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बुधवार, दिसंबर 26, 2018

"यीशु, अटल जी एंड मालवीय जी" (चर्चा अंक-3197)

मित्रों! 
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।  
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।  
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मेरी दुआ 
इतनी इनायत हो जाए, मेरे हुज़ूर,इन आँखों में बस जाए छवि तुम्हारी,फिर जिसे देखूँ , तुम्हे देखूं,जहाँ देखूँ , सूरत हो बस तुम्हारी!... 
Anjana Dayal de Prewitt  
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यादों की अलमारी 

कुछ यादें नयी सुहानी  
कुछ यादें पुरानी  
कहानी सहेज लूँ  
किताब बना लूँ  
खोलू जब यादों की अलमारी... 
RAAGDEVRAN पर 
MANOJ KAYAL 
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हाइकु 

सदुपयोग करो  
अवसरों का  
फल मिलेगा... 
Jayanti Prasad Sharma 
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सन्देश 

Akanksha पर 
Asha Saxena 
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व्यथा 
  
धरा  ने    धैर्य   रुप  धरा,            
सह    रही    असीम   पीड़ा ,            
मनु  का  मनमाना  राज्य ,         
निरकुंशता  की   नग्न  क्रीड़ा |              
उत्पीड़न   राज्य   चहु  ओर,                 
क्रूर   बन   बैठ    शूर,           
दफ़न  कोख़  में, जला  रहे   काया  ,          
देख ! मनु  धरा  पर    बेटी   की   छांया  ... 
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जीवन की रीत 

प्यार पर Rewa tibrewal  
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597.  

बातें  

(क्षणिका) 

रात के अँधेरे में    
मैं ढेरों बातें करती हूँ   
जानती हूँ मेरे साथ   
तुम कहीं नहीं थे    
तुम कभी नहीं थे   
पर सोचती रहती हूँ   
तुम सुन रहे हो   
और खुद से बातें करती हूँ।    
डॉ. जेन्नी शबनम 
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सुन लो रूह की 

दिल भी दिल भर,
दहक दहक कर
ना बुझता है,
ना जलता है.
भावों की भीषण ऊष्मा में

मीतामत्सर मन गलता है... 

7 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात आदरणीय
    बहुत ही सुन्दर चर्चा सकंलन 👌
    बेहतरीन रचनाएँ, मेरी रचना को स्थान देने के लिए सह्रदय आभार आदरणीय
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर रचनाओं के इस संकलन की बधाई और आभार!!!!

    जवाब देंहटाएं
  3. हार्दिक आभार शास्त्रीजी.
    गुनगुनी धूप में चर्चा का आनंद !

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात |भावपूर्ण संकलन |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  5. सुप्रभात |मेरा संस्मरण शामिल करने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं

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