फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, अप्रैल 17, 2019

"बेचारा मत बनाओ" (चर्चा अंक-3308)

बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
--

समीक्षा  

"कोशिश तीन मिसरी शायरी 

(तिरोहे)"  

(समीक्षक-डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’) 

काफी दिनों से डॉ. सत्येन्द्र गुप्ता कीतीन मिसरी शायरी (तिरोहे) की नई विधा पर प्रकाशित कृति “कोशिश” मेरे पास समीक्षा की कतार में थी। मगर समयाभाव के कारण समय नहीं निकाल पाया था।“कोशिश” के नाम से तीन मिसरी शायरी (तिरोहे) के बारे में मेरे लिए लिखना एक नया अनुभव और कठिन कार्य था... 
--

हमें भगवान के नाम पर  

बेचारा मत बनाओ !  

रश्मि प्रभा...  
--

शरीफ के ही हैं  

शरीफ हैं सारे  

जुबाँ खुलते ही  

गुबार निकला 

सुशील कुमार जोशी  
--

ललकी की पाती  

सीएम के नाम 

--

ताज़ी नज़्म पकाते हैं.... 

दिलीप 

yashoda Agrawal  
--

हिमाचल में आठ दिन  

भाग 4 

Yeh Mera Jahaan पर 
गिरिजा कुलश्रेष्ठ  
--

कविता प्यासी रह गई 

हम बादल थे बरस गये  
पर जमीन सूखी रह गई  
तेरे समान के तह में दुनिया जहान सब था  
शरीर कुछ भी ना था हमारे लिये  
इक रुह की प्यास में हम जुदा रह गये  
ओंस थे घास पर और नमी आंखों की  
शब्द शब्द पिघले पर  
पंक्तियों की कतार में  
कविता प्यासी रह गई! 
संध्या आर्य 
--

औकात -  

नरेश सक्सेना 

रवीन्द्र भारद्वाज  
--

सौंफ प्रीमिक्स से इंस्टंट बनाइए  

सौंफ का पौष्टिक शरबत 

--

मतदान 

आओ मतदान करे  
फिर से बदलाव करे  
लोकतंत्र की हो रही है शादी  
हम सब बन जाये बाराती  
वोट हमें डालना है जरुरी  
कोई शिकयत न रहे अधूरी  
हमें सबको जगाना है  
मतदान सबको कराना है... 
aashaye पर garima  
--

आमराई में  

कैरी से लदा वृक्ष 

--

सज़ा-ए-मौन 

( 'पूछो न कैसे मैंने रैन बिताई' गीत की तर्ज़ पर )  
पूछो न कैसे, मैंने बैन बिताया,  
इक जुग जैसे इक पल बीता,  
जुग बीते मोहे चैन न आया,  
मरघट जैसे सन्नाटे में,  
रहना हरगिज़ रास न आया... 
गोपेश मोहन जैसवाल 
--

मां 

Vandana Ramasingh  
--

मुक्कमल होने को शापित हैं -  

राजीव उपाध्याय 

Rajeev Upadhyay  
--

खामोश लब 

ख़ामोशियों को मैंने  
नए अंदाज़ दे दिए  
लफ्ज़ जो जुबाँ पे आ ना पाए  
उन्हें नए मुक़ाम दे दिए... 
RAAGDEVRAN पर 
MANOJ KAYAL  
--

एक गीत - 

वह देश का चौकीदार हुआ 

जयकृष्ण राय तुषार  
--

महामूर्ख सम्मेलन 

shashi purwar  
--

लालकिले पर तिरंगा 

Anita 

6 टिप्‍पणियां:

  1. सबको एक समान देखने वाले भगवान महावीर, जो अहिंसा और अपरिग्रह के साक्षात मूर्ति थें । उनकी जयंती पर सभी को शुभकामनाएँ।
    इस सम्बंध में मैंने एक लेख " जियो और जीने दो " लिखा है।
    गौवंश की पीड़ा को अपने ब्लॉग पर स्थान देने के लिए हृदय से आभार आपका।
    मंच हमेशा की तरह सजा हुआ है।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर चर्चा। आभार आदरणीय 'उलूक' को भी जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  4. उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में स्थान देने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन सूत्रों से सजा चर्चा मंच..आभार !

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।