जवाब देंहटाएंसुप्रभात |भावपूर्ण संकलन |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंसुप्रभात |मेरा संस्मरण शामिल करने के लिए धन्यवाद |
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